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महाराष्‍ट्र-गुजरात में तबाही मचा सकता है Cyclone Nisarga, जानिए कैसी है इन राज्यों की तैयारी

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मुंबई/अहमदाबाद। निसर्ग चक्रवात के बुधवार को तट से टकराने के खतरे को देखते हुए महाराष्‍ट्र और गुजरात ने आपदा से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात कर दिया है और जिन क्षेत्रों के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है, वहां से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।

कोविड-19 महामारी के संकट से पहले से जूझ रहे दोनों पश्चिमी राज्यों ने चक्रवात से मुकाबले के लिए कमर कस ली है, जो बुधवार को मुंबई के पास तट से टकराने वाला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि अगले 12 घंटे में निसर्ग चक्रवात के गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल आशंका है और यह बुधवार दोपहर को महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा।

मुंबई के मौसम विज्ञान विभाग के उपमहानिदेशक केएस होसलिकर ने ट्वीट कर बताया कि चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास दक्षिण गुजरात के तट को 3 जून को पार करेगा और हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि चक्रवाती तूफान को देखते हुए लोगों को बचाकर निकालने के वास्ते राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 10 दलों को राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्विटर पर एक चित्र के माध्यम से कहा गया कि एनडीआरएफ के 16 दलों में से 10 को चक्रवात के दौरान बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 6 इकाइयों को रिजर्व रखा गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह भी कहा गया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए राहत और पुनर्वास कार्य के दौरान एहतियाती उपाय किए जाएंगे। आगामी तूफान को देखते हुए सरकार की ओर से की गई तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुंबई के अतिरिक्त ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरि और सिंधुगिरि जिले में चेतावनी जारी की गई है।

इसी बीच ठाकरे के कार्यालय ने बताया कि कच्चे घरों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। कार्यालय ने कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र की झुग्गियों और विशेषकर निचले स्थानों में रहने वाले लोगों को वहां से चले जाने का निर्देश दिया गया है।

कार्यालय ने कहा कि जो अस्पताल कोविड-19 के मरीजों के लिए नहीं हैं, उन्हें किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार बिजली कटने से रोकने के लिए भी कदम उठा रही है और पालघर और रायगढ़ जिले में रासायनिक उद्योगों और नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र के लिए भी एहतियात बरत रही है। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने कहा कि चक्रवात को देखते हुए बांद्रा-कुर्ला परिसर में स्थित उसके कोविड केंद्र के लगभग 150 मरीजों को एहतियात के तौर पर अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

एमएमआरडीए ने ट्वीट में कहा कि निसर्ग चक्रवात का खतरा मुंबई पर है। हालांकि कोविड-19 अस्पताल 80-100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं झेल सकता है लेकिन जीवन दांव पर है इसलिए एहतियात के तौर पर लगभग 150 मरीजों को बृहन्मुंबई महानगर पालिका द्वारा स्थानांतरित किया जा रहा है।

एमएमआरडीए ने 1008 बिस्तरों का एक केंद्र स्थापित किया है, जहां लगभग 150 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि पश्चिमी नौसैनिक कमान ने अपने दलों को अलर्ट पर रखा है और वे चक्रवात का सामना करने के लिए तैयार हैं। अधिकारी ने कहा कि नौसेना ने बचाव अभियान के लिए प्रशिक्षित अपने दलों को मुंबई में तैनात किया है।

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ आने की आशंका है, उनकी टोह ले ली गई है और सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की व्यवस्था करवार नौसैनिक क्षेत्र, गोवा नौसैनिक क्षेत्र और गुजरात दमन और दीव नौसैनिक क्षेत्र के लिए की गई है।

एक अधिकारी ने बताया कि रायगढ़ जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने अलीबाग, मुरुड, श्रीवर्धन, महासला और नागांव रेवास क्षेत्रों का दौरा किया, जो चक्रवात से प्रभावित हो सकते हैं।

रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक अनिल पारस्कर ने कहा कि हमने मछुआरों की कॉलोनियों और अस्थायी घरों से 3,500 लोगों को निकालकर स्कूल और सरकारी भवनों जैसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की कम से कम 4 टीमों को अलीबाग, श्रीवर्धन और अन्य स्थानों पर किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैनात कर दिया गया है।

