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मातृदिवस विशेष : मां ही मंदिर है, मां ही तीर्थ है

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संसार महान व्यक्तियों के बिना रह सकता है, लेकिन मां के बिना रहना एक अभिशाप की तरह है। इसलिए संसार मां का महिमामंडन करता है, उसके गुणगान करता है। इसके लिए मदर्स डे, मातृदिवस या माताओं का दिन चाहे जिस नाम से पुकारें, दिन निर्धारित है।

अंतरराष्ट्रीय मातृत्व दिवस संपूर्ण मातृशक्ति को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिवस है जिसका ममत्व एवं त्याग घर ही नहीं, सबके घट को उजालों से भर देता है। मां का त्याग, बलिदान, ममत्व एवं समर्पण अपनी संतान के लिए इतना विराट है कि पूरी जिंदगी भी समर्पित कर दी जाए तो मां के ऋण से उऋण नहीं हुआ जा सकता है। संतान के लालन-पालन के लिए हर दुख का सामना बिना किसी शिकायत के करने वाली मां के साथ बिताए दिन सभी के मन में आजीवन सुखद व मधुर स्मृति के रूप में सुरक्षित रहते हैं।

इसीलिए एच. डब्ल्यू. बीचर ने कहा कि मां का हृदय बच्चे की पाठशाला है। हर एक के जीवन में मां एक अनमोल इंसान के रूप में होती है जिसके बारे में शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान हर किसी के साथ नहीं रह सकता इसलिए उसने मां को बनाया। एक मां हमारे जीवन की हर छोटी बड़ी जरूरतों का ध्यान रखने वाली और उन्हें पूरा करने वाली देवदूत होती है। कहने को वह इंसान होती है, लेकिन भगवान से कम नहीं होती। वह ही मंदिर है, वह ही पूजा है और वह ही तीर्थ है।

तभी ई. लेगोव ने कहा है कि इस धरती पर मां ही ऐसी देवी है जिसका कोई नास्तिक नहीं। यही कारण है कि समूची दुनिया में मां से बढ़कर कोई इंसानी रिश्ता नहीं है। वह संपूर्ण गुणों से युक्त है, गंभीरता में समुद्र और धैर्य में हिमालय के समान है। उसका आशीर्वाद वरदान है। जरा कभी मां के पास बैठो, उसकी सुनो, उसको देखो, उसकी बात मानो। उसका आशीर्वाद लेकर, उसके दर्शन करके निकलो। फिर देखो, जो चाहोगे मिलेगा- सुख, शांति, शोहरत और कामयाबी। ध्यान रहे, मां का दिल दुखाने का मतलब ईश्वर का अपमान है।

संसार महान व्यक्तियों के बिना रह सकता है, लेकिन मां के बिना रहना एक अभिशाप की तरह है। इसलिए संसार मां का महिमामंडन करता है, उसके गुणगान करता है, इसके लिए मदर्स डे, मातृदिवस या माताओं का दिन चाहे जिस नाम से पुकारें, दिन निर्धारित है। अमेरिका में मदर्स डे की शुरुआत 20वीं शताब्दी के आरंभ के दौर में हुई। विश्व के विभिन्न भागों में यह अलग-अलग दिन मनाया जाता है।

मदर्ड डे का इतिहास करीब 400 वर्ष पुराना है। प्राचीन ग्रीक और रोमन इतिहास में मदर्स डे मनाने का उल्लेख है। भारतीय संस्कृति में मां के प्रति लोगों में अगाध श्रद्धा रही है। लेकिन आज आधुनिक दौर में जिस तरह से मदर्स डे मनाया जा रहा है, उसका इतिहास भारत में बहुत पुराना नहीं है। इसके बावजूद 2-3 दशक से भी कम समय में भारत में मदर्स डे काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। मातृदिवस समाज में माताओं के प्रभाव व सम्मान का उत्सव है। मां शब्द में संपूर्ण सृष्टि का बोध होता है।

