देश-विदेश
नहीं रहे आमिर खान की ‘परछाई’ कहे जाने वाले आमोस, हार्ट अटैक से निधन

बॉलीवुड एक्टर आमिर खान के साथ सालों से काम करने वाले उनके असिस्टेंट अमोस पॉल का निधन हो गया है। आमोस को आमिर खान का ‘शैडो’ यानी ‘परछाई’ कहा जाता था। हार्ट अटैक के कारण मंगलवार की सुबह अमोस का निधन हो गया।
अमोस के निधन से आमिर खान और उनके परिवार वाले शोक में डूबे है। आमिर के दोस्त एक्टर करीम हाजी ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी देते हुए अपना दुख भी जताया। उन्होंने लिखा कि आमिर खान के शैडो, हमेशा चेहरे पर स्माइल रखने वाला गोल्डन हार्ट वाले शख्स नहीं रहे, हार्ट अटैक ने उनकी जान ले ली।
आमोस पिछले 25 साल से भी ज्यादा समय से आमिर खान से जुड़े थे, जो आमिर खान के महज पर्सनल बॉय या फिर स्पॉट बॉय नहीं थे, बल्कि आमिर के लिए किसी घर के सदस्य जैसे थे। पिछले 25 सालों में चार साल ही ऐसे थे, जब आमोस ने आमिर के साथ काम नहीं किया और वो भी इसलिए क्योंकि खुद आमिर खान ने निजी कारणों से चार साल तक किसी फिल्म में काम नहीं किया था।
उस दौरान आमिर खान ने रानी मुखर्जी से कहकर आमोस को उनके साथ काम पर लगवाया था। बाद में मौका मिलते ही आमोस एक बार फिर से आमिर से आकर जुड़े और फिर से उनकी ‘परछाई’ बन गए थे।
देश-विदेश
लंदन में भारतीय हाई कमीशन के सामने जमा होकर प्रदर्शन कर रहे खालिस्तान समर्थक, बढ़ाई गई सुरक्षा

लंदन: ब्रिटेन के लंदन में खालिस्तान समर्थक भारतीय हाई कमीशन के सामने जमा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान भारतीय हाई कमीशन के सामने भारी संख्या में ब्रिटिश सुरक्षाबलों के जवान तैनात हैं। प्रदर्शनकारियों को भारतीय हाई कमीशन की विपरीत दिशा में ही सीमित कर दिया गया है। इसके अलावा भारतीय हाई कमीशन के चारों ओर एक सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब लंदन में खालिस्तान समर्थक सड़कों पर उतरे हैं। इससे पहले भी लंदन समेत कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शनों की खबरें सामने आती रही हैं। इसी साल पहले भी लंदन में खालिस्तानी प्रदर्शनकारी दो से तीन घंटे प्रदर्शन करने के इरादे से भारतीय हाई कमीशन के बाहर जमा हुए थे। हालांकि ये प्रदर्शन लंबे समय तक नहीं चल सका था।
निज्जर की मौत के बाद प्रदर्शन बढ़े
अलग-अलग देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के पीछे एक वजह खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत भी है। गौरतलब है कि कनाडा के सरे शहर में 18 जून को खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत सरकार की नज़र में हरदीप यूएपीए के तहत आतंकवादी थे। वहीं खालिस्तान समर्थकों का आरोप है कि भारतीय एजेंसियों ने ही निज्जर की हत्या करवाई है।
देश-विदेश
जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद बिहार में बढ़ी हलचल, नीतीश कुमार ने बुलाई नौ दलों की बैठक

