देश-विदेश
*हुनर हाट में छा गए पीएम मोदी, लिट्टी-चोखा खाया, कुल्हड़ में पी चाय*
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘हुनर हाट’ में बुधवार को अचानक पहुंचे। नरेंद्र मोदी ने वहां लिट्टी-चोखा खाया एवं कुल्हड़ में चाय पी एवं इनका भुगतान उन्होंने स्वयं किया।
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद मोदी दिन में करीब डेढ़ बजे इंडिया गेट के निकट राजपथ पर लगे ‘हुनर हाट’ में पहुंचे और वहां लगभग 50 मिनट तक रहे। मोदी ने विभिन्न स्टॉल पर जाकर उत्पादों को देखा और उनके बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री पहली बार किसी हुनर हाट में पहुंचे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री का यह दौरा तय नहीं था। वह बुधवार की दोपहर अचानक ही हुनर हाट पहुंचे। इससे वहां सभी लोग हैरान रह गए। उनके पहुंचने की जानकारी पाते ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तत्काल वहां पहुंचे और उनकी अगवानी की।
प्रधानमंत्री ने हुनर हाट में मौजूद एक स्टॉल पर रुककर लिट्टी-चोखा खाया जिसके लिए उन्होंने 120 रुपए का भुगतान किया। इसके साथ ही उन्होंने दो कुल्हड़ चाय भी ली जिसमें से एक उन्होंने स्वयं ली और दूसरी चाय नकवी को दी। मोदी ने चाय के लिए भी 40 रुपए का भुगतान किया।
प्रधानमंत्री के वहां पहुंचने के साथ भारी भीड़ जमा हो गई । लोगों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए और कई ने तो उनके साथ सेल्फी भी खिंचवाई।
बाद में मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘इंडिया गेट पर लगे हुनर हाट में दोपहर में शानदार समय बिताया। यहां कई हस्तशिल्प, कारपेट, कपड़े और लजीज पकवान हैं। यहां पहुंचिए।’
‘हुनर हाट’ में मोदी उत्सुकतावश कुछ वाद्य यंत्रों को स्पर्श कर उन्हें बजाने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने जो ट्वीट किए हैं उनमें कई तस्वीरें भी शेयर की हैं जिनमें वह लोगों से बातचीत करते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि ‘कौशल को काम’ विषय पर आधारित यह ‘हुनर हाट” 13 फरवरी से 23 फरवरी 2020 तक आयोजित किया गया है जहां देश भर के ‘हुनर के उस्ताद’ दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग ले रहे हैं । इनमे 50 प्रतिशत से अधिक महिला दस्तकार शामिल हैं।
नकवी का कहना है कि पिछले लगभग 3 वर्षों में ‘हुनर हाट’ के माध्यम से लगभग तीन लाख दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों को रोजगार और रोजगार के मौके उपलब्ध कराये गए हैं। इनमे बड़ी संख्या में देश भर की महिला दस्तकार भी शामिल हैं।
इससे पहले दिल्ली, मुंबई, प्रयागराज, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुडुचेरी, इंदौर आदि स्थानों पर “हुनर हाट” आयोजित किए जा चुके हैं। अगले ‘हुनर हाट’ का आयोजन रांची में 29 फरवरी से 8 मार्च, 2020 तक और फिर चंडीगढ़ में 13 मार्च से 22 मार्च, 2020 तक किया जाएगा।
आने वाले दिनों में “हुनर हाट” का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, अजमेर आदि में किया जायेगा।
देश-विदेश
4 दिन में आसमान से जमीन पर आ गया सोना, भरभराकर गिरी चांदी, देखिये ये आंकड़े
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बीते चार दिन में सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। जिसने 22 जुलाई को जेवर खरीदे होंगे, वो अगर आज खरीदता तो बड़ा पैसा बच जाता। कीमतों में इस गिरावट के पीछे वजह है बजट में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा। 23 जुलाई को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसे 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सोने-चांदी के दाम भरभराकर गिर गये।
5,000 रुपये सस्ता हो गया सोना
पिछले चार दिन में सोने की कीमतों में करीब 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आ गई है। 23 जुलाई को सोने की कीमतों में 5.79 फीसदी यानी 4,208 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई थी। इसके बाद 24 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.65 फीसदी या 442 रुपये की रिकवरी हुई। अगले दिन 25 जुलाई को सोने के भाव 2.16 फीसदी यानी 1490 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गए। वहीं, आज 26 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.37 फीसदी या 248 रुपये की रिकवरी हुई है। इस तरह पिछले 4 दिन में सोने की कीमतें 7.37 फीसदी या 4,960 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गई है।
चांदी में भी बड़ी गिरावट
सोने के साथ ही चांदी की घरेलू कीमतों में भी बीते 4 दिन में बड़ी गिरावट आई है। 23 जुलाई को चांदी की कीमतों में 4.80% या 4284 रुपये की गिरावट दर्ज हुई थी। 24 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.03% या 25 रुपये की मामूली गिरावट आई थी। 25 जुलाई को चांदी 4.20% या 3563 रुपये प्रति किलोग्राम टूट गई। इसके बाद आज 26 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.05% या 39 रुपये की मामूली तेजी देखी गई है। इस तरह पिछले 4 दिनों में चांदी के भाव 8.98% या 7833 रुपये गिर गये हैं।
सोने-चांदी के आज के भाव
एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुक्रवार शाम को 5 अगस्त 2024 की डिलीवरी वाला सोना 67,844 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। वहीं, 4 अक्टूबर 2024 की डिलीवरी वाला सोना इस समय 68,434 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। चांदी की बात करें, तो 5 सितंबर 2024 की डिलीवरी वाली चांदी आज 81,458 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी।
