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एक अक्टूबर से ई-कोर्ट के माध्यम से ही निराकृत होंगे राजस्व के मामले: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शहरी इलाकों में पट्टा वितरण का अभियान चलाएं

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एस एच अजहर दंतेवाड़ा 11 जून 2020। राज्य में राजस्व के मामलों के पंजीयन से लेकर उनके निराकरण तक की स्थिति में तत्तपरता एवं पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से आगामी एक अक्टूबर से राजस्व ई-कोर्ट प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्य में एक अक्टूबर 2020 से राज्य में ई कोर्ट के दस्तावेज ही मान्य होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7500 वर्ग फीट तक की नजूल भूमि के आबंटन तथा 5000 वर्ग फीट तक के डायवर्सन के मामलों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत शहरी इलाकों में पट्टा वितरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कलेक्टरों को पात्र हितग्राहियों को अभियान संचालित कर भू-स्वामी अधिकार दिए जाने की कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत अब तक एक लाख 19 हजार आवेदन मिले हैं जिसमें से 26 हजार आवेदन स्वीकृत किए है। 1984 में वितरित पट्टों का नवीनीकरण तथा भूमि स्वामी अधिकार प्रदान करने के संबंध में कलेक्टरों को तत्परता से कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रत्येक जिले में दस-दस छात्रावासों को मॉडल बनाने के संबंध में कलेक्टरों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव श्री आर पी. मंडल ने कहा कि चिन्हांकित छात्रावासों में स्वच्छ पेयजल और शौचालय एवं खेल-मैदान सहित अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक जिले को 25-25 लाख रूपए का आबंटन दिया गया है। उन्होंने कलेक्टरों को इस कार्य को प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। आवश्यकतानुसार सीएसआर एवं डीएमएफ फंड से भी छात्रावासों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक राशि का उपयोग किया जा सकेगा। कलेक्टरों को कहा गया कि सभी आश्रमों एवं छात्रावासों में लगने वाली दैनिक उपयोग की सामग्री की पूर्ति स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम करें। बैठक में जिलों के विभिन्न विभागों के कंडम वाहनों एवं अन्य सामग्रियों की नीलामी, बोध घाट सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण, शासकीय भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना के संबंध में भी कलेक्टरों को दिशा निर्देश दिए गए।
बरसात से पूर्व करें सड़कों की मरम्मत
मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने लोक निर्माण विभाग को आबंटित 70 करोड़ रूपए की राशि से राज्य में सड़कों की मरम्मत का कार्य बरसात से पूर्व कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत और रखरखाव कार्य पर विशेष ध्यान दिए जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के दिनों में सड़कों पर पानी का जमाव न हो। पानी की निकासी की संपूर्ण व्यवस्था रखरखाव टीम के माध्यम से करें। बैठक में राष्ट्रीय राज मार्गों के निर्माणाधीन कार्यों की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण कार्य में देश के अन्य राज्यों से लौटे छत्तीसगढ़ के स्किल्ड श्रमिकों के नियोजन के संबंध में भी लोक निर्माण एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रवासी श्रमिकों की वापसी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिए गए। प्रवासी श्रमिकों तथा ऐसे लोग जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं उन्हें मई एवं जून माह का चावल और चना एकमुश्त उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। बैठक में वृक्षारोपण की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। 11 जुलाई को राज्य में वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा। प्रत्येक छात्रावासों, आश्रमों एवं आंगनबाडियों में मुनगा के पांच-पांच पौधे अनिवार्य रूप से लगाए जाने के निर्देश दिए गए है।

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मुख्यमंत्री स्वल्पाहार योजना का मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किया शुभांरभ

