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राष्ट्रीय

कश्मीर में 2 और आतंकी ढेर, अब तक सवा सौ को ठोंक डाला सुरक्षाबलों ने

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जम्‍मू। कश्मीर के सोपोर में सेना ने 2 आतंकियों को ढेर कर दिया है। इसके साथ ही कश्‍मीर में इस साल अभी तक सवा सौ आतंकियों को ढेर किया जा चुका है।

अधिकारियों ने बताया कि सेना की 22-आरआर, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। यह मुठभेड़ सोपोर के हर्दशिवा इलाके में हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक अभी भी 2 से 3 आतंकियों के छुपे होने की शंका है जिनसे समाचार भिजवाए जाने तक मुठभेड़ जारी थी।

इलाके में मोबाइल तथा इंटरनेट सेवाओं को स्‍थगित कर दिया गया था तथा पत्‍थरबाजों को मुठभेड़स्‍थल तक पहुंचने से रोकने की खातिर अतिरिक्‍त पुलिसकर्मियों को रवाना किया गया था। आतंकियों के सफाए से सीमापार बैठे आतंकी सरगना बौखलाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से सुरक्षाबलों को निशाना बनाए जाने की साजिश रची जा रही है।

घाटी में खात्मे की कगार पर पहुंच चुके आतंकी संगठन आईईडी हमले करने की फिराक में हैं। इस बात की जानकारी 2 ही दिन पहले बडगाम में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि इनपुट मिला है कि आतंकी संगठन सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए आईईडी विस्फोट कर सकते हैं और हमारे जवान पूरी तरह से सतर्क हैं।

सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को घुसपैठ कराने की फिराक में है। वह इन आतंकियों को नौशेरा, राजोरी, पुंछ, कुपवाड़ा और केरन सेक्टर से घुसपैठ कराना चाहता है। लेकिन हमारे जवान सतर्क हैं। सुरक्षाबलों के बीच बेहतरीन समन्वय है।

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खेल

बांग्लादेश को पीटकर टीम इंडिया की फाइनल में एंट्री, अब पाकिस्तान से होगा मुकाबला

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हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला ​क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2024 के फाइनल में शानदार तरीके से एंट्री मार ली है। पहले सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 10 विकेट से हराकर ​भारत ने विरोधी टीम को चारोखाने चित्त कर दिया। पहले गेंदबाजों ने बांग्लादेश को एक मामूली से स्कोर पर रोक दिया और उसके बाद बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी कर टीम को फाइनल का टिकट दिला ही दिया। अब फाइनल में भारत के सामने कौन सी टीम होगी, इसका फैसला पाकिस्तान और​ श्रीलंका के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के रिजल्ट से तय होगा।

भारत ने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया टारगेट 

बांग्लादेश ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में महज 80 रन ही बनाए थे। यानी भारत के सामने जीत के लिए 81 रनों का एक छोटा सा स्कोर था,​ जिसे भारत ने 11 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान के हासिल कर लिया। जहां एक ओर शेफाली वर्मा ने 26 रनों की पारी खेली, वहीं दूसरी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शानदार 55 रन बनाए। गेंदबाजों ने भारत के लिए जो प्लेटफार्म तैयार किया था, उस पर आगे चलने का काम बैटर्स ने किया। पाकिस्तान और श्रीलंका में से किसी एक टीम से भारत का मुकाबला फाइनल में होगा, जो 28 जुलाई को खेला जाएगा। भारतीय टीम खिताब जीतने की दावेदार पहले से ही मानी जा रही थी, अब फाइनल में पहुंचकर भारत एशिया कप के एक और खिताब से केवल एक कदम की दूरी पर है।

खराब रही बांग्लादेश की बल्लेबाजी, रेणुका सिंह ने बरपाया ​कहर 

इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम की शुरुआत ही खराब रही। पहला विकेट पहले ही ओवर में उस वक्त गिरा जब दिलारा अख्तर केवल 6 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें रेणुका सिंह ने पवेलियन भेजा। इसके बाद 17 के स्कोर पर दूसरा भी विकेट चला गया। इस्मा तंजीम 8 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें भी रेणुका सिंह ने अपना शिकार बनाया। मुर्शिदा खातून भी चार रन बनाकर चलती बनी। लगातार तीन विकेट लेकर रेणुका सिंह ने न केवल बांग्लादेश को बैकफुट पर ढकेल दिया, बल्कि विरोधी खेमे में तहलका सा भी मचा दिया।

निगार सुल्ताना ने खेली कप्तानी पारी 

बांग्लादेश के एक छोर पर लगातार विकेट गिर रहे थे, तब कप्तान निगार सुल्ताना ने एक छोर संभाले रखा। हालांकि उन्हें किसी का भी साथ नहीं मिल रहा था। आखिरी के ओवर्स में शोरना अख्तर ने जरूर कुछ साथ दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने 19 रन बनाए। कप्तान सुल्ताना ने 51 बॉल का सामना किया और 32 रनों की एक ठीक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 2 चौके आए। इसके बाद भी पूरी टीम केवल 80 रन ही बना सकी। इसके बाद जब भारत के सामने 81 रनों का टारगेट था, तभी तय हो गया था कि टीम इंडिया इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में चली जाएगी। हुआ भी ऐसा ही। अब भारतीय टीम फाइनल में किससे भिड़ेगी, इसका फैसला दूसरे सेमीफाइनल से होगा, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मुकाबला होना है।

