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कोरोना वायरस

वुहान में जिंदगी पटरी पर लौटने के बावजूद भय बरकरार, मेन स्ट्रीट पर युवकों की लाश…

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वुहान कोरोना वायरस के दु:स्वप्न से उबर रहा है, आवाजाही पर लगे कड़े प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है और वैश्विक महामारी का यह केंद्र अब धीरे-धीरे आगे बढ़ने की तरफ है लेकिन संक्रमण के नए दौर की आशंका से पूरी तरह उबरने की प्रक्रिया बाधित हो रही है।

वुहान में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सभी स्कूल अब भी बंद हैं, रेस्तरां में ग्राहकों को बैठकर खाने की अनुमति नहीं है और आसपास के इलाके अब भी सील हैं।

निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलने, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने या अधिकतर सार्वजनिक स्थलों पर जाने के लिए एक आवश्यक फोन एप पर ‘स्वस्थ्य’ रेटिंग दिखाना अनिवार्य है।

‘आह पिंग’’ ने कहा, ‘जब लोग बाहर आएंगे तो संभवत: संक्रमण बढ़ेगा। मैं वाकई इससे डरा हुआ हूं।’ आह पिंग उनका उपनाम है और 43 वर्षीय शख्स ने अपना पूरा नाम बताने से इंकार कर दिया। उसे अपना जीवन फिर से शुरू करने को लेकर चिंता है।
वुहान में 23 जनवरी को पूरी तरह लॉकडाउन लागू होने से पहले वह अपने सैलून के लिए 15 हजार युआन (2100 डॉलर) त्रैमासिक किराए का भुगतान करता था। उसने कहा, ‘क्या यह भयावह नहीं है? मैंने 15 हजार भाड़े में लिया और कोई कमाई नहीं हुई।’

वुहान की असली हालत ये है…

चीन भले ही कहे कि वुहान में सब सामान्य हो गया है, बुलेट ट्रेन शुरू हो गई है, सड़कों पर गाड़ी दौड़ रही है लेकिन 8 और 9 अप्रैल को जो जमीनी सच्चाई दिखी, वह दावों से कहीं दूर है। सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आ रहे हैं, वह कुछ और ही कहानी कह रहे हैं, जो बेहद दर्दनाक हैं।

वुहान की असली तस्वीर यह है कि 8 अप्रैल को यहां एक मेन स्ट्रीट के सामने एक युवक मरा हुआ पड़ा था जबकि 9 अप्रैल को कुछ ही घंटे पहले एक अन्य युवक ने दम तोड़ दिया। लोग सड़कों पर निकल रहे हैं और यह भी देख रहे हैं कि कोरोना वायरस का असर अब भी बरकरार है।

वुहान के प्रशासन को नए खतरे का अंदेशा…

चीन के अन्य शहर जहां सामान्य स्थिति की ओर लौट रहे हैं वहीं वुहान के प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पाबंदियों में ढील देने के नए खतरे हैं और सामान्य जीवन की तरफ लौटने के लिए इंतजार करना होगा। कुछ इलाकों में यह दो कदम आगे और एक कदम पीछे लौटने जैसी स्थिति है।

वुहान में अधिकारियों ने कहा कि करीब 7000 आवासीय इलाकों में से 70 आवासीय इलाकों को हाल में ‘महामारी मुक्त’ घोषित किया गया था और इस हफ्ते उनका यह दर्जा खत्म हो गया, जिससे वहां लॉकडाउन की अवधि बढ़ गई। सरकार ने कहा कि यह दर्जा इसलिए वापस ले लिया गया क्योंकि ऐसे लक्षण फिर उभर आए।

वुहान में जिंदगी पटरी पर लौटने के बावजूद भय बरकरार, मेन स्ट्रीट पर युवकों की लाश…
वुहान कोरोना वायरस के दु:स्वप्न से उबर रहा है, आवाजाही पर लगे कड़े प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है और वैश्विक महामारी का यह केंद्र अब धीरे-धीरे आगे बढ़ने की तरफ है लेकिन संक्रमण के नए दौर की आशंका से पूरी तरह उबरने की प्रक्रिया बाधित हो रही है।

