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*भूपेश बघेल सरकार के बजट में क्या क्या है खास जानिए*

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत किया । यह बजट मुख्य रूप से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के स्वस्थ एवं सुपोषित नई युवा पीढ़ी का निर्माण की भावना के साथ सुपोषण, स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी एवं विस्तार तथा युवाओं की ऊर्जा का सकारात्मक एवं उत्पादक रूप में उपयोग कर उनको राज्य के सशक्त संसाधन के रूप में विकसित करने पर केन्द्रित है। इसके अतिरिक्त यह बजट सर्वेभवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया: की भावना के साथ किसानों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की समृद्धि, गायों की आर्थिक प्रगति शिक्षा में प्रगति के नये सोपान, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के विकास युवाओं की ऊर्जा का उत्पादक संसाधन के रूप में अनुप्रयोग, शहरी एवं ग्रामीण अधोसंरचना के सुदृढीकरण तथा संवेदनशील प्रशासन की अवधारणा के साथ छत्तीसगढ़ जनता को समर्पित है।

बजट की खास -खास बातें
आर्थिक स्थिति

1.1 वर्ष 2019-20 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी में 6.08 प्रतिशत की तुलना में त्वरित अनुमान अनुसार 7.06 प्रतिशत की वृद्धि संभावित

1.2 वर्ष 2019-20 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.31 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 4.94 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित । इस प्रकार कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमश: 28 एवं 25 प्रतिशत की तुलना में अधिक है।

1.3 प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2018-19 में 3 लाख 04 हजार करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 3 लाख 29 हजार करोड होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.26 प्रतिशत अधिक।

1.4 विगत वर्ष अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 96 हजार 887 की तुलना में वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 98 हजार 281 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष तुलना 6.35 प्रतिशत अधिक।

1.5 वर्ष 2019-20 के केन्द्रीय बजट में राज्य के लिये अनुमानित केन्द्रीय करों में कमी। आगामी वर्ष में केन्द्र से प्राप्त होन वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति में भी कमी संभावित, किन्तु राज्य सरकार की नीतियों एवं प्रयासों से राज्य के स्वयं के संसाधनों में 11 प्रतिशत की दर से वृद्धि।

गढ़बो नवा छत्तीसगढ़: स्वस्थ और सुपोषित नयी युवा पीढ़ी का निर्माण

2.1 राज्य के सभी परिवार सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शामिल।

2.2 राज्य में 65 लाख 22 हजार राशन कार्डधारी, लाभान्वित जनसंख्या 2 करोड़ 43 लाख। इन राशन कार्डों पर चावल प्रदाय हेतु 3 हजार 410 करोड़ का प्रावधान।

2.3 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में प्रति परिवार 2 किलो धना वितरण के लिए 171 करोड़ का प्रावधान है। बस्तर संभाग में प्रति परिवार 2 किलो गुड वितरण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।

2.4 कोण्डागांव में आयरन एवं विटामिन युक्त फोर्टिफाईड चावल वितरण की पायलट परियोजना के लिये 5 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है।

2.5 महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से प्रारंभ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए 60 करोड़ का प्रावधान है।

2.6 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये ऊंचाई, लबाई एवं भार मापक यंत्रों की व्यवस्था के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है।

2.7 विशेष पोषण आहार योजना में 786 करोड़, महतारी जतन योजना में 31 करोड़ का प्रावधान है।

2.8 डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारा को 5 लाख रुपये एवं सामान्य राशन कार्ड वाले परिवारों को 50 हजार तक कैशलेस इलाज की सुविधा। लगभग 65 लाख परिवारों को इलाज की पात्रता व इसक लिए550 करोड़ का प्रावधाना

2.9 मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत गंभीर बीमारियों के उपचार पर 20 लाख तक के व्यय हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।

2.10 मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में 13 करोड़ का प्रावधान। 5 माह की अल्प अवधि में ही 11 लाख से अधिक मरीज लाभान्वित।

2.11 मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 13 नगर निगमों के स्लम एरिया में निवासरत परिवारों को नि:शुल्क स्वास्थ्य परामर्श, जांच उपचार एवं दवाईया उपलब्ध कराने की व्यवस्था।

