देश-विदेश
*1 मिनट में निवेशकों के 4 लाख करोड़ डूबे, YES Bank के शेयर 75% गिरे जानिए ऐसा हुआ कैसे*.
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YES Bank के शेयर 75 प्रतिशत गिरने और सेंसेक्स के 1400 अंक नीचे जाने से महज 1 मिनिट में निवेशकों के 4 लाख करोड़ डूबने की खबर से निवेशकों में अफरा-तफरी का माहौल है। कोरोना वायरस की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था को यस बैंक संकट ने जोरदार झटका दिया है।
इस पूरे मामले पर फायनेंशियल एक्स्पर्ट योगेश बागोरा बताते हैं कि एक और तो दुनियाभर में कहर मचा रहे कोरोना वायरस से वैश्विक बाजार बुरी तरह प्रभावित हैं वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को यस बैंक संकट ने एक और बड़ा झटका दिया है।
बैंक के जमाकर्ता परेशान है और RBI ने 3 अप्रैल तक 50 हजार से ज्यादा की रकम निकालने पर रोक लगा दी है साथ ही निदेशक मंडल को भी टेकओवर कर लिया है। हालांकि विशेष परिस्थतियों में 5 लाख रुपए तक निकाले जा सकेंगे।
कोरोना वायरस की वजह से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था का हाल बेहाल है। दुनियाभर के 77 देशों में वायरस फैलने से आयात निर्यात पर बुरा असर पड़ा है। शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। इस समय YES बैंक की पतली हालत ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दिया है।
बागोरा के अनुसार यह एक ऐसा समय है जब SBI cards के IPO के लिए सब्स्क्रिप्शन हो चुका है और इसे 20.81 गुना सब्सक्राइब किया गया था यानी मार्केट में इसे लेकर काफी उत्साह देखा गया। इसकी लिस्टिंग भी 16 तारीख को हो जाएगी। अक्टूबर 2017 में GIC RI के IPO के बाद एसबीआई कार्ड्स का आईपीओ सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू है। ऐसे में जब SBI ने संकटग्रस्त बैंक में अपना हाथ डाला तो निवेशकों में हड़कंप मच गया।
यही वजह रहे कि शुक्रवार को जब बाजार खुला तो SBI के शेयरों में 12% की गिरावट देखी गई। YES बैंक का तो हाल ही बेहाल था और देखते ही देखते उसके शेयर 75 प्रतिशत तक गिर गए। कोरोना का कहर झेल रहे शेयर बाजारों पर इस घटना का बेहद बुरा असर पड़ा। मार्केट में इस समय नेगेटिव सेंटिमेंट है क्योंकि अब वित्तीय फर्मों में आशंका गहरा गई है कि कहीं विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से मुंह ना मोड़ लें।
यह स्थिति हमें एक बार फिर 2008 की मंदी की याद दिलाती है। उस समय अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर में हुई उठापटक से पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थी। इस वर्ष सेंसेक्स में 58.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले बाजारों में भारत भी शामिल था।
माना जाता है कि उस समय भारतीय शेयर बाजार को उथलपुथल का एक बड़ा कारण रिलायंस पॉवर का IPO भी था जिसे बेहतरीन रिस्पॉन्स मिला था। रिलायंस के इस आईपीओ के लिए रिकॉर्ड आवेदन आए, मगर बाजार में आते ही यह धराशायी हो गया। लोगों को इस आईपीओ से बेहद उम्मीद थी, जो पलभर में धूल में मिल गई।
निवेशकों को बोनस शेयर देने की योजना भी रिलायंस के इस आईपीओ को सहारा देने में विफल रही। रिलायंस का हश्र देखकर कई दिग्गजों ने अपने आईपीओ को बाजार में लाने का फैसला टाल दिया था।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं कि भारत, खासतौर पर मोदी सरकार इस संकट का सामना कैसे करेगी।
देश-विदेश
4 दिन में आसमान से जमीन पर आ गया सोना, भरभराकर गिरी चांदी, देखिये ये आंकड़े
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बीते चार दिन में सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। जिसने 22 जुलाई को जेवर खरीदे होंगे, वो अगर आज खरीदता तो बड़ा पैसा बच जाता। कीमतों में इस गिरावट के पीछे वजह है बजट में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा। 23 जुलाई को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसे 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सोने-चांदी के दाम भरभराकर गिर गये।
