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*कोरोना वायरस का आईपीएल 2020 मैच पर लगा ग्रहण , दिल्ली सरकार ने लगाया मैचों पर प्रतिबंध*

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दिल्ली । कोरोना का कहर आखिरकार आईपीएल 2020 पर गिर ही गया. दिल्ली सरकार ने दिल्ली में होने वाले आईपीएल के मैचों पर रद्द कर दिया है. इस बात की घोषणा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने की ।मनीष सिसोदिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आईपीएल जैसे सभी खेल गतिविधि, सेमिनार, कांफ्रेस, जिसमें लोगों के जुटने की संभावना है, उस पर आगामी आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है, और हमने सामाजिक दूरी रखने का फैसला लिया है. आईपीएल एक बड़ा इवेंट है, जिसमें बहुत सी जगहों से लोग आते हैं. इस लिहाज से उस पर रोक लगाई गई है.उन्होंने कहा कि यदि बीसीसीआई अगर टूर्नामेंट किसी दूसरे फार्मेट में आयोजित करना चाहता है, तो यह उस पर निर्भर है. हमारा उद्देश्य लोगों के जमावड़े को नियंत्रित करना है. इसे हम लगभग एक महीने तक जारी रखेंगे.

दिल्ली सरकार के इस फैसले से बीसीसीआई के आईपीएल के आयोजन को लेकर उहापोह और बढ़ गई है. इसके पहले खाली स्टेडियम में मैच आयोजित करने की बात होती रही है, लेकिन अब मैच पर प्रतिबंध लगने और विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता नहीं होने से बीसीसीआई को आईपीएल 2020 को स्थगित करने के लिए गंभीर रूप से विचार करना पड़ेगा।

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World Piano Day: म्यूजिक सुनने से क्या होता है? जानें सेहत के लिए इसके खास फायदे

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World Piano Day 2024: पियानो डे है आज और इसका म्यूजिक आपके मन को शांत करने में मदद कर सकता है। ये आपके ब्रेन को अंदर से रिलैक्स करता है और फिर नसों को शांत करता है। इसके अलावा भी म्यूजिक ऐसी चीज है जो कि आपको कई बीमारियों से बचा सकती है। ये आपकी मानसिक सेहत को बेहतर बना सकती है और एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी बीमारियों से बचा सकती है। इसके अलावा भी म्यूजिक सुनने के कई फायदे हैं। आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से कि म्यूजिक सुनने से क्या होता है?

म्यूजिक सुनने से क्या होता है?

संगीत मस्तिष्क के काम और व्यवहार को व्यापक तरीके से प्रभावित करता है, जिसमें तनाव, दर्द और अवसाद के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ संज्ञानात्मक और मोटर न्यूरॉन्स के कामकाज को बेहतर बनाना भी है। ये दिमाग के एक हिस्से को तेज करता है और इसे क्रिएटिव बनाता है। इसके अलावा ये न्यूरोजेनेसिस के प्रोसेस में सुधार करता है, जो मस्तिष्क की न्यूरॉन्स उत्पन्न करने की क्षमता है और ब्रेन को हेल्दी रखता है।

सेहत के लिए म्यूजिक के फायदे

1. रिलैक्स करता है म्यूजिक

म्यूजिक सुनना मूड बूस्टर की तरह काम करता है और ये आपकी भावनाओं को बेहतर बनाता है। जब आप म्यूजिक सुनते हैं तो आपका ब्रेन रिलैक्स होने लगता है और दिमाग ठंडा हो जाता है। इसके अलावा ये आपके सोचने की क्षमता को भी प्रभावित करता है और आप पॉजिटिव होने लगते हैं।

2. एंग्जायटी और बीपी कम करता है

जिन लोगों को बहुच ज्यादा गुस्सा आता है या फिर एंग्जायटी में रहते हैं उनके लिए म्यूजिक सुनना बेहद फायदेमंद है। ये ब्रेन के अलग-अलग हिस्सों को शांत करता है, भावनाओं को कंट्रोल करने में मदद करता है और इस प्रकार से ब्रेन के लिए ये फायदेमंद है। इतना ही नहीं म्यूजिक सुनना याददाश्त बढ़ाने का भी काम करता है और सोचने और समझने की क्षमता को भी बेहतर बनाता है।

