देश-विदेश
*भाजपा को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने बागी कांग्रेसी विधायकों से मुलाकात की पेशकश ठुकराई*

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के बागी विधायकों से न्यायाधीशों के चैंबर में मुलाकात करने की पेशकश बुधवार को ठुकराते हुए टिप्पणी की कि विधानसभा जाना या नहीं जाना उन पर (विधायकों) निर्भर है, लेकिन उन्हें बंधक बनाकर नहीं रखा जा सकता। न्यायाधीशों के चैंबर में मुलाकात की पेश का प्रस्ताव भाजपा की ओर से रखा गया था।
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे की वजह से मध्यप्रदेश में उत्पन्न राजनीतिक संकट को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की और कहा कि वह विधानसभा द्वारा यह निर्णय करने के बीच में नहीं पड़ेगी कि किसके पास सदन का विश्वास है लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना है कि ये 16 विधायक स्वतंत्र रूप से अपने अधिकार का इस्तेमाल करें।
पीठ ने इन विधायकों का चैंबर में मुलाकात करने की पेशकश यह कहते हुए ठुकरा दी कि ऐसा करना उचित नहीं होगा। यही नहीं, पीठ ने रजिस्ट्रार जनरल को भी इन बागी विधायकों से मुलाकात के लिए भेजने से इनकार कर दिया।
पीठ ने इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के 9 विधायकों के साथ ही मप्र कांग्रेस विधायक दल की याचिकाओं पर सुनवाई गुरुवार को सुबह 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायालय ने इस मामले के अधिवक्ताओं से कहा कि विधानसभा तक निर्बाध रूप से पहुंचने और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का तरीका तैयार करने में मदद करने का अनुरोध किया।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सभी बागी विधायकों को न्यायाधीशों के चैंबर में पेश करने का प्रस्ताव रखा, जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक उपाय के अंतर्गत कर्नाटक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल गुरुवार को जाकर इन बागी विधायकों से मुलाकात कर सकते हैं और सारी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कर सकते हैं।
रोहतगी ने कांग्रेस की याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाया और कहा कि एक राजनीतिक दल अपनी याचिका में बागी विधायकों से मुलाकात का अनुरोध कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि कांग्रेस चाहती है कि बागी विधायक भोपाल जाएं ताकि उन्हें लुभाया जा सके और वह खरीद फरोख्त कर सकें।
बागी विधायकों ने भी पीठ से कहा कि वे संविधान के प्रावधान के अनुरूप किसी भी नतीजे का सामना करने के लिए तैयार हैं। इन विधायकों ने कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात करने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी ऐसी इच्छा नहीं है।
बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिन्दर सिंह ने कहा, अध्यक्ष हमारे इस्तीफे दबाकर नहीं बैठ सकते। क्या वह कुछ इस्तीफे स्वीकार कर सकते हैं और बाकी अन्य को नहीं कर सकते हैं क्योंकि राजनीतिक खेल चल रहा है।
उन्होंने कहा कि इस्तीफा देना उनका संवैधानिक अधिकार है और इन इस्तीफों को स्वीकार करने के लिए अध्यक्ष का क्या कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि इन सभी विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस करके घोषणा की है कि उन्होंने अपनी इच्छा से यह निर्णय लिया है और हलफनामे पर भी उन्होंने ऐसा ही किया है।
इन विधायकों ने पीठ से कहा, ‘हमारा अपहरण नहीं किया गया है और हम इस संबंध में साक्ष्य के रूप में न्यायालय के समक्ष एक सीडी भी पेश कर रहे हैं। हम कांग्रेस के नेताओं से नहीं मिलना चाहते। हमें बाध्य करने के लिए कोई कानूनी सिद्धांत नहीं है।’
इससे पहले दिन में सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी ने न्यायालय से आग्रह किया कि राज्य विधानसभा में रिक्त हुए स्थानों के लिए उपचुनाव होने तक सरकार के विश्वास मत प्राप्त करने की प्रक्रिया स्थगित की जाए। कांग्रेस ने यह भी दलील दी कि अगर उस समय तक कमलनाथ सरकार सत्ता में रहती है तो आसमान नहीं टूटने वाला है।
कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा, यदि उपचुनाव होने तक कांग्रेस सरकार को सत्ता में बने रहने दिया जाता है तो इससे आसमान नहीं गिरने वाला है और शिवराज सिंह चौहान की सरकार को जनता पर थोपा नहीं जाना चाहिए।
दवे का कहना था कि राज्यपाल को सदन में शक्ति परीक्षण कराने के लिए रात में मुख्यमंत्री या अध्यक्ष को संदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, अध्यक्ष सर्वेसर्वा है और मध्य प्रदेश के राज्यपाल उन्हें दरकिनार कर रहे हैं।
चौहान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इस तर्क का जबर्दस्त प्रतिवाद किया और कहा कि कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे, जिनमें से 6 इस्तीफे स्वीकार किए जा चुके हैं, के बाद राज्य सरकार को एक दिन भी सत्ता में बने रहने नहीं देना चाहिए। रोहतगी ने आरोप लगाया कि 1975 में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने वाली पार्टी अब डॉ. बीआर आम्बेडकर के उच्च सिद्धांतों की दुहाई दे रही है।
मप्र कांग्रेस विधायक दल ने मंगलवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उसके बागी विधायकों से संपर्क स्थापित कराने का केन्द्र और कर्नाटक की भाजपा सरकार को निर्देश दिया जाए। कांग्रेस का कहना है कि उसके विधायकों को बेंगलुरु की एक रिसॉर्ट में रखा गया है।
इससे पहले, मंगलवार की सुबह न्यायालय ने शिवराज सिंह चौहान और नौ अन्य भाजपा विधायकों की याचिका पर कमलनाथ सरकार से बुधवार की सुबह साढ़े दस बजे तक जवाब मांगा था। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 16 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के 9 विधायकों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी।
भाजपा ने इस याचिका में अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और विधानसभा के प्रधान सचिव पर संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन करने और जान बूझकर राज्यपाल के निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगाया था। राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार की रात मुख्यमंत्री को संदेश भेजा था कि विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद सदन में विश्वास मत हासिल किया जाए क्योंकि उनकी सरकार अब अल्पमत में है।
अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद 222 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सदस्यों की संख्या घटकर 108 रह गई है। इनमें वे 16 बागी विधायक भी शामिल हैं, जिनके इस्तीफे अभी स्वीकार नहीं किए गए हैं। राज्य विधानसभा में इस समय भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या 107 है।
देश-विदेश
ट्विटर से होगी मोटी कमाई, एलन मस्क का कंटेंट क्रिएटर्स को बड़ा गिफ्ट

