देश-विदेश
*क्या 3 मार्च को होगी फांसी, निर्भया के दोषियों पास अब भी बचे हैं विकल्प*

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश को दहला देने वाले निर्भया कांड के गुनहगार पवन की मृत्युदंड को लेकर दायर क्यूरेटिव पिटीशन सोमवार को खारिज कर दी। डेथ वारंट खारिज हो चुका है। दोषियों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद भी तिहाड़ जेल पहुंच गया है। हालांकि दोषियों के पास अभी भी विकल्प बचे हुए हैं।
अदालत ने दोषियों की फांसी पर रोक लगाने से भी इनकार किया है। हालांकि पवन के पास अभी राष्ट्रपति को दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की इजाजत मांगी। अब तीन जजों की बेंच इस मामले में 5 मार्च को सुनवाई करेगी।
निर्भया मामले में पटियाला हाउस कोर्ट दोषियों के खिलाफ 3 बार डेथ वारंट जारी कर चुकी है। हालांकि 2 बार वह तिकड़मों के सहारे फांसी की सजा टलवाने में सफल रहे हैं।
न्यायमूर्ति एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की संविधान पीठ ने पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी। पवन की ओर से वकील ए. पी. सिंह ने यह याचिका दायर की थी। इस मामले के तीन अन्य गुनाहगारों की क्यूरिटिव पिटीशन और दया याचिकाएं पहले खारिज हो चुकी है।
राजधानी के दक्षिण दिल्ली में निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था, और उसे सड़क पर फेंक दिया गया था। बाद में उसे सिंगापुर के महारानी एलिजाबेथ अस्पताल एयरलिफ्ट करके ले जाया गया था। वहां उसकी मौत हो गई थी।
इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक नाबालिग था, जिसे तीन साल के लिए सुधार गृह भेजा गया था। एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। चार अन्य आरोपियों – मुकेश, अक्षय, विनय और पवन – को फांसी की सजा मिली थी।
देश-विदेश
PM मोदी की चमक के आगे क्षेत्रीय क्षत्रप चारों खाने चित, 2024 के सेमीफाइनल में BJP ने मारी बाजी

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम की है। लोकसभा चुनाव के नजरिये से तीनों अहम राज्य, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी बहुमत की ओर बढ़ रही है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29, राजस्थान में 25 और छत्तीसगढ़ में 11 सीटें हैं। इन तीनों राज्यों में सत्ता की चाबी मिलने से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की दाबेदारी और मजबूत होगी।
इसके साथ यह साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के आगे कोई क्षेत्रीय क्षत्रप आसपास भी नहीं है। राजस्थान में न जादूगर का जादू चला न ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ का कमल खिला। आम लोगों के भरोसा मोदी पर कायम है। इसी का रिजल्ट है कि मध्यप्रदेश में जहां एंटी इनकंबेंसी की बात कही जा रही थी, वहां पर पीएम मोदी के चेहरे ने न सिर्फ सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने का काम किया, बल्कि पार्टी को और मजबूत स्थिति में ला दिया है। मोदी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तबातोड़ रैली कर तमाम कायसों को झुठलाते हुए बीजेपी को तीनों राज्यों में प्रचंड बहुमत की ओर ले जाने का काम किया है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस 2018 में 114 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, वहीं, 2023 में 69 सीट पर सिमटती लग रही है। दूसरी ओर बीजेपी 158 सीट पर जीत की ओर अग्रसर है।
‘संकटमोचक’ की भूमिका में फिर मोदी
विधानसभा चुनाव होने से पहले जब कयास लगाए जा रहे थे कि मध्यप्रदेश में एंटी इनकंबेंसी कांग्रेस का रास्ता आसान करेगी क्योंकि बीजेपी की ओर से मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करीब 17 साल से मुख्यमंत्री है। इसके चलते जनता में असंतोष है। जनता की नाराजगी का फायदा कांग्रेस को मिलेगा। हालांकि, तब बीजेपी में चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह ने न सिर्फ केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव लड़ाने का फैसला किया, बल्कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘संकटमोचक’ की भूमिका में उतरे। उन्होंने राज्य में एक के बाद एक तबातोड़ रैलियां की और जनता को विश्वास दिलाया कि मोदी की गारंटी फेल नहीं होगी। मोदी के चेहरे पर लोगों का भरोसा किया जो बीजेपी के लिए संजीवनी बन गया। सारे चुनावी पंडितों के कायास को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी तीनों अहम राज्यों में लैंड सालाइड विक्ट्री की ओर है।
2024 के सेमीफाइनल में पास बीजेपी
अगले साल देश में आम चुनाव होने वाले हैं। राजनीति पंडितों की माने तो पांच राज्यों में हुए चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देख रहे थे। ऐसे में एक बार फिर से हिंदी भाषी बहुल राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जबरदस्त वापसी कर बीजेपी ने साबित कर दिया है कि उसका कोई तोड़ नहीं है। नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। पांच राजयों में से तीन बड़े राज्यों में जीत के साथ 2024 के सेमीफाइनल में शानदार तरीके से बाजी मारी है। इस जीत के साथ न सिर्फ बीजेपी नए उत्साह से 2024 की तैयारी में जुटेगी बल्कि तमाम विपक्षी दलों को फिर से सोचने को मजबूर होगा। सबसे बड़ा झटका ‘इंडिया’ अलायंस को लगेगा।
गहलोत-कमलनाथ का राजनीति भविष्य क्या खत्म?
राजनीति जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान चुनाव में कांग्रेस की हार के साथ न सिर्फ 2024 की तैयारियों को बड़ा झटका लगा है, बल्कि अशोक गहलोत और कमलानाथ का राजनीति भविष्य भी खत्म हो गया है। ऐसा इसलिए कि गहलोत 72 साल के हो गए हैं। वहीं, कमलनाथ 77 साल के हैं। अब इनके पास इतना समय नहीं बचा है कि ये अगले चुनाव तक पार्टी की कमाल संभाल सके।
देश-विदेश
मध्य प्रदेश और राजस्थान में शुरुआती रूझानों में बीजेपी को बहुमत