2.12 राज्य सिकलसेल संस्थान में उच्च स्तरीय प्रयोगशाला एवं सभी जिला अस्पतालों में सिकलसेल यूनिट की स्थापना की जायेगी।

2.13 एम.सी.आई. के मापदण्डों के अनुरूप चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा उपकरण और स्किल लैब की स्थापना हेतु 75 करोड़ का प्रावधान है।

कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन

3.1 अन्नदाता को उनके श्रम का उचित लाभ देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी। योजना का लाभ वर्ष 2019-20 के लिये भी दिया जायेगा। इसके लिए 5 हजार 100 करोड़ का प्रावधान है।

3.2 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 366 करोड़. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 370 करोड़, एकीकृत बागवानी मिशन में 205 करोड़, जैविक खेती मिशन के लिए 20 करोड़ वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम में 200 करोड़ एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 110 करोड़ का प्रावधान है।

3.3 कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत 5 एच.पी तक के कृषि पंपों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय के लिये 2 हजार 300 करोड़ का प्रावधान है।

3.4 गोठानों के संचालन हेतु गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार का अनुदान तथा पशुआ के चारे के लिये धान के पैरे की व्यवस्था की जायेगी। पैरा के रख-रखाव को सरल बनाने हेतु चौकोर बेलर क्रय करने के लिए नवीन मद में 6 करोड का प्रावधान है।

3.5 बेमेतरा, जशपुर, धमतरी एवं अर्जुन्दा, जिला बालोद में उद्यानिकी महाविद्यालय तथा लोरमी में कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।

3.6 इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में खाद्य प्रौद्योगिकी की स्थापना की जायेगी।

3.7 बेमेतरा एवं तखतपुर में डेयरी डिप्लोमा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 2 करोड़ का प्रावधान है।

3.8 मछली पालन के क्षेत्र में रोजगार की संभावना को देखते हुए युवाओं को डिप्लोमा पाठयक्रम के अध्यापन हेतु ग्राम राजपुर (धमधा) में फिशरीज पॉलिटेक्निक की स्थापना की जायेगी।

3.9 9 पशु औषधालया को पशु चिकित्सालय में उन्नयन, 12 नवीन पशु औषधालय तथा 5 विकास खंडों में मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई स्थापित की जायेगी।

सिंचाई

4.1 बस्तर संभाग में बोघघाट बहुदेशीय परियोजना से 2 लाख 66 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है।

4.2 पैरी बांध एवं परी-महानदी इंटर लिकिंग नहर परियोजना के लिए 20 करोड़, डांडपानी वृहत जलाशय परियोजना, कुनकुरी के लिए 20 करोड़ एवं शेखरपुर वृहत् जलाशय, सरगुजा के लिए 20 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है।

4.3 नाबार्ड सहायित सिचाई परियोजनाओं हेतु 697 करोड, महानदी परियोजना हेतु 237 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं हेतु 610 करोड़ तथा एनीकट/स्टाप डेम निर्माण के लिए 173 करोड़ का प्रावधान है। कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति हेतु भी 118 करोड़ का प्रावधान है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास

5.1 ‘नरवा गरूवा घुरूवा बारीÓ कार्यक्रम के तहत 912 नालों पर नरवा उपचार के लिये 20 हजार 810 काम स्वीकृत किये गए हैं। 1 हजार 900 गोठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। घुरुवा का उपयोग कर 3 लाख 16 हजार मैट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन किया गया है। 1 लाख 50 हजार बाडिय़ों को पुनर्जीवित करने का कार्य हुआ है। इन कार्यों के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारटी योजना के अभिसरण से राशि की स्वीकृतियां दी गई है। योजना में 1 हजार 603 करोड़ का प्रावधान है।

5.2 राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 400 करोड का प्रावधान है। 5.3 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में अब तक 7 लाख 22 हजार आवास पूर्ण हो चुके हैं। आगामी वर्ष में इस हेतु 1 हजार 600 करोड़ का प्रावधान है। 5.4 गोबर-धन योजना अंतर्गत 1 हजार 178 बायोगैस संयंत्र के स्थापना का भी लक्ष्य है। इस हेतु 450 करोड़ का प्रावधान है। 5.5 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 2 हजार 70 करोड़ का प्रावधान है।

