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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सभी मजदूर साथियों को मजदूर दिवस की दी बधाई लॉक डाउन ने गरीब मजदूरों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है : मोहन मरकाम

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रायपुर / 01 मई 2020। विश्व मजदूर दिवस 1 मई को सभी मजदूर साथियों को बधाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आज करोना संक्रमण की विकट स्थिति के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मजदूरों के साथ खड़ी है और उनके लिए काम कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि करोना एक संक्रामक बीमारी है। विश्व की वर्तमान स्थिति देश की स्थिति और देश के अनेक राज्यों की स्थिति भयावह है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने देश से पहले करोना पर नियंत्रण का काम जन जन के सहयोग से किया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के लोग मोर्चा संगठनों के लोग सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर जन-जन की और खासकर गरीब मजदूर अशक्त जन की मदद करने में लगे हुए है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि शुरू में रायपुर दुर्ग राजनांदगांव कोरबा जैसे बड़े शहरों में करोना संक्रमण के मामले सामने आए । सरकार ने प्रशासन ने पुलिस ने और स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभावी नियंत्रण किया और आज यह बड़े महानगर करोना के संक्रमण से मुक्त हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरबा जिले में कटघोरा में करोना संक्रमण ने तेजी से फैलना शुरू किया था। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी और कड़े कदमों के बाद प्रशासन पुलिस स्वास्थ्य विभाग ने करोना पर कटघोरा में प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त की अब कोरबा जिला और कटघोरा संक्रमण से मुक्त हो चुका है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि एक चिकित्सा अधिकारी करोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए खुद संक्रमण का शिकार हो गया। झारखंड के प्रवासी मजदूर सूरजपुर में क्वेरेंटाइम किए गए थे उनमें से तीन करोना संक्रमण से प्रभावित पाए गए हैं और उनका भी इलाज चल रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर व्यक्ति की चिंता छत्तीसगढ़ सरकार को और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को है । गरीब मजदूर असहाय निशक्त जंगलों में रहने वाले रोज कमाने रोज खाने वाले लोग कांग्रेस की प्राथमिकता में है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि लॉक डाउन ने गरीब मजदूरों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।

लॉक डाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ में गरीबों के लिए मजदूरों के लिए जंगल में वनोपज इकट्ठा करने वालों के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

जंगल में वनोपज संग्रहण करने वालों का ध्यान छत्तीसगढ़ सरकार ने रखा है। ट्रायफेड Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में अभी तक 18 करोड़ 63 लाख से अधिक मूल्य की लघु वनोपज की खरीद की जा चुकी है। यह पैसा सीधे-सीधे आदिवासियों और गांव में जंगल म्रइन हने वालों के पास पहुंचा है।

देश में अभी तक कुल 18 करोड़ 67 लाख 26 हजार रुपए की लघु वनोपज की खरीद की गई है।

झारखंड में ₹3 लाख 39 हजारऔर उड़ीसा में ₹5 हजार की लघु वनोपज की खरीद की गई है।

लघु वनोपज की खरीद का यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

वनोपज संग्रहण के इस सीजन में 1 लाख 32 हजार 272 संग्राहकों से 21 करोड़ रुपये की लघु वनोपज का संग्रहण किया जा चुका है करोना लॉक डाउन के कारण संकट की इस घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी और नगद भुगतान से जंगलों में रहने वाले आदिवासियों और ग्रामीणों को राहत मिली है। वनोपज के संग्रहण के काम के कारण खासकर आदिवासी इलाकों में रहने वालों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने लगातार छत्तीसगढ़ में मनरेगा के काम खोले जाने के लिए राशि जारी करने की बात कहीं लेकिन केंद्र सरकार ने नए काम खोलने की बात तो दूर पुरानी बजाय राशि भी नहीं जारी की। पुराने बकाया में से और नए कामों के लिए कुछ राशि जारी की गई है जिसका छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंह देव की देखरेख में लगातार समुचित उपयोग किया जा रहा है और वर्तमान में छत्तीसगढ़ देश में कुल मजदूरों की संख्या के 24% अर्थात 1850000 मजदूरों को प्रतिदिन काम देकर देश का अग्रणी राज्य बन गया है।

छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य हैं यहां छत्तीसगढ़ से आधे मजदूरों को भी काम नहीं दिया जा सका।

लेकिन जो मजदूर कमाने खाने चले गए वह करोना संकट के बाद लाक डाउन में बुरी तरह से फस गए हैं। भारतीय रेल देश की जीवन रेखा है।जिस तरह से पहले ट्रेनें बंद की गई और उसके बाद लॉक डाउन किया गया उससे मजदूर बहुत कठिनाई में हैं। करोना महामारी और लॉक डाउन के कारण छत्तीसगढ़ से बाहर गए प्रवासी मजदूर रोजी रोजगार के संकट अपने पास की गाढ़ी पूंजी समाप्त हो जाने और खाने रहने और चिकित्सा की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। काम धंधा भी बंद हो चुका है और खर्चे बदस्तूर जारी है। मजदूरों को परेशानियां उठानी पड़ रही है।

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने प्रवासी मजदूरों की तकलीफों को दूर करने के लिए एक हेल्प डेस्क का गठन किया जहां से उनको संबंधित राज्य सरकारों के माध्यम से स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से मदद पहुंचाई जा रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों की संख्या को देखते हुए यह बहुत बड़ा काम है और इस काम में छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारी लगातार लगे हुए है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अब जब बाहर काम धंधा भी बंद हो गया है और मजदूरों की पूंजी भी खत्म हो गई है और खाने रहने और चिकित्सा की परेशानियां हो रही हैं और छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी का समय भी नजदीक है इसे देखते हुए इन लाखों मजदूरों को जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक जो फसे हुए हैं वापस लाना इन्हें क्वॉरेंटाइन करना और इन्हें इनके गांव तक सुरक्षित पहुंचाना बहुत बड़ी आवश्यकता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ साथ AICC के छत्तीसगढ़ प्रभारी श्री पी एल पुनिया और छत्तीसगढ़ के सभी 5 कांग्रेस सांसदों 2 लोकसभा और 3 राज्यसभा सदस्यों ने छत्तीसगढ़ से कमाने खाने बाहर गये प्रवासी मजदूरों की समस्या को न केवल महसूस किया है बल्कि इसके लिए प्रभावी पहल भी की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर चर्चा में इन मजदूरों की समस्या को सामने रखा है और इनके लिए विशेष ट्रेन चला कर इन्हें राज्य में वापस लाने की बात की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोटा में पढ़ने वाले 29 छात्र अपने संसाधनों से छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंच गए थे और इन सभी छात्रों को क्वेरेंटाइन करने के बाद करोना मुक्त पाए जाने के बाद उनके परिवार जनों को सौंप दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष पहल करके अपने संसाधनों से पूरी चिकित्सा व्यवस्था के साथ 100 बसें भेज कर कोटा से 2000 से अधिक छात्रों को लाकर छत्तीसगढ़ में क्वेरेन्टाइन किया है और 14 दिन की अवधि बीत जाने के बाद समिति यहां करके इन बच्चों को उनके पालकों को सौंप दिया जायेगा। यह क्रम अभी भी जारी है और कुछ बसें कोटा से छात्रों को लेकर छत्तीसगढ़ के रास्ते में है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि करोना के कारण लाकडाउन में फंसे छत्तीसगढ़ के अन्य छात्र और मजदूर छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में है और उनके लिए लगातार पहल की जा रही है।

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कार्यकर्ता सहायिका की रिक्त पद पर दावा आपत्ति 15 अक्टूबर तक

