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भक्ति आराधना

रामायण-महाभारत के बाद टीवी पर होगी ‘श्री गणेश’ की वापसी, इस दिन से होगा प्रसारण

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लॉकडाउन में इन दिनों टीवी पर कई पौराणिक सीरियल्स प्रसारित हो रहे हैं। सभी चैनल्स पर कई पौराणिक सीरियल्स को फिर से दिखाया जाने लगा है। इन सीरियल्स को दर्शक भी खूब पसंद कर रहे हैं। टीवी पर वापसी करने वाले इन पौराणिक सीरियल्स में सीरियल अब ‘श्री गणेश’ भी शामिल हो गया है।

साल 2000 में आया सोनी टीवी का प्रसिद्ध सीरियल ‘श्री गणेश’ छोटे पर्दे पर फिर से वापसी करने जा रहा है। लेकिन इस बार यह सीरियल स्टार प्लस पर दिखाया जाएगा।  स्टार प्लस ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर ‘श्री गणेश’ का प्रोमो शेयर किया है।

यह सीरियल अभी टेलीकास्ट हो रहे ‘राधाकृष्ण’ की जगह लेगा। अब 2 जून से उसकी जगह पर ‘श्री गणेश’ दिखाया जाएगा। जूबी कोचर द्वारा निर्मित और धीरज कुमार द्वारा निर्देशित इस सीरियल में भगवान गणेश का किरदार जागेश मुकाती ने निभाया है। सुनील शर्मा ने भगवान शिव और गायत्री जयरामन ने देवी पार्वती की भूमिका निभाई है।

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आस्था

श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण करना क्यों है जरूरी? जानें पितृ पक्ष 16 दिनों तक ही क्यों चलता है

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Pitru Paksha 2023: इस बार पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हो रहा है जबकि पितृ पक्ष 14 अक्टूबर को समाप्त होगा। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को पितृ पक्ष कहा जाता है। इस तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए यह समय काफी उपयुक्त माना जाता है। पितृ पक्ष में 16 दिनों तक श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। इस दिन पितरों को संतुष्ट करने के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने की परंपरा है। बताया कि परिवार के एक सदस्य की मौत हो गयी है. मृत्यु के बाद, वे सूक्ष्म जगत में तब तक निवास करते हैं जब तक उन्हें नया जीवन नहीं मिल जाता

तर्पण का महत्व महत्व और इसके लाभ

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, हमारी पिछली तीन पीढ़ियों की आत्माएं ‘पितृ लोक’ में रहती हैं, जिसे स्वर्ग और पृथ्वी के बीच का क्षेत्र कहा जाता है। इस क्षेत्र का नेतृत्व मृत्यु के देवता यम करते हैं। ऐसा तब माना जाता है जब अगली पीढ़ी में से किसी की मृत्यु हो जाती है, तो पहली पीढ़ी को स्वर्ग ले जाया जाता है, जिससे वे भगवान के करीब आ जाते हैं। पितृ लोक में केवल पिछली तीन पीढ़ियों को ही श्राद्ध कर्म दिया जाता है।

पितृ पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग पितृ पक्ष के दौरान अपने पितरों को तर्पण नहीं देते, उन्हें पितृदोष लगता है।  पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को संतुष्टि और शांति मिलती है। वे अपने वंशजों से प्रसन्न होकर पूरे परिवार को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आपको बता दें कि पितृ पक्ष के दौरान हर साल लोग गया जाकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं।

16 दिन के ही क्यों होते हैं पितृपक्ष ? 