स्वच्छ पेयजल

6.1 नल कनेक्शन के माध्यम से पेय जल हेतु प्रारंभ की गई जल जीवन मिशन योजना के लिये 225 करोड़ का प्रावधान है।

6.2 ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप द्वारा ग्रामीण जल प्रदाय योजना के लिये 185 करोड़ तथा नलकूप खनन के लिये 70 करोड़ का प्रावधान है।

6.3 नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिये 124 करोड का प्रावधान है।

6.4 राज्य में निर्मित हो रहे गोठानों में जल प्रदाय हेतु नलकूप खनन के लिये 5 करोड़ का प्रावधान है।

शैक्षणिक विकास-स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा

7.1 राज्य के 1 लाख 31 हजार शिक्षाकर्मियों का सविलियन हो चुका है। शेष 16 हजार शिक्षाकर्मियों में से 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का 1 जुलाई 2020 से संविलियन किया जायेगा।

7.2 महान संत गुरू घासीदास की जन्मस्थली ग्राम गिरौदपुरी में गुरुकुल विद्यालय की स्थापना की जायेगी।

7.3 दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्राम तोंगपाल, जिला सुकमा एवं कुआकोंडा, जिला दंतेवाड़ा में छात्रावास की सुविधा सहित नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा। सुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर, बीजापुर एवं तखतपुर में कन्या महाविद्यालय खोला जायेगा।

7.4 महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन की स्मृति में ग्राम कंडेल, जिला धमतरी में महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा।

7.5 स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित मानव संसाधन की पूर्ति हेतु औद्योगिक क्षेत्र सिरगिट्टी, नगरनार एवं तिल्दा में नवीन आई.टी.आई खोले जाएंगे।

7.6 दंतेवाड़ा में मल्टी स्किल सेंटर की स्थापना के लिए 385 करोड़ का प्रावधान है। 77 मुख्यमंत्री पॉलीटेक्निक गुणवत्ता विकास योजना के तहत 9 पॉलीटेक्निक कॉलेज के उन्नयन हेतु 5 करोड़ का प्रावधान है।

7.8 राज्य के 3 इंजीनियरिंग कॉलेज एवं 5 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में नव विकसित तकनीकों के अध्ययन एवं शोध हेतु इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं रोबोटिक्स की प्रयोगशालाए स्थापित की जायेगी।

श्रम एवं समाज कल्याण

8.1 निराश्रितों, बुजुर्गों, विधवा महिलाओं एवं नि:शक्त व्यक्तियों को समय पर सहायता उपलब्ध कराने के लिये सामाजिक सुरक्षा और कल्याण मद में 352 करोड. वृद्धावस्था पेंशन योजना में 185 करोड़ और मुख्यमंत्री पेंशन योजना में 150 करोड़ का प्रावधान है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 68 करोड़ तथा सुखद सहारा योजना में 100 करोड़ का प्रावधान है।

8.2 दिव्यांगजनों के लिये नि:शक्तजन पुनर्वास केन्द्र मादक द्रव्यों एवं पदार्थों की रोकथाम एवं नशामुक्ति केन्द्र का संचालन तथा तृतीय लिंग समुदाय से संबंधित योजनाओं हेतु 5 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है।

8.3 असंगठित अमिक सुरक्षा एवं कल्याण मण्डल हेतु 38 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।

8.4 ठेका मजदूर, घरेलू कामकाजी महिला एवं हम्माल कल्याण मण्डल हेतु 15 करोड़ का प्रावधान है।

युवा कल्याण

9.1 युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के रायपुर स्थित निवास स्थान भवन को स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान के रूप में विकसित किया जायेगा।

9.2 राजीव युवा मितान क्लब योजना के लिए नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है।

