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देश-विदेश

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महंगा पड़ा उद्धव पर विवादित बयान, हो सकते हैं गिरफ्तार

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मुंबई। केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने संबंधी ववादित बयान दिया है जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में राणे के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए हैं जल्दी ही उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

राणे ने दावा किया कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं और इसी संदर्भ में मंत्री ने यह विवादित बयान दिया।

राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछताछ करते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे, जो बाद में कांग्रेस में आ गये और फिर, 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए।

राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाषण के बीच में वह अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं।

राणे के इस बयान की शिवसेना ने कड़ी निंदा की है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुंबई और कई अन्य स्थानों पर पोस्टर लगाए हैं, जिसमें राणे को ‘कोम्बडी चोर’ (चिकन चोर) बताया गया है। गौरतलब है कि करीब पांच दशक पहले चेंबूर में राणे पॉल्ट्री की दूकान चलाते थे।

इस बीच, शिवसेना के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से सांसद विनायक राउत ने कहा कि राणे मानसिक संतुलन खो चुके हैं। राउत ने कहा कि भाजपा नेतृत्व को खुश करने के लिए, राणे शिवसेना और उसके नेतओं को निशाना बना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिलने के बाद वह अपना मानसिक संतुलन खो जुके हैं। मोदी को उन्हें बाहर कर देना चाहिए।

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खेल

IND vs AUS: अपने ही घर पर शर्मसार हुई ऑस्ट्रेलियाई टीम, भारत ने 8 साल बाद किया ऐसा ​करिश्मा

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भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर विरोधी टीम पर उसके घर पर पहले ही टेस्ट में हमला बोल दिया है। उम्मीद की जा रही थी कि ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने घर पर खेलेगी तो टीम इंडिया पर दबाव होगा, लेकिन इसके उलट दिख रहा है। भारतीय टीम बल्लेबाजी में तो ज्यादा कुछ नहीं कर पाई, लेकिन जब गेंदबाजी की बारी आई तो भारत ने चढ़कर अपना खेल दिखाया है। जो दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने घर पर पिछले आठ साल से नहीं देखा था, वो आज भारत के सामने देखना पड़ गया। ये एक तरह से ऑस्ट्रेलिया के लिए शर्मसार करने वाला दिन है।

जसप्रीत बुमराह ने किया पहले बल्लेबाजी का फैसला 

भारतीय टीम के कप्तान जसप्रीत बुमराह ने आज टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। जब भारतीय टीम छोटे से स्कोर पर आउट हो गई तो लगा कि बुमराह का ये फैसला गलत हो गया है। लेकिन जब भारतीय ने गेंदबाजी में आग उगली तो लगा कि बुमराह सही थे। भारतीय टीम जहां 150 रन ही बना सकी, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने अपने 5 विकेट 40 रन बनाने से पहले ही गवां दिए थे। इसके बाद भी ऑस्ट्रेलिया के विकेट गिरने का सिलसिला जारी रहा।

40 रन से पहले ऑस्ट्रेलिया के गिरे 5 विकेट

बात अगर आंकड़ों की करें साल 1980 से लेकर अब तक ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब टीम अपने घर पर टेस्ट मैच खेल रही है और उसके पहले 5 विकेट 40 रन बनने से पहले ही चले गए हों। इससे पहले साल 2018 में साउथ अफ्रीका ने ऐसा ही किया था। साउथ अफ्रीका के सामने तो उस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पूरी तरह से घुटने टेक दिए थे। तब होबार्ट में खेले गए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने अपने 5 विकेट केवल 17 रन पर ही गवां दिए थे। भारत के सामने तो ऑस्ट्रेलिया ने 38 रन पर अपने 5 विकेट गंवाए हैं। इस बीच जब तक टीम का स्कोर 50 रन हो पाता, उनका छठा विकेट भी चला गया।

बुमराह ने पहले ही ओवर से बोला हमला

जब टीम इंडिया की गेंदबाजी शुरू हुई तो मोर्चा जसप्रीत बुमराह ने ही संभाला। ऑस्ट्रेलिया के टॉप आर्डर को ध्वस्त करने में बुमराह की बहुत बड़ी भूमिका रही। उन्होंने बैक टू बैक तीन विकेट झटके। उसमें स्टीव स्मिथ को गोल्डन डक पर पवेलियन भेजना भी शामिल रहा। दूसरे छोर से मोहम्मद सिराज अच्छी गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे, इसलिए कप्तान ने हर्षित राणा को गेंदबाजी सौंपी। उन्होंने ट्रेविस हेड को आउट कर भारतीय टीम को बड़ी सफलता दिलाई। इसके बाद जब दूसरे स्पेल में फिर से सिराज आए तो उन्होंने सटीक टिप्पा पकड़कर दो विकेट अपनी झोली में डाले और ऑस्ट्रेलियाई टीम को बैक फुट पर धकेल दिया।

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देश-विदेश

पाकिस्तान में 10 साल की हिंदू बच्ची का अपहरण, कराया गया धर्मांतरण; जानें फिर क्या हुआ

