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*विधानसभा के बजट सत्र का आज राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुआ आगाज*

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रायपुर। राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विधानसभा के बजट सत्र का सोमवार से आगाज हो गया है. विधानसभा में अपने अभिभाषण में राज्यपाल अनुसूईया उइके ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने रामवनगमन पथ और विवेकानंद स्मारक बनाकर अच्छा संदेश दिया है. अजा, अजजा और अल्पसंख्यक समेत सभी वर्गों में नई उम्मीद जताई है. नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव पारदर्शिता से सम्पन्न हुए.

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने बस्तर के आदिवासी परिवारों , जस्टिस ए के पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई, इसकी अनुशंसा में आदिवासी रिहा होंगे. सरकार गठन के एक माह में लोहंडीगुड़ा के किसानों की जमीन वापस किया. सरकार आदर्श पुनर्वास कानून का पालन कर रही है. सरकार द्वारा सामूहिक वनाधिकार पट्टा दिया जा रहा है. बस्तर के अबूझमाड़ क्षेत्र की चिंता की है, उस क्षेत्र को वनाधिकार पत्र देने की चिंता कर रही है. सरकार लेमरू एलिफेंट रिजर्व बना रही है. वन, जन परितंत्र की दिशा में सरकार काम कर रही है. प्री मैट्रिक छात्रावास में रहने वाले छात्रों को 1 हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दिया जा रहा है.
मेरी सरकार शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती कर रही है. बस्तर और सरगुजा सम्भाग में स्थानीय लोगों को भर्ती करने कनिष्क चयन बोर्ड का गठन किया है. मेरी सरकार ने बस्तर , सरगुजा, मध्यक्षेत्र में स्थानीय विधायको को अध्यक्ष बनाकर लोकतंत्र को मजबूत किया है. प्रदेश में 28वें जिले के रूप में गौरेला पेंड्रा मरवाही अस्तित्व में आया है. 704 नई ग्राम पंचायतो का गठन किया गया है. 496 अनुसूचित क्षेत्रो में है.
मेरी सरकार ने सार्वभौम पीडीएस के माध्यम से 65 लाख परिवारों को 35 किलो चावल देने का निर्णय लिया है. वन समितियों को सरकार प्रशिक्षण दे रही है. हमारी सरकार ने तेंदूपत्ता 2500 से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति मानक बोरा किया है. 602 करोड़ का भुगतान किया जा रहा है. 1000 स्थानों पर वन धन विकास केंद्र की स्थापना की है जहां वनोपज का संग्रहण किया जा रहा है. प्रदेश में श्रमिकों को सम्मान सुरक्षा और सुविधा के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में रिटायरमेंट की आयु बढ़ाकर 62 वर्ष किया गया है. पंजिकृत संस्थानों को वार्षिक नवीनीकरण से छूट दी गई है. कवर्धा में इथेनॉल प्लांट लगाने की शुरुआत हो गई है. कोंडागांव जिले कोकोड़ी में 136 करोड़ की लागत से मक्का प्रसंस्करण और सरगुजा बस्तर में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की गई है. नरवा गरुवा घुरूवा बाड़ी के माध्यम से गौठानों का विकास किया गया है.
उन्होंने कहा कि जलसंसाधन नीति तैयार की जा रही है, सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है. लघु और उद्वहन सिंचाई योजना के लिए अभियान चलाया जा रहा है. छग पंचायत अधिनियम में संशोधन कर योग्यता का मापदंड कम किया गया. निःशक्तजनों को नामांकित करने का प्रावधान किया गया है. 20210 करोड़ की राशि मे पुल पुलिए के लिए राशि जारी की गई है. ग्रामीण अंचलों में 3000 सखी सेवा शुरू करने का लक्ष्य है, ताकि बैंक को घर तक पहुंचाया जा सके. ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने मेरी सरकार ने
मैनपाट में कालीन उत्पादन का काम शुरू हुआ. 175 करोड़ रुपये के हथकरघा उद्योगों से कपड़े की खरीददारी की गई है. गौठान से लेकर छोटे कारखानों को माटी की महक वाले उत्पादों को बनाने प्रोत्साहित किया है.
मेरी सरकार ने युवाओं के सर्वागीण विकास के लिए 54 कालेज में अधोसंरचना विकास किया है. सहायक प्राध्यापक, ग्रँथपाल, क्रीडा अधिकारी के 1500 पदों पर भर्ती की जा रही है.  सरकार ने खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना शुरू की है. इसके अलावा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत जरूरतमंद मरीजों के इलाज के लिए 20 लाख रुपये तक दिए जाने की योजना शुरू की है. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना से एक लाख मरीजों को लाभ मिला है. मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान सरकार चला रही है. नई पीढ़ी को स्वस्थ बनाने सुपोषण अभियान शुरू किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्रों में फल, अंडा जैसी प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ मुहैया करा रही है. दस हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी स्कूल में बदलने की कार्यवाही की जा रही है. प्रति माह 400 यूनिट तक मुफ्त बिजली का वादा सरकार ने पूरा किया है. सड़क अधोसंरचना के काम मे तेजी आई है. विभिन्न योजनाओं के तहत दस हजार किलोमीटर सड़क बनाने की कार्ययोजना बनाई है. न्याय दिलाने के स्फूर्त पहल से नक्सल हिंसा में कमी आई है. कानून व्यवस्था बेहतर हुई है. शराबबंदी के लिए सरकार ने तीन शासकीय कमेटी का गठन किया है. सरकारी प्रयास से लेकर सामाजिक प्रयास की जरूरत है. विकास सबकी सहभागिता से आगे बढ़ेगी।

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ठेकेदार की लापरवाही से गई मासूम की जान