खेल
बांग्लादेश को पीटकर टीम इंडिया की फाइनल में एंट्री, अब पाकिस्तान से होगा मुकाबला
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हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2024 के फाइनल में शानदार तरीके से एंट्री मार ली है। पहले सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 10 विकेट से हराकर भारत ने विरोधी टीम को चारोखाने चित्त कर दिया। पहले गेंदबाजों ने बांग्लादेश को एक मामूली से स्कोर पर रोक दिया और उसके बाद बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी कर टीम को फाइनल का टिकट दिला ही दिया। अब फाइनल में भारत के सामने कौन सी टीम होगी, इसका फैसला पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के रिजल्ट से तय होगा।
भारत ने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया टारगेट
बांग्लादेश ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में महज 80 रन ही बनाए थे। यानी भारत के सामने जीत के लिए 81 रनों का एक छोटा सा स्कोर था, जिसे भारत ने 11 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान के हासिल कर लिया। जहां एक ओर शेफाली वर्मा ने 26 रनों की पारी खेली, वहीं दूसरी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शानदार 55 रन बनाए। गेंदबाजों ने भारत के लिए जो प्लेटफार्म तैयार किया था, उस पर आगे चलने का काम बैटर्स ने किया। पाकिस्तान और श्रीलंका में से किसी एक टीम से भारत का मुकाबला फाइनल में होगा, जो 28 जुलाई को खेला जाएगा। भारतीय टीम खिताब जीतने की दावेदार पहले से ही मानी जा रही थी, अब फाइनल में पहुंचकर भारत एशिया कप के एक और खिताब से केवल एक कदम की दूरी पर है।
खराब रही बांग्लादेश की बल्लेबाजी, रेणुका सिंह ने बरपाया कहर
इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम की शुरुआत ही खराब रही। पहला विकेट पहले ही ओवर में उस वक्त गिरा जब दिलारा अख्तर केवल 6 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें रेणुका सिंह ने पवेलियन भेजा। इसके बाद 17 के स्कोर पर दूसरा भी विकेट चला गया। इस्मा तंजीम 8 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें भी रेणुका सिंह ने अपना शिकार बनाया। मुर्शिदा खातून भी चार रन बनाकर चलती बनी। लगातार तीन विकेट लेकर रेणुका सिंह ने न केवल बांग्लादेश को बैकफुट पर ढकेल दिया, बल्कि विरोधी खेमे में तहलका सा भी मचा दिया।
निगार सुल्ताना ने खेली कप्तानी पारी
बांग्लादेश के एक छोर पर लगातार विकेट गिर रहे थे, तब कप्तान निगार सुल्ताना ने एक छोर संभाले रखा। हालांकि उन्हें किसी का भी साथ नहीं मिल रहा था। आखिरी के ओवर्स में शोरना अख्तर ने जरूर कुछ साथ दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने 19 रन बनाए। कप्तान सुल्ताना ने 51 बॉल का सामना किया और 32 रनों की एक ठीक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 2 चौके आए। इसके बाद भी पूरी टीम केवल 80 रन ही बना सकी। इसके बाद जब भारत के सामने 81 रनों का टारगेट था, तभी तय हो गया था कि टीम इंडिया इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में चली जाएगी। हुआ भी ऐसा ही। अब भारतीय टीम फाइनल में किससे भिड़ेगी, इसका फैसला दूसरे सेमीफाइनल से होगा, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मुकाबला होना है।
देश-विदेश
मुस्लिम भी करते हैं झारखंडी शिव की पूजा,ये है अनोखा शिव मंदिर
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सावन के इस पवित्र माह में हम आपको गंगा-जमुनी तहजीब की एक और अनोखी बात बताने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से 25 किमी दूर खजनी कस्बे के पास एक गांव है सरया तिवारी. यहां भगवान भोलेनाथ का एक अनोखा शिवलिंग स्थापित है, जिसे नीलकंठ महादेव और झारखंडी शिव भी कहा जाता है.यह शिवलिंग कई सदियों पुराना है और यहां पर भगवान शिव का स्वयं प्रादुर्भाव हुआ है. यह शिवलिंग हिंदुओं के लिए ही नहीं मुस्लिमों के लिए भी उतना ही पूजनीय है, क्योंकि इस पर उर्दू भाषा में एक कलमा ‘लाइलाहाइल्लललाह मोहम्मदमदुर्र रसुलुल्लाह’ (इस्लाम का पवित्र वाक्य माना जाता है) खुदा हुआ है. इसी कलमे की वजह से इस मंदिर में रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग अपने अल्लाह की इबादत करने के लिए जाते हैं.
महमूद गजनवी ने शिवलिंग पर खुदवाया कलमा
लोक मान्यताओं हैं कि जिस समय महमूद गजनवी भारत पर आक्रमण करके भारत के मंदिरों को लूट रहा था तब उसको इस मंदिर का पता चला.उसने यहां पहुंच कर मंदिर को तहस-नहस कर दिया और शिवलिंग को भी उखाड़ने का प्रयास किया परंतु गजनवी की पूरी सेना इस शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित हुई. उसकी सेना जितनी गहराई में खुदाई करती, शिवलिंग उतना ही बढ़ता जाता था. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित होने पर गजनवी ने इस शिवलिंग पर कलमा गुदवा दिया. महमूद गजनवी के द्वारा इस अद्भुत शिवलिंग पर कलमा खुदवाने का एक मात्र उद्देश्य यह था कि हिंदू समुदाय के लोग इस शिवलिंग की पूजा न कर सकें, परंतु आज के समय में यह शिवलिंग सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन चुका है. जहां न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम भी आते हैं. एक तरफ़ हिंदू पूजा करते हैं तो वहीं दूसरो ओर इस शिवलिंग के समक्ष मुस्लिम इबादत करते हैं.
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