गुजरात में प्रशासन ने 4 तटीय जिलों से 78,000 लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने गांधीनगर में कहा कि एनडीआरएफ के 13 और एसडीआरएफ के 6 दलों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा कि वलसाड, सूरत, नवसारी और भरुच जिले में रहने वाले 78,971 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। पटेल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए बचाव दलों को पीपीई किट दी गई है और आश्रय के स्थान पर सामाजिक दूरी और मास्क जैसे एहतियाती उपाय बरतने को कहा गया है।

समुद्र तट के किनारे रहने वालों के लिए एक राहतभरी खबर में आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के गुजरात के तट से टकराने की आशंका नहीं है। हालांकि इसका प्रभाव तेज हवाओं और भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है। गुजरात मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने यह जानकारी देते कहा कि वर्तमान अनुमान के अनुसार चक्रवात मुंबई के निकट अलीबाग पर टकराएगा। हालांकि चक्रवात दक्षिण गुजरात को पार नहीं करेगा, इसका प्रभाव तेज हवाओं और भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है।

कोलंबिया विश्वविद्यालय में वातावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एडम सोबेल के अनुसार मुंबई में 1891 के बाद कोई बड़ा चक्रवाती तूफान नहीं आया है। मुंबई में 2005 में भयंकर बाढ़ आई थी और उसके बाद 2017 और 2019 में भी शहर जलमग्न हो गया था लेकिन इसका कारण चक्रवात नहीं था। आईएमडी के मुताबिक बुधवार को मुंबई के निचले स्थानों में रहने वालों को भारी बारिश, तेज हवाएं, समुद्र में ऊंची उठती लहरें और तूफान का सामना करना पड़ सकता है।

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लंदन में भारतीय हाई कमीशन के सामने जमा होकर प्रदर्शन कर रहे खालिस्तान समर्थक, बढ़ाई गई सुरक्षा

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लंदन: ब्रिटेन के लंदन में खालिस्तान समर्थक भारतीय हाई कमीशन के सामने जमा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान भारतीय हाई कमीशन के सामने भारी संख्या में ब्रिटिश सुरक्षाबलों के जवान तैनात हैं। प्रदर्शनकारियों को भारतीय हाई कमीशन की विपरीत दिशा में ही सीमित कर दिया गया है। इसके अलावा भारतीय हाई कमीशन के चारों ओर एक सुरक्षा घेरा बनाया गया है।

ऐसा पहली बार नहीं है जब लंदन में खालिस्तान समर्थक सड़कों पर उतरे हैं। इससे पहले भी लंदन समेत कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शनों की खबरें सामने आती रही हैं। इसी साल पहले भी लंदन में खालिस्तानी प्रदर्शनकारी दो से तीन घंटे प्रदर्शन करने के इरादे से भारतीय हाई कमीशन के बाहर जमा हुए थे। हालांकि ये प्रदर्शन लंबे समय तक नहीं चल सका था।

निज्जर की मौत के बाद प्रदर्शन बढ़े

अलग-अलग देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के पीछे एक वजह खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत भी है। गौरतलब है कि कनाडा के सरे शहर में 18 जून को खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत सरकार की नज़र में हरदीप यूएपीए के तहत आतंकवादी थे। वहीं खालिस्तान समर्थकों का आरोप है कि भारतीय एजेंसियों ने ही निज्जर की हत्या करवाई है।

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जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद बिहार में बढ़ी हलचल, नीतीश कुमार ने बुलाई नौ दलों की बैठक

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पटना: जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद बिहार में हलचल बढ़ गई है। इस रिपोर्ट के लेकरसभी पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए मंगलवार 3 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए 9 दलों को बुलाया गया है और इसमें इस रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। वहीं इससे पहले नीतीश कुमार ने रिपोर्ट जारी करने के बाद इसे ऐतिहासिक बताया था।

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार और बिहार की जनता के लिए हमने जो किया वह आजतक कोई नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना बहुत पहले ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन यतः नहीं कराई गई। अब आंकड़े हमारे सामने हैं और बिहार सरकार सभी जातियों के विकास और उन्नति के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस जनगणना को रोकने के लिए तमाम लोगों ने प्रयास किए, लेकिन वह सफल नहीं हो सके।