5,000 रुपये सस्ता हो गया सोना
पिछले चार दिन में सोने की कीमतों में करीब 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आ गई है। 23 जुलाई को सोने की कीमतों में 5.79 फीसदी यानी 4,208 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई थी। इसके बाद 24 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.65 फीसदी या 442 रुपये की रिकवरी हुई। अगले दिन 25 जुलाई को सोने के भाव 2.16 फीसदी यानी 1490 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गए। वहीं, आज 26 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.37 फीसदी या 248 रुपये की रिकवरी हुई है। इस तरह पिछले 4 दिन में सोने की कीमतें 7.37 फीसदी या 4,960 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गई है।
चांदी में भी बड़ी गिरावट
सोने के साथ ही चांदी की घरेलू कीमतों में भी बीते 4 दिन में बड़ी गिरावट आई है। 23 जुलाई को चांदी की कीमतों में 4.80% या 4284 रुपये की गिरावट दर्ज हुई थी। 24 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.03% या 25 रुपये की मामूली गिरावट आई थी। 25 जुलाई को चांदी 4.20% या 3563 रुपये प्रति किलोग्राम टूट गई। इसके बाद आज 26 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.05% या 39 रुपये की मामूली तेजी देखी गई है। इस तरह पिछले 4 दिनों में चांदी के भाव 8.98% या 7833 रुपये गिर गये हैं।
सोने-चांदी के आज के भाव
एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुक्रवार शाम को 5 अगस्त 2024 की डिलीवरी वाला सोना 67,844 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। वहीं, 4 अक्टूबर 2024 की डिलीवरी वाला सोना इस समय 68,434 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। चांदी की बात करें, तो 5 सितंबर 2024 की डिलीवरी वाली चांदी आज 81,458 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी।
खेल
बांग्लादेश को पीटकर टीम इंडिया की फाइनल में एंट्री, अब पाकिस्तान से होगा मुकाबला
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हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2024 के फाइनल में शानदार तरीके से एंट्री मार ली है। पहले सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 10 विकेट से हराकर भारत ने विरोधी टीम को चारोखाने चित्त कर दिया। पहले गेंदबाजों ने बांग्लादेश को एक मामूली से स्कोर पर रोक दिया और उसके बाद बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी कर टीम को फाइनल का टिकट दिला ही दिया। अब फाइनल में भारत के सामने कौन सी टीम होगी, इसका फैसला पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के रिजल्ट से तय होगा।
भारत ने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया टारगेट
बांग्लादेश ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में महज 80 रन ही बनाए थे। यानी भारत के सामने जीत के लिए 81 रनों का एक छोटा सा स्कोर था, जिसे भारत ने 11 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान के हासिल कर लिया। जहां एक ओर शेफाली वर्मा ने 26 रनों की पारी खेली, वहीं दूसरी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शानदार 55 रन बनाए। गेंदबाजों ने भारत के लिए जो प्लेटफार्म तैयार किया था, उस पर आगे चलने का काम बैटर्स ने किया। पाकिस्तान और श्रीलंका में से किसी एक टीम से भारत का मुकाबला फाइनल में होगा, जो 28 जुलाई को खेला जाएगा। भारतीय टीम खिताब जीतने की दावेदार पहले से ही मानी जा रही थी, अब फाइनल में पहुंचकर भारत एशिया कप के एक और खिताब से केवल एक कदम की दूरी पर है।
