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विक्रय की गई धान की रकम खाते में ना आने से किसान ने लगाए लेंप्स प्रबंधक पर रुपए गबन करने का आरोप, धान की रकम के लिए अब भटक रहा किसान

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घनश्याम यादव बीजापुर ।जिले के भोपालपटनम लेम्प्स में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। एक किसान को 3 माह के बीत जाने के बाद भी जब विक्रय की गई धान की राशि की जानकारी हेतु खरीदी प्रभारी के पास पहुंचा तो उसने खरीदी पंजी में नाम दर्ज ना होने की बात कहकर अब उसे उसकी बिक्री की गई धान को वापिस ले जाने कहा जा रहा है। जबकि किसान सरकार द्वारा तय मापदंडो का पालन करते हुए अपनी उपज को धान खरीदी केंद्र पर लाकर तौलवाया। जब वह खरीद केंद्र पहुंचकर उसकी उपज की रकम की मांग की जा रही है तो खरीदी प्रभारी के द्वारा धान वापिस ले जाने की बात कहीं ये भी न्याय संगत नहीं लग रहा है। जिस किसानों की हितैषी बनकर राज्य की सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस की सरकार के राज में किसान इस तरह से अपनी उपज की रकम को लेकर ख़रीदी केंद्रों के खरीदी प्रभारियों की हाथों खुद को असहाय एवं ठगा सा महसूस कर रहा है जो एक गंभीर विषय है।भोपालपटनम ब्लाक के अटूकुपल्ली के आदिवासी किसान कांति नारायण के द्वारा 0.60 रकबा(हैक्टेयर)का पंजीयन कराकर धान को बेचने के लिए समिति प्रबंधक के द्वारा 9 जनवरी 2019 को टोकन जारी किया गया था। जिसमे किसान के 0.606 रकबा(हेक्टेयर) से कुल 22.40 क्विंटल धान बेचने की अनुमति प्रदाय की गई थी। जिसमे किसान को 23 जनवरी को उसकी धान की तौल होने की बात कही गयी । जिस पर किसान तय समय के मुताबिक खरीदी केंद्र पर पहुंचकर अपनी उपज(धान) को तौलवाकर खरीदी केंद्र के हवाले कर अपने गांव वापिस चला गया। जब 3 माह बीत जाने के बाद भी उससे उसकी उपज की रकम अपने खाते में जमा नहीं हुआ तब किसान खरीदी केंद पहुंचकर खरीदी प्रभारी से अपनी उपज की रकम की मांग की। इस पर खरीदी प्रभारी ने किसान को उसकी उपज को खरीदी पंजी में दर्ज नही होने की बात कहकर अब धान को वापिस ले जाने को कहा है। इतने समय बीत जाने के बाद किसान के साथ इस तरह का रवैय्या अपनाते हुए पंजीयन में त्रुटिपूर्ण बताकर अपना पल्ला झाड़ने में लगा हुआ है।
किसान ने इसके अलावा अपने साथ हुई इस तरह के व्यवहार को लेकर आदिवासी समाज के ब्लाक(भो.पटनम) अध्यक्ष अलवा मदनैय्या एवं लेम्म्स उपाध्यक्ष भोपालपटनम प्रेम कुमार गुज्ज़ा से लिखित शिकायत की है। जिस पर उन्होंने कार्यवाही का भरोसा दिया है।

पूर्व में भी लेम्म्स प्रबन्धक(प्रभारी)एवं खरीदी प्रभारी भोपालपटनम पर इस तरह के आरोप लगते आये है।
पहले भी मुदस्सर खान पर भाजपा के पूर्व विधायक महेश गागड़ा द्वारा तेलंगाना के बारदानों में धान खरीदी का आरोप मुदस्सर पर लगाया गया था। जो बाद में सही पाया गया। बावजूद उसके इस प्रभारी प्रबन्धक एवं खरीदी प्रभारी मुदस्सर खान पर जिम्मेदार अधिकारी एवं जन प्रतिनिधियों की चुप्पी समझ से परे है।
इस संबंध में लैंप्स प्रभारी से मोबाइल पर बात करने पर उसने कहा कि ऑपरेटर की गलती से किसान का नाम चढ़ा दिया गया था जबकि दूसरे किसान का नाम होना चाहिए था त्रुटि की वजह से किसान के द्वारा आरोप लगाया जा रहा है।