शास्त्रों के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु इन सोलह तिथियों के अलावा अन्य किसी भी तिथि पर नहीं होती है।  अर्थात जब भी पितरों का श्राद्ध किया जाए तो उनकी मृत्यु तिथि के अनुसार ही किया जाना चाहिए। इसलिए पितृ पक्ष सर्फ सोलह दिनों तक चलता है। हालांकि, जब तिथि क्षय होता है तो श्राद्ध के दिनों की संख्या बढ़कर 15 हो जाती है, लेकिन कभी बढ़ती नहीं है।

पितृ पक्ष में तिथि का महत्व

जब पितृ पक्ष प्रारंभ होता है तो प्रत्येक दिन की एक तिथि होती है। तिथि के अनुसार ही श्राद्ध करने का नियम है। उदाहरण के लिए, इस वर्ष द्वितीया श्राद्ध 30 सितंबर को है यानी पितृ पक्ष में श्राद्ध की द्वितीया तिथि है। जिन लोगों के पूर्वजों की मृत्यु किसी भी महीने की द्वितीया तिथि को होती है, वे पितृ पक्ष के दूसरे दिन अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं।

पितृ पक्ष 2023 की महत्वपूर्ण तिथियां

  • पूर्णिमा श्राद्ध- 29 सितंबर 2023
  • प्रतिपदा का श्राद्ध – 29 सितंबर 2023
  • द्वितीया श्राद्ध तिथि- 30 सितंबर 2023
  • तृतीया तिथि का श्राद्ध- 1 अक्टूबर 2023
  • चतुर्थी तिथि श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2023
  • पंचमी तिथि श्राद्ध- 3 अक्टूबर 2023
  • षष्ठी तिथि का श्राद्ध- 4 अक्टूबर 2023
  • सप्तमी तिथि का श्राद्ध- 5 अक्टूबर 2023
  • अष्टमी तिथि का श्राद्ध- 6 अक्टूबर 2023
  • नवमी तिथि का श्राद्ध- 7 अक्टूबर 2023
  • दशमी तिथि का श्राद्ध- 8 अक्टूबर 2023
  • एकादशी तिथि का श्राद्ध- 9 अक्टूबर 2023
  • माघ तिथि का श्राद्ध- 10 अक्टूबर 2023
  • द्वादशी तिथि का श्राद्ध- 11 अक्टूबर 2023
  • त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध- 12 अक्टूबर 2023
  • चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध- 13 अक्टूबर 2023
  • सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध तिथि- 14 अक्टूबर 2023

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आस्था

Aaj Ka Rashifal 28 September 2023: दैनिक राशिफल से जानिए, कैसा रहेगा सभी राशियों के लिए आज का दिन?

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Aaj Ka Rashifal 28 September 2023: वैदिक ज्योतिषशास्त्र में कुल 12 राशियों का वर्णन किया गया है. एक राशि करीब एक महीने चलती है इस प्रकार से एक साल में 12 राशियों का चक्र पूरा होता है. हर राशि का स्वामी ग्रह होता है. ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकंलन किया जाता है. आज 28 सितंबर, दिन गुरुवार है. ये दिन विश को समर्पित माना जाता है. इस दिन इनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.  ऐसे में आइये जानते हैं कि आज किन राशि वालों को होगा लाभ और किन राशि वालों को रहना होगा सावधान.

मेष राशि: मेष राशि के लोगों के लिए  दिन बढ़िया रहेगा. व्यापार ठीक ठाक चलेगा. नया काम शुरू कर सकते हैं. छात्रों के लिए मेहनत का दिन है. आज किसी पर गुस्सा नहीं करें, बात बढ़ सकती है. जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा. समाज में आपका मान सम्मान और प्रतिष्ठा बनी रहेगी. सेहत का ख्याल रखें और बाहर का तला भुना नहीं खाएं.

वृषभ राशि: इन जातकों के लिए दिन परेशानी वाला रहेगा. काम में बहुत मेहनत करनी होगी. ऑफिस में दिन ठीक रहेगा.   आज आपको आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ सकता है. आज खर्चे भी ज्यादा होंगे. लव लाइफ में तनाव हो सकता है.
जीवनसाथी के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. पुराने मित्रों से मुलाकात होगी.

