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सचिन, सौरव सहित पूर्व क्रिकेटरों ने गोयल के निधन पर शोक व्यक्त किया

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नई दिल्ली। दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली सहित पूर्व क्रिकेटरों ने घरेलू क्रिकेट की हस्ती राजिंदर गोयल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें अपनी कला में माहिर खिलाड़ी करार दिया। बायें हाथ के स्पिनर गोयल का उम्र संबधी बीमारियों के कारण रविवार को निधन हो गया था। वह 77 साल के थे। उनके परिवार में पत्नी और पुत्र नितिन गोयल हैं जो स्वयं प्रथम श्रेणी क्रिकेटर रहे हैं और घरेलू मैचों के मैच रेफरी हैं।

तेंदुलकर ने उनके निधन पर ट्वीट किया, ‘राजिंदर गोयल जी के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। वह भारतीय घरेलू क्रिकेट के दिग्गज थे जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में 600 से अधिक विकेट लिए। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’ बीसीसीआई ने बयान जारी करके गोयल के निधन पर शोक जताया।

पूर्व कप्तान और अब बोर्ड अध्यक्ष गांगुली ने बीसीसीआई के बयान में कहा, ‘भारतीय क्रिकेट समुदाय ने घरेलू क्रिकेट की हस्ती को गंवा दिया। उनके शानदार रिकॉर्ड इसके गवाह हैं कि वह अपनी कला में कितने माहिर थे। उनका करियर 25 साल से अधिक समय तक चला और वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे जिससे खेल के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता का पता चलता है।’ भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी उन्हें अपनी कला में माहिर क्रिकेटर बताया।

उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘राजिंदर गोयल जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। वह अपनी कला के माहिर थे। उनकी लाइन व लेंथ शानदार थी। वह बहुत अच्छे इंसान थे।’ बायें हाथ के स्पिनर गोयल ने हरियाणा और उत्तर क्षेत्र की तरफ से खेलते हुए 157 मैचों में 750 विकेट लिए। वह 1958-59 से 1984-85 तक कुल 26 सत्र तक क्रिकेट खेलते रहे लेकिन उन्हें कभी भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला क्योंकि तब भारत के पास बिशन सिंह बेदी के रूप में बायें हाथ का बेहतरीन स्पिनर था। गोयल ने अपने जीवन में कभी इसकी शिकायत नहीं की और बेदी ने भी उन्हें संतोषी व्यक्ति बताया।

बेदी ने ट्वीट किया, ‘मैं जितने लोगों को जानता हूं उनमें राजिंदर गोयल सबसे अधिक संतोषी इंसान थे। मैं अपने मुश्किल दिनों में संतोष की उनकी भावना से ईर्ष्या करता था। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे गोयली। आपने रणजी ट्रॉफी को जीवंत रखने के लिए अपनी जी जान लगाई।’ क्रिकेटर से कमेंटेटर बने संजय मांजरेकर ने कहा कि वह गोयल के गेंदबाजी रिकॉर्ड से हैरान हैं। भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने ट्विटर पर लिखा, ‘रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले राजिंदर गोयल के निधन से बेहद दुखी हूं। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।’

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खरगोन में पुल से नीचे गिरी यात्रियों से भरी बस, 15 की मौत और 25 से ज्यादा घायल, सीएम शिवराज ने किया मुआवजे का ऐलान

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मध्य प्रदेश के खरगोन में भीषण हादसा हुआ है। यहां एक यात्री बस पुल से नीचे जा गिरी। बस में 50 से ज्यादा यात्रियों के घायल होने की खबर है और 15 की मौत हो गई। जैसे ही बस नीचे गिरी उसमें सवार यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। बताया जा रहा है कि ये बस इंदौर की ओर जा रही थी। हादसे की खबर मिलते ही डीएम शिवराज सिंह वर्मा,  खरगोन के एसपी धर्मवीर सिंह और खरगोन विधायक रवि जोशी मौके पर फौरन रवाना हो गए।

बताया जा रहा है कि हादसे के बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बस में फंसे घायलों को निकालकर तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। ये घटना ऊन थाना क्षेत्र के ग्राम दसंगा पुल पर हई। वहीं इस बीच खरगोन में हुई बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारजनों को सीएम शिवराज ने 4 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार की की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा कम और मामूली रूप से घायलों को 25 हजार और दुर्घटना में घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खरगोन बस हादसे पर दुख जताया है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “बहुत दुखद पीड़ादायक प्रसंग है। 15 लोग काल के मुंह में समा गए हैं। 20 से 25 घायल हो गए हैं। इनका इलाज खंडवा के अस्पताल में कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।”

