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कोरोना वायरस

*कोरोनोवायरस पर रिपोर्टिंग करते समय पत्रकारों के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं*

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विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार बीमारी वाले लोगों के लिए “कोविड-19 मामले”, “कोविड-19 पीड़ित” या “कोविड-19 रोगग्रस्त” शब्दों का प्रयोग न करें जैसा विश्व भर के पत्रकार कर रहे हैं। यह ऐसे लोग हैं `जिन्हें कोविड-19 हुआ है’, `जिनका कोविड-19 का इलाज चल रहा है’ या `जो कोविड-19 से ठीक हो रहे हैं|’

सनसनीखेज भाषा का उपयोग भय के स्तर को बढ़ा सकती हैं, इनसे बचें :
भावनात्मक वाक्यांश जैसे `कोई अंत नज़र में नहीं’ , `उथल-पुथल’, `घातक’ और `तबाही’ जैसे शब्द जो अक्सर प्रयोग किए जा रहे हैं, आकर्षक हो सकते हैं लेकिन अफवाहों से बीमारी के प्रति भय पैदा करने में सहायक होते हैं। इसलिए इन शब्दों या वाक्यांशों से हमें बचना चाहिए।

संग्रहित फोटो के इस्तेमाल से बचें क्योंकि यह रोग के प्रति भय का कारण बनती हैं:
किसी भी संग्रहित फोटो को इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह से सोच लें। कोशिश करें कि स्टॉक इमेज का उपयोग न करें जो रूढ़िवादी छवियों को बढ़ा सकती हैं। यही बात उन फोटो के लिए भी है जो अनुचित भय पैदा कर सकता है। गलत संदेश फैलाने से बचने के लिए फोटो का सावधानी से उपयोग करें I

सबसे खराब स्थिति के बारे में अनुमान लगाने से बचें:
विशेषज्ञों या स्त्रोतों को सनसनीखेज शब्दों या वाक्याशों को बोलने के लिए प्रोत्साहित करने से पाठकों की कोई मदद नहीं होगी। बल्कि भय पैदा होगा। जो जानकारी सही हैं और ज्ञात हैं, उस पर ध्यान केंद्रित करें। मुख्य समाचार पर ध्यान दें, उसका भयावह रूप में विश्लेषण करने से बचें।

पाठकों को विशिष्ट एवं सटीक जानकारी प्रदान करें ,जो वह ग्रहण कर सकें:
विशेषज्ञ स्रोत जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दी गई विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाएं।

पाठकों को जानकारी के लिए आधिकारिक स्त्रोतों की उपलब्धता बताएं:
पाठकों को यह बताएं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध है। केवल गुगल पर निर्भर होने की बजाय लोगों को जानकारी देने के लिए प्रामाणिक स्रोतों का इस्तेमाल करें एवं उनकी वेबसाइटों का उपयोग करें। पाठकों को सेंट्रल हेल्पलाइन नंबर- 011-23978046 और छत्तीसगढ़ हेल्पलाइन नंबर- 0771-2235091 और 104 के बारे में बताएं।
कोरोनावायरस के लिए हेल्पलाइन ईमेल आईडी: ncov2019@gmail.com की जानकारी दें ।
छत्तीसगढ़ सरकार: ईमेल: idspssucg@rediffmail.com
Website: cghealth.nic.in

एक से अधिक विशेषज्ञ से बात करें:
एक से अधिक विशेषज्ञों से बातचीत और सटीक जानकारी को ही अपनी रिपोर्टिंग का आधार बनाएं। क्योंकि विभिन्न विशेषज्ञों की अलग-अलग राय हो सकती है। ऐसे व्यक्ति से सावधान रहें जो यह दावा करता है वह सबकुछ जानता है। एक से अधिक विशेषज्ञों से चर्चा कर सही जानकारी पाठकों तक पहुंचाएं।

याद रखें हर अफवाह कवरेज की हकदार नहीं:
कवरेज करने में अफवाहों पर ध्यान केन्द्रित करने से बचें। ऐसी अफवाहों को कवर न करें जो चुनिन्दा समुदाय में घूम रही हैं या उन तक ही सीमित हैं। पत्रकारों को अपनी सुर्खियों में अफवाह वाली भाषा का उपयोग नहीं करके अफवाहों के विस्तारण से बचना चाहिए। समाचार की हेडिंग महत्वपूर्ण होती है। इसे सनसनीखेज बनाने से बचना चाहिए। आपने विस्तृत समाचार में यह लिखा भी हो कि यह अफवाह है पर कुछ लोग विस्तृत समाचार को नहीं पढ़ते हैं, केवल हेडिंग ही पढ़ते हैं। इसलिए इसे सरल और संक्षिप्त रखें।

अपमानजनक भाषा से बचें:
कवरेज या रिपोर्टिंग में व्यक्तिपरक विशेषणों का उपयोग कम करें – उदाहरण के लिए “घातक” रोग। कोविड-19 से कई देशों के लोगों के प्रभावित होने की संभावना है। किसी भी जातीयता या राष्ट्रीयता से इसे नहीं जोड़े । जो प्रभावित हुए हैं उनके प्रति सहानुभूति रखें, चाहे वो किसी भी देश के हों। क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