मिथुन राशि: मिथुन राशि के लोगों के लिए दिन अच्छा रहेगा. आय कमाने के  साधन प्राप्त हो सकते हैं. संतान की ओर से आपको कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है. कुंवारे लोगों को विवाह के लिए नए प्रस्ताव आ सकते हैं, जिनसे  घर में खुशी की लहर रहेगी. भाई बहनों की सेहत को लेकर आप थोड़ा सा चिंतित  हो सकते हैं. किसी धार्मिक यात्रा का भी प्लान बना सकते हैं, जहां पर जाकर आपके मन को शांति प्राप्त होगी.

कर्क राशि: इन जातकों के लिए दिन बहुत ही शानदार रहने वाला है. परिवार के साथ बहुत अधिक अच्छा समय बिताएंगे. परिवार में चल रहा मनमुटाव खत्म हो सकता है . प्रेमियों के लिए भी आज का दिन बहुत बढ़िया रहेगा,  दोस्तों के साथ कहीं बाहर  घूमने जा सकते हैं.  बुजुर्गों की सेहत का विशेष ध्यान रखें. कुछ अटके काम पूरे हो सकते हैं. छात्रों के लिए दिन ठीक है.

सिंह राशि: सिंह राशि के लिए दिन ठीक-ठाक रहेगा. व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए अधिक धन खर्च कर सकते हैं . स्वास्थ्य की बात करें तो खान-पान का विशेष ध्यान रखें. आज खान पान का खास ध्यान रखें.  संतुलित भोजन करें,  अन्यथा, कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ सकता है. बुजुर्गों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. परिवार के साथ कहीं बाहर का प्लान कर सकते हैं.

कन्या राशि: इन जातकों के लिए दिन मिला जुला  रहेगा. काम के सिलसिले में अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं. समाज में आपको सम्मान मिलेगा.  आज आपको आपके किसी करीबी व्यक्ति से धोखा मिल सकता है,  जिसके कारण आप परेशान हो सकते हैं. संतान को लेकर आपका मन संतुष्ट रहेगा. जीवन साथी को लेकर भी आप खुश रहेंगे. आज धन की कमी नहीं रहेगी. परिवार में माहौल अच्छा रहेगा.

तुला राशि : तुला राशि के  लिए दिन बडा ही रोमांचकारी रहेगा. किसी भी बड़े काम को करने से  पहले बड़ों का आशीर्वाद लें.  पति-पत्नी शाम को बाहर घूमने जा सकते हैं. सेहत का ध्यान रखें, बीमार हो सकते हैं. अटके काम पूरे हो सकते हैं. पुराने रिश्तेदारों का घर पर आना हो सकता है. कुछ अटके काम भी पूरे होंगे.

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के लोगों के लिए  दिन शानदार रहेगा. नौकरीपेशा जातकों के लिए दिन थोड़ा सा परेशानी वाला रहेगा. ऑफिस में सावधानी बरतें, अपने अधिकारियों से किसी भी प्रकार का वाद-विवाद ना करें. गाड़ी चलाते समय  सावधान रहें. लव लाइफ ठीक चलेगी. परिवार के किसी रिश्तेदार के यहां से कोई खुशखबरी प्राप्त हो सकती हैं,  जिसको सुनकर आपके मन को बहुत ही खुशी मिलेगी.

धनु राशि: धनु राशि के लोगों के लिए दिन अच्छा है. आज कोई बहुत बड़ी अच्छी खबर मिल सकती है. किसी धार्मिक कार्य का आयोजन कर सकते हैं. दिन आपका आर्थिक स्तर बहुत मजबूत रहेगा. बदलते मौसम के साथ आपकी सेहत  में बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. नौकरी करने वाले जातकों के लिए दिन ठीक-ठाक रहेगा. बिजनेस बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत करते रहें. जीवनसाथी का भरपूर साथ मिलेगा. खान पान का ध्यान रखें.

मकर राशि: इन जातकों के लिए  दिन थोड़ा सा उतार-चढ़ाव वाला रहेगा.  बिजनेस ठीक चलेगा.  किसी यात्रा पर जा रहे हैं तो विशेष ध्यान रखें अन्यथा. आज के दिन आपसे कोई उधार धन मांगता है तो देने से बचें, वापस मिलने में कठिनाई होगी. अविवाहित लोगों को आज अपना जीवनसाथी मिल सकता है. संतान की तरफ से आपका मन  परेशान रहेगा. सेहत की तरफ ध्यान दें, अपने दिनचर्या में योगासन अवश्य करें.

