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10 बॉडीगार्ड होते हुए भी आतंकी हमले में मारे गए भाजपा नेता, साजिश या लापरवाही…

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जम्मू। कश्मीर के बांदीपोरा में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष शेख वसीम बारी और उनके भाई व पिता की हत्या के बाद सबसे अधिक चर्चा का विषय यह है कि अगर 10 बॉडीगार्ड होने के बावजूद आतंकी उनकी हत्या कर सकते हैं तो आम कश्मीरी की जान की सुरक्षा कैसे हो पाएगी? हालांकि मामले में लापरवाही के आरोप में सुरक्षा में तैनात 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद यह वारदात पूर्व सुनियोजित हमले की तरह लग रही है। इस बात की पुष्टि आईजी कश्मीर जोन विजय कुमार ने भी की है।

पुलिस स्टेशन के सामने ही भाजपा नेता वसीम बारी, उनके भाई और पिता को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों को पुलिस ने चिन्हित कर लिया है। दोनों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है। अलबत्ता, हमले की जिम्मेदारी लश्कर के बजाय द रजिस्टेंस फोर्स ने ली है। आईजी कश्मीर कुमार के अनुसार, यह हत्या एक सुनियोजित तरीके से की गई है।

बारी के पिता और भाई भी भाजपा के साथ जुड़े थे। उनकी मां का पिछले साल एक सड़क हादसे में देहांत हो गया था। अब उनके परिवार में उनकी बहन और पत्नी के अलावा दो बच्चे रह गए हैं। हालांकि पुलिस ने उनकी हत्या के लिए लश्कर को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट ने सोशल मीडिया पर इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि जो भी कश्मीर में भारत का साथ देगा, उनका अंजाम बुरा ही होगा।

विजय कुमार ने कहा कि पुलिस स्टेशन के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे और घटनास्थल के पास लगे एक अन्य सीसीटीवी की फुटेज की हमने जांच की है। इसमें हमलावर आतंकी साफ नजर आ रहे हैं। एक आतंकी स्थानीय है जिसका नाम आबिद है, जबकि दूसरा पाकिस्तानी है। आबिद ने दुकान में मौजूद वसीम, उनके भाई उमर सुल्तान और पिता बशीर शेख पर नजदीक से गोली चलाई, जबकि पाकिस्तानी आतंकी दुकान के बाहर था। वारदात के बाद दोनों आतंकी फरार हो गए।

आईजी ने बताया कि वसीम बारी और उनके परिजनों की हिफाजत के लिए 10 पुलिसकर्मी तैनात थे। उन्हें हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने अभी तक जो जांच की है, उसके मुताबिक यह हमला अचानक नहीं किया गया है। आतंकियों ने पहले दुकान और मकान की रैकी की है। उन्हें अच्छी तरह पता था कि भाजपा नेता कब और कहां आ-जा रहे हैं।

चार साल में तीसरे भाजपा नेता की हत्या : कश्मीर में पिछले चार सालों में किसी वरिष्ठ भाजपा नेता की हत्या की यह तीसरी वारदात है। इससे पूर्व दो नवंबर 2017 को शोपियां में भाजपा की युवा इकाई के जिला प्रधान गौहर बट को आतंकियों ने अगवा कर लिया था। अगले दिन बट की सिरकटी लाश मिली थी। वहीं, बीते साल 4 मई को अनंतनाग के नौगाम वेरीनाग में आतंकियों ने भाजपा के बुजुर्ग नेता गुल मोहम्मद मीर अटल की उनके घर के बाहर हत्या कर दी थी।

बीते जून महीने की शुरुआत में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित और कांग्रेस पार्टी के नेता सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बीते 17 वर्षों में वादी में किसी कश्मीरी पंडित की आतंकियों द्वारा हत्या की यह पहली वारदात थी। सरपंच कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे। अजय पंडिता की हत्या की स्थानीय नेताओं ने कड़ी निंदा की थी। सुरक्षा बलों ने आतंकियों के सफाए के लिए टॉप-12 आतंकियों की हिट लिस्ट बनाई है। वादी में करीब 170 आतंकी सक्रिय हैं।

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नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में बढ़ता जा रहा है मौत का आंकड़ा, 48 घंटे में 31 पहुंची मृतकों की संख्या

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महाराष्ट्र: नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में मरीजों की मौत के मामले ने हड़कंप मचा दिया है। अस्पताल में पिछले 48 घंटों में मृतको की संख्या 24 से बढ़कर 31 पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में जिन 7 मरीजों की मौत हुई है उसमें 4 नवजात शिशु भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ आज नांदेड़ के सरकारी अस्पताल का दौरा करेंगे।

नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में पिछले 48 घंटों में 31 मरीजों की मौत से हर तरफ हड़कंप मचा हुआ है। अब इस विषय पर महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुशरिफ ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा है कि यह बहुत दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। मैं अभी नांदेड़ जा रहा हूं। वहां आयुक्त और संचालक को पहले ही भेज दिया गया है जो आगे की जांच कर रहे हैं।’

