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देश के ये 10 खजाने खुल जाए तो हर ‘भारतीय’ हो जाएगा ‘करोड़पति’
भारत को सोने की चिड़िया यूं ही नहीं कहा जाता। इस धरती की कोख में इतना अकूत धन गढ़ा है कि उसका कुछ प्रतिशत ही जमीन से बाहर निकाल लिया जाए तो 130 करोड़ लोगों के खातों में लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए जमा हो सकते हैं’
कई बार आपने लोगों से सुना होगा कि भारत एक गरीब देश है। इसके साथ ही हमने अपने पूर्वजों को यह कहते भी सुना कि भारत ‘सोने की चिड़िया’ है। सोने की ‘खान’ है।
लेकिन भारत के संबंध में यह दोनों ही धारणाएं एक सच है। दरअसल, भारत गरीब जनता के साथ ही राजाओं का, मुगलों का, शासकों का और मंदिरों का देश रहा है।
इन राजाओं और शासकों ने अपने जीवनकाल में इतना धन जुटाया कि उसका न तो अंदाजा लगाना और न ही आखों से देखना ही मुमकिन है।
इतना कि अब यह दुनिया के सबसे बड़े खजानों में तब्दील हो गया है। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि भारत की धरती में इतना धन गढ़ा है कि उसे निकाला जाए तो 130 करोड़ जनसंख्या वाले भारत देश का हर एक आदमी करोड़पति बन सकता है।
आइए जानते हैं भारत के ऐसे ही 10 सबसे बड़े खजानों के बारे में।
1.मान सिंह का खजाना (जयपुर)
मान सिंह अकबर की सेना के कमांडर और जयपुर के शासक थे। इसके साथ ही वे अकबर के राजसी कोर्ट के नौ रत्नों में से एक थे। 1580 में अफगानिस्तान से लौटने पर मान सिंह ने लूट कर लाई गई संपत्ति अकबर को नहीं दी थी। उन्होंने जयपुर स्थित जयगढ़ के किले में इसे छुपा दिया था।
ऐसा माना जाता है कि खजाने को किले के अंदर मौजूद अंडरग्राउंड टंकियों में छुपाया गया था। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने इस किले में मौजूद खजाने की खोज कराई थी। आधिकारिक रिपोर्ट में खजाने की खोज को असफल बताया गया था। खोज अभियान के 6 महीने बाद जयपुर-दिल्ली रोड को आम आदमी के लिए बंद कर दिया गया था। इसका क्या हुआ कोई नहीं जानता।
2.पद्मनाभ मंदिर का खजाना
2011 में इसका खुलासा हुआ। दक्षिण भारत के पद्मनाभ मंदिर में छिपा था 5,00,000 करोड़ का खजाना है, जिसे गिनने में आधुनिक मशीनें और कई लोगों की टीमें लगीं। फिर की तहखाने से पाए गए खजाने में से कुछ तहखाने को खोलकर देखने की मनाही थी, क्योंकि मंदिर प्रशासन और भक्तजनों को किसी अननोही घटना और अशुभ के होने का डर था। 2011 में कैग की निगरानी में पद्मनाभस्वामी मंदिर से करीब एक लाख करोड़ रुपए मूल्य का खजाना निकाला गया था। यह खजाना त्रावणकोर के महाराजा का बताया जाता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह खजाना त्रावणकोर के राजपरिवार को सौंपा है।
3.मोक्कम्बिका मंदिर का खजाना (कोलूर)
कर्नाटक के पश्चिमी घाट में कोलूर में स्थित मोक्कम्बिका मंदिर में भी खजाना दबा होने का दावा किया जाता है। खजाने के दावे से इतर मंदिर में रखे जवाहरात की कीमत ही लगभग 100 करोड़ रुपए बताई जाती है। मान्यता अनुसार मंदिर के खजाने की सांप रक्षा करते हैं। यहां एक चेंबर में सांप का निशान बना हुआ है।
4.सोन भंडार गुफा (बिहार)
यह गुफा बिहार के छोटे से शहर राजगीर की वैभरगिरी पहाड़ी की तलहटी में स्थित गुफा है। यहीं पर बुद्ध ने मगध के सम्राट बिम्बिसार को धर्मोपदेश दिया था। किंवदंतियों के मुताबिक सोन भंडार गुफा में भरा है सोने और बहुमूल्य खजाने का अकूत भंडार। ऐसा माना जाता है कि खजाना एक 10.4×5.2 मीटर आयाताकार मजबूत कोठरी में कैद है जिसका रास्ता शायद किसी को पता नहीं।
इस गुफा में दो कक्ष बने हुए हैं। ये दोनों कक्ष पत्थर की एक चट्टान से बंद हैं। कक्ष सं. 1 माना जाता है कि सुरक्षाकर्मियों का कमरा था, जबकि दूसरे कक्ष के बारे में मान्यता है कि इसमें सम्राट बिम्बिसार का खजाना था। यह भी कहा जाता है कि यह खजाना जरासंध का था।
तमिल भाषा की एक कविता और कथासरित्सागर अनुसार नंद की ’99 करोड़ स्वर्ण मुद्राओं’ का उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि उसने गंगा नदी की तली में एक चट्टान खुदवाकर उसमें अपना सारा खजाना गाड़ दिया था।
