खबरे छत्तीसगढ़
*वार्ड परिसीमन को लेकर वार्ड वासियों का फुटा गुस्सा*
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रायपुर। राजधानी के माधव राव सप्रे और ईश्वरी चरण शुक्ल वार्ड के रहवासियों ने वार्ड परिसीमन के विरोध में शनिवार को नगर निगम कार्यालय का घेराव किया. लोगों ने आरोप लगाया कि जोन अध्यक्ष बनाने के लिए लोगों को परेशान किया जा रहा है।
प्रदर्शन कर रहे माधव राव सप्रे 69 एवं ईश्वरी चरण शुक्ल वार्ड क्रमांक 22 के लोगों ने बताया कि उन्हें 8 से 10 जोन करने में कोई शिकायत नहीं है, लेकिन माधवराव सप्रे वार्ड और ईश्वरी चरण शुक्ला वार्ड की जो दूरी बढ़ाई गई है, उसे जनता को बहुत ज्यादा परेशानी होगी. हम इसका विरोध कर रहे हैं. हम विरोध प्रदर्शन के माध्यम से महापौर और निगम के अधिकारियों को अवगत कराने आए हैं कि हमारे वार्ड को यथावत रखा जाए नहीं तो जनता के हित के लिए हम सब सड़क की लड़ाई लड़ेंगे.
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ठेकेदार की लापरवाही से गई मासूम की जान
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सुरेश मिनोचा:मनेंद्रगढ़/एमसीबी : जिले के मनेन्द्रगढ़ में निर्माणाधीन पुल के लिये ठेकेदार द्वारा बनाये गये सीमेंट की टंकी में मासूम बालक गिर गया। जब आसपास के लोगों को घटना की जानकारी मिली तो बालक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज के लिये लाया गया लेकिन तब तक मासूम की सांसें थम चुकी थी। मिली जानकारी के अनुसार मौहारपारा का रहने वाला 8 वर्षीय शुभम सिंह पिता स्व.प्रेम सिंह शुक्रवार की दोपहर अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिये घर से निकला था। वे लोग खेलते खेलते काली मंदिर के पास निर्माणाधीन पुल के लिये ठेकेदार द्वारा द्वारा बनाये गये सीमेंट की टंकी के पास पहुंच गये। इसी दौरान शुभम सिंह अचानक टंकी में गिर गया।
जब काफी देर बाद भी शुभम सिंह घर नही पहुंचा तो परिजनों ने उसकी पता तलाश शुरू की। आसपास खोजने के बाद बालक का जब कुछ पता नही चला तो टंकी में तलाश की गई तो मासूम टंकी में ही बेहोशी की हालत में मिला। परिजनों और आसपास मौजूद लोगों द्वारा तत्काल मासूम शुभम सिंह को ईलाज के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मनेन्द्रगढ़ लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।घटना की जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गये।कई मामलों में प्रायः देखा गया है कि ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य के दौरान कही गड्ढा खोद कर खुला छोड़ दिया जाता है तो कहीं टंकी बना कर खुला छोड़ दिया जाता है,कहीं नाला खुला छोड़ दिया जा रहा है।वर्तमान में वर्षा ऋतु चल रही है और बरसात में खुले छोड़े गए इन गड्ढों,नालों और टंकी में पानी भर जाता है,जिसके परिणाम स्वरूप उपरोक्त घटनाएं कारित हो रही हैं।जिला प्रशासन को ऐसे लापरवाह ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
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उद्यानिकी फसलों में मौसम आधारित फसल बीमा कराने की अंतिम तारीख़ 31 जुलाई
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बेमेतरा 27 जुलाई 2024 : छत्तीसगढ़ शासन कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों में मौसम आधारित फसल बीमा कराने हेतु 31 जुलाई 2024 तक का समय तय किया गया है। उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे किसानों को अधिसूचित क्षेत्र के आधार पर 1. तापमान (कम, अधिक) 2. वर्षा (कम, अधिक बेमौसम वर्षा) 3. वायु गति 4. कीट एवं व्याधि प्रकोप के अनुकूल मौसम एवं स्थानीय आपदा एवं फसल विशेष के आधार पर 1. ओलावृष्टि खरीफ मौसम हेतु अधिसूचित फसलें मिर्च, केला एवं पपीता 2. चक्रवाती हवाएँ खरीफ मौसम हेतु अधिसूचित फसलें केला एवं पपीता को होने वाले नुकसान से बचाने के लिये पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की गई है।खरीफ वर्ष 2024 में जिले के अंतर्गत बीमा कराने वाले कृषकों को अधिसूचित फसल के अनुसार निर्धारित कुल बीमित राशि का अधिकतम 5 प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम जो भी कम हो राशि कृषक अंश के रूप में ऋणी एवं अऋणी दोनों प्रकार के कृषकों को जमा करने होंगे।
अऋणी कृषक फसल लगाने का स्व घोषित प्रमाण पत्र, नक्शा खसरा, आधार कार्ड, अपने बैंक पासबुक छायाप्रति जिसमें आईएफएससी कोड इत्यादि का उल्लेख हो, जमा कर बीमा करा सकते है।योजना के अंतर्गत ऋणी कृषकों के लिये विकल्प चयन के आधार पर कियान्वित होगी। ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते हैं उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथी के 7 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। निर्धारित समय सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिये स्वीकृति व नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रूप से बीमाकृत किया जावेगा। इस मामले में किसी भी प्रकार की त्रुटि संबंधित बैंक किसानों के स्वीकार दावों के भुगतान के लिये उत्तरदायी होगा।
बीमा के दायरे में आयेंगी ये फसलें
टमाटर, बैगन, मिर्च, अदरक, केला, पपीता और अमरूद की फसलें अधिग्रहित की गई है। खरीफ मौसम हेतु फसल बीमा के लिये बीमा कराने हेतु अधिकृत संस्थाएँ हैं च्वाइस सेंटर, भारतीय कृषि बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि, लोक सेवा केन्द्र, बैंक शाखा, सहकारी समिति तथा विकासखण्ड में स्थापित शासकीय उद्यान रोपणी कमशः शासकीय उद्यान रोपणी, पड़कीडीह, बेमेतरा (मोबा. नं. +91-78282-81733) शासकीय उद्यान रोपणी, मोहगांव, साजा (मोबा. नं. +91-98935-02037) शासकीय उद्यान रोपणी, नेवनारा, बेरला (मोबा. नं. +91-99771-36115) शासकीय उद्यान रोपणी, झिलगा, नवागढ़ (मोबा. नं. +91-78287-24673) से भी संपर्क किया जा सकता है।
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जशपुर को पर्यटन नक्शे में शामिल करने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की बड़ी पहल
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- प्रसिद्व पर्यटन स्थल मयाली नेचर कैम्प स्वदेश दर्शन योजना में शामिल
- विकास के लिए दस करोड़ रूपये की मिली स्वीकृति
जशपुरनगर, 27 जुलाई 2024 : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक व धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है। इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा। साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है।
उल्लेखनीय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है। बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है। वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है। इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है। पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं। राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है। इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके। इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है।
विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति –
स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
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