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राष्ट्रीय

RBI के डिप्टी गवर्नर पद की दौड़ में 8 उम्मीदवार, साक्षात्कार 23 जुलाई को

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर पद की दौड़ में 8 उम्मीदवार शामिल हैं। कैबिनेट सचिव की अगुवाई वाली खोज समिति 23 जुलाई को इन उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

केंद्रीय बैंक के सबसे वरिष्ठ डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने 31 मार्च को अपने विस्तारित कार्यकाल से तीन महीने पहले स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ दिया था। वे करीब 39 साल से आरबीआई से जुड़े थे।

सूत्रों ने बताया कि वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) ने इस पद के लिए आठ उम्मीदवारों का नाम छांटा है। इन लोगों का साक्षात्कार 23 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होगा।

सूत्रों ने बताया कि साक्षात्कार के बाद चुने गए उम्मीदवार का नाम अंतिम मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति को भेजा जाएगा। एफएसआरएएससी में कैबिनेट सचिव के अलावा रिजर्व बैंक गवर्नर, वित्तीय सेवा सचिव और दो स्वतंत्र सदस्य शामिल हैं।

रिजर्व बैंक कानून के अनुसार केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते है। इनमें से दो केंद्रीय बैंक के अंदर से, एक वाणिज्यिक बैंकर और एक कोई अर्थशास्त्री होता है जो मौद्रिक नीति विभाग की अगुवाई करता है। अभी रिजर्व बैंक के तीन डिप्टी गवर्नर-बीपी कानूनगो, एमके जैन और माइकल देवव्रत पात्रा हैं। इससे पहले इसी साल सरकार ने कानूनगो का कार्यकाल तीन अप्रैल, 2020 को एक साल के लिए बढ़ाया था।

डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति शुरुआत में तीन साल के लिए होती है। उसकी पुनर्नियुक्ति भी की जा सकती है। डिप्टी गवर्नर को 2.25 लाख रुपए का निश्चित मासिक वेतन और भत्ता मिलता है।

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देश-विदेश

जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद बिहार में बढ़ी हलचल, नीतीश कुमार ने बुलाई नौ दलों की बैठक

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पटना: जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद बिहार में हलचल बढ़ गई है। इस रिपोर्ट के लेकरसभी पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए मंगलवार 3 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए 9 दलों को बुलाया गया है और इसमें इस रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। वहीं इससे पहले नीतीश कुमार ने रिपोर्ट जारी करने के बाद इसे ऐतिहासिक बताया था।

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार और बिहार की जनता के लिए हमने जो किया वह आजतक कोई नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना बहुत पहले ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन यतः नहीं कराई गई। अब आंकड़े हमारे सामने हैं और बिहार सरकार सभी जातियों के विकास और उन्नति के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस जनगणना को रोकने के लिए तमाम लोगों ने प्रयास किए, लेकिन वह सफल नहीं हो सके।

बीजेपी नीतीश सरकार पर हुई हमलावर 

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरीराज इस्न्घ ने इस रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की यह रिपोर्ट आम लोगों के बीच भ्रम फैला रही है। इससे लोगों के बीच में नफरत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट की जगह नीतीश कुमार को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने और उनके साथी लालू यादव ने कितने लोगों को नौकरी दी, कितने रोजगार के अवसर बनाए।

राहुल गांधी ने की नीतीश सरकार की तारीफ़ 

वहीं जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार की नीतीश सरकार की तारीफ की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखते हुए राहुल गांधी ने कहा, “बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं। इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ – ये हमारा प्रण है।” बता दें कि राहुल गांधी पिछले कई दिनों से ओबीसी समुदाय को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं।

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देश-विदेश

योगी सरकार किसानों के लिए कृषि कुंभ 2.0 लगाएगी, जानिए क्या है यह और कैसे अन्नदाता होंगे लाभान्वित

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उत्तर प्रदेश के किसानों की खुशहाली के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है। बीते कुछ सालों में कई बेहतरीन योजना शुरू की गई है, जिससे प्रदेश के किसानों की आय तेजी से बढ़ी है। इसी कड़ी में योगी सरकार कृषि कुंभ 2.0 का आयोजन करने जा रही है।  इसके इस साल दिसंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित होने की संभावना है। साल 2018 में पहला कृषि कुंभ आयोजित कर सरकार ने देशभर में सराहना बटोरी थी। बता दें कि सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में होगा और नई दिल्ली में एक कर्टेन रेजर का भी आयोजन किया जाएगा।

