देश-विदेश
*धर्म’ भुलाकर जो लोग दंगों में एक दूसरे के लिए बन गए ‘फरिश्ते*
दिल्ली जिस वक्त दंगों की आग में झुलस रही थी, ठीक उसी वक्त कुछ ऐसे लोग भी थे जो एक दूसरे की जान बचाने के लिए फरिश्ते बन गए। हिंदू हो या मुस्लिम नफरत की इस आग के बीच सभी ने एक दूसरे की मदद कर सौहार्द का पैगाम दिया। जानते हैं ऐसी ही कुछ कहानियां।
अंतिम संस्कार में मुस्लिमों ने की मदद
अपने परिवार को पालने के लिए 20 साल के दिलबर कुछ ही महीने पहले उत्तराखंड से दिल्ली आए थे। लेकिन वे दिल्ली दंगों के शिकार हो गए। दंगाइयों ने दिलबर को बेरहमी से मारा और फिर जला दिया। दिलबर के शव को उत्तराखंड ले जाने के लिए परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे। उन्होंने अंतिम संस्कार दिल्ली में ही करने का फैसला किया। उसके अंतिम संस्कार के लिए भी कई मुस्लिमों ने आर्थिक मदद दी।
मार्शल की सूझबूझ से बची 20 जान
खजूरी चौक से गुजर रही एक बस को दंगाइयों ने घेर लिया। करीब 100 से ज्यादा दंगाइयों ने बस को साइड में लगाने की बात की। वे बस में आग लगाने की तैयारी में थे। लेकिन मार्शल गुलशन कुमार दंगाइयों को बातों में उलझाते रहे और इसी दौरान बस ड्राइवर बस को धीमे धीमे आगे चलाता रहा। मार्शल ने दंगाइयों को कहा कि वे बस को साइड में लगाते हैं, यह कहकर वे एक यूटर्न तक पहुंच गए। वहां से इसके पहले कि दंगाई कुछ समझ पाते बस को यूटर्न करते ही तेज गति से भगा दी। और शास्त्री पार्क रेड लाइट ले आए।
और हीरो बन गए एसपी
यूपी पुलिस के एसपी नीरज जादौन नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के हिंसा के दौरान हीरो बनकर उभरे हैं। उन्होंने दंगे में कई परिवारों को बचाया। दंगे के वक्त 25 फरवरी को नीरज दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पट्रोलिंग कर रहे थे। उसी वक्त उन्हें करीब 200 मीटर दूर गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जिस जगह गोली चली, वह इलाका दिल्ली के करावल नगर में था। उन्होंने देखा कि 40 से 50 लोगों की भीड़ गाड़ियों में आग लगा रही है। उनमें से एक पेट्रोल बम लेकर एक घर में घुस गया। नीरज ने तुरंत बॉर्डर पार करते हुए दंगाइयों को रोक लिया और वहां से खदेड दिया।
यह गांव बना भाईचारे की मिसाल
करीब 500 साल पुराना घोंडा गांव में गुर्जर और ब्राह्मण रहते हैं। यहां ठाकुर और कुम्हार भी हैं। इन्हीं के बीच करीब 10 मुस्लिम परिवार भी यहां कई पीढ़ियों से हैं। ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंकज शर्मा ने बताया कि मीडिया आई थी गांव के हालचाल जानने के लिए। उनके बुलाने पर हाजी जुबैर, हाजी इस्लामुद्दीन, मुजम्मिल और राशिद समेत कई लोग घरों से बाहर आए। उन्होंने बताया कि पूरे गांव में करीब 10 परिवार तो कई पुश्तों से रह रहे हैं। करीब 100 फैमिली किराए पर रहती हैं, लेकिन गांव में एक भी मुस्लिम को किसी ने हाथ नहीं लगाया। दंगा फैलाने की फिराक में कुछ बाहरी लोग झुंड में घूम रहे थे,लेकिन गांव के लोगों ने उन्हें खदेड दिया।
देश-विदेश
खौलते दूध का बॉयलर फटा, महिला का सिर धड़ से अलग, दूसरी का फटा सिर..