खराब रही बांग्लादेश की बल्लेबाजी, रेणुका सिंह ने बरपाया कहर
इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम की शुरुआत ही खराब रही। पहला विकेट पहले ही ओवर में उस वक्त गिरा जब दिलारा अख्तर केवल 6 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें रेणुका सिंह ने पवेलियन भेजा। इसके बाद 17 के स्कोर पर दूसरा भी विकेट चला गया। इस्मा तंजीम 8 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें भी रेणुका सिंह ने अपना शिकार बनाया। मुर्शिदा खातून भी चार रन बनाकर चलती बनी। लगातार तीन विकेट लेकर रेणुका सिंह ने न केवल बांग्लादेश को बैकफुट पर ढकेल दिया, बल्कि विरोधी खेमे में तहलका सा भी मचा दिया।
निगार सुल्ताना ने खेली कप्तानी पारी
बांग्लादेश के एक छोर पर लगातार विकेट गिर रहे थे, तब कप्तान निगार सुल्ताना ने एक छोर संभाले रखा। हालांकि उन्हें किसी का भी साथ नहीं मिल रहा था। आखिरी के ओवर्स में शोरना अख्तर ने जरूर कुछ साथ दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने 19 रन बनाए। कप्तान सुल्ताना ने 51 बॉल का सामना किया और 32 रनों की एक ठीक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 2 चौके आए। इसके बाद भी पूरी टीम केवल 80 रन ही बना सकी। इसके बाद जब भारत के सामने 81 रनों का टारगेट था, तभी तय हो गया था कि टीम इंडिया इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में चली जाएगी। हुआ भी ऐसा ही। अब भारतीय टीम फाइनल में किससे भिड़ेगी, इसका फैसला दूसरे सेमीफाइनल से होगा, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मुकाबला होना है।
देश-विदेश
मुस्लिम भी करते हैं झारखंडी शिव की पूजा,ये है अनोखा शिव मंदिर
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सावन के इस पवित्र माह में हम आपको गंगा-जमुनी तहजीब की एक और अनोखी बात बताने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से 25 किमी दूर खजनी कस्बे के पास एक गांव है सरया तिवारी. यहां भगवान भोलेनाथ का एक अनोखा शिवलिंग स्थापित है, जिसे नीलकंठ महादेव और झारखंडी शिव भी कहा जाता है.यह शिवलिंग कई सदियों पुराना है और यहां पर भगवान शिव का स्वयं प्रादुर्भाव हुआ है. यह शिवलिंग हिंदुओं के लिए ही नहीं मुस्लिमों के लिए भी उतना ही पूजनीय है, क्योंकि इस पर उर्दू भाषा में एक कलमा ‘लाइलाहाइल्लललाह मोहम्मदमदुर्र रसुलुल्लाह’ (इस्लाम का पवित्र वाक्य माना जाता है) खुदा हुआ है. इसी कलमे की वजह से इस मंदिर में रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग अपने अल्लाह की इबादत करने के लिए जाते हैं.
महमूद गजनवी ने शिवलिंग पर खुदवाया कलमा
लोक मान्यताओं हैं कि जिस समय महमूद गजनवी भारत पर आक्रमण करके भारत के मंदिरों को लूट रहा था तब उसको इस मंदिर का पता चला.उसने यहां पहुंच कर मंदिर को तहस-नहस कर दिया और शिवलिंग को भी उखाड़ने का प्रयास किया परंतु गजनवी की पूरी सेना इस शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित हुई. उसकी सेना जितनी गहराई में खुदाई करती, शिवलिंग उतना ही बढ़ता जाता था. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित होने पर गजनवी ने इस शिवलिंग पर कलमा गुदवा दिया. महमूद गजनवी के द्वारा इस अद्भुत शिवलिंग पर कलमा खुदवाने का एक मात्र उद्देश्य यह था कि हिंदू समुदाय के लोग इस शिवलिंग की पूजा न कर सकें, परंतु आज के समय में यह शिवलिंग सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन चुका है. जहां न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम भी आते हैं. एक तरफ़ हिंदू पूजा करते हैं तो वहीं दूसरो ओर इस शिवलिंग के समक्ष मुस्लिम इबादत करते हैं.
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