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राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए अपनाना होगा लचीलापन : प्रधानमंत्री मोदी
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नईंदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में अधिकतम लचीलापन अपनाना होगा और इस बारे में सभी पक्षों की राय और सवालों को खुले मन से सुना जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति किसी सरकार की नीति नहीं बल्कि देश की नीति होती है।
उच्च शिक्षा में बदलाव में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भूमिका विषय पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जब किसी भी प्रणाली में इतने व्यापक बदलाव होते हैं और एक नई व्यवस्था बनाने की तरफ हम बढ़ते हैं, तब कुछ आशंकाएं होना स्वाभाविक ही हैं।
उन्होंने कहा कि माता-पिता को लगता होगा कि अगर इतनी आज़ादी बच्चों को मिलेगी, अगर संकाय खत्म हो जाएंगे तो आगे कॉलेज में उनको दाखिला कैसे मिलेगा, उनके बच्चों के करियर का क्या होगा? उन्होंने कहा कि प्रोफेसर, शिक्षक के मन में सवाल होंगे कि वो खुद को इस बदलाव के लिए तैयार कैसे कर पाएंगे? इस प्रकार का पाठयक्रम कैसे व्यवस्थित हो पाएगा? स्थानीय भाषा में सामग्री कैसे तैयार होगी?
मोदी ने कहा, हर सवाल के समाधान के लिए हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से भी लगातार संवाद जारी है। राज्यों में भी हर पक्ष की पूरी बात, हर राय को, फीडबैक को, खुले मन से सुना जा रहा है। आखिर हम सभी को मिलकर ही तो तमाम शंकाओं और आशंकाओं का समाधान करना है। उन्होंने कहा, जिस प्रकार की लचीली दृष्टि लेकर यह नीति आई है, उसी प्रकार अधिकतम लचीलापन हम सभी को भी इसे लागू करने को लेकर भी दिखानी होगी।
मोदी ने कहा, हम सभी का यह सामूहिक दायित्व है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) की इस भावना को हम अक्षरश: लागू कर सकें। मेरा आप सभी से विशेष आग्रह है कि 25 सितंबर से पहले अपने राज्यों, केन्द्रशासित प्रदेशों के विश्वविद्यालयों में ज्यादा से ज्यादा इस प्रकार के वर्चुअल सम्मेलन आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को निरंतर समझते चलें, हमारी समझ बेहतर हो सके, इसके लिए प्रयास हो।
मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भविष्य को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रावधान किए गए हैं। जैसे-जैसे तकनीक का विस्तार गांवों तक हो रहा है, वैसे-वैसे सूचना और शिक्षा की पहुंच भी बढ़ रही है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर कॉलेज में तकनीकी समाधान को ज्यादा बढ़ावा दें।
प्रधानमंत्री ने कहा, यह शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है। ये देश की शिक्षा नीति है। जैसे विदेश नीति देश की नीति होती है, रक्षा नीति देश की नीति होती है, वैसे ही शिक्षा नीति भी देश की ही नीति है।उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति भी कौन सरकार में है, किसकी सरकार है, कौन बैठा है, कौन नहीं बैठा है, उसके आधार पर नहीं चलती है, शिक्षा नीति देश की ही नीति है।
उन्होंने कहा कि देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं, लेकिन यह भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में ज्ञान अर्जन और भाषा पर ध्यान केंद्रित है। इसमें सीखने के परिणाम और शिक्षक प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया गया है।उन्होंने कहा कि नई नीति में पहुंच और मूल्यांकन को लेकर भी व्यापक सुधार किए गए हैं। इसमें हर छात्र को सशक्त बनाने का रास्ता दिखाया गया है।
उन्होंने कहा कि जब शुरूआती स्तर पर ही बच्चों को उनकी संस्कृति, भाषा, परंपरा से जोड़ा जाएगा तो शिक्षा अपने-आप ही प्रभावी होगी, सहज होगी और बालमन उससे खुद को जुड़ा हुआ पाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सही मायने में बिना दबाव के, बिना अभाव के और बिना प्रभाव के सीखने के लोकतांत्रिक मूल्यों को शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाया गया है। मिसाल के तौर पर संकाय को लेकर जो बच्चों पर दबाव रहता था, वो अब हटा दिया गया है।
मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्वायत्तता से संबंधित सिद्धांत के पीछे भी कोशिश यही है कि हर कॉलेज, हर विश्वविद्यालय के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाए और जो संस्थान बेहतर प्रदर्शन करते हैं उनको पुरस्कृत किया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ पढ़ाई-लिखाई के तौर-तरीकों में ही बदलाव लाने के लिए नहीं है। यह नीति 21वीं सदी के भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन को नई दिशा देने वाली है।उन्होंने कहा, यह नीति आत्मनिर्भर भारत के संकल्प और सामर्थ्य को आकार देने वाली है। ज़ाहिर है, इस बड़े संकल्प के लिए हमारी तैयारियां, हमारी जागरूकता भी उतनी ही बड़ी होनी चाहिए।(भाषा)
देश-विदेश
लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में दिखे गुरुचरण सिंह, शो की पेमेंट को लेकर किया खुलासा
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तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के स्टार गुरुचरण सिंह, जिन्होंने रोशन सिंह सोढ़ी का किरदार निभाया था। इस साल की शुरुआत में लापता होने के बाद पहली बार पब्लिक प्लेस पर दिखाई दिए हैं। अभिनेता को शनिवार रात, 6 जुलाई को अपने पेट डॉग के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर देखा गया। गुरुचरण को पैपराजी के साथ टीआरपी लिस्ट में धूम मचा रहे कॉमेडी शो TMKOC में अपने वापसी के बारे में बात करते देखा गया। सोशल मीडिया पर ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के रोशन सिंह सोढ़ी को लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में देखा गया।
लापता होने के बाद पहली बार मुंबई में दिखे रोशन सोढ़ी
इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो में गुरुचरण सिंह ने इस साल की शुरुआत में अपने अचानक गायब होने के बारे में कुछ नहीं बताया। हालांकि, वह मुंबई वापस आकर खुश दिख रहे हैं। वीडियो में गुरुचरण से पूछा गया कि क्या ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के निर्माताओं ने उनका बकाया पैसा उन्हें दे दिया। इस पर अभिनेता ने कहा कि हां लगभग चुका दिया गया है, लेकिन वो दूसरों के बारे में नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा, ‘हां जी, सबका कर दिए हैं लगभग… लगभग। कुछ का मुझे पता नहीं है वो मुझसे पूछना पड़ेगा।’ ऐसी अटकलें थीं कि गुरुचरण सिंह ने भुगतान में देरी के कारण शो को छोड़ दिया था। हालांकि, अभिनेता आज तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं।
गुरुचरण सिंह शो में करेंगे वापसी
रोशन सोढ़ी से जब पूछा गया कि क्या उनके शो में वापस आने की संभावना है तो गुरुचरण ने कहा कि उन्होंने यह भगवान पर छोड़ दिया है। रोशन सोढ़ी कहते हैं कि ‘भगवान जाने। रब जाने। मुझे कुछ नहीं पता है। जैसे ही पता चलेगा, आपको बताऊंगा।’ आपको बता दें कि दो महीने यह खबर आई थी कि गुरुचरण दिल्ली एयरपोर्ट से अचानक गायब हो गए। इसके बाद उनके परिवार ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। हालांकि, 25 दिन के बाद एक्टर अपने घर पहुंचे थे।
गुरुचरण सिंह गुमशुदा होने पर हुआ था बवाल
बता दें कि गुरुचरण सिंह 22 अप्रैल, 2024 को लापता हो गए थे। दिल्ली पुलिस की खोजबीन के बाद, अभिनेता 18 मई को अपने दिल्ली स्थित घर लौट आए। रोशन सोढ़ी के घर लौटने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की, जिसके बाद पता चला कि अभिनेता धार्मिक यात्रा पर जाने के लिए घर से निकले थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सिंह ने अपने लापता होने के बाद से अमृतसर और लुधियाना जैसे कई शहरों में गुरुद्वारों का दौरा किया। हालांकि, बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें घर लौट जाना चाहिए।
खेल
जय शाह ने कर दिया सबसे बड़ा ऐलान, इस खिलाड़ी की कप्तानी में जीतेंगे चैंपियंस ट्रॉफी और WTC फाइनल
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भारतीय टीम ने रोहित शर्मा की कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीता था। तब फाइनल में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 रनों से हराया था। अब अगला आईसीसी टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी है और उसके बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच खेला जाएगा। टीम इंडिया की निगाहें इन 2 खिताब को जीतने पर होंगी। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन पाकिस्तान की धरती पर होना है। लेकिन अभी तक ये कन्फर्म नहीं हो पाया है कि टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाएगी या नहीं। अब इससे पहले ही BCCI सेक्रेटरी जय शाह ने बड़ी बात कही है।
टी20 वर्ल्ड कप की जीत के लिए दी बधाई