मानचित्र और ग्राफिक्स को दर्शाते समय डेटा स्रोत में दिनांक और संदर्भ को भी शामिल करें:
याद रखें सांख्यिकीय रूप से दर्शायी गई स्टोरी लोग आसानी से समझते हैं । सामान्य लेख की तुलना में इसकी भयानकता कम होती हैं। इसका उपयोग करें क्योंकि इसे समझना आसान है।

`क्या करें और क्या न’ और ज़रूरी जानकारी – को लेखों में बार बार दोहरायें
ऐसा करने से ज़रूरी जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी| यह इस लिए भी आवश्यक है क्योंकि समुदाय जानकारी चाहता है|

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कोरोना वायरस

छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में मिले 17 नए कोरोना मरीज..

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रायपुर :  कोरोना के 17 मरीज फिर छत्तीसगढ़ में मिले है. स्वास्थ्य विभाग ने बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी और बताया कि 17 जनवरी को 17 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. 4 हजार सैंपलों की जांच की गई. फ़िलहाल प्रदेश के 15 जिलों में संक्रमित मरीज सक्रिय है.

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कोरोना वायरस

ओमिक्रॉन का फैल रहा खतरनाक वेरिएंट, अब तक इतनों की हुई मौत…

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12 जनवरी 2024:-  छत्तीसगढ़ में जेएन-1 वायरस से ही कोरोना फैल रहा है। एम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 48 सैंपलों में 25 जेएन-1 वेरिएंट का मिला। बाकी ओमिक्रॉन का है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार जेएन-1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। इससे ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि यह तेजी से फैलता है पर मृत्यु दर कम है। प्रदेश में तीन लोगों की जो मौत हुई है, उनके वायरस भी जेएन-1 के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी की है। प्रदेश में प्रदेश में पिछले 22 दिनों में 269 मरीज मिल चुके हैं। रोजाना मरीज मिलने का औसत 12 से कुछ ज्यादा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच कराने को कहा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एम्स में कुल 48 सैंपल भेजे थे। प्रदेश में जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे पहले ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इस सीजन में केवल कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। आंबेडकर अस्पताल में चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आर.के. पंडा व मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार जेएन-1 वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है।

रायपुर में नए मरीज नहीं, प्रदेश में 18

राजधानी में गुरुवार को कोरोना को कोई नया मरीज नहीं मिला। वहीं प्रदेश में 18 नए केस मिले हैं। इनमें सुकमा व रायगढ़ में 4-4, बालोद व बस्तर में 3-3, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार व कांकेर में एक-एक मरीज मिला हैं। कुल 4714 सैंपलों की जांच की गई। संक्रमण दर 0.38 फीसदी रही। होम आइसोलेशन में 17 लोग स्वस्थ हुए।एम्स से गुरुवार को जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई। इसमें 48 में 25 सैंपलों में जेएन-1 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बाकी ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले वायरस है। कोरोना से खतरा तो है, लेकिन डरने के बजाय अलर्ट रहने की जरूरत है। -डॉ. डीके तुर्रे, मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य विभाग

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कोरोना वायरस

न्यू ईयर-क्रिसमस के जश्न पर भारी पड़ा कोरोना, 2023 के आखिरी महीने में 10,000 मौतें…

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कोरोना वायरस के केस फिर से आने लगे हैं. इस बार एक और नए वैरिएंट के साथ ये वायरस लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना से पिछले महीने यानी दिसंबर में 10,000 मौतें हुईं हैं. इस रिपोर्ट पर एजेंसी के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बढ़ते कोरोना वायरस की वजह छुट्टियों में सोशल गैदरिंग को बताया है. टेड्रोस ने कहा कि दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं, जबकि नए साल के दौरान 50 देशों में अस्पताल में 42% मरीजों की बढ़ोतरी देखी गई है. ज्यादातर मामले यूरोप और अमेरिका से आए हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह आकड़ा स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि और जगहों पर भी मामले बढ़ रहे हैं जहां रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं, उन्होंने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और इलाज व टीकाकरण की मांग की है.टेड्रोस ने बताया कि JN.1 वैरिएंट अब दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. यह एक ओमिक्रॉन वैरिएंट है, इसलिए मौजूदा टीकों से भी इससे बचा जा सकता है. वहीं डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कोरोनो वायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण दुनिया भर में सांस से संबंधी बीमारियों में इजाफा बताया है.

भारत में अब तक कितनी मौत?

भारत में अब तक, जनवरी 2020 में शुरुआती प्रकोप के बाद से कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 4,50,19, 819 तक पहुंच गई है, जबकि कुल मृत्यु का आंकड़ा 5,33,406 हो गया है. वहीं भारत में पिछले 24 घंटों में 605 नए कोविड मामले दर्ज किए गए है और चार लोगों की मौतें हुईं है.

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