कोरोना वायरस
भारत सरकार की गाइड-लाईन के अनुसार लिया जाएगा लाॅकडाउन के संबंध में फैसला: भूपेश बघेल
रायपुर, 12 अप्रैल 2020/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां मुख्यमंत्री निवास में मंत्रीगणों और अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मंत्रिपरिषद के सदस्य और अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉक डाउन बढ़ाने के मद्देनजर विभिन्न विभागों के कार्यो की समीक्षा की गई।
श्री बघेल ने कहा कि लाॅकडाउन के संबंध में सभी मंत्रियों से महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं। भारत सरकार की गाइड-लाइन के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए पृथक से आदेश जारी किए जाएंगे, तथा इन आदेशों का कड़ाई से पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों को लागू करने में सभी मंत्रीगणों के नेतृत्व में अधिकारियों-कर्मचारियों में टीम भावना के साथ सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने बैठक में प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग किट, मास्क, पीपीई किट, ग्लब्स, सेनेटाईजर, वेन्टिलेटर की उपलब्धता, आइसोलेशन वार्ड, क्वारेनटाइन सेंटर, डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करने, कृषि से जुड़ी तैयारियों, पेयजल की स्थिति आदि व्यवस्थाओं की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।
श्री बघेल ने महिलाओं एवं बच्चों को पूरक पोषण आहार, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सूखा राशन, राशनकार्ड धारियों को दो माह का खाद्यान्न वितरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों की उचित मूल्य दुकानों में बरसात के लिए राशन का भण्डारण सुरक्षा के साथ कर लिया जाए। कृषि के लिए खाद एवं बीज की उपलब्धता, जरूरतमंदों, बेसहारा लोगों, श्रमिकों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था, गर्मियों में पेयजल की व्यवस्था, तेन्दूपत्ता तोड़ाई की तैयारियों, निराश्रितों, विकलांगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वितरण सहित विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रख काम कराया जाए। उन्होंने ऐसे उद्योगों की जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए, जिसमें कम श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है तथा जिनके रहने, खाने और रूकने की व्यवस्था वहीं की जा सके। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के समान उच्च शिक्षा विभाग को स्नातक, स्नातकोत्तर की कक्षाओं में आॅनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि इंजीनियरिंग काॅलेज और आईटीआई में आॅनलाइन पढ़ाई चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने और बचावों के उपायों के अमल में सभी मंत्रियों, सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने टीम भावना के साथ काम किया है। इसी का यह परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में अब तक कोई दिक्कत नहीं आई है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर चुनौती है, जिसका सामना करने के लिए सभी विभाग एक साथ काम कर रहे हैं। यह एक लंबी लड़ाई है, जिसे सबको मिलकर लड़ना होगा। लंबी लड़ाई के लिए हमें तैयारी करनी है। कोरोना से बचाव और रोकथाम के उपायों को रोज की आदतों में शामिल करना होगा। सोशल डिस्टेसिंग की जगह फिजिकल डिस्टेसिंग को महत्व देना होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अभी तक लाॅकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में सरगुजा-बलरामपुर से लेकर सुकमा और दंतेवाड़ा तक एकरूपता के साथ काम किया गया, जिसके कारण हमें सफलता मिली। मंत्रियों से लेकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए आदेश और गाइड-लाइन में एकरूपता रही और सभी ने इसका कड़ाई से पालन किया। सभी मंत्रीगण, अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र है। श्री बघेल ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सचिव स्तर के सभी अधिकारी गाइड-लाइन को ध्यान में रखकर अपने निवास में कैम्प कार्यालय के माध्यम से कार्य सम्पादित करें। नस्तियों का मुवमेंट नियमानुसार करें।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई, इस बैठक में सभी मंत्रीगणों सहित मुख्य सचिव आर पी मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी, खाद्य सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, नगरीय विभाग विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., खनिज विभाग के सचिव अन्बलगन पी., उप सचिव श्रीमती सौम्या चैरसिया सहित विभिन्न विभागों के सचिव भी उपस्थित थे।
कोरोना वायरस
छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में मिले 17 नए कोरोना मरीज..