मां के शब्द में वह आत्मीयता एवं मिठास छिपी हुई होती है, जो अन्य किन्हीं शब्दों में नहीं होती। मां नाम है संवेदना, भावना और अहसास का। मां के आगे सभी रिश्ते बौने पड़ जाते हैं। मातृत्व की छाया में मां न केवल अपने बच्चों को सहेजती है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उसका सहारा बन जाती है। समाज में मां के ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है जिन्होंने अकेले ही अपने बच्चों की जिम्मेदारी निभाई।

मांरूपी सूरज ‘चरेवैति-चरेवैति’ का आह्वान है। उसी से तेजस्विता एवं व्यक्तित्व की आभा निखरती है। उसका ताप मन की उम्मीदों को कभी जंग नहीं लगने देता। उसका हर संकल्प मुकाम का अंतिम चरण होता है। मातृदिवस सभी माताओं का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। एक बच्चे की परवरिश करने में माताओं द्वारा सहन की जाने वालीं कठिनाइयों के लिए आभार व्यक्त करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपनी मां को ग्रीटिंग कार्ड और उपहार देते हैं।

कवि रॉबर्ट ब्राउनिंग ने मातृत्व को परिभाषित करते हुए कहा है- सभी प्रकार के प्रेम का आदि उद्गम स्थल मातृत्व है और प्रेम के सभी रूप इसी मातृत्व में समाहित हो जाते हैं। प्रेम एक मधुर, गहन, अपूर्व अनुभूति है, पर शिशु के प्रति मां का प्रेम एक स्वर्गीय अनुभूति है

‘मां!’ यह वो अलौकिक शब्द है जिसके स्मरण मात्र से ही रोम-रोम पुलकित हो उठता है, हृदय में भावनाओं का अनहद ज्वार स्वत: उमड़ पड़ता है और मनो:मस्तिष्क स्मृतियों के अथाह समुद्र में डूब जाता है। ‘मां’ वो अमोघ मंत्र है जिसके उच्चारण मात्र से ही हर पीड़ा का नाश हो जाता है।

‘मां’ की ममता और उसके आंचल की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है जिसने आपको और आपके परिवार को आदर्श संस्कार दिए। उनके दिए गए संस्कार ही मेरी दृष्टि में आपकी मूल थाती है, जो हर मां की मूल पहचान होती है। हर संतान अपनी मां से ही संस्कार पाती है, लेकिन मेरी दृष्टि में संस्कार के साथ-साथ शक्ति भी मां ही देती है। इसलिए हमारे देश में मां को शक्ति का रूप माना गया है और वेदों में मां को सर्वप्रथम पूजनीय कहा गया है।

श्रीमद् भगवद् पुराण में उल्लेख मिलता है कि माता की सेवा से मिला आशीष 7 जन्मों के कष्टों व पापों को दूर करता है और उसकी भावनात्मक शक्ति संतान के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने मां की महिमा को उजागर करते हुए कहा है कि जब मैं पैदा हुआ, इस दुनिया में आया, वो एकमात्र ऐसा दिन था मेरे जीवन का जब मैं रो रहा था और मेरी मां के चेहरे पर एक संतोषजनक मुस्कान थी। एक मां हमारी भावनाओं के साथ कितनी खूबी से जुड़ी होती है, ये समझाने के लिए उपरोक्त पंक्तियां अपने आप में संपूर्ण है।

अब्राहम लिंकन का मां के बारे में मार्मिक कथन है कि जो भी मैं हूं या होने की उम्मीद है, मैं उसके लिए अपने प्यारी मां का कर्जदार हूं। किसी औलाद के लिए ‘मां’ शब्द का मतलब सिर्फ पुकारने या फिर संबोधित करने से ही नहीं होता बल्कि उसके लिए मां शब्द में ही सारी दुनिया बसती है, दूसरी ओर संतान की खुशी और उसका सुख ही मां के लिए उसका संसार होता है।

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G-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर मेट्रो के समय में बदलाव किया गया है,सभी स्कूल 3 दिनों के लिए बंद कर दिए गए..