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा कि टीम इंडिया को इस ऐतिहासिक जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई। इस जीत को मैं कोच राहुल द्रविड़, कैप्टन रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा को डेडीकेट करना चाहता हूं। बीते एक साल में ये हमारा तीसरा फाइनल था। जून 2023 में हम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हारे, नवंबर 2023 में वनडे वर्ल्ड कप में 10 जीत के बाद हमने दिल जीते, लेकिन कप नहीं जीत पाए।
मैंने राजकोट में बोला था कि जून 2024 में हम कप भी जीतेंगे और दिल भी जीतेंगे और भारत का झंडा गाड़ेंगे। हमारे कप्तान ने झंडा गाड़ दिया। इस जीत में आखिरी पांच ओवर का बहुत बड़ा योगदान था। इसके लिए मैं सूर्यकुमार यादव, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पांड्या का बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं। इस जीत के बाद अगला पड़ाव है चैंपियंस ट्रॉफी और WTC Final। मुझे पूरा भरोसा है कि रोहित शर्मा की कप्तानी में हम इन दोनों टूर्नामेंट्स में चैंपियन बनेंगे। फिर से आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। जय हिन्द वन्दे मातरम।
साल 2008 के बाद भारत ने नहीं किया पाकिस्तान का दौरा
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चैंपियंस ट्रॉफी आयोजित करवाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है। पीसीबी ने आईसीसी को शेड्यूल भी भेज दिया है, जिसके मुताबिक चैंपियंस ट्रॉफी के मैच लाहौर, कराची और रावलपिंडी में कराए जा सकते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में पहले ही दावा किया जा चुका है कि टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने का फैसला भारत सरकार का होगा। भारतीय टीम ने साल 2008 के बाद से ही पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। आंतकी गतिविधियों के कारण दोनों देशों के बीच बाइलेटरल सीरीज नहीं हो रही हैं। इसी वजह से दोनों टीमें अब आईसीसी टूर्नामेंट्स में ही खेलती हुई नजर आती हैं।
भारत ने इंग्लैंड को हराकर जीता था खिताब
भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 11 साल पहले 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब इंग्लैंड को हराकर जीता था। उसके बाद भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में भी पहुंची, लेकिन टीम को पाकिस्तान के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी।
देश-विदेश
छत्तीसगढ़: मिड-डे मील में बच्चों की थाली से दाल और सब्जी गायब, हल्दी डालकर परोसे जा रहे चावल
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छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर इलाके के एक स्कूल में बच्चों की थाली से दाल और सब्जी ही गायब दिखी है। बच्चों को चावल में सिर्फ हल्दी डालकर खिलाया जा रहा है। बच्चों ने कहा कि एक सप्ताह से उन्हें मिड-डे मील में सब्जी खाने को नहीं मिली है। मिड-डे मील में गड़बड़ी का मामला वाड्रफनगर के बिजाकुर के प्राथमिक शाला पटेल पारा का है।
बच्चों को लगे ये है दाल-चावल
छत्तीसगढ़ के बिजाकुर के प्राथमिक स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील में सादा चावल दिया गया। सब्जी और दाल की तरह दिखने के लिए चावल में ही थोड़ी हल्दी डाल दी गई। ऐसा इसिलए किया गया ताकि बच्चों को लगे ये कोई खिचड़ी या दाल-चावल है।
एक हफ्ते से बच्चों को नहीं दी जा रही सब्जी
बलरामपुर के पटेल पारा के बिजाकुरा गांव के प्राइमरी स्कूल में 43 बच्चों को मिड-डे मील दिया जाता है। स्कूल के टीचरों ने माना कि वे करीब एक हफ्ते से मीड-डे मील में कोई सब्जी नहीं परोस रहे हैं। खाने में चावल और दाल या सिर्फ हल्दी चावल ही शामिल है। स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं ने सब्जियां उपलब्ध नहीं कराईं है। इसलिए मिड-डे मील के खाने में बच्चों को हरी सब्जियां नहीं दे पा रहे हैं।
शिक्षा विभाग निर्धारित करता है मेनू
बता दें कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील के लिए एक निर्धारित मेनू बनाया है। इसमें बच्चों को विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन दिए जाने का वादा किया गया है। शिक्षा विभाग के इस मेनू से अलग बच्चों को खाने में सिर्फ चावल में हल्दी मिलाकर खिलाई जा रही है। इस लापरवाही पर जिला शिक्षा अधिकारी देवेंद्र नाथ मिश्रा ने तत्काल जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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