5.नादिर शाह का खजाना (हिंदूकुश पर्वत)
1739 में नादिर शाह ने भारत पर हमला कर दिल्ली पर में खूब लुटपाट की थी। कहते हैं कि लूटे गए खजाने में मयूर तख्त और कोहिनूर के साथ ही लाखों की संख्या में सोने के सिक्के और जवाहरात ले गया था।
कहते हैं कि खजाना इस भारी मात्रा में था कि वह संपूर्ण खजाने पर नजर नहीं रख पाता था और इतने सारे खजाने को ले जाना भी कठिन था। ऐसे में उसके सिपहसालारों ने इस खजाने का एक हिस्सा हिंदूकुश पर्वत की किसी गुफा में कहीं छिपा दिया था, जो आज तक नहीं मिला है।
पहले सिकंदर आया था फिर चंगेज खां इसके बाद भारत पर पहला मुस्लिम आक्रमणकारी था मुहम्मद बिन कासिम। उसके बाद मुस्लिम आक्रमणकारियों और लुटेरों की फौज की फौज भारत में घुसी और भारत को तहस-नहस कर लूट ले गई। कहा जाता है कि सोमनाथ का मंदिर मोहम्मद गजनवी ने लूटा था। उसमें ढेर सारा सोना था। बाबर भी यहां लूटने ही आया था।
6.जहांगीर का खजाना (अलवर)
राजस्थान के अलवर में मुगल बादशाह जहांगीर का खजाना दबा होने की बात कही जाती है। कहते हैं कि जहांगीर अपने निर्वसन के दौरान इस क्षेत्र में था और उसने यहीं के जंगलों में किसी गुप्त स्थान पर अपना खजाना दबा रखा था।
7.कृष्णा नदी का खजाना (गुंटूर)
कहते हैं कि आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कृष्णा नदी के तटीय क्षेत्र बहुत समय से हीरों के लिए विख्यात रहे हैं। पहले यह क्षेत्र गोलकुंडा में शामिल था। यहीं से कोहिनूर हीरा निकला था। आज भी यहां कई हीरे दबे हुए हैं।
8.चार मीनार गुफा (हैदराबाद)
चार कमान घासी बाजार हैदराबाद तेलंगाना में एक गुफा है जो चार मीनार को गोलकुंडा से जोड़ती है। यह गुफा सुल्तान मोहम्मद कुली कुतबशाह ने बनवाई थी। यह गुफा अंग्रेजों के आक्रमण के समय राज परिवार को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बनाई गई थी। कहते हैं कि इसी गुफा के किसी चेंबर में खजाना दबा हुआ है।
9.मीर उस्मान अली का खजाना
किंग कोठी रोड, ओल्ड एमएलए क्वाटर किंग कोठी हैदरगुड़ा, हैदराबाद तेलंगाना। हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली के पास अकूत धन संपत्ति थी। कहते हैं कि उसने इसी कोठी में कहीं अपना खजाना दबा दिया था।
10.धनगांव में खजाना
मान्यता है कि राजस्थान के एक गांव धनगवां में हर कदम पर खजाना दबा हुआ है। यह गांव राजस्थान के जबलपुर में स्थित है। यहां खजाना ढ़ूंढ़ने के लिए बाहर से भी लोग आते हैं। गांव के लोगों का दावा है कि यहां जहां भी खुदाई की जाए वहां खजाना मिलेगा। इस गांव में इतना खजाना है कि पूरे जबलपुर की काया पलटी जा सकती है।
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श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी, इनके निरंतर श्रम से ही हमारा राज्य प्रगतिशील : श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन
- 46 करोड़ 60 लाख 53 हजार 993 रूपए डीबीटी के माध्यम से 85,026 श्रमिक हितग्राहियों के खाते में हुई अंतरित
- श्रमेव जयते पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 0771-3505050 से लाभ उठाने की अपील की
- कोरबा में प्रदेश स्तरीय वृहद श्रमिका सम्मेलन का किया गया आयोजन
रायपुर, 16 नवंबर 2024 : छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य उद्योग व श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन की मुख्य आतिथ्य में कोरबा शहर के प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम परिसर में प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल एवं श्रम कल्याण मंडल अंतर्गत संचालित 17 विभिन्न योजनाओं के 85,026 श्रमिक हितग्राहियों को 46 करोड़ 60 लाख 53 हजार 993 रूपए डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में सीधे अंतरित की गई।
