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शब्दों के नए वायरस : तारन प्रकाश सिन्हा

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रायपुर। चीन ने सख्त ऐतराज जताया है कि कोविड-19 को चाइनीज या वुहान वायरस क्यों कहा जा रहा है! बावजूद इसके कि दुनिया का सबसे पहला मामला वुहान में ही सामने आया। चीन का तर्क है कि जब अब तक इस नए वायरस के जन्म को लेकर चल रहे अनुसंधानों के समाधानकारक नतीजे ही सामने नहीं आ पाए हैं, तब अवधारणाओं पर आधारित ऐसे शब्दों को प्रचलित क्यों किया जा रहा है, जो खास तरह का नरेटिव सेट करते हों। चीन शब्दों की शक्ति को पहचानता है। किसी समाज के लिए प्रयुक्त होने वाले विशेषणों के असर को जानता है। इसीलिए वह अपनी छवि को लेकर इतना सतर्क है। जाने-अनजाने में हम हर रोज विभिन्न समाजों, समुदायों, संप्रदायों अथवा व्यक्तियों के लिए इसी तरह के अनेक विशेषणों का प्रयोग करते रहते हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता। हमारे द्वारा गढ़े जा रहे विशेषण कब रूढियों का रूप ले लेते हैं, पता ही नहीं चलता।
किसी घटना विशेष अथवा परिस्थितियों में उपजा कोई दूषित विचार कब धारणा बन जाता है और कब वह धारणा सदा के लिए रूढ़ हो जाती है, पता ही नहीं चलता। और कब हम पूर्वाग्रही होकर इन संक्रामक आग्रहों के वाहक बन जाते हैं, यह भी नहीं। यह भी नहीं कि कब नई तरह की प्रथाएं-कुप्रथाएं जन्म लेने लगती हैं। अस्पर्श्यता का विचार पता नहीं कब, कैसे और किसे पहली बार आया। पता नहीं कब वह संक्रामक होकर रूढ़ हो गया। कब कुप्रथा में बदल गया और कब इन कुप्रथाओं ने सामाजिक- अपराध का रूप धर लिया। उदाहरण और भी हैं… जब यह कोरोना-काल बीत चुका होगा, तब हमारी यह दुनिया बदल चुकी होगी। इन नए अनुभवों से हमारे विचार बदल चुके होंगे। नई सांस्कृतिक परंपराएं जन्म ले चुकी होंगी। तरह-तरह के सामाजिक परिवर्तनों का सिलसिला शुरू हो चुका होगा। इस समय हम एक नई दुनिया के प्रवेश द्वार से गुजर रहे हैं। ठीक यही वह समय है, जबकि हमें सोचना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को कैसी दुनिया देना चाहते हैं। क्या अवैज्ञानिक विचारों, धारणाओं, पूर्वाग्रहों, कुप्रथाओं से गढ़ी गई दुनिया? बेशक नहीं।तो फिर हम इस ओर भी सतर्क क्यों नहीं हैं ! कोरोना से चल रहे युद्ध के समानांतर नई दुनिया रचने की तैयारी क्यों नहीं कर रहे हैं? हम अपने विचारों को अफवाहों, दुराग्रहों, कुचक्रों से बचाए रखने का जतन क्यों नहीं कर रहे? हम अपने शब्द-संस्कारों को लेकर सचेत क्यों नहीं है? महामारी के इस दौर में हमारा सामना नई तरह की शब्दावलियों से हो रहा है। ये नए शब्द भविष्य के लिए किस तरह के विचार गढ़ रहे हैं, क्या हमने सोचा है? क्वारंटिन, आइसोलेशन, सोशल डिस्टेंसिंग, लक्ष्मण रेखा… परिस्थितिवश उपजे ये सारे शब्द चिकित्सकीय-शब्दावलियों तक ही सीमित रहने चाहिए। सतर्क रहना होगा कि सामाजिक शब्दावलियों में ये रूढ़ न हो जाएं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब सोशल डिस्टेंसिंग के स्थान पर फिजिकल डिस्टेंसिंग शब्द के प्रचलन पर जोर देते हैं, तब वे इसी तरह के नए और छुपे हुए खतरों को लेकर आगाह भी कर रहे होते हैं…
-तारन प्रकाश सिन्हा (जनसंपर्क आयुक्त छत्तीसगढ़)