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कराची: पाकिस्तान में हिंदुओं की हालत बेहद दयनीय है। कट्टरपंथी खुलेआम हिंदू बच्चियों को अगवा करते हैं और उनका जबरन धर्मांतरण कर उनसे निकाह कर लेते हैं। पुलिस भी ऐसे तमाम मामलों में सिर्फ तमाशबीन की भूमिका में ही नजर आती है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 10 वर्षीय एक हिंदू लड़की को अगवा करके जबरन उसकी शादी एक मुस्लिम व्यक्ति से कराने का मामला सामने आया है। हालांकि, अधिकारियों ने लड़की को बचा लिया है।

तैयार किए जाते हैं फर्जी दस्तावेज

सिंध प्रांत के ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदू समुदाय के लिए नाबालिग और किशोर हिंदू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मांतरण और निकाह एक बड़ी समस्या बनी हुई है। पाकिस्तान दरावर इत्तेहाद (अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए गठित एक गैर सरकारी संगठन) के अध्यक्ष शिवा काछी के अनुसार एक अन्य मामले में संघर में एक 15 वर्षीय हिंदू लड़की की 50 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति से जबरन शादी करा दी गई, जिसे अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है। शिवा ने बुधवार को बताया कि कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं और जब पीड़ित के माता-पिता/वकील मामला अदालत में ले जाते हैं तो दस्तावेजों को अदालत में पेश कर दिया जाता है।

10 साल की बच्ची के साथ क्या हुआ

शिवा काछी ने बताया कि 10 वर्षीय लड़की को पिछले सप्ताह मीरपुरखास के कोट गुलाम मुहम्मद गांव में उसके घर के बाहर से अगवा कर लिया गया था और उसे सरहंदी एयर समारो मदरसा ले जाया गया। उन्होंने कहा कि लड़की को इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया और फिर उसकी शादी शाहिद तालपुर से कर दी गई, लेकिन जब इस मुद्दे को क्षेत्र के अधिकारियों के समक्ष उठाया गया तो एसएसपी पुलिस अनवर अली तालपुर ने हस्तक्षेप किया और लड़की को बरामद कर उसके घर वापस भेज दिया गया।

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देश-विदेश

PM मोदी की सबसे व्यस्त विदेश यात्रा, 5 दिन में दुनिया के 31 नेताओं और संगठनों के मुखिया से की वार्ता

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बार 3 देशों की 5 दिवसीय यात्रा सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्त और सफल रही है। पीएम मोदी ने इन 5 दिनों में नाइजीरिया, ब्राजील और गयाना की यात्रा की। अपनी इस विदेश यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने दुनिया के 31 नेताओं और संगठनों के प्रमुखों से मुलाकात की। इस तूफानी दौरे के दौरान उन्हें नाइजीरिया, गयाना और डोमिनिका ने अपने देश के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित भी किया। इस प्रकार पीएम मोदी के अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की संख्या 20 पहुंच गई है।

पीएम मोदी के इस दौरे में उनकी प्रबल कूटनीति के निहितार्थ भी छिपे हैं। नाइजीरिया के बाद वह सीधे जी-20 की बैठक में शामिल होने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंच गए थे। उसके बाद आखिरी दौरा गयाना का किया जहां, दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। अपने 5 दिनों के दौरे में पीएम मोदी ने विदेशी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों की झड़ी लगा दी।

सबसे पहले नाइजीरिया में द्विपक्षीय बैठक

पीएम मोदी के दौरे के शुरुआत नाइजीरिया से हुई थी। लिहाजा उन्होंने अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक नाइजीरिया में की। इसके बाद ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के इतर 10 देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। यहीं से वह गयाना यात्रा पर निकल गए, जहां भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा पीएम मोदी ने 9 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

 इन देशों के नेताओं के साथ भारत के संबंधों को किया मजबूत

पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर रियो डी जेनेरियो में  ब्राजील, इंडोनेशिया, पुर्तगाल, इटली, नॉर्वे, फ्रांस, यूके, चिली, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ कुल 10 द्विपक्षीय बैठकें कीं। ब्राजील में 10 द्विपक्षीय बैठकों में से, 5 नेताओं के साथ पीएम मोदी ने पहली बार द्विपक्षीय वार्ता की है। इनमें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो; पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो, यू.के के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली शामिल रहे।

अमेरिका और सिंगापुर के साथ भी वार्ता 

ब्राजील में प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मिस्र, अमेरिका और स्पेन के नेताओं व उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपीय संघ जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और अधिकारियों के साथ अनौपचारिक बातचीत और बैठकें कीं। इसमें एंटोनियो गुटेरेस, संयुक्त राष्ट्र; न्गोज़ी ओकोन्जो-इवेला, विश्व व्यापार संगठन; टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस, विश्व स्वास्थ्य संगठन;क्रिस्टालिना जॉर्जीवा एवं गीता गोपीनाथ, आईएमएफ शामिल रहे।

गयाना में इन देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता

गयाना में पीएम मोदी ने गयाना के अलावा डोमिनिका, बहामास, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, बारबाडोस, एंटीगुआ और बारबुडा, ग्रेनेडा और सेंट लूसिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इससे साबित होता है कि पीएम मोदी ने अपने विदेश दौरे का देश हित में भरपूर उपयोग किया। इन 31 देशों और संगठनों के साथ उन्होंने भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए व्यापार और सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने का मार्ग तैयार किया। इस प्रकार यह पीएम मोदी का सबसे व्यस्त विदेश दौरा रहा।

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