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*केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ,राज्यपाल सुश्री उईके और मुख्यमंत्री बघेल की मौजूदगी में 74 विद्यार्थियों को दिये गोल्ड मेडल, पीएचडी डिग्री से भी 75 विद्यार्थियों को नवाजा*

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रायपुर/ गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर बिलासपुर में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की और 74 उत्कृष्ट विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल तथा 75 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। सुबह 11 बजे शुरू हुये इस दीक्षांत समारोह में 9 संकायों के श्रेष्ठ विद्यार्थियों को गोल्ड प्रदान किये गये। इससे पहले दीक्षांत समारोह शोभायात्रा निकाली गई और विद्यार्थियों के साथ राष्ट्रपति श्री कोविंद ने समूह फोटो भी खिंचाई। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अशोक मोडक, कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता और कुलसचिव प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार भी मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह में 74 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया गया। जिनमें 44 छात्राएं एवं 30 छात्र शामिल रहे। इसी प्रकार 75 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई। जिनमें 49 छात्र और 29 छात्राएं शामिल रही। दीक्षांत समारोह को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने लगभग 13 मिनट तक संबोधित किया और संबोधन से उपस्थित विद्यार्थियों तथा शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया।

सोमवार शुभ दिन दीक्षांत समारोह होना सुखद संयोग- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिलासपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध समाज सुधारक और सतनाम पंथ के संस्थापक गुरू घासीदास जी के नाम पर स्थापित है। गुरूजी के अनुयायियों की मान्यता के आधार पर सोमवार शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सन् 1756 में सोमवार के दिन ही गुरू घासीदास जी का अवतरण हुआ था और आज केन्द्रीय विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह का दिन भी सोमवार है। राष्ट्रपति ने इस शुभ दिन पर अपनी पढ़ाई पूरी कर दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गुरू घासीदास जी ने हमेशा समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के लिये सदमार्ग सुझाया। गुरू घासीदास जी ने मनखे-मनखे एक समान के आदर्श पर चलकर समाज में मेलजोल, समरसता से रहने और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि गुरू घासीदास जी कहते थे कि सत्य की सेवा ही मनुष्य की करूणा, चैतन्य, प्रेम, संयम तथा चरित्र का प्रतीक होता है। इसीलिये लोगों को सद्चरित्र निर्माण के लिये सतनाम का अनुसरण करना ही चाहिये और सभी धर्मों की अच्छी बातों-आदर्शों का अनुसरण करना चाहिये। राष्ट्रपति भवन में लगी है गुरू घासीदास की फोटो
अपने उद्बोधन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रवासों को भी याद किया और उनकी स्मृतियां उपस्थित विद्यार्थियों और जनसमुदाय से साझा की। राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ की इस पावन धरा पर पहले भी आया हूं। राष्ट्रपति ने बताया कि वे 6 नवंबर 2017 को गुरू घासीदास की जन्मस्थली गिरौदपुरी धाम भी गये हैं और उन्होंने पवित्र जैतखाम के दर्शन भी किये हैं। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि गुरूजी की एक फोटो पिछले प्रवास के दौरान उन्हें भेंट की गयी थी। जिसे राष्ट्रपति भवन में सम्मान के साथ उचित स्थान पर लगाया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि गुरू घासीदास की यह फोटो उन्हें समरसता के साथ राष्ट्र हित में काम करने की प्रेरणा देती है। राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ की विभूतियों को भी किया याद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ को विकास पथ पर अग्रसर करने की सोच लेकर उसका निर्माण और जनकल्याण की भावना से काम करने वाले महान विभूतियों और स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ को जगन्नाथ प्रसाद भानु, माधवराव सप्रे, मुकुटधर पाण्डेय, वीर नारायण सिंह, पदुम लाल पुन्नालाल बक्शी, लोचन प्रसाद पाण्डेय, इंजीनियर श्री राघवेन्द्र राव, रविशंकर शुक्ल, बैरिस्टर छेदीलाल और श्रीमती तीजन बाई की कर्मभूमि बताते हुए उन्हें याद किया। दीक्षांत समारोह का समय परिवर्तन कर की परीक्षा देने वाले स्कूल बच्चों की सहायता
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि दीक्षांत समारोह का समय बदलकर विश्वविद्यालय के सभी बड़े भाई, बहनों ने अपने छोटे भाई, बहनों की बड़ी मदद की है। उन्होंने कहा कि 10वीं तथा 12वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले बच्चों को इससे बड़ी सहूलियत मिली है और वे विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को इसके लिये धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।