9.3 युवा महोत्सव के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।

9.4 आईआईटी, आईआईएम एवं एम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले राज्य के युवाओं क शिक्षण शुल्क का भार शासन द्वारा वहन किया जायेगा तथा ऐसे युवाओं की प्रतिभा का राज्य के विकास में उपयोग करने के लिये शासकीय, अद्र्धशासकीय संस्थानों में सीधे चयन की पात्रता दी जायेगी।

9.5 खेल संबंधी नीतिगत निर्णय, विभिन्न विभागों से समन्वय, खेल अधोसंरचनाओं का रख-रखाव तथा आवासीय खेल अकादमी के संचालन हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है।

9.6 मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए नवीन मद में 10 करोड़ का प्रावधान है।

औद्योगिक विकास

10.1 नई औद्योगिक नीति 2019 का मुख्य उद्देश्य समावेशी विकास, आत्मनिर्भरता एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है।

10.2 उद्योगों के लिये आवंटित किये जाने वाले भू-खण्ड की दरों में 30 प्रतिशत तथा लीज रेन्ट की दर में 33 प्रतिशत कमी की गई है।

10.3 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में 20 एकड़ तक के निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की अनुमति देते हुए अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों के विरुद्ध 4 करोड़ तक का अनदान देने का प्रावधान है।

10.4 राज्य में उत्पादित सब्जी, फल एवं मोटे अनाजों को प्रसंस्कृत कर मूल्य संवर्धन की दृष्टि से उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नये फूड पार्क की स्थापना हेतु नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है।

10.5 नये औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 15 करोड़ एवं जेम ज्वेलरी पार्क की स्थापना के लिए 1 करोड़ का प्रावधान है। 10.6 उद्योगों की स्थापना पर दी जाने वाली लागत पूजी अनुदान के लिये 100 करोड़ एवं व्याज अनुदान के लिये 39 करोड़ का प्रावधान है।

वन संपदा

11.1 प्राकृतिक पुनरोत्पादन के संरक्षण हेतु 200 कराड का प्रावधान है। इससे 60 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा तथा राज्य की सालाना आय में 400 करोड़ की वृद्धि संभावित है।

11.2 लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।

नगरीय प्रशासन एवं विकास

12.1 शहरी नागरिकों की बुनियादी समस्याओं का निराकरण वार्ड स्तर पर करने के लिये मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना प्रारंभ की गई है। इस हेतु 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

12.2 13 नगर निगम क्षेत्र के निवासियों के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ की जा रही है। इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

12.3 पौनी-पसारी योजना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान है।

12.4 नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए 489 करोड, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 396 करोड, अमृत मिशन के लिए 300 करोड़ एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों का कल्याण

13.1 अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों के लिये 61 नये छात्रावास खोलने सहित कुल छात्रावास/आश्रमों के संचालन के लिये 378 करोड़ का प्रावधान है।

13.2 नवीन मद में 100 भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के भवन निर्माण सहित कुल छात्रावास/आश्रम निमाण कार्यों के लिये विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना में 303 करोड़ का प्रावधान है।

13.3 जनजाति सलाहकार परिषद् के कामकाज के लिये पृथक सचिवालय की स्थापना की जायेगी।

13.4 दिसंबर 2019 में रायपुर में आयोजित देश के सबसे बड़े आदिवासी नृत्य महोत्सव की सफलता को देखते हुए प्रतिवर्ष राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।

13.5 अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के दौरान नि:शुल्क आवासीय सुविधा के लिये 10 पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों की स्थापना की जायेगी।

136 सरगुजा एवं बस्तर संभाग एवं कोरबा जिले के लिये जिला संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिये विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन किया गया है।

शिल्प, कला, संस्कृति एवं पर्यटन

14.1 छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की पहचान का केन्द्र बन चुके रायपुर के गढ़-कलेवा की अन्य 20 जिला मुख्यालयों में स्थापना के लिये स्व-सहायता समूहों को 10 लाख का रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध कराया जायेगा।

14.2 मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।

14.3 नवा रायपुर में अभिलेखागार एवं संग्रहालय का निर्माण तथा जगदलपुर एवं बिलासपुर के संगहालयों का उन्नयन किया जायेगा।

14.4 राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये विभाग के बजट में 75 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 103 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।