आखिर किसान की 22 क्विंटल धान जमीन निगल गई या आसमान।

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भ्रष्टाचार के कारण गई कांग्रेस की सरकार : राजेश मूणत

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रायपुर:  भाजपा नेता राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गिरोह बनाकर भ्रष्टाचार के लिए काम कर रही थी, जनहित में काम नहीं की. अगर काम करती तो सरगुजा से लेकर बस्तर की सीटों में एकतरफा निर्णय नहीं आता. जनता को भय और आतंकवाद से मुक्ति चाहिए था, इसलिए भाजपा को चुना.

पूर्व मंत्री और रायपुर पश्चिम से नवनिर्वाचित विधायक राजेश मूणत ने अवैध कब्जा हटाने को लेकर कहा कि जिन लोगों ने अवैध कब्जा बसाया था, वही उजड़ रहे हैं. प्रशासन यह चिन्हित करें कि कब्जाधारी कौन हैं. उनके खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही थी
यह अधिकारी बताएं. जिन अधिकारियों ने गड़बड़ की है. उन पर तो निश्चित ही गाज गिरेगी.

मूणत ने कहा कि 15 साल के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को सरकारी बंगला देने में देरी कर दी. तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी मंडल ने बंगला अलॉटमेंट करने की बात कही, लेकिन कांग्रेस सरकार ने महीनों तक बंगला नहीं दिया. जो बंगला दिया वह थर्ड क्लास का था. मंत्रियों को सुरक्षा देने से भी मना कर दिया, लेकिन अभी मुख्यमंत्री को बंगला अलॉट कर दिया गया है.

उन्होंने सवाल किया कि सरकार गठन से पहले कैसे बंगला अलॉट कर दिए गए. अफसर सुधर जाएं, क्योंकि अभी भी कई अधिकारी कांग्रेस के समर्थन में काम कर रही है. मूणत ने विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को लेकर कहा कि संगठन की अपनी प्रक्रिया है, जिसके तहत मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का गठन होगा. मुख्यमंत्री बीजेपी का ही कोई कार्यकर्ता बनेगा.

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रमन सिंह का बड़ा बयान,विधायकों की सहमति से चुने जाएंगे सीएम

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रायपुर  : पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, विधायक दल की बैठक के लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. यह तीनों पर्यवेक्षक विधायकों से सुझाव लेंगे. केंद्र की सहमति से विधायक दल का नेता चुनेंगे.

सीएम फेस को लेकर रमन सिंह ने कहा, अभी किसी का नाम फाइनल नहीं हुआ है. जब तक राय मशवरा नहीं होंगे तब तक कहना मुश्किल है. अभी सभी नाम चर्चा में है. लोकसभा चुनाव को लेकर सरकार गठन किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में पिछले बार से बेहतर रिजल्ट आएंगे. 11 की 11 सीटें जीते इस बड़े लक्ष्य को लेकर सरकार का गठन किया जा रहा है.

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सीएम फेस का ऐलान जल्द,सरोज पांडेय पर्यवेक्षक बनाई गई

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रायपुर :  छग से सांसद सरोज पांडेय पर्यवेक्षक बनाई गई है. अब राजस्थान में जल्द ही सीएम फेस का ऐलान हो जाएगा। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बैठक कर रही है। ये सभी पर्यवेक्षक विधायकों से चर्चा करेंगे, इसके बाद तीनों राज्यों में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम होना है। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत संगठन के तमाम बड़े नेता पहुंचेंगे।

  • राजस्थान- राजनाथ सिंह, सरोज पांडेय
  • मध्य प्रदेश- मनोहर लाल खट्टर के लक्ष्मण
  • छत्तीसगढ़- सर्वानंद सोनीवाल अर्जुन मुंडा

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