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कोरोना वायरस

लॉकडाउन में जूनियर अधिवक्ताओं के समक्ष रोजी-रोटी का संकट, दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने अधिवक्ता परिषद से मांगा जवाब

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बिलासपुर। कोरोना वायरस के वजह से देशव्यापी लॉकडाउन में न्यायालयों का कामकाज ठप होने से जूनियर अधिवक्ताओं के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उठ खड़ी हुई है इस पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. डिवीजन बेंच ने छत्तीसगढ़ बार कौंसिल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी.

याचिकर्ता राजेश केशरवानी की ओर से दायर याचिका पर उनके अधिवक्ता संदीप दुबे वीडिओ कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में प्रस्तुत हुए. जिसमें डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ बार कौंसिल संकट के इस समय में क्या कर रहा है, अपनी योजना बताए. वहीं सरकार की तरफ एडवोकेट जनरल सतीश वर्मा नोटिस लिए.
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण देश-प्रदेश में 25 मार्च से लॉकडाउन है, इसकड़ी में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की ओर से 25 मार्च से नोटिफिकेशन जारी करके प्रदेश के उच्च न्यायालय सहित जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय, सभी राजस्व न्यायालय विभिन्न प्रकार के अभिकरण के बंद करने का आदेश दिए हैं.
यह लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ने की आशंका है, उसके पश्चात मई-जून मे न्यायालय की ग्रीष्म कालीन छुट्टियां हैं. इस आदेश के कारण से जूनियर अधिवक्ता जिनकी प्रैक्टिस 7 वर्ष से कम है, उनके समक्ष रोजी-रोटी की संकट उत्पन्न हो गई है, ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ विधिक परिषद एवं अधिवक्ता कल्याण अधिनियम के तहत गठित समिति के जरिए जूनियर अधिवक्ताओं की मदद को लेकर याचिका दायर की गई है.
याचिका में मांग की गई है कि उच्च न्यायालय राज्य अधिवक्ता परिषद को निर्देश दे कि वह गाइडलाइन तैयार कर अधिवक्ताओं की मदद करे, जिनकी प्रैक्टिस 7 वर्ष से कम हो. इसके अलावा एक समिति का भी गठन शीघ्र किए जा किया जाए, जूनियर अधिवक्ताओं को मदद मिल पाए, ऐसी भी स्कीम बनाई जाए जिस पर क्लर्क एवं उनसे जुड़े लोगों को वित्तीय मदद प्राप्त हो पाए ।

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कोरोना वायरस

छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में मिले 17 नए कोरोना मरीज..

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रायपुर :  कोरोना के 17 मरीज फिर छत्तीसगढ़ में मिले है. स्वास्थ्य विभाग ने बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी और बताया कि 17 जनवरी को 17 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. 4 हजार सैंपलों की जांच की गई. फ़िलहाल प्रदेश के 15 जिलों में संक्रमित मरीज सक्रिय है.

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कोरोना वायरस

ओमिक्रॉन का फैल रहा खतरनाक वेरिएंट, अब तक इतनों की हुई मौत…

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12 जनवरी 2024:-  छत्तीसगढ़ में जेएन-1 वायरस से ही कोरोना फैल रहा है। एम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 48 सैंपलों में 25 जेएन-1 वेरिएंट का मिला। बाकी ओमिक्रॉन का है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार जेएन-1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। इससे ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि यह तेजी से फैलता है पर मृत्यु दर कम है। प्रदेश में तीन लोगों की जो मौत हुई है, उनके वायरस भी जेएन-1 के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी की है। प्रदेश में प्रदेश में पिछले 22 दिनों में 269 मरीज मिल चुके हैं। रोजाना मरीज मिलने का औसत 12 से कुछ ज्यादा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच कराने को कहा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एम्स में कुल 48 सैंपल भेजे थे। प्रदेश में जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे पहले ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इस सीजन में केवल कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। आंबेडकर अस्पताल में चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आर.के. पंडा व मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार जेएन-1 वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है।

रायपुर में नए मरीज नहीं, प्रदेश में 18

राजधानी में गुरुवार को कोरोना को कोई नया मरीज नहीं मिला। वहीं प्रदेश में 18 नए केस मिले हैं। इनमें सुकमा व रायगढ़ में 4-4, बालोद व बस्तर में 3-3, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार व कांकेर में एक-एक मरीज मिला हैं। कुल 4714 सैंपलों की जांच की गई। संक्रमण दर 0.38 फीसदी रही। होम आइसोलेशन में 17 लोग स्वस्थ हुए।एम्स से गुरुवार को जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई। इसमें 48 में 25 सैंपलों में जेएन-1 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बाकी ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले वायरस है। कोरोना से खतरा तो है, लेकिन डरने के बजाय अलर्ट रहने की जरूरत है। -डॉ. डीके तुर्रे, मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य विभाग

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कोरोना वायरस

न्यू ईयर-क्रिसमस के जश्न पर भारी पड़ा कोरोना, 2023 के आखिरी महीने में 10,000 मौतें…

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कोरोना वायरस के केस फिर से आने लगे हैं. इस बार एक और नए वैरिएंट के साथ ये वायरस लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना से पिछले महीने यानी दिसंबर में 10,000 मौतें हुईं हैं. इस रिपोर्ट पर एजेंसी के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बढ़ते कोरोना वायरस की वजह छुट्टियों में सोशल गैदरिंग को बताया है. टेड्रोस ने कहा कि दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं, जबकि नए साल के दौरान 50 देशों में अस्पताल में 42% मरीजों की बढ़ोतरी देखी गई है. ज्यादातर मामले यूरोप और अमेरिका से आए हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह आकड़ा स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि और जगहों पर भी मामले बढ़ रहे हैं जहां रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं, उन्होंने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और इलाज व टीकाकरण की मांग की है.टेड्रोस ने बताया कि JN.1 वैरिएंट अब दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. यह एक ओमिक्रॉन वैरिएंट है, इसलिए मौजूदा टीकों से भी इससे बचा जा सकता है. वहीं डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कोरोनो वायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण दुनिया भर में सांस से संबंधी बीमारियों में इजाफा बताया है.

भारत में अब तक कितनी मौत?

भारत में अब तक, जनवरी 2020 में शुरुआती प्रकोप के बाद से कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 4,50,19, 819 तक पहुंच गई है, जबकि कुल मृत्यु का आंकड़ा 5,33,406 हो गया है. वहीं भारत में पिछले 24 घंटों में 605 नए कोविड मामले दर्ज किए गए है और चार लोगों की मौतें हुईं है.

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