बीजेपी नीतीश सरकार पर हुई हमलावर 

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरीराज इस्न्घ ने इस रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की यह रिपोर्ट आम लोगों के बीच भ्रम फैला रही है। इससे लोगों के बीच में नफरत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट की जगह नीतीश कुमार को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने और उनके साथी लालू यादव ने कितने लोगों को नौकरी दी, कितने रोजगार के अवसर बनाए।

राहुल गांधी ने की नीतीश सरकार की तारीफ़ 

वहीं जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार की नीतीश सरकार की तारीफ की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखते हुए राहुल गांधी ने कहा, “बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं। इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ – ये हमारा प्रण है।” बता दें कि राहुल गांधी पिछले कई दिनों से ओबीसी समुदाय को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं।

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योगी सरकार किसानों के लिए कृषि कुंभ 2.0 लगाएगी, जानिए क्या है यह और कैसे अन्नदाता होंगे लाभान्वित

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उत्तर प्रदेश के किसानों की खुशहाली के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है। बीते कुछ सालों में कई बेहतरीन योजना शुरू की गई है, जिससे प्रदेश के किसानों की आय तेजी से बढ़ी है। इसी कड़ी में योगी सरकार कृषि कुंभ 2.0 का आयोजन करने जा रही है।  इसके इस साल दिसंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित होने की संभावना है। साल 2018 में पहला कृषि कुंभ आयोजित कर सरकार ने देशभर में सराहना बटोरी थी। बता दें कि सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में होगा और नई दिल्ली में एक कर्टेन रेजर का भी आयोजन किया जाएगा।

किसानों को नई तकनीक से अवगत कराया जाएगा 

राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, विभिन्न विभाग/संगठन एकीकृत खेती, ड्रोन के उपयोग, बागवानी क्षेत्र की उपलब्धियों, पशु संरक्षण, रेशम उद्योग की प्रगति सहित कई विषयों पर विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ सेमिनार, प्रदर्शनियों, कृषि वानिकी, फूलों की खेती, कृषि उद्यमिता, कृषि विविधीकरण, कृषि स्टार्टअप, डिजिटल कृषि, आदि का आयोजन करेंगे। ज्वार, बाजरा, मडुआ, सांवा, कोदो, काकुन, कुटकी, छेना, कुट्टू और रामदाना जैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक बाजरा की विशेषताओं से परिचित कराने के लिए अक्टूबर में राज्य-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

दुनिया के बाजार से जुड़ सकेंगे यूपी के किसान

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के हर जिले और देश के हर राज्य को कृषि क्षेत्र में हो रही सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए। कृषि कुंभ हमारे किसानों को तकनीकी दृष्टि से और अधिक समृद्ध बनाने में सक्षम बनाएगा। यह कार्यक्रम दुनिया भर में कृषि क्षेत्र में बीज से लेकर बाजार तक अपनाई जा रही प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कुंभ के दूसरे एडिशन में 2 लाख से अधिक किसानों, 10 भागीदार देशों और 500 से अधिक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों और संस्थानों के भाग लेने की संभावना है। सीएम ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों, कृषि व संबंधित क्षेत्रों की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों/संस्थानों, सभी कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और प्रगतिशील किसानों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। सम्मेलन के वैश्विक स्वरूप पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान, इजराइल, क्रोएशिया, पोलैंड, पेरू, जर्मनी, अमेरिका, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में खेती से संबंधित कई नवीन कार्य किये जा रहे हैं।

ये भी जानकारी साझा की जाएगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ (गाय) आधारित प्राकृतिक खेती, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की तैयारी, खाद्यान्न को बढ़ावा, एफपीओ आधारित व्यवसाय और खेती की लागत कम करने के साथ-साथ पराली प्रबंधन, राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी। योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश श्री अन्न (बाजरा) पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में बाजरा के विभिन्न उत्पादों/व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा। बाजरा पर काम करने वाले एफपीओ, उद्यमियों और किसानों को सम्मानित किया जाएगा। बाजरा पर इस विशेष कार्यशाला में जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ होटल एसोसिएशन/शेफ, स्कूली बच्चों, एफपीओ आदि को भी आमंत्रित किया जाएगा।

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