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रायपुर, 24 सितम्बर 2023  : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सुकमा जिले के छिंदगढ़ में सुकमा जिले के 681 प्राथमिक शालाओं में मुख्यमंत्री स्वल्पाहार योजना का प्रारंभ किया। मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को टिफ़िन का वितरण किया। इस योजना के तहत कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को सप्ताह के पाँच दिन अलग-अलग मैन्यू के तहत स्वल्पाहार दिया जाएगा। जैसे सोमवार को पोहा, मंगलवार को दलिया, बुधवार को चना फ्राई, गुरुवार को मूंगदाल और शुक्रवार को वेज पुलाव दिया जाएगा। इससे सुकमा जिले के लगभग 17 हजार बच्चे लाभान्वित होंगे। योजना के तहत स्कूल के रसोइयों को 800 रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाएगी।

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ईसाई आदिवासी महासभा ने पत्थलगांव जिला बनाने को लेकर शहर में निकाली विशाल रैली,सड़कों में उमड़ी भारी भीड़, मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

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पत्थलगांव(दिपेश रोहिला )  :  बीते कई दशकों से पत्थलगांव जिला बनाने की मांग को लेकर हर वर्ग,समुदाय के लोगों द्वारा अपनी अपनी आवाज लगातार बुलंद की जाती रही है। विदित हो कि अविभाजित मध्यप्रदेश के वक्त से ही लोगों द्वारा अभियान,धरना,आंदोलन का रुख अपनाया जा चुका है। मगर आजतलक पत्थलगांव को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी ना होना या यूं कहें कि पत्थलगांव को जिला नहीं बन पाने से यहां के विकास में चार चांद नहीं लग पा रहा। पूर्व में भी कई बार पत्थलगांव को जिला बनाओ की मांग को लेकर लोग सड़कों में उतर चुके है। वहीं अब पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग को लेकर सड़कों में भारी संख्या में नारों के साथ आज रविवार को ईसाई आदिवासी महासभा के बैनर तले शहर के सेंट जेवियर्स स्कूल ग्राउंड से विशाल जनसमूह के साथ रैली निकाली गई। जिसमे सैंकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान रैली में लोगों के हाथों में “पत्थलगांव को जिला बनाओ समेत अन्य तख्तियों के माध्यम से सड़कों में नारे गूंज रहे थे। वहीं रैली को लेकर पत्थलगांव पुलिस प्रशासन समेत जिले के अन्य क्षेत्रों से पहुंची पुलिस ने यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए चप्पे चप्पे पर तैनात रही।

ज्ञात हो कि राजनीतिक दलों की ओर से पत्थलगांव जिला बनाने को लेकर अब तक कोई खास पहल नहीं हो पाई है। विगत कई वर्षों से लोग पत्थलगांव को जिला बनाने को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं। मगर चुनाव सामने आते ही जिला बनाने के नाम पर पत्थलगांव को ठगा जाता रहा है। दरअसल पत्थलगांव के जिला बनने से यहां विकास की गति तेज होगी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा,स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधा से लोगों को वंचित नहीं होना पड़ेगा। पत्थलगांव जिला बनाए जाने पर यह व्यावसायिक व आर्थिक दृष्टि से विकसित जिला बन सकता है।

इस दौरान ईसाई आदिवासी महासभा प्रदेश विधिक सलाहकार स्मृति खलखो ने कहा है कि आए दिनों लोग अपने सरकारी कार्यों संबंधित दस्तावेजों के काम से पत्थलगांव से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिला मुख्यालय जशपुर में जाकर अपने कार्यों को पूर्ण कराते हैं वहीं पत्थलगांव से करीब 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ एवं 100 किलोमीटर की दूरी पर अंबिकापुर जिला है। जिससे विषम परिस्थितियों में भी समय और रुपयों के खर्च होने से लोगों को मानसिक और शारीरिक परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद पत्थलगांव वासी चीख चीख कर कह रहे है कि जिले की सौगात कब मिलेगी। उनका कहना है कि बीते कई दशकों से क्षेत्रवासी अब अपनी मांग पूर्ण नहीं होने पर स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने इन बातों पर अमल नहीं किया वहीं अब 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक पत्थलगांव को जिला बनाने को लेकर कोई विशेष पहल नहीं होना क्षेत्रवासियों के लिए एक बड़ी विडंबना है।उन्होंने कहा है कि जो पत्थलगांव का विकास करेगा और पत्थलगांव को जिला बनाएगा वही विधायक राज करेगा। पूर्व में भी सरकारी माध्यम से कई बार पत्थलगांव को जिला बनाए जाने के संकेत दिए जाते रहे हैं। वहीं अब तक पत्थलगांव को जिला नहीं बनाए जाने से लोग उपेक्षित महसूस कर रहे है।