किसानों को नई तकनीक से अवगत कराया जाएगा 

राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, विभिन्न विभाग/संगठन एकीकृत खेती, ड्रोन के उपयोग, बागवानी क्षेत्र की उपलब्धियों, पशु संरक्षण, रेशम उद्योग की प्रगति सहित कई विषयों पर विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ सेमिनार, प्रदर्शनियों, कृषि वानिकी, फूलों की खेती, कृषि उद्यमिता, कृषि विविधीकरण, कृषि स्टार्टअप, डिजिटल कृषि, आदि का आयोजन करेंगे। ज्वार, बाजरा, मडुआ, सांवा, कोदो, काकुन, कुटकी, छेना, कुट्टू और रामदाना जैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक बाजरा की विशेषताओं से परिचित कराने के लिए अक्टूबर में राज्य-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

दुनिया के बाजार से जुड़ सकेंगे यूपी के किसान

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के हर जिले और देश के हर राज्य को कृषि क्षेत्र में हो रही सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए। कृषि कुंभ हमारे किसानों को तकनीकी दृष्टि से और अधिक समृद्ध बनाने में सक्षम बनाएगा। यह कार्यक्रम दुनिया भर में कृषि क्षेत्र में बीज से लेकर बाजार तक अपनाई जा रही प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कुंभ के दूसरे एडिशन में 2 लाख से अधिक किसानों, 10 भागीदार देशों और 500 से अधिक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों और संस्थानों के भाग लेने की संभावना है। सीएम ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों, कृषि व संबंधित क्षेत्रों की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों/संस्थानों, सभी कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और प्रगतिशील किसानों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। सम्मेलन के वैश्विक स्वरूप पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान, इजराइल, क्रोएशिया, पोलैंड, पेरू, जर्मनी, अमेरिका, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में खेती से संबंधित कई नवीन कार्य किये जा रहे हैं।

ये भी जानकारी साझा की जाएगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ (गाय) आधारित प्राकृतिक खेती, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की तैयारी, खाद्यान्न को बढ़ावा, एफपीओ आधारित व्यवसाय और खेती की लागत कम करने के साथ-साथ पराली प्रबंधन, राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी। योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश श्री अन्न (बाजरा) पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में बाजरा के विभिन्न उत्पादों/व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा। बाजरा पर काम करने वाले एफपीओ, उद्यमियों और किसानों को सम्मानित किया जाएगा। बाजरा पर इस विशेष कार्यशाला में जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ होटल एसोसिएशन/शेफ, स्कूली बच्चों, एफपीओ आदि को भी आमंत्रित किया जाएगा।

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देश-विदेश

CNG-PNG के दाम में बड़ी कटौती, जानें आपके शहर में कितने रुपये सस्ता हुआ सीएनजी और पीएनजी

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सीएनजी और पीएनजी उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। महानगर गैस लिमिटेड ने सीएनजी और पीएनजी के दाम में कटौती का फैसला किया है। नई कीमत आधी रात से लागू हो गई है। महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) की ओर से सोमवार को मुंबई और आसपास की नगर पालिकाओं में संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) और पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) की कीमतों में कटौती की घोषणा की गई। सीएनजी की कीमत 3 रुपये प्रति किलोग्राम कम की गई है, जबकि पीएनजी की कीमत 2 रुपये प्रति मानक घन मीटर (एससीएम) कम की गई है। इस कटौती के बाद एमजीएल के ग्राहकों को 76 रुपये प्रति किलो के हिसाब से सीएनजी मिलेगी, जबकि पीएनजी 47 रुपये में मिलेगी।

दिल्ली-एनसीआर समेत दूसरे शहरों में राहत नहीं 

आपको बता दूं कि अगर आप दिल्ली-एनसीआर या यूपी के दूसरे शहरों में रहते हैं तो आपको राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने कीमत में कोई कटौती नहीं की है। आईजीएल ही मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में सीएनजी और पीएनजी की सप्लाई करती है। आईजीएल की वेबसाइट के अनुसार नोएडा में सीएनजी लेने के लिए आपको 80.20 रुपये प्रति किलो चुकाना होगा।

नीचे चेक करें अपने शहर में सीएनजी और पीएनजी का रेट 

CNG and PNG

 

सीएनजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा 

पेट्रोल और डीजल महंगा होने के चलते सीएनजी वाली गाड़ियों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। बड़ी संख्या में वाहन मालिक सीएनजी वाहनों का उपयोग करते हैं। सरकार दो साल में एक बार स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए कीमतें निर्धारित करती है, जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिसमें ऑटोमोबाइल के लिए सीएनजी में रूपांतरण, खाना पकाने के लिए घरेलू रसोई में पाइप से आपूर्ति, बिजली उत्पादन और उर्वरक उत्पादन शामिल है।

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