*74 स्वर्ण पदकों में से 44 छात्राओं को, दो पदक पाने वाली क्वीनी बनी क्वीन*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्वविद्यालय के अष्टम दीक्षांत समारोह में 74 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और 75 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधियां प्रदान की। उन्होंने 74 गोल्ड मेडल पाने वाले विद्यार्थियों में 44 छात्राओं के शामिल होने पर खुशी जाहिर की। उपस्थित विद्यार्थियों की हौसला अफजाई करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि एक छात्रा ने दो पदक प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया है कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के साथ-साथ पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के पालक भी गौरवान्वित होते हैं। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के 9 टॉपर विद्यार्थियों को 10 गोल्ड मेडल प्रदान किये। राष्ट्रपति ने बीएससी ऑनर्स गणित संकाय की टॉपर कुमारी क्वीनी यादव के गुरू घासीदास स्वर्ण पदक एवं विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक से सम्मानित किये जाने पर भी छात्रा को बधाई दी और कहा कि इस छात्रा का नाम उसके माता-पिता ने कुमारी क्वीनी रखा है, परंतु उसने अपने श्रेष्ठ क्षमता प्रदर्शन से दो गोल्ड मेडल जीतकर अपने नाम को चरितार्थ करते हुए क्वीन का दर्जा पा लिया है। राष्ट्रपति के कुमारी क्वीनी को क्वीन संबोधन पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उसका उत्साहवर्धन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के परिणामों और मेडल प्राप्त करने में बेटियों की संख्या को देखते हुए यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि बेटियां भी अवसर मिलने पर अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं। उन्होंने इसे नये भारत की नयी तस्वीर बताया और कहा कि इस नयी तस्वीर को हम आज गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में जीवंत होता देख रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों की इस सफलता का श्रेय उनकी मेहनत के साथ-साथ शिक्षकों और पालकों को भी दिया। उन्होेंने विद्यार्थियों की इस सफलता में योगदान के लिये शिक्षकों और पालकों की भी सराहना की।
शिक्षा का उद्देश्य अच्छा इंसान बनना, केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने दीक्षांत समारोह में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान बनना होना चाहिये। उन्होंने कहा कि एक अच्छा इंसान अपने व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यवसायिक सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ होगा। अच्छा इंसान यदि डॉक्टर बनेगा तो अच्छा डॉक्टर बनेगा, यदि इंजीनियर बनेगा तो अच्छा इंजीनियर बनेगा। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अच्छा इंसान सामाजिक जीवन में भी अपना श्रेष्ठ देता है। वह अच्छा बेटा, अच्छा भाई, अच्छा पति, अच्छा पिता बनता है तो वही बेटियां अच्छी बेटी, अच्छी बहन और अच्छी पत्नी, अच्छी मां बनकर देश और समाज के विकास में सहभागी होती है। उन्होंने कहा कि विद्या में नैतिक मूल्यों का समावेश बहुत जरूरी है क्योंकि नैतिक मूल्यों के बिना प्राप्त विद्या समाज के लिये कल्याणकारी नहीं हो सकती।
राष्ट्रपति ने शिक्षकों से आव्हान किया कि वे विद्यार्थियों को ईमानदारी, अनुशासन, सहिष्णुता तथा कानून के प्रति सम्मान और समय पालन जैसे जीवन मूल्यों को समझायें। ताकि वे एक लोकतांत्रिक देश के सच्चे नागरिक बन सके और कानून के शासन का मजबूत बना सके। उन्होंने कहा कि आज भारत की पहचान एक आधुनिक और उद्यमी देश के रूप में हो रही है और इसके लिये सभी देशवासी और परिश्रमी युवा बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि परिश्रमी युवाओं के कारण ही हम आज विश्व मेें सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम विकसित कर पाये हैं और आधुनिक प्रौद्योगिकी से लेकर अंतरिक्ष विज्ञान तक के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल करने में सफल हुए हैं।

*राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के शिक्षा एवं शोध नवाचारों की तारीफ की*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा एवं शोध के लिये किये जा रहे नवाचारों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बाहुल्य राज्य में केन्द्रीय विश्वविद्यालय में विलुप्त हो रही भाषाओं को संरक्षण देने और उनका संवर्धन करने के लिये इन डेंजर्ड लेंग्वेज सेंटर स्थापना की है। उन्होंने कहा कि इन भाषाओं का संरक्षण समाज के लिये बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन भाषाओं को बचाने से हमारी परंपरा और संस्कृति की भी रक्षा होती है। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विद्यार्थियों की मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन कर उन्हें श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये प्रेरित करने पूर्व सफल विद्यार्थियों को भी साल में कम से कम एक बार विश्वविद्यालय अवश्य आना चाहिये।

*दंतेवाड़ा के हीरानार स्व-सहायता समूह और आस्था विद्यालय प्रवास को भी किया याद, राष्ट्रपति बोले-शिक्षा की रोशनी से ही खत्म होगा नक्सलवाद का दुष्प्रभाव*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हुये अपने पूर्व प्रवास का उल्लेख भी आज दीक्षांत समारोह के उद्बोधन में किया। उन्होंने दंतेवाड़ा के हीरानार में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा एक ही परिसर में एकीकृत खेती, पशुपालन, मुर्गीपालन, जैविक खेती और राईस मिल चलाने जैसे प्रयोग को एक मिसाल बताया। राष्ट्रपति ने नक्सल हिंसा से प्रभावित बच्चों की शिक्षा के लिये दंतेवाड़ा में स्थापित आस्था गुरूकुल के प्रवास की स्मृतियों को भी इस समारोह में उपस्थित लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में जाने पर नक्सल हिंसा प्रभावित बच्चों के अनुभवों से रूबरू होने और उनकी संकल्प शक्ति से परिचित होने का मौका मिला। राष्ट्रपति ने कहा कि नक्सलवाद की विचारधारा से भ्रमित हुये कुछ लोगों द्वारा की जाने वाली हिंसा से पीड़ित परिवारों को शिक्षा की रोशनी के सहारे ही आगे बढ़ने का अवसर मिला है और शिक्षा से ही नक्सलवाद के दुष्प्रभावों को छत्तीसगढ़ और देश के अन्य भागों से खत्म किया जा सकेगा। उन्होंने नक्सलवाद के खात्मे के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी सराहनीय बताया।
*अगले दस वर्षों में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में हो शामिल*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के इस केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा अब तक शिक्षा और शोध के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों और नवाचारों की सराहना की और कहा कि विश्वविद्यालय को आगे बढ़ने के लिये कुछ लक्ष्य निर्धारित करने चाहिये। विस्तृत कार्ययोजना बनाकर उन लक्ष्यों को पाने का प्रयास करना चाहिये। राष्ट्रपति ने कहा कि इस गुरू घासीदास विश्वविद्यालय को आने वाले 10 वर्षों में देश के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों में शामिल होने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये। राष्ट्रपति ने कहा कि लक्ष्य ऊँचा हो, संकल्प मजबूत हो तो लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अपने आप ही प्रयास तेज हो जाते हैं और ऐसे कामों में निश्चित सफलता मिलती है।