2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माने जा रहे 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में वोटिंग संपन्न हो चुकी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में आज मतगणना का दिन है जबकि मिजोरम में 4 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी एवं कांग्रेस के बीच जोरदार लड़ाई देखने को मिल सकती है जबकि तेलंगाना में BRS और कांग्रेस के बीच असली मुकाबला होगा।
राजस्थान की सभी 199 सीटों के रूझान सामने आ चुके हैं। 107 सीटों पर बीजेपी आगे है और रूझानों में बहुमत का आंकडा़ पार कर चुकी है। वहीं, कांग्रेस ने 88 और अन्य से 4 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है।
मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों के रूझान सामने आ चुके हैं। 132 सीटों पर बीजेपी और 96 सीटों पर कांग्रेस ने बढ़त बनाई हुई है। 2 सीटों पर अन्य आगे हैं। इस तरह देखा जाए तो रूझानों में बीजेपी को बहुमत मिल चुका है।
देश-विदेश
फिलीपींस में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 7.5 की तीव्रता, सुनामी की चेतावनी जारी

फिलीपींस की धरती भूकंप के तेज झटकों से हिल उठी है। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (ईएमएससी) के मुताबिक इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.5 मापी गई है। भूकंप की तीव्रता के मद्देनजर सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। भूकंप का केंद्र 63 किमी (39 मील) गहराई में था।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक रात 8 बजकर 7 मिनट पर भूकंप के तेज झटकों से फिलीपींस की धरती हिल उठी। भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि लोगों में दहशत फैल गई और लोग अफरा-तफरी में इमारतों से बाहर निकल पड़े। फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
ऊपरी इलाकों में जाने की सलाह
भूकंप की तीव्रता को देखते हुए दक्षिणी फिलीपीन और इंडोनेशिया, पलाऊ और मलेशिया के कुछ हिस्सों में सुनामी आने की आशंका है। फिलीपीन की एक सरकारी एजेंसी ने मिंडानाओ के पूर्वी तट पर सुरिगाओ डेल सुर और दावो ओरिएंटल प्रांतों के लोगों को तुरंत ऊपरी इलाकों में जाने की सलाह दी है।
पिछले महीने भी आया था भूकंप
बता दें कि पिछले महीने भी फिलीपिंस में तेज भूकंप आया था। इस भूकंप की तीव्रता 6.7 मापी गई थी। यह भूकंप फिलीपींस के दक्षिणी सिरे पर बुरियास से 26 किलोमीटर (16 मील) दूरी पर आया। भूकंप का केंद्र 78 किलोमीटर (48 मील) गहराई में था।
फिलीपींस में अक्सर आते हैं भूकंप
दरअसल, प्रशांत ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित होने के कारण फिलीपींस में अक्सर भूकंप आते हैं और ज्वालामुखी विस्फोट होता है। ‘रिंग ऑफ फायर’ धनुष के आकार की वह रेखा है जो प्रशांत महासागर के उस हिस्से में हैं जहां सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं।
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