उत्तर प्रदेश:- उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक दर्दनाक हादसे में दो महिला की मौत हो गई. मिठाई में इस्तेमाल के लिए दूध को उबाला जा रहा था. घर में ही दूध को खौलाया जा रहा था. मौके पर बॉयलर फट गया. बॉयलर के फटने से एक महिला का सिर धड़ से अलग हो गया. साथ ही एक और महिला का सिर फट गया. इस हादसे के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है. इस घटना की सूचना मिलने पर हर शख्स सन्न रह गया. घटना की सूचना पुलिस फोर्स, दमकल विभाग के कर्मचारियों को दी गई. मौके पर सभी स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंच गई. सभी टीमों की मदद के पहले ही गांववालों ने हालात पर काबू पा लिया. इस हादसे का शिकार हुई महिला का शव पुलिस ने मृतक महिला का शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
पत्नी के सिर धड़ से अलग हुआ
ये घटना खुटहन के डिहिया गांव की है. इसी गांव के रहने वाले राजेंद्र बिंद के घर में ये हादसा हुआ. मिठाई में ज्यादातर दूध का ही इस्तेमाल होता है. ऐसे में मिठाई बनाने के लिए अपने घर में दूध खौलाने के लिए छोटे बॉयलर लगाया था. उनकी पत्नी घर पर मिठाई बनाने के लिए बॉयलर पर दूध गर्म कर रही थीं. इसी दौरान बॉयलर में तेज धमाका होने से आसपास अंधेरा सा छा गया, हादसे में बॉयलर का ढक्कन फटने से राजेन्द्र की पत्नी मनीता बिन्द का सिर धड़ से अलग होकर दूर जा गिरा. ब्लास्ट की चपेट में आने से वहां मौजूद राजेन्द्र और सीता देवी भी घायल हो गईं. धमाके की आवाज से गांव में हड़कंप मच गया. आस-पास के लोग भारी संख्या में इकट्ठा हो गए.
शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा
घटना की सूचना के बाद पुलिस और फायरब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया. शाहगंज के डीएसपी अजीत सिंह चौहान की मौजूदगी में महिला के शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. हादसे में घायल हुए अन्य दोनों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
डीएसपी ने बताया
इस सम्बंध में शाहगंज के डीएसपी अजीत सिंह चौहान ने बताया कि खुटहन के डिहियां गांव में घर पर मिठाई बनाने के लिए बॉयलर पर दूध गर्म करते समय ब्लास्ट हुआ. इस घटना में एक महिला की मौत हो गयी, अन्य दो लोग घायल हुए हैं. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए अन्य आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
देश-विदेश
दिल्ली में बिना बुखार के हो रहा वायरल! इन्हेलर भी बेअसर,सैकड़ों की संख्या में पहुंचे मरीज अस्पताल..
दिल्ली:- बिना बुखार के वायरल संक्रमण, आज से पहले कभी आपने सुना है? नहीं न, लेकिन अब ये बीमारी दिल्ली-एनसीआर में पैर पसार चुकी है. इस बीमारी से जूझ रहे सैकड़ों मरीज रोजाना अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी स्थिति में मरीजों को दिया जा रहा इन्हेलर और नेबुलाइजर भी बेअसर हो रहा है. वहीं ऐसे दर्जनों मरीज आ रहे हैं जो खांसी की कई सिरप पी-पीकर खाली कर चुके हैं या एंटीबायोटिक्स के कई-कई कोर्स पूरे कर चुके हैं लेकिन उन्हें आराम नहीं मिल रहा.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन ग्लोबल एयर पॉल्यूशन एंड ग्लोबल हेल्थ के सदस्य और पीएसआरआई अस्पताल नई दिल्ली के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन चेयरमैन डॉ. गोपीचंद खिलनानी बताते हैं, ‘अक्टूबर में अभी मेरे पास ऐसे मरीज आना शुरू हुए हैं, जो पहले एकदम ठीक थे और इन्हें अचानक खांसी आने के साथ ही थकान, नाक बहना, गले में दर्द, छाती में दवाब, सांस लेने में कठिनाई और घरघराहट जैसी दिक्कतें होने लगीं. मरीजों ने बताया कि उन्हें न तो बुखार है और बलगम भी ज्यादा नहीं है लेकिन न तो वे लेट पा रहे हैं और न ही बैठ पा रहे हैं.’