*संसाधनों से अधिक युवाओं की प्रतिभा पर विश्वास जताने की जरूरत: मुख्यमंत्री बघेल*
दीक्षांत समारोह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी संबोधित किया। उन्होंने इस समारोह में स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। श्री बघेल ने कहा कि युवाओं की जितनी जरूरत नये संसाधनों की है, उससे अधिक जरूरत उनकी प्रतिभा पर विश्वास जताने की है। मुख्यमंत्री ने कहा अच्छी पढ़ाई का अपना अलग महत्व है। लेकिन गुण, कौशल, विशेषतायें भी युवाओं के लिये कई रास्ते खोलती हैं, जिससे उन्हें अपने आप को सिद्ध करने का अवसर मिलता है। श्री बघेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और शोध सुविधाओं को आज की मांग के अनुसार मानव संसाधन तैयार करने वाली होना चाहिये। उन्होंने स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग वेल्यू एडिशन और क्षेत्रीय विसंगतियों को दूर करने के लिये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारिक बदलावों की जरूरत पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की अस्मिता, संस्कृति, विरासत और लोक रंगों से युवाओं को जोड़ने और उन्हें आगे बढ़ाने की भी जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी की परिकल्पना पर उच्च शिक्षा के साथ-साथ हर एक विद्यार्थी को अपने गांव के विकास, पशुधन संरक्षण और कृषक जीवन के विषय को अध्ययन, अध्यापन से जोड़ने की जरूरत है, ताकि उच्च शिक्षा जीवन के सभी पहलुओं से जुड़ सके और हमारे विद्यार्थी छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के महाविद्यालयों में लगभग 1500 शैक्षणिक और खेल अधिकारी के पदों पर भर्ती की जा रही है। खेल प्रतिभाओं को संवारने के लिये छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण बनाया गया है। हर ग्राम पंचायत में राजीव गांधी युवा मितान क्लब बनाये जा रहे हैं। खेल एवं विभिन्न विधाओं की प्रतिभाओं को गांव से लेकर राज्य तक चिन्हांकित करने के लिये पिछले दिनों युवा महोत्सव का आयोजन किया गया था और अब यह आयोजन हर साल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद के रायपुर प्रवास की स्मृतियों को सहेजने के लिये उनके प्रवास स्थल को स्मारक के रूप में विकसित किया जा रहा है। समारोह को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर अशोक मोडक ने भी संबोधित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत समारोह का दिन छात्र जीवन का महत्वपूर्ण दिन होता है। आज के दिन विद्यार्थियों का एक सोपान पूरा और दूसरा सोपान शुरू होता है। श्री मोडक ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने इस दूसरे सोपान में अब कई चुनौतियों का सामना करना होगा और सभी विद्यार्थियों ने इसके लिये विश्वविद्यालय से अच्छी तैयारी कर ली होगी।
इन्हें मिल गोल्ड मेडल
कुमारी क्वीनी यादव बीएससी ऑनर्स गणित 94.49 प्रतिशत अंक, अर्पिता नायक एमएससी जुलाजी 92.3 प्रतिशत अंक, कुमारी चंद्रिका बीएससी ऑनर्स भौतिक शास्त्र 92 प्रतिशत अंक, दबारून दास भौमिक बीटेक मैकेनिकल 90.1 प्रतिशत अंक, किशोर कुमार कोठारी एमए अर्थशास्त्र 90.1 प्रतिशत अंक, कुमारी पूजा पटेल बीकॉम ऑनर्स 90 प्रतिशत अंक, विनोद कुमार खुंटे एमलिब 89.8 प्रतिशत अंक, कुमारी आयुषी सिंह डीफार्मा 88.1 प्रतिशत अंक, कुमारी माधुरी मरकाम बीकॉम एलएलबी 83 प्रतिशत अंक। कुमारी क्वीनी यादव को विश्वविद्यालय में सभी संकायों में से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिये गुरू घासीदास पदक से भी नवाजा गया।

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जशपुर को पर्यटन नक्शे में शामिल करने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की बड़ी पहल

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  • प्रसिद्व पर्यटन स्थल मयाली नेचर कैम्प स्वदेश दर्शन योजना में शामिल
  • विकास के लिए दस करोड़ रूपये की मिली स्वीकृति

जशपुरनगर, 27 जुलाई 2024 : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक व धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है। इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा। साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है।

उल्लेखनीय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है। बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है। वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है। इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है। पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं। राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है। इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके। इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है।

विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति –
स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

 

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छत्तीसगढ़ : गैस रिसाव, कुएं में उतरे युवक की हुई मौत

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सूरजपुर :  जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ है. हर्रा टिकरा गांव में कुएं से पंप निकालने उतरे युवक की गैस रिसाव होने से मौत हो गई. घटना से गांव में सनसनी फैल गई और इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने डीडीआरएफ की टीम को सूचना दी. जिसके बाद टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया और 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शव को कुएं से बाहर निकला गया.