14.5 राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत श्रीराम-जानकी द्वारा उपयोग किये गये मार्ग पर चिन्हांकित प्रमुख पर्यटन केन्द्रों पर अधोसंरचना विकास एवं निर्माण के लिये 10 करोड़ का प्रावधान है।

15 एकीकृत ई-शासन परियोजना (ढ्ढक्कश्वत्र) 16.1 वर्तमान प्रणाली में पृथक-पृथक सेवाओं के लिये नागरिकों को बार-बार पहचान पत्र एवं अन्य दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं। उक्त परेशानियों को दूर करने के लिये आधुनिक सूचना और संचार तकनीक का उपयोग कर सक्रिय एवं कुशल नागरिक सेवा वितरण प्रणाली का निर्माण किया जायेगा।

राजस्व प्रशासन

16.1 11 नगर निगम क्षेत्रों के लिये 1 अनुपात 500 के बड़े स्केल याले नक्शे तैयार किये जाएंगे। नगर निगम क्षेत्रा के सर्वेक्षण कार्य हेतु नवीन मद में 25 करोड़ का प्रावधान है। 18.2 5 तहसील कार्यालयों के माडल भवन, 25 नये तहसील कार्यालय एवं 4 नये राजस्व अनुविभाग की स्थापना की जायेगी। 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आ चुके नवीन जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 17 करोड़ की लागत से जिला कार्यालय भवन निर्माण किया जायेगा। इन कार्यों हेतु 11 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है।

पुलिस प्रशासन एवं न्याय व्यवस्था

17.1 समाज में बढ़ते हुए साइबर अपराधों की संख्या को देखते हुए 1 साइबर पुलिस थाना की स्थापना की जायेगी।

17.2 03 स्मार्ट पुलिस थाना, 5 नवीन थाना, 10 चौकी एवं 5 पुलिस अनुविभाग कार्यालय भवन, रायपुर एवं दुर्ग में पुलिस ट्राजिट भवन तथा बस्तर रेंज में पुलिस कर्मचारियों के लिये 1 हजार आवास गृहों के निर्माण हेतु 22 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।

17.3 5 थाना, 10 चौकी निर्माण, 10 चौकी से थाने में उन्नयन किया जायेगा।

17.4 बेमेतरा, गरियाबंद, संजारी बालोद, बलौदाबाजार, सूरजपूर, मुंगेली, ‘सुकमा एवं पेण्ड्रारोड के उपजेल को जिला जेल में उन्नयन किया जायेगा।

17.5 जेलों की व्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव प्रस्तुत करने के लिये जेल सुधार आयोग का गठन किया जायेगा।

17.6 माननीय उच्च न्यायालय एवं सभी सिविल जिलों में लंबित मामलों में पक्षकारों के बीच समझौता कराने के लिये मध्यस्थता केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित है।

अधोसंरचना विकास

18.1 एशियन विकास बैंक की सहायता से राज्य में सड़क विकास परियोजना (फेज-3) के अंतर्गत कुल 3 हजार 535 करोड़ लागत की 25 नवीन सड़कों हेतु 710 करोड़ का प्रावधान है। वर्ष 2020-21 में एडीबी सहायित सड़क विकास योजना की चौथे चरण की स्वीकृति भी प्राप्त की जायेगी।

18.2 नवीन वृहद पुल निर्माण हेतु 240 करोड 50 लाख एवं नवीन मध्यम पुल निर्माण की जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत 151 करोड़ का प्रावधान है।

18.3 सड़क एवं पुल निर्माण के नवीन कार्यों के लिए 600 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है। इनमें 434 ग्रामीण सड़क, 88 मुख्य जिला मार्ग, 50 राज्य मार्ग एवं 31 शहरी मार्गों का निर्माण किया जायेगा।

18.4 500 एवं 750 सीट की क्षमता वाले 11 नवीन ऑडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा।

18.5 इसके अतिरिक्त संभागीय मुख्यालयों दुर्ग, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर में 3 हजार 500 सीटर क्षमता के 3 नवीन इन्डोर स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा। इसके लिये नवीन मद में 54 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।