वुहान में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सभी स्कूल अब भी बंद हैं, रेस्तरां में ग्राहकों को बैठकर खाने की अनुमति नहीं है और आसपास के इलाके अब भी सील हैं।

निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलने, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने या अधिकतर सार्वजनिक स्थलों पर जाने के लिए एक आवश्यक फोन एप पर ‘स्वस्थ्य’ रेटिंग दिखाना अनिवार्य है।

‘आह पिंग’’ ने कहा, ‘जब लोग बाहर आएंगे तो संभवत: संक्रमण बढ़ेगा। मैं वाकई इससे डरा हुआ हूं।’ आह पिंग उनका उपनाम है और 43 वर्षीय शख्स ने अपना पूरा नाम बताने से इंकार कर दिया। उसे अपना जीवन फिर से शुरू करने को लेकर चिंता है।
वुहान में 23 जनवरी को पूरी तरह लॉकडाउन लागू होने से पहले वह अपने सैलून के लिए 15 हजार युआन (2100 डॉलर) त्रैमासिक किराए का भुगतान करता था। उसने कहा, ‘क्या यह भयावह नहीं है? मैंने 15 हजार भाड़े में लिया और कोई कमाई नहीं हुई।’

वुहान की असली हालत ये है…

चीन भले ही कहे कि वुहान में सब सामान्य हो गया है, बुलेट ट्रेन शुरू हो गई है, सड़कों पर गाड़ी दौड़ रही है लेकिन 8 और 9 अप्रैल को जो जमीनी सच्चाई दिखी, वह दावों से कहीं दूर है। सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आ रहे हैं, वह कुछ और ही कहानी कह रहे हैं, जो बेहद दर्दनाक हैं।

वुहान की असली तस्वीर यह है कि 8 अप्रैल को यहां एक मेन स्ट्रीट के सामने एक युवक मरा हुआ पड़ा था जबकि 9 अप्रैल को कुछ ही घंटे पहले एक अन्य युवक ने दम तोड़ दिया। लोग सड़कों पर निकल रहे हैं और यह भी देख रहे हैं कि कोरोना वायरस का असर अब भी बरकरार है।

वुहान के प्रशासन को नए खतरे का अंदेशा…

चीन के अन्य शहर जहां सामान्य स्थिति की ओर लौट रहे हैं वहीं वुहान के प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पाबंदियों में ढील देने के नए खतरे हैं और सामान्य जीवन की तरफ लौटने के लिए इंतजार करना होगा। कुछ इलाकों में यह दो कदम आगे और एक कदम पीछे लौटने जैसी स्थिति है।

वुहान में अधिकारियों ने कहा कि करीब 7000 आवासीय इलाकों में से 70 आवासीय इलाकों को हाल में ‘महामारी मुक्त’ घोषित किया गया था और इस हफ्ते उनका यह दर्जा खत्म हो गया, जिससे वहां लॉकडाउन की अवधि बढ़ गई। सरकार ने कहा कि यह दर्जा इसलिए वापस ले लिया गया क्योंकि ऐसे लक्षण फिर उभर आए।

वुहान में जिंदगी पटरी पर लौटने के बावजूद भय बरकरार, मेन स्ट्रीट पर युवकों की लाश…
वुहान कोरोना वायरस के दु:स्वप्न से उबर रहा है, आवाजाही पर लगे कड़े प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है और वैश्विक महामारी का यह केंद्र अब धीरे-धीरे आगे बढ़ने की तरफ है लेकिन संक्रमण के नए दौर की आशंका से पूरी तरह उबरने की प्रक्रिया बाधित हो रही है।