यह मामला जयनगर थाना क्षेत्र का है. डीडीआरएफ टीम (DDRF) से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की शाम करीब 4 बजे जयनगर थाना से सूचना प्राप्त हुआ कि ग्राम हर्रा टिकरा चीटकी पारा में एक व्यक्ति कुएं में डूब गया है. जिसकी सूचना पर डीडीआरएफ टीम सूरजपुर घटना स्थल पर पहुंची और गैस डिटेक्टर से कुएं की जांच की. जिसमें पता चला कि कुएं में गैस का रिसाव था. इस दौरान जिला सेनानी संजय गुप्ता के मार्गदर्शन पर 4 घंटे कड़ी मुस्क्कत के बाद मृतक रामलाल उर्फ बाने (उम्र 30 वर्ष) का शव कुएं से निकाला गया.

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छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पारित

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  • जीएसटी लागू होने से पंजीकृत व्यवसायियों की संख्या में 50 लाख से अधिक की हुई बढ़ोत्तरी
  • जीएसटी में विभिन्न करों को किया गया है शामिल

रायपुर, 26 जुलाई 2024  : वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री ओपी चौधरी ने आज छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 विधानसभा में प्रस्तुत किया। सदन में विस्तृत चर्चा के पश्चात् संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पंजीकृत व्यवसायियों की संख्या में 50 लाख से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। जीएसटी में विभिन्न करों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 19 जुलाई 2024 को आयोजित केबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 का अनुमोदन किया गया था।

जीएसटी परिषद की अनुशंसा के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक संशोधन किया जा चुका है। जिसके अनुसरण में राज्य शासन द्वारा भी संशोधन किया गया है, जिसके अंतर्गत हेड ऑफिस द्वारा इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का वितरण अपने ब्रांच ऑफिस को किया जाएगा तथा तंबाकू उत्पादन निर्माताओं द्वारा मशीन का पंजीयन नहीं कराने पर 1 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

श्री चौधरी ने बताया कि समय-समय पर आवश्यकता अनुसार जीएसटी परिषद् द्वारा जीएसटी अधिनियम में संशोधनों का निर्णय लिया जाता है। ताकि व्यापार सुगम हो एवं कर राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।

इसी तारतम्य में जीएसटी काउंसिल द्वारा इनपुट सर्विस ड्रिस्टीब्यूटर के संबंध में आगत कर प्रत्यय लिये जाने के प्रावधान को युक्तियुक्त बनाने एवं पान मसाला, गुटखा इत्यादि के विनिर्माण में लगने वाले मशीनों के रजिस्ट्रीकरण के लिए, अधिनियम में कतिपय संशोधन का निर्णय लिया गया था। जीएसटी काउंसिल द्वारा लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम, 2024 दिनांक 15 फरवरी, 2024 से अधिसूचित है। अतः छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में  भी तद्नुसार संशोधन किया जाना आवश्यक है।

उक्त संशोधन में अन्य बातों के साथ निम्नानुसार संशोधन किया गया है:-

पूरे देश में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट के वितरण हेतु अपनाई जा रही प्रक्रिया में समरूपता लाने के प्रयोजन से परिभाषा खंड में संशोधन किया जा रहा है। साथ ही रिवर्स चार्ज लेव्ही को भी इसके अंतर्गत शामिल किया जा रहा है। उक्तानुसार प्रकरणों में इनपुट टैक्स वितरण की रीति विहित करने के लिए सुसंगत धारा में आवश्यक संशोधन किया गया है।

श्री चौधरी ने बताया कि जीएसटी परिषद् की सिफारिशों पर तंबाकू उत्पाद निर्माण क्षेत्र में सर्वाधिक राजस्व लिकेज होने के कारण उनके लिए अनुपालन भार में बढ़ोतरी की गई है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक मशीन का पंजीयन अनिवार्य किया गया है। ऐसे निर्माताओं द्वारा मशीन का पंजीयन नहीं कराये जाने पर प्रत्येक मशीन के लिए राशि एक लाख रूपये जुर्माना अधिरोपित किये जाने का प्रावधान है।

