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कोरोना आपदा से लड़ने में मोदी सरकार विफल : दीपक बैज

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एस एच अजहर जगदलपुर। देश में कोरोना संक्रमण की लगातार बढ़ती संख्या पर बस्तर लोकसभा के सांसद दीपक बैज ने कहा है कि केंद्र सरकार के निर्णयों ने साबित कर दिया है कि वह कोरोना आपदा से लड़ने में सक्षम नहीं है। केंद्र के ग़लत फ़ैसलों की वजह से करोड़ों मज़दूरों के सामने रोज़गार का संकट पैदा हो गया। केंद्र की विफलता को छिपाने के लिए केंद्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता षडयंत्रपूर्वक राज्यों का दोष निकालने में लगे हुए हैं। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाली, ताली, घंटा बजवाने, अंधेरा करवा के मोमबत्ती टॉर्च जलवाने और फूल बरसाने के अलावा कोरोना से लड़ने के लिये कोई ठोस और सुसंगत कदम नहीं उठाए। कोरोना से निपटने के लिए मोदी जी ने पीएम-केयर्स नाम का नया कोष बनाया और देश के सभी बड़े उद्योगों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को भारी भरकम दान देने के लिए बाध्य किया। अब मोदी देशवासियों को बता भी नहीं रहे हैं कि इस कोष में कितना पैसा आया, कितना खर्च हो रहा है और कहां खर्च हो रहा है। सांसद दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के द्वारा शुरू से बरते गए एहतियात और छत्तीसगढ़ के लोगों की जागरूकता के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले शुरू से बेहद कम रहें। छत्तीसगढ़ के जो मजदूर कमाने खाने के लिए बाहर गए थे वे लॉकडाउन में 60 दिन तक फंसे रहे और वापस लौट रहे हैं। लाॅकडाउन में छत्तीसगढ़ के मजदूरों को गुजरात, मुंबई, सहित अनेक कोरोना संक्रमण के हाटस्पाट में फंसे रहना पड़ा। जिसके कारण छत्तीसगढ़ में कोरोना के प्रकरणों में वृद्धि शुरू हुई है। हालांकि छत्तीसगढ़ में वृद्धि देश के अन्यप्रदेशों की तरह नहीं है लेकिन केस बढ़ रहे है। सांसद दीपक बैज ने कहा है कि कोरोना के लिये प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के 20 लाख करोड़ के पैकेज में छत्तीसगढ़ को कुछ भी नहीं मिला। पहले केन्द्र सरकार ने धान की कटाई समाप्त होने के बाद मनरेगा के काम खोलने के लिये पर्याप्त राशि नहीं दी। छत्तीसगढ़ के मजदूरों को मनरेगा का पैसा ना देकर पलायन करने के लिए कमाने खाने के लिए देश के दूसरे प्रदेशों में जाने के लिए मजबूर किया गया। इन मजदूरों को अपने ही प्रदेश लौटने के लिए छत्तीसगढ़ के बॉर्डर तक छोड़ने के लिए बस वालों ने 5000 से 10000 रू. प्रति हेड किराया लिया। छत्तीसगढ़ वापस लौटे लाखों मजदूरों में सैकड़ों मजदूर करोना संक्रमण का शिकार हुए। इसकी नैतिक जिम्मेदारी भाजपा की केन्द्र सरकार की है।

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नीट और जेईई स्टूडेंट के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की बड़ी घोषणा

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रायपुर :  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा की है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि आज नीट एवं जेईई की आन-लाईन कोचिंग की व्यवस्था छत्तीसगढ़ राज्य के सभी 146 विकासखण्डों एवं 4 शहरों में की जा रही है. निकट भविष्य में हम पीएससी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की सर्वसुविधा युक्त बेहतर आन लाईन कोचिंग की व्यवस्था भी हम सभी विकासखण्डों में करेंगें. बता दें कि आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का शुभारंभ किया.

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस भारतीदासन एवँ शिक्षा विभाग के अधिकारीगण उपस्थित हैं.

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पीएम मोदी ने जगदलपुर में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का किया शिलान्यास

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जगदलपुर  : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिसमें नगरनार में NMDC स्टील लिमिटेड का स्टील प्लांट भी शामिल है।

प्रधानमंत्री अंतागढ़ व तारोकी के बीच नई रेल लाइन और जगदलपुर और दंतेवाड़ा के बीच डबल रेल लाइन परियोजना का लोकार्पण किया। वे बोरीडांड – सूरजपुर रेल लाइन को दो-तरफा बनाने की परियोजना तथा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जगदलपुर स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री तारोकी – रायपुर डेमू रेल सेवा को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन रेल परियोजनाओं से राज्य के जनजातीय इलाकों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। रेल अवसंरचना में सुधार और नई रेल सेवाओं से स्थानीय लोगों को सुविधा होगी तथा इलाके में आर्थिक विकास को मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-43 के ‘कुनकुरी से छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा खंड’ पर सड़क उन्नयन परियोजना का भी लोकार्पण करेंगे। इस नई सड़क से सड़क कनेक्टिविटी में सुधार आयेगा और क्षेत्रवासियों को लाभ मिलेगा।

 

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का किया शुभारंभ

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ख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को स्वामी आत्मानंद कोचिंग का शुभारंभ किया। इंजीनियरिंग- मेडिकल के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी निश्शुल्क तैयारी कर सकेंगे। मुख्‍यमंत्री बघेल ने सुबह 11 बजे अपने निवास कार्यालय से मुख्यमंत्री आनलाइन योजना की शुरुआत की। इस योजना में ख्याति प्राप्त एलन करियर इंस्टिट्यूट ने सीएसआर के तहत निश्शुल्क कोचिंग देने को सहमति दी है। संस्थान और स्कूल शिक्षा विभाग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी होगा।

प्रदेश के कक्षा दसवीं में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी और कक्षा 12वीं में अध्यनरत विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। विद्यार्थी को संबंधित विकासखंड, शहर के शासकीय स्कूलों में कक्षा 12 वीं का नियमित विद्यार्थी होना अनिवार्य होगा। विकासखंड मुख्यालय की स्कूलों में कक्षा 12 वीं में जीव विज्ञान और गणित संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी ही पात्र होंगे।

प्रत्येक कोचिंग सेंटर में 75 से 100 विद्यार्थियों का प्रवेश दिया जाना है। इसमें प्री-मेडिकल तथा प्री-इंजीनियरिंग के लिए अधिकतम 50-50 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। प्रदेश के 146 विकासखंड मुख्यालयों और चार शहर रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर के माध्यम से शिक्षा मिलेगी। यह सुविधा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

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