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धरने पर बैठे, किया राम भजन.. महाराजा अग्रसेन सेवा सदन के गलत उपयोग के सम्बन्ध में जताई आपत्ति अधिग्रहण आदेश समाप्त करके भवन समिति को वापस प्रदान करने कलेक्टर एवं सम्बंधित अधिकारी को प्रतिवेदन भेजा, अधीक्षक के दुर्व्यवहार से हुए नाराज*
धरने पर बैठे, किया राम भजन.. महाराजा अग्रसेन सेवा सदन के गलत उपयोग के सम्बन्ध में जताई आपत्ति
अधिग्रहण आदेश समाप्त करके भवन समिति को वापस प्रदान करने कलेक्टर एवं सम्बंधित अधिकारी को प्रतिवेदन भेजा, अस्पताल अधीक्षक के दुर्व्यवहार से हुए नाराज
अंबिकापुर। जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित महाराजा अग्रसेन सेवा सदन के उपयोग के सम्मान में आपत्ति जताते हुए अधिग्रहण आदेश समाप्त करके भवन समिति को वापस प्रदान करने के संबंध में महाराजा अग्रसेन सेवा समिति ने कलेक्टर एवं संबंधित अधिकारियों को प्रतिवेदन भेजा। अग्रसेन सेवा सदन के सामने बैठकर ना सिर्फ समिति के लोगों ने प्रदर्शन किया वही समिति के द्वारा जिला अस्पताल मे अस्पताल अधीक्षक के द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में व ज्ञापन नहीं लेने के लिए धरना दिया गया।अस्पताल के मुख्य द्वार पर बैठकर राम भजन कर अपनी बात अस्पताल अधीक्षक तक पहुंचाई। समिति ने कहा कि महाराजा अग्रसेन सेवा सदन अम्बिकापुर का निर्माण आपके कार्यालय द्वारा आंबटित भूमि पर एवं आपके कार्यालय द्वारा निर्धारित सभी नियमों के अंतर्गत हुआ है। महाराजा अग्रसेन सेवा सदन का निर्माण सम्पूर्ण अग्रवाल समाज के सहयोग से हुआ है। सेवा सदन का उद्देश्य सम्पूर्ण संभाग से इलाज के लिए आने वाले जरूरतमंद गरीबों मरीजो एवं उनके परिजनों को खाने एवं रहने की धर्मार्थ व्यवस्था प्रदान करता है।
वैश्विक महामारी कोविड के आने के बाद समिति ने स्वेच्छा से सेवा सदन को 22 मार्च 2020 मे केवल कोविड के लिए उपयोग में लेने हेतु शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध चिकित्सालय को दिया था, किन्तु आपके कार्यालय द्वारा सेवा सदन का उपयोग कोविड के लिए नहीं करके, अन्य सामान्य मरीजों हेतु किया गया। हमारी समिति को आश्चर्य तब हुआ जब आपने जरूरत पड़ने पर सेवा सदन को अपने मेडिकल/नर्सिंग स्टाफ के लिए रेसिडेंस (हॉस्टल) के रूप में दिखाया गया, जो कि किसी भी दृष्टिकोण से न्याय संगत नहीं है।
खेद का विषय है कि आपके कार्यालय द्वारा सेवा सदन भवन को केवल सामान्य मरीजों के उपचार हेतु हो उपयोग में लिया गया। आपके कार्यालय द्वारा सेवा सदन के उपयोग में लेने हेतु स्वीकृत की गयी शर्तों को नहीं माना गया और ना ही सेवा सदन के भवन का सही रखने में किया गया। सरगुजा कलेक्टर के आदेश के द्वारा महाराजा अग्रसेन सेवा सदन, जिला चिकित्सालय परिसर, दर्रीपारा, को कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए चिकित्सकीय उपयोग हेतु अधिग्रहण कर लिया गया। उक्त अधिग्रहण आदेश के अनुसार सेवा सदन के अधिग्रहण के दौरान भवन की देख-रेख एवं सम्पूर्ण व्यवस्था अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अम्बिकापुर की रहेगी। किन्तु सूचित करते हुए खेद हो रहा है कि आपके कार्यालय द्वारा कलेक्टर के अधिग्रहण आदेश के विपरीत काम किया गया। इस दौरान
समिति के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल (जय दुर्गा), उपाध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, घनश्याम दास अग्रवाल, सचिव विनोद अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सी ए आशीष गर्ग एवम समिति के पदाधिकारी ओमप्रकाश तायल, पवन तायल, कृष्ण कुमार अग्रवाल, श्री बंसल, मनोज अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, जगदीश गोयल, सुनील अग्रवाल, अंजन सिंह, अग्रवाल महासभा के राष्ट्रीय महासचिव लेखराज अग्रवाल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के जिला अध्यक्ष विकास अग्रवाल, अग्रवाल सभा के उपाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, जयप्रकाश तायल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश मंत्री मुकेश अग्रवाल, मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष शुभम अग्रवाल, पवन लोहिया , माखनलाल गर्ग, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के महामंत्री संजय अग्रवाल, दीक्षा अग्रवाल, अविनाश मित्तल, अश्वनी लाल गर्ग, विष्णु अग्रवाल, रामविलास आदमपुरिया, राजेश अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, संजय अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, शिव अग्रवाल सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
इन तथ्यों को समिति ने किया प्रस्तुत
समिति ने कहा कि वर्तमान में पूरे राज्य एवं संभाग में कोविड का प्रकोप लगभग समाप्त हो चुका है।
कोविड वैक्सीन से नागरिकों के एक बहुत बड़ा हिस्से को टीका लगाया जा चुका है, जिससे कि कोविड संक्रमण होने एवं फैलने का खतरा नहीं के बराबर है।
जिस उद्देश्य से सेवा सदन को अधिग्रहण किया गया था, वह पूर्ण हो चुका है।सेवा सदन के अधिग्रहण अवधि के दौरान भवन का ठीक से रख-रखाव ना रखने के कारण भवन की हालत खराब हो चुकी है
जिस उद्देश्य से सेवा सदन की स्थापना की गयी थी यथा सम्पूर्ण संभाग से इलाज के लिए आने वाले जरूरतमंद
