कोरोना वायरस
*जानिए, कर्फ्यू और लॉकडाउन के बीच क्या होता है अंतर*
चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस (Corona virus) का कोहराम 190 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। इस बीच कई देशों में लॉकडाउन घोषित किया गया है तो कहीं कर्फ्यू तक लगाया दिया गया है। आइए, जानते हैं कर्फ्यू और लॉकडाउन के बीच क्या होता है अंतर…
आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों को एक समय सीमा के लिए घरों में रहने के लिए प्रशासन की ओर से कर्फ्यू का आदेश दिया जाता है।
कर्फ्यू के तहत लोगों को हिदायत दी जाती है कि वो अपने घरों से बाहर सड़कों पर न निकलें। इस दौरान स्कूल, कॉलेज और बाजार सब बंद रहते हैं। उल्लंघन करने वाले की गिरफ्तारी हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन एक आपातकाल व्यवस्था होती है, जिसमें लोगों को अलग-थलग करने के लिए इसे गाया जाता है। इस दौरान लोगों को किसी इलाके या इमारत में रहने के निर्देश दिए जाते हैं और वहां से निकलने के लिए मना किया जाता है।
उन्हें केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। हालांकि इस दौरान आवश्यक सुविधाएं जारी रहती हैं, लेकिन यह भी प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह किन सेवाएं को जारी रखना चाहता है।
लॉकडाउन में स्थानीय प्रशासन निजी संस्थानों को बंद करवा देता है और वर्क फ्रॉम होम के आदेश देता है। इसका उद्देश्य यह है कि लोग अपने घरों में ही रहें ताकि किसी तरह का संक्रमण नहीं फैले।
कर्फ्यू और लॉकडाउन दोनों को अलग-अलग स्थितियों में लगाया जाता है। दोनों के बीच अंतर प्रशासन द्वारा जारी रखी गईं सेवाओं का होता है। लॉकडाउन में कोर्ट की मंजूरी के बिना गिरफ्तारी नहीं की जा सकती जबकि कर्फ्यू में पुलिस बिना कोर्ट की मंजूरी के भी गिरफ्तार कर सकती है।
कोरोना वायरस
छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में मिले 17 नए कोरोना मरीज..
रायपुर : कोरोना के 17 मरीज फिर छत्तीसगढ़ में मिले है. स्वास्थ्य विभाग ने बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी और बताया कि 17 जनवरी को 17 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. 4 हजार सैंपलों की जांच की गई. फ़िलहाल प्रदेश के 15 जिलों में संक्रमित मरीज सक्रिय है.
कोरोना वायरस
ओमिक्रॉन का फैल रहा खतरनाक वेरिएंट, अब तक इतनों की हुई मौत…
12 जनवरी 2024:- छत्तीसगढ़ में जेएन-1 वायरस से ही कोरोना फैल रहा है। एम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 48 सैंपलों में 25 जेएन-1 वेरिएंट का मिला। बाकी ओमिक्रॉन का है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार जेएन-1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। इससे ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि यह तेजी से फैलता है पर मृत्यु दर कम है। प्रदेश में तीन लोगों की जो मौत हुई है, उनके वायरस भी जेएन-1 के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी की है। प्रदेश में प्रदेश में पिछले 22 दिनों में 269 मरीज मिल चुके हैं। रोजाना मरीज मिलने का औसत 12 से कुछ ज्यादा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच कराने को कहा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एम्स में कुल 48 सैंपल भेजे थे। प्रदेश में जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे पहले ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इस सीजन में केवल कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। आंबेडकर अस्पताल में चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आर.के. पंडा व मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार जेएन-1 वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है।
राजधानी में गुरुवार को कोरोना को कोई नया मरीज नहीं मिला। वहीं प्रदेश में 18 नए केस मिले हैं। इनमें सुकमा व रायगढ़ में 4-4, बालोद व बस्तर में 3-3, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार व कांकेर में एक-एक मरीज मिला हैं। कुल 4714 सैंपलों की जांच की गई। संक्रमण दर 0.38 फीसदी रही। होम आइसोलेशन में 17 लोग स्वस्थ हुए।एम्स से गुरुवार को जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई। इसमें 48 में 25 सैंपलों में जेएन-1 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बाकी ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले वायरस है। कोरोना से खतरा तो है, लेकिन डरने के बजाय अलर्ट रहने की जरूरत है। -डॉ. डीके तुर्रे, मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य विभाग
कोरोना वायरस
न्यू ईयर-क्रिसमस के जश्न पर भारी पड़ा कोरोना, 2023 के आखिरी महीने में 10,000 मौतें…
कोरोना वायरस के केस फिर से आने लगे हैं. इस बार एक और नए वैरिएंट के साथ ये वायरस लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना से पिछले महीने यानी दिसंबर में 10,000 मौतें हुईं हैं. इस रिपोर्ट पर एजेंसी के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बढ़ते कोरोना वायरस की वजह छुट्टियों में सोशल गैदरिंग को बताया है. टेड्रोस ने कहा कि दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं, जबकि नए साल के दौरान 50 देशों में अस्पताल में 42% मरीजों की बढ़ोतरी देखी गई है. ज्यादातर मामले यूरोप और अमेरिका से आए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह आकड़ा स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि और जगहों पर भी मामले बढ़ रहे हैं जहां रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं, उन्होंने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और इलाज व टीकाकरण की मांग की है.टेड्रोस ने बताया कि JN.1 वैरिएंट अब दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. यह एक ओमिक्रॉन वैरिएंट है, इसलिए मौजूदा टीकों से भी इससे बचा जा सकता है. वहीं डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कोरोनो वायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण दुनिया भर में सांस से संबंधी बीमारियों में इजाफा बताया है.
भारत में अब तक कितनी मौत?
भारत में अब तक, जनवरी 2020 में शुरुआती प्रकोप के बाद से कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 4,50,19, 819 तक पहुंच गई है, जबकि कुल मृत्यु का आंकड़ा 5,33,406 हो गया है. वहीं भारत में पिछले 24 घंटों में 605 नए कोविड मामले दर्ज किए गए है और चार लोगों की मौतें हुईं है.
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