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Good Friday 2024: गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के लिए क्यों जताते हैं शोक? जानिए आज क्या-क्या किया जाता है

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गुड फ्राइडे का दिन ईसाई धर्म के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन को शोक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और ब्लैक फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। ईसाई धर्म से जुड़ी मान्यताओं के मुताबिक, आज ही के दिन प्रभु यीशु सूली पर लटकाया गया था, इसलिए इसे ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है। गुड फ्राइडे का दिन प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर शोक जताते हैं। इसके अलावा इस दिन चर्च में विशेष प्रार्थना भी किया जाता है। लोग प्रभु से अपने गुनाहों की क्षमा मांगते हैं। बता दें कि इस साल गुड फ्राइडे 29 मार्च 2024 को है।

प्रभु यीशु को क्यों चढ़ाया गया था सूली पर?

ईसाई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रभु यीशु अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए लोगों को श‍िक्षित और जागरूक कर रहे थे। साथ ही वह प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश संसार में फैला रहे थे। उस समय यहूदियों के कट्टरपंथी धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया। कट्टरपंथ‍ियों ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की श‍िकायत कर दी। रोमन हमेशा इस बात से डरते थे कि कहीं यहूदी क्रांति न कर दें। ऐसे में कट्टरपंथ‍ियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया। सूली पर लटकाए जाने और यातनाएं देने के बाद भी प्रभु ईसा मसीह ने अपने आखिरी शब्दों में कहा कि, ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं’। कहते हैं कि जिस दिन प्रभु यीशु को लकड़ी से क्रॉस बने हुए सूली पर लटकाया गया था, उस दिन शुक्रवार था। साथ ही यह भी कहा जाता है कि मौत के दो दिन बाद यानी रविवार को प्रभु यीशू फिर से जीवित हो गए थे।

गुड फ्राइडे के दिन क्या किया जाता है?

गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के लोगों के घर उत्सव नहीं बल्कि शोक का माहौल रहता है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं और काले रंग के कपड़े पहनते हैं।  प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हुए शोक जताते हैं। गुड फ्राइ़डे के दिन चर्च में घंटा भी नहीं बजाया जाता है, बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। साथ ही लोग चर्च में क्रॉस को चूमकर प्रभु यीशु का याद करते हैं।

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मुख्तार अंसारी की मौत, जेल में आया था हार्ट अटैक, इलाज के दौरान गई जान

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माफिया से बाहुबली नेता बने मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था, जहां इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

बैरक में ही बेहोश हो गया था मुख्तार अंसारी

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जानकारी मिली है कि बैरक में मुख्तार बेहोश हो गया था और उसे स्ट्रेचर से अस्पताल लाया गया था। मुख्तार अंसारी की हालत काफी समय से नाजुक बनी हुई थी और इलाज चल रहा था। लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

रोजा रखने के बाद बिगड़ी थी तबियत

जानकारी के मुताबिक मुख्तार रोजा रखता था और आज रोजा रखने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। मुख्तार शुगर का भी मरीज था और दो दिन पहले ही मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी थी और उसे तब भी इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। बता दें कि इससे पहले मुख्तार के भाई अफज़ाल अंसारी ने आरोप लगाया था कि जेल प्रशासन उनके भाई को धीमा ज़हर दे रहा है और इसी वजह से उनकी तबीयत खराब हुई है।

मेडिकल बुलेटिन में कहा गया?

मुख्तार की मौत को लेकर अस्पताल के मेडिकल बुलेटिन में कहा गया, “आज शाम लगभग 8.25 बजे बंदी मुख्तार अंसारी पुत्र सुभानल्लाह उम्र लगभग 63 वर्ष को जेल कर्मियों द्वारा रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा के आकस्मिक विभाग में उल्टी की शिकायत एवं बेहोशी की हालत में लाया गया। मरीज को 9 डॉक्टर्स की टीम के द्वारा तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई। लेकिन भरसक प्रयासों के बावजूद कार्डियेक अरेस्ट के कारण मरीज की मृत्यु हो गई।

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