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रेलवे ट्रैक पर जवान बेटे के टुकड़े देखकर बेसुध हुआ पिता, शव के सामने बिलख रहे पिता की भी ट्रेन की चपेट में आने से मौत

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मध्य प्रदेश के होशंगाबाद (MP News) में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. पिता की आंखों के सामने उसके बेटे के टुकड़े हो गए. लाचार पिता सिर्फ रोता बिलखता रह गया. सुध-बुध खोने के बाद पिता ट्रेन की पटरी पर बैठकर रोने-चिल्लाने लगा. जिसके बाद सामने से आ रही एक ट्रेन (Man Jumped In Front Of Train) की चपेट में आने से पिता की भी मौत हो गई. दरअसल ट्रेन की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया.

रूह कंपा देने वाली ये घटना सोहागपुर के मारूपुरा में गुरुवार रात साढ़े 12 बजे हुई. खबर के मुताबिक 36 साल के छोटेलाल विश्वकर्मा का किसी बात से परिवार के बीच विवाद हो गया था. वह गुस्से में घर से चला गया था. उसे मनाने के लिए उनके पिता मोहनलाल भी उसके पीछे-पीछे पहुंच गए. गुस्साया बेटा छोटेलाल घर से 100 मीटर रलवे ट्रैक (Railway Track) पर बैठकर ट्रेन आने का इंतजार करने लगा. छोटेलाल के पिता मोहनलाल उसे मनाने की कोशिश कर रहे थे. तभी सामने से आ रही तेज स्पीड ट्रेन की चपेट में आने से छोटेलाल के शरीर के चिथड़े उड़ गए.

पत्नी से विवाद की वजह से तनाव में था छोटेलाल

आंखों के सामने जवान बेटे की मौत देखकर पिता मोहनलाल की रूह कांप गई. उनके बेटे के शीर के टुकड़े करीब 200 मीटर तक बिखर गए. वह अपनी सुध-बुध खो बैठे. रोत-बिलखते वह भी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. थोड़ी ही देर में पटरी पर से दूसरी ट्रेन गुजरी, जिसकी चपेट में आने से पिता मोहनलाल गंभीर रूप से घायल हो गए. ट्रेन के इंजन से टकराने की वजह से वह दूर जाकर गर गए. इस घटना में उनके सिर पर गंभीर चोट लग गई. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी भी मौत हो गई.

पिता-बेटे की मौत की खबर सुनते ही उनके मोहल्ले में मातम पसर गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.वहीं परिवारिक विवाद भी भी विवेचना करने की बात पुलिस ने कही है. बताया जा रहा है कि दोनों बाप-बेटे फर्नीचर का काम करते थे. छोटेलाल की पत्नी प्रीति ससुराल में नहीं रहती थी. परिवार का कहना है कि दोनों के बीच आपसी विवाद चल रहा था. इसी वजह से वह तनाव में रहता था. घटना वाली रात को भी इसी बात पर परिवार के बीच कहासुनी हुई थी.

रेलवे ट्रैक पर गई पिता-बेटे की जान

पुलिस ने बताया कि छोटेलाल की शादी 11 साल पहले प्रीति नाम की महिला के साथ हुई थी. दोनों के दो बेटे भी हैं. किसी बात से नाराज होकर प्रीति दिवाली पर घर से चली गई थी. वह खेरुआ गांव में रह रही थी. उसके दोनों बच्चे अपनी दादी के पास थे. पत्नी के जाने से छोटेलाल काफी तनाव में था. इसी वजह से परिवार में कुछ कहासुनी हो गई थी. जिसके बाद छोटेलाल ने गुस्से में रेलवे ट्रेक पर अपनी जान दे दी. इस घटना के बाद उसके शरीर के अंग आसपास बिखर गए. जीआरपी ने मौके पर पहुंचकर उसके शरीर के अंगों को समेटा.

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खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह का हार्ट अटैक से निधन… रात 2.30 बजे ली अंतिम सांस…

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रायपुर।छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ विधानसभा सीट से विधायक देवव्रत सिंह का हार्ट अटैक के चलते देर रात निधन हो गया। रात 2.30 बजे उन्होने खैरागढ़ अस्पताल में अंतिम सांसे ली। बताया जा रहा है कि सीने में तकलीफ होने के बाद उन्हें देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका निधन हो गया।छत्तीसगढ़ की सियासत में कम उम्र में ही पहचान बनाने वाले नेता देवव्रत सिंह खैरागढ़ विधानसभा सीट से चार बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके अलावा वह राजनांदगांव लोकसभा सीट से सांसद भी निर्वाचित हुए। देवव्रत सिंह FCI (भारतीय खाद्य निगम) के अध्यक्ष रहे।

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