रायपुर : कोरोना के 17 मरीज फिर छत्तीसगढ़ में मिले है. स्वास्थ्य विभाग ने बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी और बताया कि 17 जनवरी को 17 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई है. 4 हजार सैंपलों की जांच की गई. फ़िलहाल प्रदेश के 15 जिलों में संक्रमित मरीज सक्रिय है.
कोरोना वायरस
ओमिक्रॉन का फैल रहा खतरनाक वेरिएंट, अब तक इतनों की हुई मौत…
12 जनवरी 2024:- छत्तीसगढ़ में जेएन-1 वायरस से ही कोरोना फैल रहा है। एम्स में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 48 सैंपलों में 25 जेएन-1 वेरिएंट का मिला। बाकी ओमिक्रॉन का है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार जेएन-1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। इससे ज्यादा खतरा नहीं है। हालांकि यह तेजी से फैलता है पर मृत्यु दर कम है। प्रदेश में तीन लोगों की जो मौत हुई है, उनके वायरस भी जेएन-1 के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी की है। प्रदेश में प्रदेश में पिछले 22 दिनों में 269 मरीज मिल चुके हैं। रोजाना मरीज मिलने का औसत 12 से कुछ ज्यादा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच कराने को कहा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एम्स में कुल 48 सैंपल भेजे थे। प्रदेश में जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे पहले ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। इस सीजन में केवल कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। आंबेडकर अस्पताल में चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आर.के. पंडा व मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार जेएन-1 वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है।
राजधानी में गुरुवार को कोरोना को कोई नया मरीज नहीं मिला। वहीं प्रदेश में 18 नए केस मिले हैं। इनमें सुकमा व रायगढ़ में 4-4, बालोद व बस्तर में 3-3, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार व कांकेर में एक-एक मरीज मिला हैं। कुल 4714 सैंपलों की जांच की गई। संक्रमण दर 0.38 फीसदी रही। होम आइसोलेशन में 17 लोग स्वस्थ हुए।एम्स से गुरुवार को जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आई। इसमें 48 में 25 सैंपलों में जेएन-1 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बाकी ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले वायरस है। कोरोना से खतरा तो है, लेकिन डरने के बजाय अलर्ट रहने की जरूरत है। -डॉ. डीके तुर्रे, मीडिया प्रभारी स्वास्थ्य विभाग
कोरोना वायरस
न्यू ईयर-क्रिसमस के जश्न पर भारी पड़ा कोरोना, 2023 के आखिरी महीने में 10,000 मौतें…
कोरोना वायरस के केस फिर से आने लगे हैं. इस बार एक और नए वैरिएंट के साथ ये वायरस लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना से पिछले महीने यानी दिसंबर में 10,000 मौतें हुईं हैं. इस रिपोर्ट पर एजेंसी के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बढ़ते कोरोना वायरस की वजह छुट्टियों में सोशल गैदरिंग को बताया है. टेड्रोस ने कहा कि दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं, जबकि नए साल के दौरान 50 देशों में अस्पताल में 42% मरीजों की बढ़ोतरी देखी गई है. ज्यादातर मामले यूरोप और अमेरिका से आए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह आकड़ा स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि और जगहों पर भी मामले बढ़ रहे हैं जहां रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं, उन्होंने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और इलाज व टीकाकरण की मांग की है.टेड्रोस ने बताया कि JN.1 वैरिएंट अब दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है. यह एक ओमिक्रॉन वैरिएंट है, इसलिए मौजूदा टीकों से भी इससे बचा जा सकता है. वहीं डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कोरोनो वायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण दुनिया भर में सांस से संबंधी बीमारियों में इजाफा बताया है.
भारत में अब तक कितनी मौत?
भारत में अब तक, जनवरी 2020 में शुरुआती प्रकोप के बाद से कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 4,50,19, 819 तक पहुंच गई है, जबकि कुल मृत्यु का आंकड़ा 5,33,406 हो गया है. वहीं भारत में पिछले 24 घंटों में 605 नए कोविड मामले दर्ज किए गए है और चार लोगों की मौतें हुईं है.
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