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नारायणपुर, 11 अक्टूबर 2024  : एकीकृत बाल विकास परियोजना अंतर्गत छोटेडोंगर हेतु कार्यकर्ता सहायिका की रिक्त पद पर के द्वारा विज्ञापन जारी किया जाकर आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया था, जिसका प्राविधिक मूल्याँकन योग्यता क्रम सूची का प्रकाशन किया गया है। मूल्याँकन योग्यता सूची का प्रकाशन बाल विकास परियोजना छोटेडोंगर एवं जनपद पंचायत कार्याल नारायणपुर के सूचना पलक में चस्पा कर दिया गया है। यदि किसी उम्मीदवार को किसी प्रकार की कोई दावा आपत्ति हो तो बाल विकास परियोजना छोटेडोंगर में 15 अक्टूबर 2024 तक कार्यालयीन समय 5.30 बजे तक (शासकीय अवकाश को छोड़कर) दावा आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। समयावधि के पश्चात् प्रस्तुत दावा आपत्ति पर कोई विचार नही किया जावेगा।

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राज्यपाल डेका से डॉ. शर्मा ने सौजन्य भेंट की

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रायपुर, 11 अक्टूबर 2024  : राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के विभागाध्यक्ष  डॉ. दीपक शर्मा ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर अनामिका चौधरी, मनोज चौधरी भी उपस्थित थे।

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नक्सलियों द्वारा बिछाए आईईडी में पैर गवाने वाले नक्सल पीड़ितों को मिला कृत्रिम पैर का सम्बल

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रायपुर, 11 अक्टूबर 2024 : वनोपज संग्रहण या खेती कार्य जैसे अपनी दैनिक जीवनचर्या के बीच जंगलों के रास्ते गुजरते समय नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बमों में ब्लास्ट की अलग-अलग घटनाओं में अपना पैर गंवाकर अपाहिज की दर्दभरी जिंदगी जी रहे बस्तर के ग्रामीणों को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश व उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर कृत्रिम पैर का संबल मिल रहा है। पहले चरण में नक्सल हिंसा प्रभावित ऐसे 6 लोगों को फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाकर चलने की ट्रेनिंग दी गई। आईईडी ब्लास्ट में पैर खोने के बाद से चलने फिरने के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए ये लोग अब कृत्रिम पैर पाकर इतने उत्साहित हैं कि खुद अपने पैरों से चलकर आज उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के निवास अपनी खुशी व्यक्त करने पहुंचे।

उल्लेखनीय है कि बस्तर क्षेत्र के लगभग 70 नक्सल पीड़ितों ने बस्तर शांति समिति की पहल पर विगत सितंबर माह में दिल्ली जाकर जंतर मंतर में प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह तथा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें आप बीती बताते हुए बस्तर में शांति की गुहार लगाई थी। वहीं दिल्ली से लौटकर वे आए तो उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय में एक-एक पीड़ितों से बात कर उनका हालचाल जाना था और उनका हौसला बढ़ाया था और आईईडी ब्लास्ट में पैर गवा चुके पीड़ितों के कृत्रिम पैर लगवाने के निर्देश दिए थे।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार आईईडी ब्लास्ट में अपने अंग खोने वाले ग्रामीणों का समाज कल्याण विभाग के सहयोग से ऐसे नक्सल हिंसा पीड़ितों को कृत्रिम अंग लगाने की शुरुआत हो गई है। कृत्रिम पैर लगाने के लिए बस्तर से 9 नक्सल पीड़ित का आना तय हुआ था, किंतु व्यक्तिगत कारणों से 3 पीड़ित अभी नहीं पहुंच पाए।  इस प्रकार 6 नक्सल पीड़ित गुड्डू लेकाम बीजापुर, अवलम मारा बीजापुर, सुक्की मड़कम सुकमा, सोमली खत्री बीजापुर, खैरकम जोगा बीजापुर, राजाराम बीजापुर को फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाए गए।

कृत्रिम पैर लगने के बाद इनकी जिंदगी एक नई करवट ले रही है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा के निवास पहुंचे इन नक्सल पीड़ितों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे अच्छा महसूस कर रहे हैं। कदम-कदम पर किसी और के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिंदगी में अब आगे बढ़ने और कुछ हासिल करने की सोच सकते हैं। हालांकि नक्सलियों ने जो छीना है उसकी भरपाई नहीं हो सकती। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता से उन्हें कृत्रिम पैर सुलभ होने के साथ जीवन में नया उत्साह आया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त किया।

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