कुंभ राशि: कुंभ राशि के लोगों के लिए दिन बढ़िया रहेगा. सेहत ठीक रहेगी.  गाड़ी चलाते समय सावधान रहें, चोट लग सकती है. संतान के भविष्य को लेकर आप थोड़ा सा चिंतित हो सकते हैं, जिसके कारण मानसिक तनाव हो सकता है. माता-पिता की प्रॉपर्टी को लेकर परेशान हो सकते हैं. परिवार के साथ किसी दूर की यात्रा पर जा सकते हैं.

मीन राशि: मीन राशि के लोगों के लिए आज का दिन कुछ ज्यादा अच्छा रहेगा.  नौकरी करने वालों को  मान सम्मान मिलेगा. छात्रों के लिए दिन ठीक है. परिवार के किसी सदस्य की सेहत खराब हो सकता है, ध्यान रखें. ससुराल पक्ष से किसी प्रकार की कोई मदद या आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है. पैसे के लेन-देन के बारे में सावधान रहें.

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आस्था

कल मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी, इस विधि के साथ करें भगवान विष्णु की पूजा, जानें मुहूर्त और महत्व

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28 सितंबर, गुरुवार को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाएगी। दरअसल भगवान विष्णु के 12 नाम हैं, जिनमें से एक अनंत है। अनंत चतुर्दशी के दिन  मध्याह्न के समय इनकी पूजा करने का और साथ ही व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, स्वयं श्री कृष्ण के कहने पर पांडवों ने भी इस व्रत को किया था। इस व्रत को करने से आपकी मुश्किलें कम हो सकती हैं और आपकी धन और संतान आदि की कामना की भी पूर्ति होगी।

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि

अनंत चतुर्दशी के दिन स्नान आदि के बाद, नित्य कर्मों से निवृत्त होकर, साफ कपड़े पहनकर पहले व्रत का संकल्प लेना चाहिए। फिर भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए सबसे पहले घर की पूर्व दिशा को अच्छे से साफ करके, वहां पर कलश की स्थापना करें। फिर कलश के ऊपर कोई थाल या अन्य कोई बर्तन स्थापित करें। फिर उस बर्तन में कुश से बनी हुए भगवान अनंत की मूर्ति स्थापित करें और उसके आगे कुमकुम, केसर या हल्दी से रंगा हुआ कच्चे सूत का चौदह गांठों वाला धागा रखें। इस धागे को अनंत भी कहा जाता है।  अब कुश से बने अनंत जी और चौदह गाठों वाले धागे की विधि-पूर्वक गंध, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करें और संभव हो तो भगवान की कथा भी पढ़ें। फिर पूजा आदि के बाद अनंत देव का ध्यान करते हुए उस धागे को अपनी बाजू पर बांध लें। पुरुष अपने दाहिने हाथ में और महिलाएं अपने बाएं हाथ में उस चौदह गांठों वाले धागे को बांधें। दरअसल, अनंत धागे की चौदह गांठे चौदह लोकों की प्रतीक मानी गई हैं। यह धागा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला और अनंत फल देने वाला माना गया है । इसे धारण करने से हर तरह की मुसीबतों से रक्षा होती है और साधक का कल्याण होता है।

अनंत चतुर्दशी  2023 शुभ मुहूर्त

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 28 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर
  • चतुर्दशी तिथि समापन: 28 सितंबर को शाम 6 बजकर 51 मिनट तक
  • अनंत चतुर्दशी  2023 तिथि: 28 सितंबर 2023

अनंत चतुर्दशी का महत्व 

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने और उपवास रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस व्रत को रखने वाले जातकों पर लक्ष्मीनारायण की अपार कृपा रहती है। अनंत चतुर्दशी के दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना भी फलदायी माना जाता है।

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