उन्होंने आगे कहा कि, अस्पताल में दवाई या फिर डॉक्टरों की कोई कमी नहीं थी। हम इस मामले की पूरी जांच करेंगे और इसके पीछे जिसकी भी लापरवाही होगी, उसके खिलाफ सख्स से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैं बता दूं कि वहां अधिकतर गंभीर मरीज पहुंचे थे जिनकी मौत हुई है। हम इस मामले में ठोस कदम उठाएंगे।

मौत की वजह बताते हुए अस्पताल प्रशासन ने कहा कि जिनकी मौत हुई उनमें व्यस्क मरीजों में 4 हृदय रोग, 1 जहर, 1 गैस्ट्रिक रोग, 2 किडनी रोग, 1 प्रसूति संबंधी जटिलताएं, 3 दुर्घटना एवं अन्य बीमारियों तथा 4 बच्चे ऐसे थे जो लास्ट स्टेज में जिला अस्पताल में भर्ती कराए गए। पिछले 2 दिनों में नांदेड जिले और अन्य जिलों से अधिक गंभीर मरीज, खासकर लाइलाज बिमारी वाले मरीज इस सरकारी अस्पताल में भर्ती हुए थे। वहीं अस्पताल प्रशासन ने कहा कि दवाओं की कोई कमी नहीं है। अस्पताल में आवश्यक दवाएं मौजूद हैं।

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लंदन में भारतीय हाई कमीशन के सामने जमा होकर प्रदर्शन कर रहे खालिस्तान समर्थक, बढ़ाई गई सुरक्षा

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लंदन: ब्रिटेन के लंदन में खालिस्तान समर्थक भारतीय हाई कमीशन के सामने जमा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान भारतीय हाई कमीशन के सामने भारी संख्या में ब्रिटिश सुरक्षाबलों के जवान तैनात हैं। प्रदर्शनकारियों को भारतीय हाई कमीशन की विपरीत दिशा में ही सीमित कर दिया गया है। इसके अलावा भारतीय हाई कमीशन के चारों ओर एक सुरक्षा घेरा बनाया गया है।

ऐसा पहली बार नहीं है जब लंदन में खालिस्तान समर्थक सड़कों पर उतरे हैं। इससे पहले भी लंदन समेत कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शनों की खबरें सामने आती रही हैं। इसी साल पहले भी लंदन में खालिस्तानी प्रदर्शनकारी दो से तीन घंटे प्रदर्शन करने के इरादे से भारतीय हाई कमीशन के बाहर जमा हुए थे। हालांकि ये प्रदर्शन लंबे समय तक नहीं चल सका था।

निज्जर की मौत के बाद प्रदर्शन बढ़े

अलग-अलग देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के पीछे एक वजह खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत भी है। गौरतलब है कि कनाडा के सरे शहर में 18 जून को खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत सरकार की नज़र में हरदीप यूएपीए के तहत आतंकवादी थे। वहीं खालिस्तान समर्थकों का आरोप है कि भारतीय एजेंसियों ने ही निज्जर की हत्या करवाई है।

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जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद बिहार में बढ़ी हलचल, नीतीश कुमार ने बुलाई नौ दलों की बैठक

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पटना: जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद बिहार में हलचल बढ़ गई है। इस रिपोर्ट के लेकरसभी पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए मंगलवार 3 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए 9 दलों को बुलाया गया है और इसमें इस रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। वहीं इससे पहले नीतीश कुमार ने रिपोर्ट जारी करने के बाद इसे ऐतिहासिक बताया था।

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार और बिहार की जनता के लिए हमने जो किया वह आजतक कोई नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना बहुत पहले ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन यतः नहीं कराई गई। अब आंकड़े हमारे सामने हैं और बिहार सरकार सभी जातियों के विकास और उन्नति के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस जनगणना को रोकने के लिए तमाम लोगों ने प्रयास किए, लेकिन वह सफल नहीं हो सके।

बीजेपी नीतीश सरकार पर हुई हमलावर 

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरीराज इस्न्घ ने इस रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की यह रिपोर्ट आम लोगों के बीच भ्रम फैला रही है। इससे लोगों के बीच में नफरत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट की जगह नीतीश कुमार को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने और उनके साथी लालू यादव ने कितने लोगों को नौकरी दी, कितने रोजगार के अवसर बनाए।

राहुल गांधी ने की नीतीश सरकार की तारीफ़ 

वहीं जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार की नीतीश सरकार की तारीफ की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखते हुए राहुल गांधी ने कहा, “बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं। इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ – ये हमारा प्रण है।” बता दें कि राहुल गांधी पिछले कई दिनों से ओबीसी समुदाय को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं।

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