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कोरोना से बचने का बड़ा हथियार Aarogya Setu Mobile App, 13 दिन में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने किया इंस्टाल, जानिए कैसे करता है काम

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कोरोना वायरस की लड़ाई में भारत सरकार ने आरोग्य सेतु (Aarogya Setu) ऐप लांच किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लोगों से इस ऐप को लांच करने की अपील कर चुके हैं। भारत सरकार ने इस ऐप को 2 अप्रैल को लॉन्च किया था।

3 दिन के अंदर ही इसे 50 लाख लोगों ने अपने स्मार्ट फोन में इंस्टाल कर लिया। लॉकडाउन 2 की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सप्तपदी में लोगों से आरोग्य सेतु ऐप इंस्टाल करने की अपील की थी। पिछले 24 घंटे में ही इसे 1 करोड़ नए लोगों ने इसे लाउनलोड किया है। लॉन्चिंग के 13 दिन के भीतर ही इस ऐप के यूजर्स की संख्या 5 करोड़ पार कर गई है। आइए जानते हैं कैसे काम करता है Aarogya Setu।

कोरोना जोखिम के दायरे से बचाएगा ऐप : आरोग्य सेतु ऐप आम लोगों को COVID-19 संक्रमण के बारे में सही और सटीक जानकारी देता है। यह ऐप यूजर को बताता है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया है। यह ऐप अंग्रेजी और हिंदी समेत कई भाषाओं को सपॉर्ट करता है। इसे ऐंड्रॉयड और iOS दोनों डिवाइस में डाउनलोड किया जा सकता है।

– सबसे पहले गूगल प्ले या ऐप से स्टोर से Aarogya Setu ऐप को इंस्टाल करें।

– आरोग्‍य सेतु एप को ब्‍लूटूथ और जीपीएस डेटा की आवश्यकता पड़ेगी। अपने मोबाइल ऐप को काम करने के लिए इसकी अनुमति दें।

– आरोग्य सेतु कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग के लिए आपके मोबाइल नंबर, ब्लूटूथ और लोकेशन डेटा का उपयोग करता है।

– डाउनलोड करने के बाद ऐप ओपन करें और अपनी भाषा का चुनाव करें।

– अब Register Now ऑप्शन पर क्लिक करें।

अब आपसे कुछ परमिशन मांगी जाएंगी। सभी नियम व शर्तें पढ़ने के बाद I Agree पर क्लिक करें।

– अब आपसे डिवाइस का लोकेशन और ब्लूटूथ ऐक्सेस मांगा जाएगा। इसे Allow करें।

अब अपना मोबाइल नंबर डालें।

– मोबाइल नंबर पर आने वाले OTP को भरकर वेरिफाई करें।

– आप चाहें तो अपनी निजी जानकारी जैसे- नाम, उम्र, प्रोफेशन, ट्रैवल डीटेल आदि बता सकते हैं।

– अगर आप चाहें तो जरूरत और संकट के इस वक्त में खुद को वॉलिंटियर के तौर पर रजिस्टर कर सकते हैं। इसे आप Skip भी कर सकते हैं।

– यह ऐप आपको बताएगा कि आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आए। इस ऐप पर कोरोना वायरस से बचाव के तरीके भी बताए गए हैं।

कर सकते हैं सेल्फ एसेसमेंट टेस्ट : आरोग्‍य सेतु एप पर आप ‘सेल्‍फ एसेसमेंट टेस्‍ट’ फीचर का प्रयोग कर सकते हैं। इस फीचर का इस्‍तेमाल करने के लिए ऑप्‍शन पर क्लिक करें और फिर एप चैट विंडो खोल देगा। इसमें यूजर की सेहत और लक्षण से जुड़े कुछ सवाल किए जाएंगे, जिनके उत्तर आपको देना होंगे।

जोखिम भरे स्थानों से सचेत : इसमें लोकेशन देने के बाद ये आपको कोरोना के जोखिम भरे स्थानों के प्रति भी सचेत करेगा।

रंगों से पता चलेगा जोखिम का स्तर : एप हरे और पीले रंग के कोडों में आपके जोखिम के स्‍तर को दिखाता है। यह भी सुझाव देता है कि आपको क्‍या करना चाहिए। अगर आपको ग्रीन में दिखाया जाता है और बताया जाता है कि ‘आप सुरक्षित हैं’ तो कोई खतरा नहीं है। कोरोना से बचने के लिए आपको सोशल डिस्‍टेंसिंग को बनाए रखना चाहिए और घर पर रहना चाहिए।

क्या है पीले रंग का मतलब : अगर आपको पीले रंग में दिखाया जाता है और टेक्‍स्‍ट बताता है कि ‘आपको बहुत जोखिम है’, लेकिन आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। आप हेल्‍पलाइन में संपर्क कर सकते हैं।

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कोरोना वायरस

छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में मिले 17 नए कोरोना मरीज..

