कोरोना वायरस
प्रवासी मजदूरों की ‘मजबूरी’ पर सरकार के थोथे आश्वासन, सबसे बड़ा सवाल कैसे संभलेंगे हालात?

केंद्र सरकार कोरोना काल में विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए जल-आकाश में मिशन चला रही है। ‘वंदे भारत मिशन’ चलाकर विदेश में फंसे हजारों भारतीय को वापस लाया जा रहा है, लेकिन देशभर में एक-राज्यों से दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों की दिल को झकझोर देने वाली इन तस्वीरों पर उसका ध्यान क्यों नहीं जा रहा है?
भूखे-प्यासे ये मजदूर पैदल ही अपने कंधों पर मासूम बच्चों उठाए सैकड़ों किलोमीटर की दूरी नाप रहे हैं। हजारों की संख्या में पलायन कर रहे ये प्रवासी मजदूर जब अपने शहरों में आएंगे तो इन्हें संभालना स्थानीय प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती नहीं होगा?
देश में कोरोना का गढ बन चुके महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में ऑटो रिक्शा चालक मध्यप्रदेश की सीमा में आ रहे हैं। लंबा सफर कर ये उत्तरप्रदेश और बिहार जा रहे हैं। जहां कोरोना से लड़ाई में सोशल डिस्टेंसिंग एक बड़ा हथियार है, वहीं प्रवासी मजदूर अपने घर जाने में भेड़-बकरियों की तरह ट्रकों और अन्य वाहनों में बैठे हुए हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रवासी मजदूरों के प्रबंध के कितने ही दावे करें, लेकिन जमीनी हकीकत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरें बयां कर रही हैं।
कसारा घाट पर गाड़ियों का एक बड़ा रैला नजर दिख रहा है। इसमें टैक्सी, ट्रक, छोटी गाड़ियां और दोपहिया वाहन शामिल हैं। इन गाड़ियों के कारण घाट पर 10 से 15 किलोमीटर तक का लंबा जाम लग गया है।
70 प्रतिशत गाड़ियों में प्रवासी मजदूर दिखाई दे रहे हैं, जिनके आगे लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इनमें वे टैक्सियां भी दिखाई दे रहे हैं, जो महाराष्ट्र की सड़कों पर दौड़ती हैं। कोरोना काल में इनके आगे भी संकट खड़ा हो गया है।
1947 में आजादी के बाद हुए बंटवारे के बाद पलायन के बाद ऐसे दृश्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर दिखाई दे रहे हैं। कोरोना का प्रकोप महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र में कोरोना के संक्रमितों की संख्या 20 हजार को पार कर चुकी है, ऐसे में एक खतरा यह भी है कि कहीं इन मजदूरों में कोरोना कैरियर न हो, जो अपने शहर और गांव में जाकर कोरोना को फैला दें।
भले ही ये मजदूर नेताओं और पार्टियों के लिए वोट बैंक न हों, लेकिन मानवीयता के आधार पर तो इन प्रवासी मजदूरों के लिए तो राज्य सरकारों को प्रबंध करना चाहिए। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो प्रवासी मजदूरों के इस पलायन से देश में एक भयानक स्थिति निर्मित हो सकती है।
सोशल मीडिया के जरिए जो तस्वीर सामने आ रही है, वह बहुत भयावह है। हाल ही में एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक मजदूर पिता एक बच्चे को कंधे पर दूसरे बच्चे को गोदी में लेकर बेबस नजर आ रहा है। बच्चा मूक भाषा में सवाल कर रहा है कि मेरा कसूर क्या है?
हकीकत तो यह है कि एसी और कूलर की ठंडी हवाओं में बैठकर जो फैसले लिए जा रहे हैं, वेे इन बेसहारा मजदूरों के लिए नाकाफी हैं। इन मजदूरों के पेट खाली है, हाथों में पैसे नहीं है और सफर लंबा है। साथ में पत्नी बच्चे और बची हुई गृहस्थी की पोटली बगल में दबी है। सरकार की योजनाएं इन प्रवासी मजदूरों के लिए नाकाफी है।
हालांकि राज्य सरकारें अपने दम पर इन मजदूरों की परेशानियों को हल करने के लिए जुटी है लेकिन ये प्रयास ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
शिवराजसिंह ने दिए निर्देश : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सड़क पर चल रहे मजदूरों के भोजन के प्रबंध के निर्देश दिए हैं। सिंह ने कहा कि मजदूरों के भोजन के साथ ही उनकी राज्य की सीमा में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। सिंह ने कहा कि जिलों के मुख्य मार्गों में कुछ पॉइंट्स बनाए जहां उनके भोजन की व्यवस्था की गई है। सामाजिक संस्थाओं के साथ ही पेट्रोल पंप मालिक भी ऐसे मजदूरों को भोजन आदि की सहायता दें।
Special News
एरिस के बाद कोरोना के इस नए वेरिएंट ने दी दस्तक, WHO ने जारी किया अलर्ट…