वाणिज्यकर मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी स्वतंत्रता के पश्चात् के सर्वाधिक महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व आर्थिक सुधारों में से एक है, जिसमें केंद्र और राज्यों में लागू अप्रत्यक्ष कर समाहित है। इन करों में केन्द्रीय उत्पाद कर, सर्विस टैक्स, केन्द्रीय अधिभार एवं उपकर, वैट, प्रवेशकर, केन्द्रीय विक्रय कर, विलासिता कर, मनोरंजन कर आदि 17 प्रकार के करों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं कर्तृत्व का ही परिणाम है कि उनकी दूरदर्शिता के कारण ही जीएसटी लागू किया जाकर एक राष्ट्र, एक कर एवं एक बाजार की संकल्पना को साकार किया जा सका है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाए जाने वाला एक समग्र अप्रत्यक्ष कर है। इसे 1 जुलाई 2017 को कई करों को बदलकर और एकल एकीकृत कर प्रणाली बनाने के लिए पेश किया गया था। जीएसटी ने देश में सहकारी संघवाद की नई परिपाटी बनाई है, जिसका सर्वोत्तम उदाहरण जीएसटी परिषद है। जीएसटी परिषद में केन्द्रीय वित्त मंत्री अध्यक्ष और सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य होते हैं। जीएसटी परिषद में केन्द्र व राज्य आपसी सहमति से सामूहिक निर्णय लेते हैं। जीएसटी लागू होने से कर प्रणाली सरल और प्रबंधनीय हो गई है। जीएसटी लागू होने के पूर्व उत्पादों पर केन्द्रीय उत्पाद कर लगता था एवं इस कर पर राज्य में वेट लगता था। इस प्रकार कर के ऊपर कर लगता था एवं केन्द्रीय करों का क्रेडिट भी राज्य के व्यापारियों को नहीं मिलता था। इस प्रकार अंततः माल की लागत में बढ़ोतरी होती थी। जीएसटी लागू होने के उपरांत ऐसा Cascading प्रभाव समाप्त हो गया है एवं सप्लाई चेन में इनपुट टैक्स क्रेडिट का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित हुआ है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं पर समग्र कर भार कम हुआ है। सामग्री एवं सेवा की लागत में कमी आई है और खपत को प्रोत्साहन मिला है और आर्थिक वृद्धि में सुधार हुआ है एवं उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है।

श्री चौधरी ने जीएसटी पंजीकरण, रिटर्न दाखिल करने और भुगतान के लिए ऑनलाइन प्रणाली होने से अनुपालन सरल हुआ है और पारदर्शिता आई है। अब छोटे व्यापारी स्वयं ही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। जीएसटी प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न राज्यों  के अंतर्राज्यीय चेकपोस्ट को समाप्त किया गया है, जिससे लॉजिस्टिक्स और वितरण क्षेत्र सुव्यवस्थित हो गया है, परिणामस्वरूप वस्तुओं की आवाजाही की लागत और समय कम हो गया है। जीएसटी ने कई अनौपचारिक व्यवसायों को कर दायरे में लाकर कर आधार को बढ़ाया है और सरकार के लिए अधिक राजस्व सुनिश्चित हुआ है। साथ ही अब राज्यों को भी सेवाओं पर करारोपण का अधिकार प्राप्त है।

वाणिज्यिक कर मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी के अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कंपोजिशन की सुविधा प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत 1.5 करोड़ रू. तक के टर्नओव्हर वाले व्यवसाईयों को अपने टर्नओव्हर का बहुत ही अल्प भाग जैसे- 2 प्रतिशत कर के रूप में जमा करना होता है एवं उनके लिए अनुपालन भार जैसे रिटर्न प्रस्तुत करने एवं कर भुगतान की प्रणाली को सरल व सुगम बनाया गया है। साथ ही उन्हें विभिन्न प्रकार के लेखाओं के संधारण की अनिवार्यता नहीं है।

जीएसटी लागू होने से पंजीकृत व्यवसाईयों की संख्या लगभग 1.28 लाख थी जो वर्तमान में बढ़कर लगभग 1.80 लाख हो गयी है। पड़ोसी राज्य जैसेे झारखंड एवं उड़ीसा में पंजीकृत व्यवसाईयों की संख्या क्रमशः 2.05 लाख एवं 3.38 लाख है। आज विभाग में रजिस्ट्रेशन को लेकर होने वाली अधिकांश समस्याओं को दूर कर लिया गया है। जहां वर्ष 2024 की शुरूआत में रजिस्ट्रेशन के आवेदन की प्रक्रिया में औसतन 15 दिन का समय लगता था वह आज केवल 07 दिनों में पूर्ण किया जा रहा है।