पटना: जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद बिहार में हलचल बढ़ गई है। इस रिपोर्ट के लेकरसभी पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए मंगलवार 3 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए 9 दलों को बुलाया गया है और इसमें इस रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। वहीं इससे पहले नीतीश कुमार ने रिपोर्ट जारी करने के बाद इसे ऐतिहासिक बताया था।
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार और बिहार की जनता के लिए हमने जो किया वह आजतक कोई नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना बहुत पहले ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन यतः नहीं कराई गई। अब आंकड़े हमारे सामने हैं और बिहार सरकार सभी जातियों के विकास और उन्नति के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस जनगणना को रोकने के लिए तमाम लोगों ने प्रयास किए, लेकिन वह सफल नहीं हो सके।
बीजेपी नीतीश सरकार पर हुई हमलावर
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरीराज इस्न्घ ने इस रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की यह रिपोर्ट आम लोगों के बीच भ्रम फैला रही है। इससे लोगों के बीच में नफरत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट की जगह नीतीश कुमार को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने और उनके साथी लालू यादव ने कितने लोगों को नौकरी दी, कितने रोजगार के अवसर बनाए।
राहुल गांधी ने की नीतीश सरकार की तारीफ़
वहीं जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार की नीतीश सरकार की तारीफ की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखते हुए राहुल गांधी ने कहा, “बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं। इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ – ये हमारा प्रण है।” बता दें कि राहुल गांधी पिछले कई दिनों से ओबीसी समुदाय को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं।
देश-विदेश
योगी सरकार किसानों के लिए कृषि कुंभ 2.0 लगाएगी, जानिए क्या है यह और कैसे अन्नदाता होंगे लाभान्वित

उत्तर प्रदेश के किसानों की खुशहाली के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है। बीते कुछ सालों में कई बेहतरीन योजना शुरू की गई है, जिससे प्रदेश के किसानों की आय तेजी से बढ़ी है। इसी कड़ी में योगी सरकार कृषि कुंभ 2.0 का आयोजन करने जा रही है। इसके इस साल दिसंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित होने की संभावना है। साल 2018 में पहला कृषि कुंभ आयोजित कर सरकार ने देशभर में सराहना बटोरी थी। बता दें कि सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में होगा और नई दिल्ली में एक कर्टेन रेजर का भी आयोजन किया जाएगा।
किसानों को नई तकनीक से अवगत कराया जाएगा
राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, विभिन्न विभाग/संगठन एकीकृत खेती, ड्रोन के उपयोग, बागवानी क्षेत्र की उपलब्धियों, पशु संरक्षण, रेशम उद्योग की प्रगति सहित कई विषयों पर विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ सेमिनार, प्रदर्शनियों, कृषि वानिकी, फूलों की खेती, कृषि उद्यमिता, कृषि विविधीकरण, कृषि स्टार्टअप, डिजिटल कृषि, आदि का आयोजन करेंगे। ज्वार, बाजरा, मडुआ, सांवा, कोदो, काकुन, कुटकी, छेना, कुट्टू और रामदाना जैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक बाजरा की विशेषताओं से परिचित कराने के लिए अक्टूबर में राज्य-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
दुनिया के बाजार से जुड़ सकेंगे यूपी के किसान
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के हर जिले और देश के हर राज्य को कृषि क्षेत्र में हो रही सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए। कृषि कुंभ हमारे किसानों को तकनीकी दृष्टि से और अधिक समृद्ध बनाने में सक्षम बनाएगा। यह कार्यक्रम दुनिया भर में कृषि क्षेत्र में बीज से लेकर बाजार तक अपनाई जा रही प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कुंभ के दूसरे एडिशन में 2 लाख से अधिक किसानों, 10 भागीदार देशों और 500 से अधिक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों और संस्थानों के भाग लेने की संभावना है। सीएम ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों, कृषि व संबंधित क्षेत्रों की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों/संस्थानों, सभी कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और प्रगतिशील किसानों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। सम्मेलन के वैश्विक स्वरूप पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान, इजराइल, क्रोएशिया, पोलैंड, पेरू, जर्मनी, अमेरिका, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में खेती से संबंधित कई नवीन कार्य किये जा रहे हैं।
ये भी जानकारी साझा की जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ (गाय) आधारित प्राकृतिक खेती, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की तैयारी, खाद्यान्न को बढ़ावा, एफपीओ आधारित व्यवसाय और खेती की लागत कम करने के साथ-साथ पराली प्रबंधन, राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी। योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश श्री अन्न (बाजरा) पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में बाजरा के विभिन्न उत्पादों/व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा। बाजरा पर काम करने वाले एफपीओ, उद्यमियों और किसानों को सम्मानित किया जाएगा। बाजरा पर इस विशेष कार्यशाला में जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ होटल एसोसिएशन/शेफ, स्कूली बच्चों, एफपीओ आदि को भी आमंत्रित किया जाएगा।
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