18.6 नया रायपुर में झीरम घाटी के शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक का निर्माण किया जायेगा।

18.7 जगदलपुर, अंबिकापुर एवं बिलासपुर एयरपोर्ट में आटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर की स्थापना हेतु 7 करोड़ 20 लाख का प्रावधान है।

18.8 बैकुण्ठपुर (कोरिया) में एयर स्ट्रीप के निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।

परिवहन

19.1 वाहनों में ओवर लोडिंग की जांच के लिये धे-ब्रिज की स्थापना हेतु 9 करोड़ का प्रावधान है।

19.2 सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिये वाहनों में जीपीएस के ट्रैकिंग हेतु व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफार्म का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।

विद्युतीकरण

20.1 मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना के लिये 25 करोड़ का प्रावधान

20.2 घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक के बिजली बिल आधा के लिये 850 करोड का प्रावधान है।

20.3 मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना में 135 करोड़ का प्रावधान है।

वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान

21.1 वर्ष 2020-21 हेतु कुल राजस्व प्राप्तियां 83 हजार 831 करोड अनुमानित है। इसमें राज्य का राजस्व 5 हजार 370 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्त होने वाली राशि 48 हजार 461 करोड़ है।

21.2 वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित सकल व्यय 1 लाख 2 हजार 907 करोड़ का है। सकल व्यय से प्राणों की अदायगी एवं पुर्न प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 96 हजार 650 करोड अनुमानित है। राजस्व व्यय 81 हजार 400 करोड़ एवं पूजीगत व्यय 13 हजार 814 करोड़ है। वर्ष 2020-21 में पूजीगत व्यय कुल व्यय का 14.44 प्रतिशत है।

21.3 वर्ष 2020-21 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 38 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 22 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।

राजकोषीय स्थिति

22.1 इस बजट में पूर्व वर्षों की भांति 2 हजार 431 करोड़ का राजस्य आधिक्य अनुमानित किया गया है।

22.2 राज्य का सकल वित्तीय घाटा 11 हजार 518 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.18 प्रतिशत एवं निर्धारित सीमा के भीतर है।

22.3 वर्ष 2020-21 हेतु कुल प्राप्तियां 6 हजार 91 करोड़ के विरुद्ध शुद्ध व्यय 95 हजार 650 करोड़ अनुमानित है। इन वित्तीय संव्यवहारों के फलस्वरूप 441 करोड़ की बचत अनुमानित है। वर्ष 2019-20 के संभावित घाटा 3 हजार 963 करोड़ को शामिल करते हुए वर्ष 2020-21 के अंत में 3 हजार 522 करोड़ का बजट घाटा अनुमानित है।

कर प्रस्ताव

बता दें कि 2020-21 के लिए कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है।

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 बलौदाबाजार , 10 नवम्बर 2024 : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार जिले के ग्राम बल्दाकछार एवं अवरई में रहने वाले विशेष पिछडी जनजाति कमार के शतप्रतिशत लोगों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। योजना के तहत अब तक 11 योजनाओं में शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। बल्दाकच्छार में 39 और अवरई में 11 विशेष पिछडी जनजाति कमार परिवार रहते हैं जिनकी  कुल जनसंख्या लगभग 193 है।अब दोनों ही गांव के कमार जनजाति के सभी लोगों का आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड व जाति प्रणाम पत्र बन गया है । महिलाओं के जनधन बैंक खाते खुल गए हैं। पात्रतानुसार किसान क्रेडिट कार्ड, राशन कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि एवं पीएम मातृत्व वंदन योजना का लाभ मिला है। सभी की सिकल सेल जांच एवं सभी घरों में विद्युतीकरण  हो गया है। इसके साथ ही 2 मोबाइल मेडिकल यूनिट की भी सुविधा विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को प्रदान की गयी है।

15 नवम्बर 2023 से शुरू हुए प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछडी जनजाति कमार बाहुल्य ग्राम बल्दाकछार और अवरई में संतृप्तिकरण अभियान शुरू किया गया। इसमें योजना से छूटे हुए लोगों का चिन्हांकन उपरांत उन्हें लाभान्वित करने पर जोर दिया गया और एक वर्ष के अन्दर ही 11 योजनाओं से शतप्रतिशत लोगों को लाभान्वित किया गया।

