देश-विदेश
*20 साल से गालियां सुन रहा हूं अपमान झेलने की आदत हो गई है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी*
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण दिशा देने वाला है। पेश हैं भाषण के ताजा बिंदु-
– कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने जिस दिन भारत को भारत की नजर से देखना शुरू किया, उस दिन उन्हें अपनी गलती का अहसास होगा।
– सबने देखा दल के लिए कौन है और देश के लिए कौन हैं।
– सीसीए विरोध में असली चेहरा दिखा।
– अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान में जुल्म हुआ।
– कुछ लोगों ने कहा सीएए लाने की इतनी जल्दी क्यों की
– पाकिस्तान भी भारतीय मुसलमानों को गुमराह कर रहा है।
– कैबिनेट प्रस्ताव पढ़ने वाले संविधान को समझें।
– दशकों बाद भी पाकिस्तान का चरित्र नहीं बदला।
– कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा बोल रही है। हम पर हिन्दू-मुस्लिम करने का आरोप लगाया जा रहा है।
– कांग्रेस के लिए वो मुसलमान, मेरे लिए भारतीय हैं। खान अब्दुल गफ्फार खां के पैर छुए।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहीन बाग का अप्रत्यक्ष जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रदर्शन को किसका समर्थन हासिल है। ये उन्हें पता है। पीएम मोदी ने एक शायर का जिक्र करते हुए कहा कि
ख़ूब पर्दा है, कि चिलमन से लगे बैठे हैं।
साफ़ छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं!!
ये पब्लिक सब जानती है। समझती है।
– पीएम ने कहा कि एनएसी के जरिए रिमोट कंट्रोल सरकार कौन लेकर आया, जिसका सरकार चलाने में पीएम और पीएमओ से बड़ा रोल था। भारत के लोग देख रहे हैं कि देश में संविधान के नाम पर क्या हो रहा है।
– प्रधानमंत्री ने कहा कि वे संविधान बचाओ का जिक्र करने वाले लोगों से पूछना चाहते हैं कि देश में आपातकाल किसने लागू किया। न्यायपालिका की गरिमा पर आघात किसने पहुंचाया। संविधान में सबसे ज्यादा संशोधन किसने किया। जिन लोगों ने ये सब किया है उन्हें संविधान को याद रखने की जरूरत है।
– पुराने तरीके पर चलते तो 70 साल बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटता, राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती
– ‘सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है, एक नई सोच की जरूरत है, हमने पुराने तरीके पर चलने की आदत बदली’ पुरानी लीक पर चलते तो मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती रहती, राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती।
– कांग्रेस के लोग रोज संविधान बचाने की बात कहते हैं। कांग्रेस को दिन में 100 बार संविधान बचाओ, संविधान बचाओ जपना चाहिए। संविधान के नाम पर देश में बहुत कुछ हो रहा है। जिन्होंने दर्जनों बार चुनी हुई सरकार बर्खास्त की वे संविधान बचाने की बात करते हैं। इमरजेंसी को याद करें।
– 20 साल से गालियां सुन रहा हूं अपमान झेलने की आदत हो गई है। इतना अपमान झेला है कि अब आदत हो गई है।
– उल्लेखनीय है कि कल राहुल गांधी ने कहा था कि पीएम मोदी 6 माह बाद घर से निकल नहीं पाएंगे, युवाओं के डंडे पड़ेंगे।
– अब मैं सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा, सूर्य नमस्कार करके पीठ मजबूत करूंगा।
– राहुल गांधी के ‘डंडे खाने’ वाले बयान पर कहा- 6 महीने में डंडे मारने की बात सुनी, डंडे खाने के लिए पीठ मजबूत करूंगा।
– एफडीआई 26 बिलियन डॉलर को पार कर गया।
– मैं विपक्ष को बेरोजगार नहीं होने दूंगा। विपक्ष को पता है मैं ही काम करूंगा।
– हमने महंगाई को काबू में रखा। वित्तीय घाटे को बढ़ने नहीं दिया।
– कांग्रेस की सोच से चलते तो शत्रु संपत्ति का भी इंतजार रहता है।
– यहां स्वामी विवेकानंद के कंधे से बंदूकें चलाई गईं।
– जो उन्हें जैसा समझ पाता है वैसा ही बयान देता है।
– इस बार के बोडो समझौते में सभी हथियार बंद ग्रुप साथ आए हैं।
– समझौते में लिखा है कि बोडो की कोई मांग बाकी नहीं रही है।
– आज नई सुबह भी आई है, नया सवेरा भी आया है, नया उजाला भी आया है।
– नॉर्थ ईस्ट अब दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई है।
– चाहे बिजली की बात हो, रेल की बात हो, हवाई अड्डे की बात हो, मोबाइल कनेक्टिविटी की बात हो, ये सब करने का हमने प्रयास किया है।
– अगर हम कांग्रेस की राह चलते तो शत्रु संपत्ति कानून नहीं बनते। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की नियुक्ति नहीं होती। हम अपने लिए नई लीक बनाकर चलते हैं और वह सोच लीक से हटकर होती है।