वुहान में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सभी स्कूल अब भी बंद हैं, रेस्तरां में ग्राहकों को बैठकर खाने की अनुमति नहीं है और आसपास के इलाके अब भी सील हैं।

निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलने, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने या अधिकतर सार्वजनिक स्थलों पर जाने के लिए एक आवश्यक फोन एप पर ‘स्वस्थ्य’ रेटिंग दिखाना अनिवार्य है।

‘आह पिंग’’ ने कहा, ‘जब लोग बाहर आएंगे तो संभवत: संक्रमण बढ़ेगा। मैं वाकई इससे डरा हुआ हूं।’ आह पिंग उनका उपनाम है और 43 वर्षीय शख्स ने अपना पूरा नाम बताने से इंकार कर दिया। उसे अपना जीवन फिर से शुरू करने को लेकर चिंता है।
वुहान में 23 जनवरी को पूरी तरह लॉकडाउन लागू होने से पहले वह अपने सैलून के लिए 15 हजार युआन (2100 डॉलर) त्रैमासिक किराए का भुगतान करता था। उसने कहा, ‘क्या यह भयावह नहीं है? मैंने 15 हजार भाड़े में लिया और कोई कमाई नहीं हुई।’

वुहान की असली हालत ये है…

चीन भले ही कहे कि वुहान में सब सामान्य हो गया है, बुलेट ट्रेन शुरू हो गई है, सड़कों पर गाड़ी दौड़ रही है लेकिन 8 और 9 अप्रैल को जो जमीनी सच्चाई दिखी, वह दावों से कहीं दूर है। सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आ रहे हैं, वह कुछ और ही कहानी कह रहे हैं, जो बेहद दर्दनाक हैं।

वुहान की असली तस्वीर यह है कि 8 अप्रैल को यहां एक मेन स्ट्रीट के सामने एक युवक मरा हुआ पड़ा था जबकि 9 अप्रैल को कुछ ही घंटे पहले एक अन्य युवक ने दम तोड़ दिया। लोग सड़कों पर निकल रहे हैं और यह भी देख रहे हैं कि कोरोना वायरस का असर अब भी बरकरार है।

वुहान के प्रशासन को नए खतरे का अंदेशा…

चीन के अन्य शहर जहां सामान्य स्थिति की ओर लौट रहे हैं वहीं वुहान के प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पाबंदियों में ढील देने के नए खतरे हैं और सामान्य जीवन की तरफ लौटने के लिए इंतजार करना होगा। कुछ इलाकों में यह दो कदम आगे और एक कदम पीछे लौटने जैसी स्थिति है।

वुहान में अधिकारियों ने कहा कि करीब 7000 आवासीय इलाकों में से 70 आवासीय इलाकों को हाल में ‘महामारी मुक्त’ घोषित किया गया था और इस हफ्ते उनका यह दर्जा खत्म हो गया, जिससे वहां लॉकडाउन की अवधि बढ़ गई। सरकार ने कहा कि यह दर्जा इसलिए वापस ले लिया गया क्योंकि ऐसे लक्षण फिर उभर आए।

वुहान में जिंदगी पटरी पर लौटने के बावजूद भय बरकरार, मेन स्ट्रीट पर युवकों की लाश…
वुहान कोरोना वायरस के दु:स्वप्न से उबर रहा है, आवाजाही पर लगे कड़े प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है और वैश्विक महामारी का यह केंद्र अब धीरे-धीरे आगे बढ़ने की तरफ है लेकिन संक्रमण के नए दौर की आशंका से पूरी तरह उबरने की प्रक्रिया बाधित हो रही है।

वुहान में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सभी स्कूल अब भी बंद हैं, रेस्तरां में ग्राहकों को बैठकर खाने की अनुमति नहीं है और आसपास के इलाके अब भी सील हैं।

निवासियों को अपने घरों से बाहर निकलने, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने या अधिकतर सार्वजनिक स्थलों पर जाने के लिए एक आवश्यक फोन एप पर ‘स्वस्थ्य’ रेटिंग दिखाना अनिवार्य है।