गौरतलब है कि पीएम जनमन योजना का मूल उद्देश्य कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी), परिवारों और बस्तियों तक बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं को पहुंचाकर उनकी सामाजिक, आर्थिक स्थितियों में सुधार करना है। पीएम जनमन योजना अंतर्गत कमजोर जनजाति समूहों के बसाहटों में विभिन्न विभागों के समन्वय से पेयजल, आवास, सड़क, आंगनबाड़ी के माध्यम से पोषण, आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

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खबरे छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में वरदान साबित हो रहे हैं आयुष्मान आरोग्य मंदिर

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  • आयुष्मान आरोग्य मंदिर में 12 सेवाओं का आयुष पद्धति के माध्यम से हो रहा है क्रियान्वयन
  • छत्तीसगढ़ में कुल 400 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित
  • आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सालाना लगभग सवा करोड़ मरीजों की ओपीडी

 

रायपुर, 10 अक्टूबर 2024  : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य बजट को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य सेवाओं को सजग रूप से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। राज्य स्तर पर डीकेएस और मेकाहारा जैसे अस्पताल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हो रहे हैं तो वहीं संभाग स्तर पर सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों का कार्य निरंतर जारी है। इसी तरह से जिले और ब्लाक स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर राज्य के लोगों की सेहत का विशेष ध्यान रख रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 400 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं। ये आयुष्मान आरोग्य मंदिर आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों की सामान्य जानकारी एवं रोगों के घरेलू उपचार तथा औषधियों की जानकारी प्रदान करने में बेहद मददगार साबित हो रहे हैं । इसके अंतर्गत संपूर्ण 12 सेवाओं का आयुष पद्धति के माध्यम से क्रियान्वयन किया जा रहा है जिससे मरीजो को लगातार लाभ मिल रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में योग प्रशिक्षकों के माध्यम से जनसामान्य को दैनिक योगाभ्यास हेतु प्रेरणा एवं प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है ताकि मरीज शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रहें।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) द्वारा निरंतर मरीजों का इलाज किया जा रहा है एवं उनकी देखभाल की जा रही है। राज्य सरकार की इस पहल से लोगों को लगातार लाभ भी मिल रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सालाना 1 करोड़ 38 लाख ओपीडी और मासिक 3 लाख एनसीडी मरीजों का इलाज हो रहा है जो अपनी सफलता की कहानी स्वयं बयां करता है।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में प्रदान की जाने वाली मुख्य 12 स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान देखभाल, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, परिवार नियोजन गर्भनिरोधक सेवाएं और अन्य प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम सहित संचारी रोगों का प्रबंधन, सामान्य संचारी रोगों का प्रबंधन तथा तीव्र साधारण बीमारियों और छोटी बीमारियों के लिए बाह्य रोगी देखभाल शामिल हैं। इसी तरह से गैर संचारी रोगों की जांच, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन, सामान्य नेत्र और ईएनटी समस्याओं की देखभाल, बुनियादी मौखिक स्वास्थ्य देखभाल, वृद्धजन एवं उपशामक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तथा  मानसिक स्वास्थ्य बीमारियों की जांच और बुनियादी प्रबंधन जैसी सेवाएं भी शामिल हैं।

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बागबाहरा जंगल से रेस्क्यू कर सफेद पूंछ वाले बीमार गिद्ध की बचाई जान

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रायपुर, 10 नवम्बर 2024 : राजधानी रायपुर के समीप स्थित नंदनवन जंगल सफारी के वन अधिकारियों एवं चिकित्सकों की टीम ने विलुप्त प्रजाति के सफेद पूंछ वाले बीमार गिद्ध का रेस्क्यू कर उसकी जान बचाने में सफल रही है। यह बीमार गिद्ध लगभग 500 किलोमीटर की उड़ान भरता हुआ बीते दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद वनक्षेत्र के बागबाहरा पहुंचा था। इस बीमार गिद्ध के रेस्क्यू के बाद नंदनवन जंगल सफारी के वन्य चिकित्सकों एवं वन अधिकारियों ने बड़ी सावधानी के साथ इस गिद्ध का रेस्क्यू कर  इलाज किया। इसके स्वास्थ्य पर सतत निगरानी रखी, जिसके चलते कुछ ही दिनों में यह गिद्ध स्वस्थ एवं सामान्य स्थिति में आ गया। जंगल सफारी की टीम ने इस गिद्ध को फिर से उड़ान भरने के लिए छोड़ दिया है।