– हम कांग्रेस के रास्ते चलते तो आज 50 साल के बाद भी शत्रु संपत्ति का इंतजार देश को करते रहना पड़ता। 28 साल के बाद बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं होता।
– पुरानी सोच होती तो तीन तलाक से मुक्ति नहीं मिलती।
– पुरानी सोच होती तो अयोध्या केस नहीं सुलझता।
– हम पुराने तरीके से चलते तो बदलाव नहीं आता।
– हमने सरकार ही नहीं बदली, सरोकार बदला।
– गांधीजी हमारे लिए जिंदगी हैं। गांधीजी आपके लिए ट्रेलर हो सकते हैं।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कुछ पंक्तियां पढ़ीं।
– कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये तो ट्रेलर है। इस पर पीएम ने कहा कि गांधी आपके लिए ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिए तो जिंदगी हैं।
– पीएम जब लोकसभा में आए तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। इसके जवाब में विपक्ष के सांसदों ने महात्मा गांधी की जय के नारे लगाए।
देश-विदेश
4 दिन में आसमान से जमीन पर आ गया सोना, भरभराकर गिरी चांदी, देखिये ये आंकड़े
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बीते चार दिन में सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। जिसने 22 जुलाई को जेवर खरीदे होंगे, वो अगर आज खरीदता तो बड़ा पैसा बच जाता। कीमतों में इस गिरावट के पीछे वजह है बजट में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा। 23 जुलाई को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसे 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही सोने-चांदी के दाम भरभराकर गिर गये।
5,000 रुपये सस्ता हो गया सोना
पिछले चार दिन में सोने की कीमतों में करीब 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आ गई है। 23 जुलाई को सोने की कीमतों में 5.79 फीसदी यानी 4,208 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई थी। इसके बाद 24 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.65 फीसदी या 442 रुपये की रिकवरी हुई। अगले दिन 25 जुलाई को सोने के भाव 2.16 फीसदी यानी 1490 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गए। वहीं, आज 26 जुलाई को सोने की कीमतों में 0.37 फीसदी या 248 रुपये की रिकवरी हुई है। इस तरह पिछले 4 दिन में सोने की कीमतें 7.37 फीसदी या 4,960 रुपये प्रति 10 ग्राम टूट गई है।
चांदी में भी बड़ी गिरावट
सोने के साथ ही चांदी की घरेलू कीमतों में भी बीते 4 दिन में बड़ी गिरावट आई है। 23 जुलाई को चांदी की कीमतों में 4.80% या 4284 रुपये की गिरावट दर्ज हुई थी। 24 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.03% या 25 रुपये की मामूली गिरावट आई थी। 25 जुलाई को चांदी 4.20% या 3563 रुपये प्रति किलोग्राम टूट गई। इसके बाद आज 26 जुलाई को चांदी की कीमतों में 0.05% या 39 रुपये की मामूली तेजी देखी गई है। इस तरह पिछले 4 दिनों में चांदी के भाव 8.98% या 7833 रुपये गिर गये हैं।
सोने-चांदी के आज के भाव
एमसीएक्स एक्सचेंज पर शुक्रवार शाम को 5 अगस्त 2024 की डिलीवरी वाला सोना 67,844 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। वहीं, 4 अक्टूबर 2024 की डिलीवरी वाला सोना इस समय 68,434 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा है। चांदी की बात करें, तो 5 सितंबर 2024 की डिलीवरी वाली चांदी आज 81,458 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी।
खेल
बांग्लादेश को पीटकर टीम इंडिया की फाइनल में एंट्री, अब पाकिस्तान से होगा मुकाबला
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हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2024 के फाइनल में शानदार तरीके से एंट्री मार ली है। पहले सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 10 विकेट से हराकर भारत ने विरोधी टीम को चारोखाने चित्त कर दिया। पहले गेंदबाजों ने बांग्लादेश को एक मामूली से स्कोर पर रोक दिया और उसके बाद बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी कर टीम को फाइनल का टिकट दिला ही दिया। अब फाइनल में भारत के सामने कौन सी टीम होगी, इसका फैसला पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के रिजल्ट से तय होगा।
भारत ने बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया टारगेट
