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25 मई से 2 जून तक नौतपा, क्या है पौराणिक महत्व और कैसा होगा प्रभाव

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नौतपा का संबंध ज्योतिष से जुड़ा है। ज्योतिष की गणना के अनुसार, जब सूर्य चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो नौतपा प्रारंभ हो जाता है। सूर्य इस नक्षत्र में नौ दिनों तक रहता है।

25 मई से 2 जून तक होगा नौतपा :ज्योतिषियों के मुताबिक, सूर्य का रोहिणी नक्षत्र 24 मई की मध्यरात्रि के बाद 2 बजकर 33 मिनट पर प्रवेश करेगा। ज्येष्ठ माह में सूर्य के वृषभ राशि के 10 अंश से लेकर 23 अंश 40 कला तक को नौतपा कहा जाता है। इसकी समयावधि कुल 15 दिन की होती है। इस दौरान 15 दिन तक रोहिणी नक्षत्र में घुमेगा।

शास्त्रों के मुताबिक, इसके शुरुआती 9 दिन ही नौतपा के माने जाते हैं।

नौतपा का सही मायनो में प्रारंभ 25 मई को प्रातः 7 बजकर 5 मिनट पर सूर्य उदय के साथ होगा।

नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है। इससे प्रचंड गर्मी होती है तो मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं। इस वर्ष नौतपा के दौरान बारिश के आसार बनेंगे। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंद्र देव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं, जो शीतलता का कारक हैं, परंतु इस समय वे सूर्य के प्रभाव में आ जाते हैं।

खगोल विज्ञान के अनुसार, इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधी लम्बवत पड़ती हैं। जिस कारण तापमान अधिक बढ़ जाता है। कई ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।

पूर्वी प्रदेशों के अलावा नेपाल, चीन में भूकंप आने के आसान दिख रहे हैं।

पश्चिम राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात में समुद्र तटीय शहरों पर अधिक खतरा है। यह खतरा प्राकृतिक आपदा, रोग, महामारी के रूप में देखा जा सकता है 

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G-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर मेट्रो के समय में बदलाव किया गया है,सभी स्कूल 3 दिनों के लिए बंद कर दिए गए..

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G-20 शिखर सम्मलेन के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली बिल्कुल तैयार है. उसे दुल्हन की तरह सजाया गया है. प्रगति मैदान का भारत मंडपम रोशनी में नहाया हुआ है. इस बीच सुरक्षा के भी कड़ें इंतजाम किए गए हैं. साथ ही साथ दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) एसएस यादव ने बुधवार को लोगों से अपील की है कि वे जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर पैदल चलने, साइकिल चलाने और पिकनिक जैसी गतिविधियों के लिए इंडिया गेट और कर्तव्य पथ पर न आएं. उनका कहना है कि इंडिया गेट और कर्तव्य पथ को “नियंत्रित क्षेत्र में नामित” किया गया है.

उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) से लोगों को असुविधा से बचाने के लिए सुबह 4 बजे से ट्रेनें संचालित करने का भी अनुरोध किया है. इसके बाद डीएमआरसी की ओर से कहा गया कि दिल्ली मेट्रो ट्रेन सेवाएं तीन दिनों के लिए यानी 8 से 10 सितंबर तक सभी लाइनों के टर्मिनल स्टेशनों से सुबह 4 बजे से शुरू होंगी. ट्रेनें सुबह 6 बजे तक सभी लाइनों पर 30 मिनट की फ्रीक्वेंसी के साथ चलेंगी. सुबह 6 बजे के बाद सभी लाइनों पर मेट्रो ट्रेनें पूरे दिन टाइम टेबल के मुताबिक चलाई जाएंगी.

3 मेट्रो स्टेशन की पार्किंग रहेगी बंद..

इस अवधि के दौरान सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन को छोड़कर सभी मेट्रो स्टेशन आम जनता के लिए खुले रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन पर सुरक्षा कारणों के चलते 9 और 10 सितंबर को यात्रियों को चढ़ने व उतरने की अनुमति नहीं होगी. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों की ओर से निर्देश दिए जाने के बाद वीवीआईपी प्रतिनिधिमंडलों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली जिले में कुछ स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट गेट पर थोड़े समय के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इसके अलावा पार्किंग की बात की जाए तो नई दिल्ली जिले में पड़ने वाले तीन मेट्रो स्टेशनों को छोड़कर सभी मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग भी सामान्य रूप से उपलब्ध रहेगी. इन तीन स्टेशनों में सुप्रीम कोर्ट, पटेल चौक और राम कृष्ण आश्रम मार्ग शामिल हैं.

जी-20 की बैठक को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों की छुट्टियों का ऐलान कर दिया है. मंत्री आतिशी ने कहा है कि 8, 9, 10 सितंबर को दिल्ली के सभी ऑफिस बंद रहेंगे. इसके अलावा सभी स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे. वहीं मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया है कि G-20 के लिए दिल्ली सरकार ने 5 अस्पताल डेडिकेट किए हैं. इधर, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 70 और CCTV कैमरे लगाए गए हैं. कुली, ऑटो, टैक्सी चालकों को भी हर तरह की परिस्थितियों के लिए जागरूक किया गया है.

G-20 के कुछ मेहमान जा सकते हैं आगरा..