नंदनवन जंगल सफारी के अधिकारियों द्वारा बीमार गिद्ध के बचाव कार्य की मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने सराहना की है। उन्होंने गिद्ध के रेस्क्यू ऑपरेशन और इलाज में लगी अधिकारियों की टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विलुप्त होती गिद्ध की इस प्रजाति का छत्तीसगढ़ के अधिकारियों द्वारा बचाव के लिए किए गए प्रयासों की जितनी सराहना की जाए कम है।

गौरतलब है कि सफेद पूंछ वाला गिद्ध (वाईट रुम्पड वल्चर) एक संकट ग्रस्त प्रजाति है। वर्तमान में इस प्रजाति की संख्या देश में 13 हजार से भी कम रह गई है। यह गिद्ध बड़े पेड़ों पर घोंसला बनाते हैं और साल भर में केवल एक ही अंडा देते हैं, जिससे इनकी संख्या बढ़ने की गति धीमी होती है। ये गिद्ध केवल उन्हीं क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहां जैव विविधता समृद्ध होती है और प्रदूषण या औद्योगीकीकरण का प्रभाव कम होता है। गिद्ध के इस प्रजाति के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में भारत में वाईट रुम्पड वल्चर की निगरानी और संरक्षण के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) और ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व ने एक विशेष पहल करते हुए 10 सफेद पूंछ वाले एक गिद्धों को एक साथ जियो-ट्रैकिंग उपकरण के साथ जंगल में छोड़ा गया था, जिसमें से एक गिद्ध महाराष्ट्र राज्य में उड़ान भरते हुए छत्तीसगढ़ के इन्द्रावती टाईगर रिजर्व होते हुए कांकेर जिले से महासमुंद वन क्षेत्र बागबाहरा में पहुंच गया था। नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) और ताडोबा अंधेरी टाइगर रिजर्व का गिद्धों को छोड़ने उद्देश्य उनके प्रवास मार्गों का अध्ययन करने के साथ-साथ उनको प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रख उनका संरक्षण और संवर्धन करना था। उन 10 गिद्धों में से एक गिद्ध 20 दिनों में लगभग 500 किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद महासमुंद वन क्षेत्र में आ गया था। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) की निगरानी टीम ने जियो-ट्रैकिंग उपकरण की मदद से जाना कि यह गिद्ध बागबाहरा जंगल मे एक ही स्थान पर लंबे समय तक रुका हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने नंदनवन जंगल सफारी रायपुर के अधिकारियों से सम्पर्क किया और पूरी स्थिति की जानकारी दी।

नंदनवन जंगल सफारी के वन्यजीव डॉक्टरों और वन अधिकारियों की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बागबाहरा क्षेत्र से गिद्ध का सुरक्षित रेस्क्यू किया और 26 अगस्त को उसे नंदनवन जंगल सफारी ले आए। यहां चिकित्सकों की देखरेख में गिद्ध को उचित उपचार और पोषण दिया गया, जिससे वह स्वस्थ होने लगा। कुछ दिनों में ही गिद्ध पूरी तरह से स्वस्थ हो गया और उसकी सक्रियता लौट आई।

नंदनवन जंगल सफारी के संचालक श्री धम्मशील गणवीर ने बताया कि नंदनवन जंगल सफारी से वन्य जीव चिकित्सकों के सलाह के आधार पर 26 सितंबर 2024 को गिद्ध को फिर से उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया, जिसके बाद यह गिद्ध यहाँ से 1100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए गुजरात राज्य के सूरत इलाके में पहुंच गया है। इस गिद्ध की  लोकेशन की ट्रेकिंग बीएनएचएस द्वारा की जा रही है।

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