श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी है, इनके निरंतर श्रम से ही हमारा राज्य प्रगतिशील है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों के सच्चे सम्मान के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में श्रमिकों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई है। जिनके बेहतर क्रियान्वयन से श्रमिक को लाभ मिल रहा है। कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्ग के हितों के विकास के दृढ़ संकल्पित है। राज्य सरकार द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। अब सरकार एवं श्रमिकों के बीच कोई बिचौलिया नहीं रह गया है। श्रमिकों को उनके हित की राशि अब सीधे उनके बैंक खातों में मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विभिन्न योजनांतर्गत 235 करोड़ की सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई थी। अनेक सामग्री का वितरण भी किया गया था। आज भी श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिलेगा।
मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि कोरबा श्रमिक बाहुल्य जिला है। यहां बाल्को, एनटीपीसी एसईसीएल जैसे अनेक संयंत्र स्थापित है। जहां कार्य करने वाले श्रमिकों की बहुलता है। इन मेहनतकश श्रमिकों के हित में वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना संचालित है। जहां श्रमिकों को 5 रुपए में भरपेट भोजन मिलता है। इसे पूरे राज्य में संचालित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग अंतर्गत लागू नई औद्योगिक नीति में अनुदान की व्यवस्था से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। श्रम मंत्री ने सम्मेलन में पड़ोसी जिलों से आए श्रमिकों का अभिवादन करते हुए कहा कि आप सभी को विभागीय योजनाओं से लाभांवित करने के लिए शिविर का आयोजन किया गया है, आप सभी इसका लाभ उठाएं। साथ ही विभागीय प्रदर्शनी में जाकर शासकीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें एवं योजनाओं से जुड़कर लाभ लें। उन्होंने बताया कि श्रमिकों की समस्या-शिकायतों के समाधान एवं सहायता के लिए श्रमेव जयते पोर्टल लागू की गई है। जिसका हेल्पलाइन नंबर 0771-3505050 है। उन्होंने श्रमिकों से हेल्पलाइन नंबर साझा करते हुए कहा कि आपकी समस्या व शिकायतों का इसके माध्यम से समाधान किया जाएगा।
इस अवसर पर विधायक कटघोरा श्री प्रेमचंद पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूमि में श्रमिकों का योगदान अहम है। उनके बिना विकास की परिकल्पना भी संभव नही है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों एवं उनके परिवार के हित में सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की गई है। उन्होंने श्रमिकों को इन योजनाओं की जानकारी रखने एवं उनका लाभ उठाने के किये कहा।
प्रभारी सचिव श्रीमती मंगई डी ने कहा कि देश की तरक्की में श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके सहयोग के बिना विकास की धुरी थम जाएगी। श्रम वीरों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिसका उन्हें लाभ दिलाने जिला प्रशासन द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रभारी सचिव ने कहा कि कोरबा से उनका पुराना रिश्ता रहा है। उनके शासकीय सेवा की शुरुआत कोरबा जिले से हुई है। वह यहां सहायक कलेक्टर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के रूप में अपनी सेवा दे चुकी है। आज लगभग 15 वर्ष बाद पुनः कोरबा आकर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने बताया कि श्रमिक परिवार के मेधावी बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना प्रारम्भ की गई है। जहां ऐसे परिवार के मेधावी छात्रों का प्रदेश के उत्कृष्ट विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को अनेक योजनाओं का लाभ दिलाने शिविर लगाई गई है। जहां उनका श्रमिक पंजीयन, स्वास्थ्य जांच कर निःशुल्क दवाई वितरण भी किया जा रहा है। उन्होंने सभी से शिविरों का लाभ लेने का आग्रह किया।
कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कहा कि उर्जाधानी कोरबा में माइंस एवं संयंत्र दोनों संचालित है। जहां बड़ी संख्या में श्रमिक जीविकोपार्जन करते है। राज्य शासन के मंशानुसार श्रमिक परिवारों को लाभान्वित करने हेतु श्रम विभाग की सभी योजनाओं का प्रशासन द्वारा बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का लाभ समाज के कमजोर लोगों तक पहुंचाने जिला प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर कार्य किया जा रहा है। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। सम्मेलन को नेता प्रतिपक्ष नगर पालिक निगम श्री हितानंद अग्रवाल, पार्षद श्री नरेंद्र देवांगन ने भी संबोधित किया और योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।