‘आह पिंग’’ ने कहा, ‘जब लोग बाहर आएंगे तो संभवत: संक्रमण बढ़ेगा। मैं वाकई इससे डरा हुआ हूं।’ आह पिंग उनका उपनाम है और 43 वर्षीय शख्स ने अपना पूरा नाम बताने से इंकार कर दिया। उसे अपना जीवन फिर से शुरू करने को लेकर चिंता है।
वुहान में 23 जनवरी को पूरी तरह लॉकडाउन लागू होने से पहले वह अपने सैलून के लिए 15 हजार युआन (2100 डॉलर) त्रैमासिक किराए का भुगतान करता था। उसने कहा, ‘क्या यह भयावह नहीं है? मैंने 15 हजार भाड़े में लिया और कोई कमाई नहीं हुई।’

वुहान की असली हालत ये है…

चीन भले ही कहे कि वुहान में सब सामान्य हो गया है, बुलेट ट्रेन शुरू हो गई है, सड़कों पर गाड़ी दौड़ रही है लेकिन 8 और 9 अप्रैल को जो जमीनी सच्चाई दिखी, वह दावों से कहीं दूर है। सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आ रहे हैं, वह कुछ और ही कहानी कह रहे हैं, जो बेहद दर्दनाक हैं।

वुहान की असली तस्वीर यह है कि 8 अप्रैल को यहां एक मेन स्ट्रीट के सामने एक युवक मरा हुआ पड़ा था जबकि 9 अप्रैल को कुछ ही घंटे पहले एक अन्य युवक ने दम तोड़ दिया। लोग सड़कों पर निकल रहे हैं और यह भी देख रहे हैं कि कोरोना वायरस का असर अब भी बरकरार है।

वुहान के प्रशासन को नए खतरे का अंदेशा…

चीन के अन्य शहर जहां सामान्य स्थिति की ओर लौट रहे हैं वहीं वुहान के प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पाबंदियों में ढील देने के नए खतरे हैं और सामान्य जीवन की तरफ लौटने के लिए इंतजार करना होगा। कुछ इलाकों में यह दो कदम आगे और एक कदम पीछे लौटने जैसी स्थिति है।

वुहान में अधिकारियों ने कहा कि करीब 7000 आवासीय इलाकों में से 70 आवासीय इलाकों को हाल में ‘महामारी मुक्त’ घोषित किया गया था और इस हफ्ते उनका यह दर्जा खत्म हो गया, जिससे वहां लॉकडाउन की अवधि बढ़ गई। सरकार ने कहा कि यह दर्जा इसलिए वापस ले लिया गया क्योंकि ऐसे लक्षण फिर उभर आए।

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कोरोना वायरस

देश में खत्म नहीं हुआ कोरोना! सामने आए 88 नए मामले, करीब 400 मरीजों का चल रहा इलाज

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस का प्रकोप पूरा देश झेल चुका है। लाखों लोग कोरोना की वजह से मौत के गाल में समा गए। हालांकि वैक्सीनेशन के बाद कुछ राहत भी मिली और कोरोना के केस कम भी हुए लेकिन ये महामारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। भारत में कोरोना के 88 नए मामले सामने आए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ा 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश में 396 कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले कुल लोगों की संख्या 5,33,300 है, जबकि कोरोना से संक्रमित होने वालों की कुल संख्या 4,50,02,103 है। मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, संक्रमण से उबरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,44,68,407 हो गई है।

वहीं, देश में संक्रमण से ठीक होने की दर 98.81 प्रतिशत, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। वेबसाइट के अनुसार, भारत में अब तक कोविड-19 वैक्सीन की कुल 220.67 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।

गुरुवार को शिमला में हुई थी महिला की मौत 

हालही में शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हो गई थी। महिला के शव को परिजनों को दे दिया गया था। आईजीएमसी में 42 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हुई थी।