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G-20 शिखर सम्मलेन के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली बिल्कुल तैयार है. उसे दुल्हन की तरह सजाया गया है. प्रगति मैदान का भारत मंडपम रोशनी में नहाया हुआ है. इस बीच सुरक्षा के भी कड़ें इंतजाम किए गए हैं. साथ ही साथ दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) एसएस यादव ने बुधवार को लोगों से अपील की है कि वे जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर पैदल चलने, साइकिल चलाने और पिकनिक जैसी गतिविधियों के लिए इंडिया गेट और कर्तव्य पथ पर न आएं. उनका कहना है कि इंडिया गेट और कर्तव्य पथ को “नियंत्रित क्षेत्र में नामित” किया गया है.

उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) से लोगों को असुविधा से बचाने के लिए सुबह 4 बजे से ट्रेनें संचालित करने का भी अनुरोध किया है. इसके बाद डीएमआरसी की ओर से कहा गया कि दिल्ली मेट्रो ट्रेन सेवाएं तीन दिनों के लिए यानी 8 से 10 सितंबर तक सभी लाइनों के टर्मिनल स्टेशनों से सुबह 4 बजे से शुरू होंगी. ट्रेनें सुबह 6 बजे तक सभी लाइनों पर 30 मिनट की फ्रीक्वेंसी के साथ चलेंगी. सुबह 6 बजे के बाद सभी लाइनों पर मेट्रो ट्रेनें पूरे दिन टाइम टेबल के मुताबिक चलाई जाएंगी.

3 मेट्रो स्टेशन की पार्किंग रहेगी बंद..

इस अवधि के दौरान सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन को छोड़कर सभी मेट्रो स्टेशन आम जनता के लिए खुले रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन पर सुरक्षा कारणों के चलते 9 और 10 सितंबर को यात्रियों को चढ़ने व उतरने की अनुमति नहीं होगी. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों की ओर से निर्देश दिए जाने के बाद वीवीआईपी प्रतिनिधिमंडलों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली जिले में कुछ स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट गेट पर थोड़े समय के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इसके अलावा पार्किंग की बात की जाए तो नई दिल्ली जिले में पड़ने वाले तीन मेट्रो स्टेशनों को छोड़कर सभी मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग भी सामान्य रूप से उपलब्ध रहेगी. इन तीन स्टेशनों में सुप्रीम कोर्ट, पटेल चौक और राम कृष्ण आश्रम मार्ग शामिल हैं.

जी-20 की बैठक को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों की छुट्टियों का ऐलान कर दिया है. मंत्री आतिशी ने कहा है कि 8, 9, 10 सितंबर को दिल्ली के सभी ऑफिस बंद रहेंगे. इसके अलावा सभी स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे. वहीं मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया है कि G-20 के लिए दिल्ली सरकार ने 5 अस्पताल डेडिकेट किए हैं. इधर, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 70 और CCTV कैमरे लगाए गए हैं. कुली, ऑटो, टैक्सी चालकों को भी हर तरह की परिस्थितियों के लिए जागरूक किया गया है.

G-20 के कुछ मेहमान जा सकते हैं आगरा..

G-20 को लेकर नोएडा में भी तैयारी की गई है. नोएडा को सजाया गया है. होटल्स में राजदूत और कुछ डेलीगेट रुकेंगे. कुछ विदेशी मेहमान ताजमहल भी जा सकते हैं. उसको लेकर भी नोएडा पुलिस इंतजाम करेगी. नोएडा पुलिस ने ताजमहल जाने के रूट प्लान और फोर्स डेप्लॉयमेंट को फाइनल कर लिया है. साथ ही सड़कों के रूट में परिवर्तन किया जाएगा. बड़ी संख्या में फोर्स को डेप्लॉय किया जा रहा है. नोएडा के दीवारों, अंडरपास और डिवाइडर पर पड़ने वाले पेड़ों को लाइटों और चित्रकारी से सजाया गया.

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अब आसानी से नहीं मिलेगा सिम कार्ड, 1 अक्टूबर से लागू होंगे सख्त नियम..