बेअसर हो रहीं दवाएं
इन मरीजों पर न केवल इन्हेलर और नेबुलाइजर बेअसर हो रहे हैं, बल्कि जो मरीज पहले से अस्थमा, सांस की बीमारी, सीओपीडी याा अन्य बीमारियों की दवाएं खा रहे हैं, वे दवाएं भी असर नहीं कर रही हैं और ऐसे मरीजों की दवाएं बदलनी पड़ रही हैं. इन्हेलर और नेबुलाइजर लेने की संख्या भी बढ़ानी पड़ रही है.
मरीज न करें ये गलतियां
डॉ. गोपीचंद ने कहा कि सबसे पहले लोग प्रदूषित हवा से खुद को बचाएं, कम से कम बाहर निकलें. इसके अलावा जिन्हें भी प्रदूषण की वजह से ये दिक्कतें हो रही हैं वे सेल्फ मेडिकेट करने की गलती न करें. वे खुद से दवा न लें, डॉक्टर की सलाह से दवा लें. इस बीमारी में भूलकर भी एंटीबायोटिक्स न लें, इस समय एंटीबायोटिक्स बेअसर हैं और कोई फायदा नहीं कर रही हैं.
बचाव के कुछ तरीके..
. इन दिनों भीड़भाड़, बिजी मार्केट में न जाएं.
. ट्रैवलिंग कम से कम करें.
. वॉक पर जा रहे हैं तो अर्ली मॉर्निंग में न जाएं, क्योंकि उस समय स्मॉग से पॉल्यूशन जमीन पर रहता है.
. जब तक धूप न आए तब तक न जाएं.
. अगर जा रहे हैं तो एन 95 मास्क ही पहनकर जाएं.
. जिन्हें फेफड़ों की बीमारी है, वे एयर प्यूरिफायर लेकर जाएं.
देश-विदेश
मेरी बहन से बेहतर कोई है, मैं कल्पना नहीं कर सकता, राहुल ने क्यों की प्रियंका की इतनी तारीफ?
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के वायनाड संसदीय क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने से पहले मंगलवार को कहा कि मेरी अपनी बहन से बेहतर प्रतिनिधि की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता। बता दें कि प्रियंका गांधी वाद्रा बुधवार (23 अक्टूबर) को वायनाड संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करेंगी। प्रियंका गांधी के नामांकन के मौके पर उनकी मां सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और कई अन्य नेता मौजूद रहेंगे।
राहुल ने ट्वीट कर की बहन की तारीफ
राहुल गांधी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल से पोस्ट किया, ‘‘वायनाड के लोग मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं और मैं उनके लिए अपनी बहन प्रियंका गांधी से बेहतर प्रतिनिधि की कल्पना नहीं कर सकता। मुझे विश्वास है कि वह वायनाड की जरूरतों की एक धुर समर्थक और संसद में एक शक्तिशाली आवाज साबित होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘कल, 23 अक्टूबर को हमारे साथ जुड़ें, जब वह वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगी। आइए मिलकर यह सुनिश्चित करें कि प्रेम से वायनाड का प्रतिनिधित्व होता रहे।’’
जीत मिली तो पहली बार प्रियंका सदन में दिखेंगी
वायनाड सीट से अगर जीत मिल गई तो प्रियंका पहली बार किसी सदन की सदस्य बनेंगी। वह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में उतरी थीं। उसके बाद से वह कांग्रेस के महासचिव की जिम्मेदारी निभा रही हैं। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से जीत दर्ज की थी। जून में कांग्रेस ने घोषणा की थी कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में रायबरेली संसदीय क्षेत्र रखेंगे और केरल की वायनाड सीट खाली कर देंगे, जहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी चुनावी पारी की शुरुआत करेंगी।
संसद में गांधी फैमिली के तीन सदस्य नजर आएंगे
प्रियंका गांधी जीत के बाद पहली बार इस सीट से सांसद बनेंगी और यह पहली बार होगा कि गांधी परिवार के तीन सदस्य – सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका एक साथ संसद में साथ-साथ दिखेंगे। बता दें कि वायनाड संसदीय सीट और 47 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को झारखंड विधानसभा के पहले चरण के मतदान के साथ होगा और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
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