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रायपुर :  कोरोना के 17 मरीज फिर छत्तीसगढ़ में मिले है. स्वास्थ्य विभाग ने बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी और बताया कि 17 जनवरी को 17 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. 4 हजार सैंपलों की जांच की गई. फ़िलहाल प्रदेश के 15 जिलों में संक्रमित मरीज सक्रिय है.

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कोरोना वायरस

ओमिक्रॉन का फैल रहा खतरनाक वेरिएंट, अब तक इतनों की हुई मौत…

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12 जनवरी 2024:-  छत्तीसगढ़ में जेएन-1 वायरस से ही कोरोना फैल रहा है। एम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 48 सैंपलों में 25 जेएन-1 वेरिएंट का मिला। बाकी ओमिक्रॉन का है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार जेएन-1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। इससे ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि यह तेजी से फैलता है पर मृत्यु दर कम है। प्रदेश में तीन लोगों की जो मौत हुई है, उनके वायरस भी जेएन-1 के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी की है। प्रदेश में प्रदेश में पिछले 22 दिनों में 269 मरीज मिल चुके हैं। रोजाना मरीज मिलने का औसत 12 से कुछ ज्यादा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच कराने को कहा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एम्स में कुल 48 सैंपल भेजे थे। प्रदेश में जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे पहले ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इस सीजन में केवल कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। आंबेडकर अस्पताल में चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आर.के. पंडा व मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार जेएन-1 वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है।

रायपुर में नए मरीज नहीं, प्रदेश में 18

राजधानी में गुरुवार को कोरोना को कोई नया मरीज नहीं मिला। वहीं प्रदेश में 18 नए केस मिले हैं। इनमें सुकमा व रायगढ़ में 4-4, बालोद व बस्तर में 3-3, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार व कांकेर में एक-एक मरीज मिला हैं। कुल 4714 सैंपलों की जांच की गई। संक्रमण दर 0.38 फीसदी रही। होम आइसोलेशन में 17 लोग स्वस्थ हुए।एम्स से गुरुवार को जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई। इसमें 48 में 25 सैंपलों में जेएन-1 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बाकी ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले वायरस है। कोरोना से खतरा तो है, लेकिन डरने के बजाय अलर्ट रहने की जरूरत है। -डॉ. डीके तुर्रे, मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य विभाग

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न्यू ईयर-क्रिसमस के जश्न पर भारी पड़ा कोरोना, 2023 के आखिरी महीने में 10,000 मौतें…

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कोरोना वायरस के केस फिर से आने लगे हैं. इस बार एक और नए वैरिएंट के साथ ये वायरस लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना से पिछले महीने यानी दिसंबर में 10,000 मौतें हुईं हैं. इस रिपोर्ट पर एजेंसी के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बढ़ते कोरोना वायरस की वजह छुट्टियों में सोशल गैदरिंग को बताया है. टेड्रोस ने कहा कि दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं, जबकि नए साल के दौरान 50 देशों में अस्पताल में 42% मरीजों की बढ़ोतरी देखी गई है. ज्यादातर मामले यूरोप और अमेरिका से आए हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह आकड़ा स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि और जगहों पर भी मामले बढ़ रहे हैं जहां रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं, उन्होंने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और इलाज व टीकाकरण की मांग की है.टेड्रोस ने बताया कि JN.1 वैरिएंट अब दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. यह एक ओमिक्रॉन वैरिएंट है, इसलिए मौजूदा टीकों से भी इससे बचा जा सकता है. वहीं डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कोरोनो वायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण दुनिया भर में सांस से संबंधी बीमारियों में इजाफा बताया है.

भारत में अब तक कितनी मौत?

भारत में अब तक, जनवरी 2020 में शुरुआती प्रकोप के बाद से कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 4,50,19, 819 तक पहुंच गई है, जबकि कुल मृत्यु का आंकड़ा 5,33,406 हो गया है. वहीं भारत में पिछले 24 घंटों में 605 नए कोविड मामले दर्ज किए गए है और चार लोगों की मौतें हुईं है.

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