स्टॉल के माध्यम से योजनाओं की दी गई जानकारी –
सम्मेलन स्थल पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिको हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाया गया था। जिसमे स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाई वितरण, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के तहत लागू स्कीम, श्रम पंजीयन, प्रधानमंत्री आवास, महतारी जतन, दिव्यांग सहायता, बच्चों हेतु छात्रवृत्ति जैसे अन्य योजनाओं की जानकारी देकर श्रमिको को लाभांवित किया गया। स्थल पर जनसंपर्क विभाग द्वारा छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से शासन की जनहितकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। विभाग द्वारा शासन की योजनाओं पर आधारित जनमन, सुशासन के नवीन आयाम, उदित छत्तीसगढ़, रोजगार नियोजन जैसे अनेक पत्रिकाओं, ब्रोसर पाम्पलेट का वितरण भी किया गया।
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आम आदमी पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मतीन अहमद, 5 बार रह चुके हैं विधायक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मतीन अहमद आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। 5 बार विधायक रह चुके मतीन अहमद को अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। 10 दिन पहले ही ब्रह्म सिंह तंवर बीजेपी छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इससे पार्टी की मजबूती बढ़ रही है और दिल्ली में लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी सरकार बना सकती है।
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तेज रफ्तार मोटरसाइकिल सवार ने ऑटो को मारी ठोकर बाइक सवार युवक की हालत गंभीर जिला अस्पताल रेफर
रिपोर्टर मुन्ना पांडेय,सरगुजा :लखनपुर थाना क्षेत्र के अंबिकापुर बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 130 में कुंवरपुर मोड़ के पास शुक्रवार के दोपहर लगभग 12:00 बजे एक तेज रफ्तार केटीएम बाइक सवार ने सामने से आ रही मछली लोड ऑटो को जबरदस्त ठोकर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मछली लोड ऑटो सड़क पर पलट गया ऑटो के अंदर रखे मछली का पेटी सड़क पर बिखर गई । बाइक सवार युवक की हालत गंभीर होने की स्थिति में मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर रेफर किया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक फुलेश्वर पिता लक्ष्मण दास उम्र 26 वर्ष साकिन ग्राम रामपुर थाना मणिपुर दीपावली त्यौहार में नया केटीएम बाइक खरीदारी किया था।
अपने रिश्तेदार युवक को छोड़ने ग्राम अंधला माझापारा थाना लखनपुर आया हुआ था। बाद इसके वह अपने घर रामपुर लौट रहा था कुंवरपुर मोड़ के पास तेज रफ्तार बाइक सवार ने विपरीत दिशा से आ रहे मछली लोड ऑटो को सामने से जोरदार ठोकर मार दी। बाइक सवार युवक को गंभीर चोट लगी। सूचना पर लखनपुर पुलिस घटनास्थल पहुंच घायल युवक को उपचार हेतु लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जहा प्राथमिक उपचार के बाद हाथ टूटने और शरीर में अंदरूनी चोट लगने की वजह से युवक को फौरन जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं ऑटो चालक को मामूली चोटे आई है। बताया जा रहा है कि ऑटो चालक अंबिकापुर से मछली लोड कर उदयपुर जा रहा था। घटना के बाद दोनों वाहन बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गई है। पुलिस दोनों क्षतिग्रस्त वाहनों को कब्जे में ले लिया है। यह बात भी सामने आ रही है कि बाइक सवार युवक शराब के नशे में धुत होकर मोटरसाइकिल चला रहा था। बहरहाल पुलिस मामले की तफ्तीश करने जुटी है।
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