G-20 को लेकर नोएडा में भी तैयारी की गई है. नोएडा को सजाया गया है. होटल्स में राजदूत और कुछ डेलीगेट रुकेंगे. कुछ विदेशी मेहमान ताजमहल भी जा सकते हैं. उसको लेकर भी नोएडा पुलिस इंतजाम करेगी. नोएडा पुलिस ने ताजमहल जाने के रूट प्लान और फोर्स डेप्लॉयमेंट को फाइनल कर लिया है. साथ ही सड़कों के रूट में परिवर्तन किया जाएगा. बड़ी संख्या में फोर्स को डेप्लॉय किया जा रहा है. नोएडा के दीवारों, अंडरपास और डिवाइडर पर पड़ने वाले पेड़ों को लाइटों और चित्रकारी से सजाया गया.

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अब आसानी से नहीं मिलेगा सिम कार्ड, 1 अक्टूबर से लागू होंगे सख्त नियम..

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टेलीकॉम डिपार्टमेंट भारत में सिम कार्ड को लेकर कई नए नियम लेकर आया है जो लोगों के सिम कार्ड खरीदने और एक्टिव करने के तरीके को और सख्त करने जा रहा है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट द्वारा भारत में सिम कार्ड की बिक्री और इस्तेमाल करने के लिए नए नियम जोड़े हैं और और पुराने नियमों में थोड़ा और बदलाव किया गया है. सिम कार्ड को फर्जी तरीके से बेचे जाने पर रोक लगाने के लिए बनाए गए नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे. टेलीकॉम कंपनियों को 30 सितंबर के पहले अपने सभी सेल्स सेंटर (POS) का रजिस्ट्रेशन कराना है. नए नियम लागू होने के बाद सिम कार्ड बेचने वाली दुकानों को सावधान रहना होगा. अगर दुकान की तरफ से कोई गड़बड़ होती है तो उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा. यहां नए नियों की पूरी डिटेल्स देखें और जानें कि इसके अलावा कोई और क्या बदला गया है.

एक अक्टूबर से लागू होंगे ये नए नियम..

नए नियम को मुताबिक, बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को अपने सिम कार्ड बेचने वाली दुकानों की अच्छी तरह जांच करनी होगी. उन्हें ये कंफर्म करना होगा कि दुकानें सभी नियमों को फॉलो करें. इससे चीजों सेफ और सिक्योर रहेंगी. इसके अलावा, टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने कहा है कि असम, कश्मीर और उत्तर पूर्व जैसे कुछ एरिया में टेलीकॉम ऑपरेटर को पहले सभी दुकानों का पुलिस वेरिफिकेशन शुरू करना होगा. वेरिफिकशन के बाद ही वो उन्हें नए सिम कार्ड बेचने की परमिशन दे सकते हैं.

सिम खोने पर या डैमेज होने पर..

सिम कार्ड खोने पर या डैमेज होने पर रिप्लेसमेंट लेने के लिए भी आपको पुलिस वेरिफिकेशन का सामना करना पड़ेगा. ये प्रोसेस वैसा होगा जैसा नया सिम कार्ड लेने पर होता है. नए नियम लाने के पीछे की वजह सिम कार्ड और भी ज्यादा सेफ और सिक्योर बनाना है. ये फैसला देश और देश की सुरक्षा के लिए जरूरी स्टेप है.

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सूरज की ओर बढ़ा आदित्य एल-1,जानें सूर्ययान का ताज़ा अपडेट..

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इसरो का मिशन सूर्ययान यानी आदित्य एल-1 अब सूर्य की ओर बढ़ चला है. 2 सितंबर को हुई लॉन्चिंग के बाद आदित्य एल-1 ने रफ्तार पकड़ी है, अब ISRO ने मंगलवार सुबह जानकारी दी है कि इसका दूसरा मैन्युवर कर दिया गया है और ये यान अभी पूरी तरह से नॉर्मल है. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद आदित्य एल-1 पर हर किसी की नज़रें टिकी थीं और इसरो के कंधों पर ये बड़ी जिम्मेदारी थी.इसरो ने मंगलवार सुबह इस मिशन को लेकर ताजा अपडेट दिया. ISRO ने ट्वीट किया, ‘पृथ्वी से जुड़ा दूसरा मैन्युवर बेंगलुरु स्थित ISTRAC सेंटर से पूरा कर दिया गया है. ISTRAC/ISRO ने मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में मौजूद अपने ग्राउंड स्टेशन से इसे ट्रैक किया. अब आदित्य एल-1 नए ऑर्बिट में 282 KM*40225 KM की दूरी पर है.’

सूर्ययान का मकसद सूरज के राज को दुनिया के सामने लाना है, सूर्य की कोरोना किरणों, एल-1 पॉइंट के वातावरण और अन्य बातों का अध्ययन करना है. भारत ने अभी तक सूरज को ध्यान में रखते हुए कोई मिशन नहीं लॉन्च नहीं किया था, ये भारत का पहला मिशन है. इससे इतर अगर चंद्रयान-3 की बात करें तो ये मिशन लगभग पूरा हो चुका है. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्लीप मोड में चले गए हैं. अब ये 22 सितंबर का इंतजार करेंगे, जब चांद पर सूर्योदय होगा. प्रज्ञान और विक्रम सूर्य की किरणों में ही काम करते हैं, ऐसे में अगर उन्हें 22 सितंबर को सिग्नल रिसीव होते हैं तो दोनों फिर से उठ सकते हैं और ये मिशन फिर से 14 दिन के लिए काम कर सकता है.

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