गरीबा, मरीजो एवं उनके परिजनों को भोजन एवं आवास की धर्मार्थ व्यवस्था, उस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने हेतु भवन को वापस प्रदान किया जाना आवश्यक है।सेवा सदन को अधिग्रहण अवधि में कभी भी कोविड मरीजों के इलाज के लिए उपयोग में नहीं लिया गया बल्कि केवल सामान्य मरीजों के इलाज के लिए ही उपयोग में लिया गया। उपरोक्त सभी तथ्यों के आधार पर, महाराजा अग्रसेन सेवा समिति द्वारा मांग किया गया कि सेवा सदन को पुनः समिति को वापस करने की पहल करें।
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सुंगेरा एनीकट निर्माण के लिए 9 करोड़ से अधिक रुपये स्वीकृत
रायपुर, 22 नवंबर 2024 : राज्य शासन ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के विकासखंड तिल्दा की कोल्हान नाले पर सुंगेरा एनीकट के निर्माण के लिए नौ करोड़ चार लाख 14 हजार रूपये स्वीकृत किये हैं। योजना के कोर्यों के निर्माण हो जाने पर क्षेत्रीय किसानों को निस्तारी, पेयजल, भू-जल संवर्धन आवागमन एवं कृषकों को निजी पम्प के माध्यम से करीब 80 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को एनीकट का निर्माण कराने प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है।
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बाल विवाह रोकने जागरूकता व जनभागीदारी जरूरी : रेणुका सिंह
कोरिया : भरतपुर-सोनहत विधायक रेणुका सिंह ने कल कटगोड़ी ग्राम पंचायत में आयोजित जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ शासन-प्रशासन की ही नहीं है, हम सबकी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है, ऐसे में समाज प्रमुखों व जनप्रतिनिधि आप सब अपने परिवार, गांव व समाज में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाएं ताकि कम उम्र में होने वाले विवाह को रोका जा सके।
उन्होंने आम लोगों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह नहीं होने दे, कम उम्र की शादी एक सामाजिक बुराई एवं कानून अपराध है। इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किया जाए ताकि जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके।
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श्रमिक सम्मेलन: श्रमिक सशक्तिकरण की नई पहल..कोरिया जिले के 304 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत 27 लाख से अधिक की राशि प्रदान
कोरिया : विगत दिनों कोरबा में आयोजित श्रमिक सम्मेलन ने छत्तीसगढ़ में श्रमिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।कार्यक्रम में कोरिया जिले के श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास के तहत संचालित योजनाओं का लाभ सीधे हितग्राहियों तक पहुंचाया गया।जिले के 304 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 27 लाख 20 हजार 266 की राशि प्रदान की गई। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की गई, जिससे पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित हुआ।
श्रमिक हित में संचालित योजनाएं
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की गई।मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना का उद्देश्य बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। कार्यक्रम में 73 हितग्राहियों को 14 लाख 60 हजार की राशि वितरित की गई। यह योजना बेटियों की शिक्षा और भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास है। मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत मातृ स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए 4 लाभार्थियों को 80 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए तीन विद्यार्थियों को एक लाख 10 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई, वहीं निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक- कॉपी सहायता योजना के तहत इन श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए 191 बच्चों को दो लाख 74 हजार रुपये की राशि दी गई। मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के अंतर्गत श्रमिकों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए 26 श्रमिकों को 96 हजार 266 की सहायता राशि प्रदान की गई, वहीं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना निर्माण कार्य के दौरान दिवंगत या दिव्यांग श्रमिकों के परिवारों को 7 नॉमिनियों को 7 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान कर सहयोग किया गया।
श्रमिक कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
यह सम्मेलन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित योजनाएं श्रमिक वर्ग के समग्र विकास की दिशा में मजबूत कदम हैं।
पारदर्शिता और सशक्तिकरण का मॉडल
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता डीबीटी के माध्यम से राशि का सीधा हस्तांतरण है। इससे हितग्राही को त्वरित लाभ मिलता है। निश्चित ही प्रदेश की श्ऊर्जाधानीश् के रूप में प्रसिद्ध कोरबा में आयोजित यह श्रमिक सम्मेलन राज्य सरकार की श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता और उनके सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल श्रमिक वर्ग का मनोबल बढ़ाते हैं, बल्कि उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाने में सहायक होते हैं। श्रम मंत्री श्री लखन देवांगन व छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों से श्रमिक वर्ग को नई उम्मीदें मिली हैं और यह राज्य के समावेशी विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
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