ट्विटर यूजर्स के लिए एलन मस्क ने बड़ा ऐलान किया है। अगर आप ट्विटर के एक वेरिफाइड कंटेंट क्रिएटर्स हैं तो जल्द ही आपको इसके पैसे मिलेंगे। एलन मस्क कहा कि बहुत जल्द ही कंटेंट क्रिएटर्स के रिप्लाई में दिखने वाले विज्ञापन के लिए भुगतान किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी।
एलन मस्क ने ट्वीट करके कहा कि X/Twitter अगले कुछ हफ्तों में क्रिएटर्स के कंटेंट में आने वाले रिप्लाई में दिखाए जाने वाले विज्ञापन के लिए भुगतान यानी क्रिएटर्स को पेमेंट करना शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले ब्लाक में कंटेंट क्रिएटर्स को 5 मिलियन डॉलर का पेमेंट किया जाएगा।
एलन मस्क ने इस ऐलान के साथ ही एक शर्त भी रखी है। सिर्फ उन्हीं कंटेंट क्रिएटर्स को पेमेंट किया जाएगा जिनका अकाउंट वेरिफाइड है। वेरिफाइड अकाउंट पर विज्ञापन आने पर ही पेमेंट होगा।
बात दें कि अगर आप ट्विटर के ब्लू टिक मार्क वाले क्रिएटर्स हैं तो अब जल्द ही आप ट्विटर से मोटी कमाई कर सकते हैं। ट्विटर का मालिक बनने के बाद से इस प्लेटफॉर्म में एलन मस्क ने कई बड़े बदलाव किए थे जिसमें सबसे बड़ा चेंज ब्लू टिक मेंबरशिप था। पहले कुछ खास लोगों को ही ट्विटर का ब्लू टिक मिलता था लेकिन अब कोई भी पेमेंट करके ब्लू टिक मार्क ले सकता है।
देश-विदेश
गुजरात में ISIS के आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, ATS ने महिला समेत 4 को किया अरेस्ट

गुजरात के पोरबंदर में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने गुप्त ऑपरेशन के जरिए बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। एटीएस ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ खुराशान प्रोविंस (ISKP) के साथ जुड़े 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 3 कश्मीरी और एक सूरत की महिला सुमैरा बानो हैं, जबकि सूरत के एक अन्य निवासी जुबैर की तलाश की जा रही है।
पकड़े गए ये आंतकी अपने हैंडलर अबू हमजा की मदद से इस्लामिक स्टेट ऑफ खुराशान प्रोविंस (ISKP) ज्वॉइन करने के लिए समुद्र के रस्ते भागने वाले थे। इनके पास से ISKP का मटीरिटल और चाकू वगैरह भी बरामद हुए हैं। सूरत की इस संदिग्ध महिला सुमैरा बानो को लेकर एटीएस की टीम पोरबंदर पहुंची है। दोपहर तक ATS पूरे मामले की जानकारी जारी कर सकती है।
सूरत के जुबैर अहमद की तलाश जारी
पकड़े गए आतंकियों में तीन तीन कश्मीरी हैं, जिनका नाम उबैद नासिर मीर, हनान हयात शॉल और मोहम्मद हाजिम शाह है। इसके अलावा सूरत की निवासी सुमैरा बानो मोहम्मद हनीफ मलेक को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि सूरत के जुबैर अहमद मुंशी की तलाश जारी है।
पुलिस की मदद से सूरत से गिरफ्तार हुई महिला
बताया जा रहा है कि ATS ने पुलिस की मदद से महिला को सूरत से गिरफ्तार किया है। महिला की शादी दक्षिण भारत में हुई है। उसके परिवार का एक व्यक्ति सरकारी नौकरी भी करता है। इस्लामिक स्टेट ऑफ खुराशान प्रोविंस के बारे में कहा जाता है कि यह संगठन ISIS के इशारे पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है।
देश-विदेश
शरद पवार ने दो कार्यकारी अध्यक्षों का किया ऐलान, सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को बड़ी जिम्मेदारी

शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेने के बाद पार्टी में एक और बड़ा फैसला लिया गया है। प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को NCP का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। इसकी घोषणा शरद पवार ने की।
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