18 अगस्त 2023:– विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि वे बड़ी संख्या में म्यूटेशन वाले कोविड-19 का एक नया वेरिएंट मिलने के बाद उसकी स्टडी कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि अभी बहुत कम देशों जैसे कि इजराइल, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका में वेरिएंट, BA.2.86 के मामले रिपोर्ट किए गए हैं. ये बिल्कुल नया वेरिएंट है, इसलिए इसके बारे में अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. इसके स्ट्रेस और प्रसार ) की सीमा को समझने के लिए डाटा इकठ्ठा किया जा रहा है. BA.2.86 स्ट्रेन पहली बार 24 जुलाई को रिपोर्ट किया गया था. स्वास्थ्य एजेंसी ने इसको 17 अगस्त को ‘वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ में रखा है.
डब्लूएचओ ने बताया कि, इसके अत्यधिक म्यूटेट होने का खतरा बना हुआ है. हम इस वायरस के नए स्ट्रेन की प्रकृति पर नजर रखे हुए हैं. अमेरिका के सीडीसी (CDC) प्रवक्ता कैथलीन कॉनली ने बताया कि हम पहले की तुलना में आसानी से नए वेरिएंट का पता लगा लेते हैं. अभी, कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पता चला है. ये अत्यधिक तेजी से म्यूटेट कर रहा है. इससे संक्रमण और जोखिम ज्यादा हो सकते हैं. यह सीडीसी ने सोशल मीडिया ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा है. उन्होंने बताया कि इजराइल, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पता चला है. इसकी निगरानी की जा रही है. आगे की जानकारी मालूम होने पर दी जाएगी. ह्यूस्टन मेथोडिस्ट में डायग्नोस्टिक माइक्रोबायोलॉजी के चिकित्सा निदेशक डॉ. एस. वेस्ले लॉन्ग ने बताया कि ओमिक्रॉन सब वेरिएंट BA.2.86 पूर्व के 36 वेरिएंटों में से ही एक है. उन्होंने बताया कि संक्रमण काफी तेजी बढ़ रहा है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है. क्योंकि पहले के ही बूस्टर इसको रोकने में मदद करेंगे.
कोरोना वायरस
कोरोना केसों में फिर आया उछाल, पिछले 24 घंटे में दर्ज हुए 3 हजार ज्यादा नए मामले, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट

देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा हो गया है। भारत में आज बुधवार को पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 9,629 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं, अभी संक्रमण के इलाजरत मरीजों की संख्या 61 हजार से ज्यादा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी 61,013 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.14 फीसदी है।
मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर?
भारत में कोरोना वायरस से अब तक 4 करोड़ 43 लाख 23 हजार 45 मरीज रिकवर हो चुके हैं। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.68 फीसदी है। इसके अलावा अब तक 5 लाख 31 हजार 398 लोगों की इस संक्रमण से मौत हो चुकी है। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.18 फीसदी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220,66,50,086 खुराक लगाई जा चुकी हैं।
कल 6 हजार से ज्यादा दर्ज हुए थे केस
इससे पहले मंगलवार को कोविड-19 के 6,660 नए मामले दर्ज किए थे, जबकि 9,213 संक्रमित मरीज ठीक हुए थे। वहीं, सोमवार को कोरोना वायरस के 7,178 नए मामले सामने आए थे।
कोरोना से जुड़े आंकड़ों की जानकारी
गौरतलब है कि भारत में 7 अगस्त 2020 को कोविड संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और 5 सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। कोरोना के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। 4 मई 2021 को संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ और 23 जून 2021 को 3 करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले 4 करोड़ के पार चले गए थे।
कोरोना वायरस
Corona update : प्रदेश में फिर से कोरोना मचा रहा कोहराम, 400 के पार हुई एक्टिव मरीजों की संख्या

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना एकबार फिर अपने पैर पसार रहा है, रोजाना 100 के करीब मरीजों की पुष्टि हो रही है। वहीँ स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में 81 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई है। वहीँ एक मरीज ने कोरोना से अपनी जान गवाई है। राजधानी से सर्वाधिक 27 मरीजों की पुष्टि हुई है। छत्तीसगढ़ में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 442 हो गई है।
देखें जिलेवार आकड़े
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