इस दौरान ईसाई आदिवासी महासभा पत्थलगांव ब्लॉक अध्यक्ष सुरेंद्र तिर्की समेत अन्य पदाधिकारीयों ने एसडीएम व तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा है। दिए गए ज्ञापन में उल्लेख है कि उदयपुर क्षेत्र के जनता की मांग लम्बे समय से पत्थलगांव को जिला बनाने की रही है, जो आज पर्यन्त तक अपूर्ण है। पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग का प्रमुख कारण यह है कि, पत्थलगांव क्षेत्र का मुख्यालय से जशपुर अम्बिकापुर और रायगढ़ लगभग सौ किलोमीटर की दूरी है । और साथ ही बदहाल सड़कों की स्थिति के कारण क्षेत्र की जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पत्थलगांव क्षेत्र से हमारा तात्पर्य पुराना उदयपुर क्षेत्र से है। पुराना उदयपुर को मिलाकर जिला बनाया जाए। जिसमें निम्न विकासखण्ड शामिल होना है। पत्थलगाँव कांसबेल, बागबहार लैलूंगा, धरमजयगढ़ और सीतापुर आदि। वहीं ज्ञापन के माध्यम से ईसाई आदिवासी महासभा ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि मुख्यमंत्री महोदय से सादर निवेदन है कि, पत्थलगांव को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित जनता की मांग को तत्काल पूरा करने की कृपा करें।

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अभनपुर और राजिम विधानसभा में इस बार जरूर खिलेगा कमल, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने किया पलटवार किया प्रेस कांफ्रेंस

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कृष्णा मेश्राम–पत्रकार नवापारा राजिम  : रायपुर जिले में गोबरा नवापारा के कृषि उपज मंडी सहित गरियाबंद जिले में बीते कल हुए भाजपा के परिवर्तन यात्रा के बाद आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और प्रदेश भाजपा नेताओं ने राजिम रेस्ट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस कर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को लुटेरी, झूठी और भूपेश, अकबर, और ढेबर की भ्रष्ट सरकार बताया, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि झूठ बोलने में कांग्रेस नेताओं के पास पीएचडी है, वहीं जिले की दोनो विधानसभा में भारी बहुमत से जीत का दावा किया है।प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के उस बयान पर पलटवार किया जिसमे कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भाजपा को किसानों की समझ नहीं है बताया था, जिस पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा कि रविंद्र चौबे जी हमे न सिखाए कि किसानों की तरक्की और बेहतरी के लिए क्या हो सकता है, उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपने किसानों का शोषण किया है, केंद्र सरकार जो धान का समर्थन मूल्य देती है, उसको जोड़कर छत्तीसगढ़ में किसानों को दिया जाता है, उन्होंने आगे कहा इनके नेता कोरा झूठ बोलते है, कि धान खरीदी में केंद्र सरकार का कोई योगदान नहीं है, अरुण साव ने कहा कि धान खरीदी में ट्रांसपोर्टिंग का खर्चा, मिलिंग का खर्चा, टूटत का खर्चा, और सुखत का खर्चा यहां तक बारदाना और सुतली तक का खर्च केंद्र सरकार देती है, इसलिए किसानों की बेहतरी पर रविंद्र चौबे भाजपा को न सिखाए।

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