जीएसटी लागू होने बाद राजस्व संग्रहण में उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज की गई है। यद्यपि वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कोविड-19 महामारी के कारण अपेक्षित वृद्धि प्राप्त नहीं हुआ है।

जीएसटी लागू होने के कारण विभिन्न राज्यों के राजस्व वृद्धि में संभावित कमी की क्षतिपूर्ति हेतु केन्द्र की सरकार ने अपने वादे के अनुरूप सभी राज्यों को कानून बनाकर क्षतिपूर्ति किया जाना सुनिश्चित किया है। छत्तीसगढ़ राज्य को अप्रैल 2018 से जून 2022 तक कुल 21 हजार 679 करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान की गई है।

श्री चौधरी ने सदन को बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों में कमी से कंपनसेशन फंड में राशि नहीं होने पर वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में राज्यों को क्षतिपूर्ति देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 2.59 लाख करोड़ रूपये का ऋण लिया गया, जो कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को क्षतिपूर्ति देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। छत्तीसगढ को बैक टू बैक लोन के रूप में कुल राशि रूपये 8 हजार 074 करोड़ प्राप्त हुआ है।

जीएसटी की राशि राज्य को सीधे ही प्राप्त हो जाती है एवं केन्द्रीय जीएसटी की राशि का 42 प्रतिशत केन्द्रांश राज्यों को Devolution के रूप में प्राप्त होता है। इस प्रकार जीएसटी में वृद्धि से राज्यों को प्रत्यक्षतः लाभ तो मिलता ही है साथ ही केन्द्रांश के रूप में राज्यों को राशि प्राप्त होती है। छत्तीसगढ़ में राज्य को वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक प्राप्त राजस्व एवं इसी अवधि में Devolution से प्राप्त राजस्व रू. 1.41 लाख करोड़ है।

व्यवसाईयों की सुविधा के लिए वाणिज्यिक कर विभाग में एक समर्पित EODB (Ease of Doing Business) कक्ष का गठन किया गया है, जिसके द्वारा व्यवसाईयों की समस्याओं का निराकरण, जी.एस.टी. के हितधारकों (करदाता व्यावसायिक संगठन, बार एसोसिएसन, चार्टर्ड एकाउंटेंट एसोसिएसन) के साथ बेहतर समन्वय के लिए आउटरीच प्रोग्राम के माध्यम से कर अनुपालन में वृद्धि हेतु प्रोत्साहन दिया जा सके। उक्त कक्ष का प्रभारी संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी को बनाया गया है। कक्ष द्वारा प्रतिमाह सभी हितधारकों के साथ नियमित बैठक आयोजित कर उनकी समस्याओं व सुझावों के संबंध में निर्णय लिया जाता है। व्यवसाईयों की समस्याओं को दूर करने के लिए टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर भी शुरू किया गया है। विभाग अंतर्गत बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट (B.I.U.) का गठन किया गया है। जिसके द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग तकनीकों का प्रयोग कर डाटा आधारित कर अपवंचन के तरीकों को पता लगाकर कार्यवाही की जा रही है।

श्री चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य कर (जीएसटी) विभाग द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नई पहल करते हुए 11 जून 2024 को “ई-संवीक्षा” पोर्टल लाँच किया गया है। इससे न केवल विभागीय अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की मानिटरिंग की जा सकेगी, बल्कि एनालीटिक्स में इससे प्राप्त होने वाले आँकड़ों का राजस्व हित में उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के व्यापारियों को होने वाली व्यवहारिक परेशानियों जैसे एक ही अवधि के लिये एक से अधिक अधिकारियों द्वारा नोटिस दिया जाना आदि का निराकरण करने में भी “ई-संवीक्षा” माड्यूल कारगर साबित होगा।  इन सभी प्रयासों से छोटे व्यापारियों को एवं उपभोक्ताओं को लाभ प्राप्त हुआ है।

जीएसटी संशोधन विधेयक 2024 के संबंध में विधायक सर्वश्री उमेश पटेल, राघवेन्द्र सिंह ने चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा पश्चात विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

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