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टेलीकॉम डिपार्टमेंट भारत में सिम कार्ड को लेकर कई नए नियम लेकर आया है जो लोगों के सिम कार्ड खरीदने और एक्टिव करने के तरीके को और सख्त करने जा रहा है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट द्वारा भारत में सिम कार्ड की बिक्री और इस्तेमाल करने के लिए नए नियम जोड़े हैं और और पुराने नियमों में थोड़ा और बदलाव किया गया है. सिम कार्ड को फर्जी तरीके से बेचे जाने पर रोक लगाने के लिए बनाए गए नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे. टेलीकॉम कंपनियों को 30 सितंबर के पहले अपने सभी सेल्स सेंटर (POS) का रजिस्ट्रेशन कराना है. नए नियम लागू होने के बाद सिम कार्ड बेचने वाली दुकानों को सावधान रहना होगा. अगर दुकान की तरफ से कोई गड़बड़ होती है तो उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा. यहां नए नियों की पूरी डिटेल्स देखें और जानें कि इसके अलावा कोई और क्या बदला गया है.

एक अक्टूबर से लागू होंगे ये नए नियम..

नए नियम को मुताबिक, बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को अपने सिम कार्ड बेचने वाली दुकानों की अच्छी तरह जांच करनी होगी. उन्हें ये कंफर्म करना होगा कि दुकानें सभी नियमों को फॉलो करें. इससे चीजों सेफ और सिक्योर रहेंगी. इसके अलावा, टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने कहा है कि असम, कश्मीर और उत्तर पूर्व जैसे कुछ एरिया में टेलीकॉम ऑपरेटर को पहले सभी दुकानों का पुलिस वेरिफिकेशन शुरू करना होगा. वेरिफिकशन के बाद ही वो उन्हें नए सिम कार्ड बेचने की परमिशन दे सकते हैं.

सिम खोने पर या डैमेज होने पर..

सिम कार्ड खोने पर या डैमेज होने पर रिप्लेसमेंट लेने के लिए भी आपको पुलिस वेरिफिकेशन का सामना करना पड़ेगा. ये प्रोसेस वैसा होगा जैसा नया सिम कार्ड लेने पर होता है. नए नियम लाने के पीछे की वजह सिम कार्ड और भी ज्यादा सेफ और सिक्योर बनाना है. ये फैसला देश और देश की सुरक्षा के लिए जरूरी स्टेप है.

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सूरज की ओर बढ़ा आदित्य एल-1,जानें सूर्ययान का ताज़ा अपडेट..

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इसरो का मिशन सूर्ययान यानी आदित्य एल-1 अब सूर्य की ओर बढ़ चला है. 2 सितंबर को हुई लॉन्चिंग के बाद आदित्य एल-1 ने रफ्तार पकड़ी है, अब ISRO ने मंगलवार सुबह जानकारी दी है कि इसका दूसरा मैन्युवर कर दिया गया है और ये यान अभी पूरी तरह से नॉर्मल है. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद आदित्य एल-1 पर हर किसी की नज़रें टिकी थीं और इसरो के कंधों पर ये बड़ी जिम्मेदारी थी.इसरो ने मंगलवार सुबह इस मिशन को लेकर ताजा अपडेट दिया. ISRO ने ट्वीट किया, ‘पृथ्वी से जुड़ा दूसरा मैन्युवर बेंगलुरु स्थित ISTRAC सेंटर से पूरा कर दिया गया है. ISTRAC/ISRO ने मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में मौजूद अपने ग्राउंड स्टेशन से इसे ट्रैक किया. अब आदित्य एल-1 नए ऑर्बिट में 282 KM*40225 KM की दूरी पर है.’

सूर्ययान का मकसद सूरज के राज को दुनिया के सामने लाना है, सूर्य की कोरोना किरणों, एल-1 पॉइंट के वातावरण और अन्य बातों का अध्ययन करना है. भारत ने अभी तक सूरज को ध्यान में रखते हुए कोई मिशन नहीं लॉन्च नहीं किया था, ये भारत का पहला मिशन है. इससे इतर अगर चंद्रयान-3 की बात करें तो ये मिशन लगभग पूरा हो चुका है. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्लीप मोड में चले गए हैं. अब ये 22 सितंबर का इंतजार करेंगे, जब चांद पर सूर्योदय होगा. प्रज्ञान और विक्रम सूर्य की किरणों में ही काम करते हैं, ऐसे में अगर उन्हें 22 सितंबर को सिग्नल रिसीव होते हैं तो दोनों फिर से उठ सकते हैं और ये मिशन फिर से 14 दिन के लिए काम कर सकता है.

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