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सुरेश मिनोचा:मनेंद्रगढ़/एमसीबी :  जिले के मनेन्द्रगढ़ में निर्माणाधीन पुल के लिये ठेकेदार द्वारा बनाये गये सीमेंट की टंकी में मासूम बालक गिर गया। जब आसपास के लोगों को घटना की जानकारी मिली तो बालक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज के लिये लाया गया लेकिन तब तक मासूम की सांसें थम चुकी थी। मिली जानकारी के अनुसार मौहारपारा का रहने वाला 8 वर्षीय शुभम सिंह पिता स्व.प्रेम सिंह शुक्रवार की दोपहर अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिये घर से निकला था। वे लोग खेलते खेलते काली मंदिर के पास निर्माणाधीन पुल के लिये ठेकेदार द्वारा द्वारा बनाये गये सीमेंट की टंकी के पास पहुंच गये। इसी दौरान शुभम सिंह अचानक टंकी में गिर गया।

जब काफी देर बाद भी शुभम सिंह घर नही पहुंचा तो परिजनों ने उसकी पता तलाश शुरू की। आसपास खोजने के बाद बालक का जब कुछ पता नही चला तो टंकी में तलाश की गई तो मासूम टंकी में ही बेहोशी की हालत में मिला। परिजनों और आसपास मौजूद लोगों द्वारा तत्काल मासूम शुभम सिंह को ईलाज के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मनेन्द्रगढ़ लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।घटना की जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गये।कई मामलों में प्रायः देखा गया है कि ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य के दौरान कही गड्ढा खोद कर खुला छोड़ दिया जाता है तो कहीं टंकी बना कर खुला छोड़ दिया जाता है,कहीं नाला खुला छोड़ दिया जा रहा है।वर्तमान में वर्षा ऋतु चल रही है और बरसात में खुले छोड़े गए इन गड्ढों,नालों और टंकी में पानी भर जाता है,जिसके परिणाम स्वरूप उपरोक्त घटनाएं कारित हो रही हैं।जिला प्रशासन को ऐसे लापरवाह ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

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उद्यानिकी फसलों में मौसम आधारित फसल बीमा कराने की अंतिम तारीख़ 31 जुलाई

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बेमेतरा 27 जुलाई 2024  : छत्तीसगढ़ शासन कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों में मौसम आधारित फसल बीमा कराने हेतु 31 जुलाई 2024 तक का समय तय किया गया है। उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे किसानों को अधिसूचित क्षेत्र के आधार पर 1. तापमान (कम, अधिक) 2. वर्षा (कम, अधिक बेमौसम वर्षा) 3. वायु गति 4. कीट एवं व्याधि प्रकोप के अनुकूल मौसम एवं स्थानीय आपदा एवं फसल विशेष के आधार पर 1. ओलावृष्टि खरीफ मौसम हेतु अधिसूचित फसलें मिर्च, केला एवं पपीता 2. चक्रवाती हवाएँ खरीफ मौसम हेतु अधिसूचित फसलें केला एवं पपीता को होने वाले नुकसान से बचाने के लिये पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की गई है।खरीफ वर्ष 2024 में जिले के अंतर्गत बीमा कराने वाले कृषकों को अधिसूचित फसल के अनुसार निर्धारित कुल बीमित राशि का अधिकतम 5 प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम जो भी कम हो राशि कृषक अंश के रूप में ऋणी एवं अऋणी दोनों प्रकार के कृषकों को जमा करने होंगे।

अऋणी कृषक फसल लगाने का स्व घोषित प्रमाण पत्र, नक्शा खसरा, आधार कार्ड, अपने बैंक पासबुक छायाप्रति जिसमें आईएफएससी कोड इत्यादि का उल्लेख हो, जमा कर बीमा करा सकते है।योजना के अंतर्गत ऋणी कृषकों के लिये विकल्प चयन के आधार पर कियान्वित होगी। ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते हैं उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथी के 7 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा।  निर्धारित समय सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिये स्वीकृति व नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रूप से बीमाकृत किया जावेगा। इस मामले में किसी भी प्रकार की त्रुटि संबंधित बैंक किसानों के स्वीकार दावों के भुगतान के लिये उत्तरदायी होगा।

बीमा के दायरे में आयेंगी ये फसलें

टमाटर, बैगन, मिर्च, अदरक, केला, पपीता और अमरूद की फसलें अधिग्रहित की गई है। खरीफ मौसम हेतु फसल बीमा के लिये बीमा कराने हेतु अधिकृत संस्थाएँ हैं च्वाइस सेंटर, भारतीय कृषि बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि, लोक सेवा केन्द्र,  बैंक शाखा, सहकारी समिति तथा विकासखण्ड में स्थापित शासकीय उद्यान रोपणी कमशः शासकीय उद्यान रोपणी, पड़कीडीह, बेमेतरा (मोबा. नं. +91-78282-81733) शासकीय उद्यान रोपणी, मोहगांव, साजा (मोबा. नं. +91-98935-02037) शासकीय उद्यान रोपणी, नेवनारा, बेरला (मोबा. नं. +91-99771-36115) शासकीय उद्यान रोपणी, झिलगा, नवागढ़ (मोबा. नं. +91-78287-24673) से भी संपर्क किया जा सकता है।

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जशपुर को पर्यटन नक्शे में शामिल करने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की बड़ी पहल

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  • प्रसिद्व पर्यटन स्थल मयाली नेचर कैम्प स्वदेश दर्शन योजना में शामिल
  • विकास के लिए दस करोड़ रूपये की मिली स्वीकृति

जशपुरनगर, 27 जुलाई 2024 : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक व धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है। इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा। साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है।

उल्लेखनीय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है। बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है। वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है। इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है। पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं। राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है। इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके। इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है।

विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति –
स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

 

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