बांग्लादेश ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में महज 80 रन ही बनाए थे। यानी भारत के सामने जीत के लिए 81 रनों का एक छोटा सा स्कोर था, जिसे भारत ने 11 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान के हासिल कर लिया। जहां एक ओर शेफाली वर्मा ने 26 रनों की पारी खेली, वहीं दूसरी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शानदार 55 रन बनाए। गेंदबाजों ने भारत के लिए जो प्लेटफार्म तैयार किया था, उस पर आगे चलने का काम बैटर्स ने किया। पाकिस्तान और श्रीलंका में से किसी एक टीम से भारत का मुकाबला फाइनल में होगा, जो 28 जुलाई को खेला जाएगा। भारतीय टीम खिताब जीतने की दावेदार पहले से ही मानी जा रही थी, अब फाइनल में पहुंचकर भारत एशिया कप के एक और खिताब से केवल एक कदम की दूरी पर है।
खराब रही बांग्लादेश की बल्लेबाजी, रेणुका सिंह ने बरपाया कहर
इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम की शुरुआत ही खराब रही। पहला विकेट पहले ही ओवर में उस वक्त गिरा जब दिलारा अख्तर केवल 6 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें रेणुका सिंह ने पवेलियन भेजा। इसके बाद 17 के स्कोर पर दूसरा भी विकेट चला गया। इस्मा तंजीम 8 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्हें भी रेणुका सिंह ने अपना शिकार बनाया। मुर्शिदा खातून भी चार रन बनाकर चलती बनी। लगातार तीन विकेट लेकर रेणुका सिंह ने न केवल बांग्लादेश को बैकफुट पर ढकेल दिया, बल्कि विरोधी खेमे में तहलका सा भी मचा दिया।
निगार सुल्ताना ने खेली कप्तानी पारी
बांग्लादेश के एक छोर पर लगातार विकेट गिर रहे थे, तब कप्तान निगार सुल्ताना ने एक छोर संभाले रखा। हालांकि उन्हें किसी का भी साथ नहीं मिल रहा था। आखिरी के ओवर्स में शोरना अख्तर ने जरूर कुछ साथ दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने 19 रन बनाए। कप्तान सुल्ताना ने 51 बॉल का सामना किया और 32 रनों की एक ठीक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 2 चौके आए। इसके बाद भी पूरी टीम केवल 80 रन ही बना सकी। इसके बाद जब भारत के सामने 81 रनों का टारगेट था, तभी तय हो गया था कि टीम इंडिया इस मैच को जीतकर सेमीफाइनल में चली जाएगी। हुआ भी ऐसा ही। अब भारतीय टीम फाइनल में किससे भिड़ेगी, इसका फैसला दूसरे सेमीफाइनल से होगा, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मुकाबला होना है।
देश-विदेश
मुस्लिम भी करते हैं झारखंडी शिव की पूजा,ये है अनोखा शिव मंदिर
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सावन के इस पवित्र माह में हम आपको गंगा-जमुनी तहजीब की एक और अनोखी बात बताने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से 25 किमी दूर खजनी कस्बे के पास एक गांव है सरया तिवारी. यहां भगवान भोलेनाथ का एक अनोखा शिवलिंग स्थापित है, जिसे नीलकंठ महादेव और झारखंडी शिव भी कहा जाता है.यह शिवलिंग कई सदियों पुराना है और यहां पर भगवान शिव का स्वयं प्रादुर्भाव हुआ है. यह शिवलिंग हिंदुओं के लिए ही नहीं मुस्लिमों के लिए भी उतना ही पूजनीय है, क्योंकि इस पर उर्दू भाषा में एक कलमा ‘लाइलाहाइल्लललाह मोहम्मदमदुर्र रसुलुल्लाह’ (इस्लाम का पवित्र वाक्य माना जाता है) खुदा हुआ है. इसी कलमे की वजह से इस मंदिर में रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग अपने अल्लाह की इबादत करने के लिए जाते हैं.
महमूद गजनवी ने शिवलिंग पर खुदवाया कलमा
लोक मान्यताओं हैं कि जिस समय महमूद गजनवी भारत पर आक्रमण करके भारत के मंदिरों को लूट रहा था तब उसको इस मंदिर का पता चला.उसने यहां पहुंच कर मंदिर को तहस-नहस कर दिया और शिवलिंग को भी उखाड़ने का प्रयास किया परंतु गजनवी की पूरी सेना इस शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित हुई. उसकी सेना जितनी गहराई में खुदाई करती, शिवलिंग उतना ही बढ़ता जाता था. ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग को उखाड़ने में नाकाम साबित होने पर गजनवी ने इस शिवलिंग पर कलमा गुदवा दिया. महमूद गजनवी के द्वारा इस अद्भुत शिवलिंग पर कलमा खुदवाने का एक मात्र उद्देश्य यह था कि हिंदू समुदाय के लोग इस शिवलिंग की पूजा न कर सकें, परंतु आज के समय में यह शिवलिंग सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बन चुका है. जहां न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम भी आते हैं. एक तरफ़ हिंदू पूजा करते हैं तो वहीं दूसरो ओर इस शिवलिंग के समक्ष मुस्लिम इबादत करते हैं.
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