 

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देश-विदेश

कांवड़ यात्रा: दुकान पर नेम प्लेट लगाने पर रोक बरकरार रहेगी, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली

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कांवड़ यात्रा रूट पर खाने की दुकानों पर नेम प्लेट के मामले में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई है। उत्तर प्रदेश की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यूपी ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। यूपी की ओर से वकील ने ये भी कह दिया है कि कोर्ट ने एकतरफा आदेश दिया है, जिससे हम सहमत नहीं है। आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस SVN भट्टी की बेंच कर रही है। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दुकानों के आगे नेम प्लेट लगाने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

किस राज्य ने कोर्ट में क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड ने कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए उसे दो हफ्ते का समय चाहिए। वहीं, मध्य प्रदेश ने कहा कि उनके प्रदेश मे ऐसा नहीं हुआ। सिर्फ उज्जैन म्युनिसिपल ने आदेश जारी किया था लेकिन कोई दबाव नहीं डाला गया है। यूपी की ओर से वकील रोहतगी ने कहा कि सोमवार को इस मामले पर सुनवाई कर ली जाए वरना इसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

कोर्ट ने एकतरफा आदेश दिया- यूपी सरकार

यूपी सरकार के वकील रोहतगी ने कहा कि कोर्ट ने एकतरफा आदेश दिया है, जिससे हम सहमत नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि हमें शिव भक्त कांवड़ियों के भोजन की पसंद का भी सम्मान करना चाहिए। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जवाब मे यूपी सरकार ने स्वीकार किया है कि कम समय के लिए ही सही हमने भेदभाव किया है।

इस मामले में केंद्रीय कानून है- यूपी सरकार

सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड सरकार के वकील ने कहा कि यह कहना गलत है कि मालिक का नाम प्रदर्शित करने के लिए कोई कानून नहीं है। वहीं, यूपी सरकार के वकील में कहा हमने जो किया उसके लिए केंद्रीय कानून है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा कानून है तो पूरे देश में इसे लागू होना चाहिए। इस साल ही अचानक से ऐसा क्यों किया गया? वो भी अचानक से एक खास इलाके में हो क्यों?

नाम प्रदर्शित करने की मांग को लेकर यूपी सरकार के समर्थन मे दाखिल एक याचिका के वकील ने कहा-:

  • होटल के अंदर जाने पर हमने पाया कि कर्मचारी अलग हैं।
  • मांसाहारी भोजन परोसा जाता है।
  • मैं अपने मौलिक अधिकार के बारे में चिंतित हूं।
  • स्वेच्छा से यदि कोई प्रदर्शन करना चाहता है, तो उसे ऐसा करने की अनुमति होनी चाहिए।
  • अंतरिम आदेश में इस पर रोक लगाई गई है।

सुनवाई टली

दुकानों के आगे नेम प्लेट मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अंतरिम रोक का आदेश बरकरार रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा आदेश साफ है। अगर कोई अपनी मर्जी से दुकान के बाहर अपना नाम लिखना चाहता है तो हमने उसे रोका नहीं है। हमारा आदेश था कि नाम लिखने के लिए मज़बूर नहीं किया जा सकता।

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देश-विदेश

भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा का हुआ निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार

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भाजपा के वरिष्ठ नेता और दो बार राज्यसभा सांसद रहे प्रभात झा का आज यानी 26 जुलाई 2024 को सुबह गुरुग्राम के एक अस्तपाल में निधन हो गया। बता दें कि प्रभात झा लंबे समय से बीमार चल रहे थे और गुरुग्राम में उनका इलाज चल रहा था। मगर आज यह दुखद समाचार आया कि उनका निधन हो गया। भाजपा सूत्रों के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार बिहार में उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। प्रभात झा के निधन के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख व्यक्त किया।

मध्य प्रदेश के CM ने व्यक्त किया दुख

राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रभात झा के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, वरिष्ठ नेता आदरणीय प्रभात झा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। बाबा महाकाल दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को इस भीषण वज्रपात को सहने की शक्ति दें।’ उन्होंने आगे लिखा, आपका निधन राजनैतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ॐ शांति।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताया दुख

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रभात झा के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, ‘भाजपा के वरिष्ठ नेता, मध्य प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, साथी श्री प्रभात झा जी के निधन का समाचार सुनकर स्तब्ध और दु:खी हूँ। लोक कल्याण और जनता के हित के लिये उन्होंने सदैव कार्य किया। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। ईश्वर से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ।

कैसा रहा प्रभात झा का राजनीतिक सफर?

प्रभात झा ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक पत्रकार के रूप में अपना करियर की शुरुआत की मगर बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा पार्टी में शामिल होने के बाद 2010 में वो पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बने। इसके बाद साल 2008 में प्रभात झा मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गए और 2020 तक उच्च सदन में रहे। इस तरह वो दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 2015 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया।

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