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Special News

एरिस के बाद कोरोना के इस नए वेरिएंट ने दी दस्तक, WHO ने जारी किया अलर्ट…

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18 अगस्त 2023:–  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि वे बड़ी संख्या में म्यूटेशन वाले कोविड-19 का एक नया वेरिएंट मिलने के बाद उसकी स्टडी कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि अभी बहुत कम देशों जैसे कि इजराइल, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका में वेरिएंट, BA.2.86 के मामले रिपोर्ट किए गए हैं. ये बिल्कुल नया वेरिएंट है, इसलिए इसके बारे में अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. इसके स्ट्रेस और प्रसार ) की सीमा को समझने के लिए डाटा इकठ्ठा किया जा रहा है. BA.2.86 स्ट्रेन पहली बार 24 जुलाई को रिपोर्ट किया गया था. स्वास्थ्य एजेंसी ने इसको 17 अगस्त को ‘वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ में रखा है.

डब्लूएचओ ने बताया कि, इसके अत्यधिक म्यूटेट होने का खतरा बना हुआ है. हम इस वायरस के नए स्ट्रेन की प्रकृति पर नजर रखे हुए हैं. अमेरिका के सीडीसी (CDC) प्रवक्ता कैथलीन कॉनली ने बताया कि हम पहले की तुलना में आसानी से नए वेरिएंट का पता लगा लेते हैं. अभी, कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पता चला है. ये अत्यधिक तेजी से म्यूटेट कर रहा है. इससे संक्रमण और जोखिम ज्यादा हो सकते हैं. यह सीडीसी ने सोशल मीडिया ‘X’  (पूर्व में ट्विटर) पर कहा है. उन्होंने बताया कि इजराइल, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पता चला है. इसकी निगरानी की जा रही है. आगे की जानकारी मालूम होने पर दी जाएगी.  ह्यूस्टन मेथोडिस्ट में डायग्नोस्टिक माइक्रोबायोलॉजी के चिकित्सा निदेशक डॉ. एस. वेस्ले लॉन्ग ने बताया कि ओमिक्रॉन सब वेरिएंट BA.2.86 पूर्व के 36 वेरिएंटों में से ही एक है. उन्होंने बताया कि संक्रमण काफी तेजी बढ़ रहा है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है. क्योंकि पहले के ही बूस्टर इसको रोकने में मदद करेंगे.

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कोरोना वायरस

कोरोना केसों में फिर आया उछाल, पिछले 24 घंटे में दर्ज हुए 3 हजार ज्यादा नए मामले, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट

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देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा हो गया है। भारत में आज बुधवार को पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 9,629 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं, अभी संक्रमण के इलाजरत मरीजों की संख्या 61 हजार से ज्यादा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी 61,013 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.14 फीसदी  है।

मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर?

भारत में कोरोना वायरस से अब तक 4 करोड़ 43 लाख 23 हजार 45 मरीज रिकवर हो चुके हैं। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.68 फीसदी है। इसके अलावा अब तक 5 लाख 31 हजार 398 लोगों की इस संक्रमण से मौत हो चुकी है। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.18 फीसदी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220,66,50,086 खुराक लगाई जा चुकी हैं।

कल 6 हजार से ज्यादा दर्ज हुए थे केस

इससे पहले मंगलवार को कोविड-19 के 6,660 नए मामले दर्ज किए थे, जबकि 9,213 संक्रमित मरीज ठीक हुए थे। वहीं, सोमवार को कोरोना वायरस के 7,178 नए मामले सामने आए थे।

कोरोना से जुड़े आंकड़ों की जानकारी

गौरतलब है कि भारत में 7 अगस्त 2020 को कोविड संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और 5 सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। कोरोना के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। 4 मई 2021 को संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ और 23 जून 2021 को 3 करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले 4 करोड़ के पार चले गए थे।

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