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बेमेतरा जिले की 3 विधानसभा सीटों में भाजपा को बढ़त

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 छत्तीसगढ़ विधानसभा के 90 सीटों के लिए आज सुबह से वोटों की गिनती जारी है. इसी कड़ी में बेमेतरा जिले की 3 विधानसभा सीटों के लिए भी मतगणना जारी है. यहां 7 राउंड की गिनती हो चुकी है. अब तक के आए रुझानों में तीनों सीटों पर भाजपा आगे है, जबकि कांग्रेस पीछे चल रही है.

बेमेतरा विधानसभा सीट से भाजपा के दीपेश साहू 3,133 वोटों से लीड पर है, साजा सीट से ईश्वर साहू 4,100 वोटों से आगे है और नवागढ़ सीट से दयाल दास बघेल 5,300 मतों से आगे चल रहे हैं.

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रायपुर बीजेपी दफ्तर में खुशी का माहौल,अब तक बीजेपी 54 सीटों पर आगे

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रायपुर  : रायपुर बीजेपी दफ्तर में खुशी का माहौल है. चुनाव आयोग के मुताबिक अब तक बीजेपी 54 सीटों पर आगे है. फ़िलहाल मतगणना जारी है.

इसी बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। प्रदेश में चल रहे रूझान पर उन्होंने कहा कि जनता ने प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पर भरोसा किया है, भूपेश बघेल की बातों पर भरोसा नहीं किया। प्रथम चरण के रुझान में ये स्पष्ट दिख रहा है। निश्चित रूप से भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का आशीर्वाद मिला है।

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छत्तीसगढ़ के रुझानों में BJP को बहुमत, रमन सिंह बोले- पता नहीं था कि इतना बड़ा अंडरकरंट है

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के शुरुआती रुझानों में बीजेपी ने बड़ी बढ़त बनाई है। ऐसे में पूर्व सीएम और बीजेपी नेता रमन सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इतनी बड़ी जीत का अंदाजा नहीं था। इतना बड़ा अंडरकरंट है, ये पता नहीं था।

रमन सिंह ने कहा कि तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनेगी। भूपेश बघेल 2 राउंड में पीछे चल रहे हैं। जनता ने उनके सारे मंसूबों को नकारा है। उनकी पूरी सरकार को रिजेक्ट किया है।

जनता ने भूपेश बघेल की बातों पर भरोसा नहीं किया: रमन

रमन सिंह ने कहा कि बीजेपी को जनता ने पूरा आशीर्वाद और समर्थन दिया है। जनता ने पीएम मोदी के नेतृत्व और गारंटी पर भरोसा जताया। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जो समय दिया और बीजेपी सरकार की जो साढ़े 9 साल की उपलब्धियां हैं, जनता ने उस पर भरोसा जताया है।

रमन सिंह ने कहा कि जनता ने भूपेश बघेल की बातों पर भरोसा नहीं किया। ये प्रथम चरण के चुनाव में स्पष्ट दिख रहा है। निश्चित तौर पर हम जीत की ओर बढ़ रहे हैं।

क्या है छत्तीसगढ़ का गणित?

छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीट हैं, इसमें से 10 सीट एससी के लिए और 29 सीट एसटी के लिए रिजर्व हैं। अगर मतदाता की बात करें तो प्रदेश में कुल 2,03,80,079 रजिस्टर्ड वोटर हैं। यानी 2 करोड़ से ज्यादा मतदाता  90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।

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