खबरे छत्तीसगढ़
कैट ने ई-कॉमर्स अनियमितताओं के मुद्दे पर पीएम मोदी से हस्तक्षेप का किया आग्रह
रायपुर । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज भेजे गए एक पत्र में कैट ने एफडीआई नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम/नियम (“फेमा”) की अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट द्वारा खुले रूप से उल्लंघन किए जाने के मुद्दे पर इन दोनों कम्पनियों के व्यापार मॉड्यूल की जांच हेतु उनके तत्काल सीधे हस्तक्षेप का आग्रह किया है । कैट ने गहरा खेद व्यक्त किया है कि विभिन्न सरकारी विभागों एवं एजेंसियों के साथ विगत लम्बे समय से अनेक शिकायतें भी दर्ज की गई हैं लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई है और इस तरह ये कंपनियां अभी भी सरकार की नाक के नीचे कानून के खुले उल्लंघन में लगी हुई हैं। अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों की वर्तमान में चल रही फ़ेस्टिवल सेल सरकार की एफडीआई नीति की शर्तों के घोर उल्लंघन का जीवंत उदाहरण है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से कहा कि देश का व्यापारिक समुदाय इस नतीजे पर पहुंचा है कि सरकार ने इन कंपनियों को अपनी पूरी क्षमता से कानून का उल्लंघन जारी रखने की छूट दी है और यह भी माना जा रहा है कि सरकार के कुछ अधिकारियों का उन्हें संरक्षण प्राप्त है यही कारण लगता है की सरकार द्वारा बनाए जाने वाले नियम एवं नीति पिछले दो वर्ष से बनाए जाने में ही लम्बित हैं और सरकारी विभागों द्वारा की जा रही जाँच कछुए जैसी गति से चल रही है जो सरकारी अधिकारियों पर कहावत कि “रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था“, पर चरितार्थ हो रही है ।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की देश भर में न केवल व्यापारियों बल्कि आम जनता में व्याप्त इस धारणा को स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए शून्य सहिष्णुता वाली मानसिकता और नीति रखते है तथा देश में छोटे व्यवसायों के व्यापार में वृद्धि के लिए एक चैंपियन के रूप में कार्य करते हैं तो फिर क्यों भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय की वर्तमान निराशाजनक तस्वीर पूरी तरह से अलग है और सरकारी विभाग प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित मापदंडों और दिशानिर्देशों के विपरीत है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने यह भी कहा कि 2016 से ये कंपनियां कानूनों और नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं, लेकिन लगभग 5 साल बीत जाने के बाद भी, विभिन्न अधिकारियों को साक्ष्य के साथ कई शिकायतें करने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 2016 से, सब कुछ परामर्श मोड में या मसौदा तैयार करने के चरण में है, जो इन कंपनियों को ई-कॉमर्स व्यवसाय में अपनी नापाक गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दे रहा है
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए पत्र में ये भी कहा गया है कि अमेज़ॅन इन्वेंट्री-आधारित खुदरा/ई-कॉमर्स को नियंत्रित करके एफडीआई नीति, फेमा के उल्लंघन सहित अवैध व्यापार प्रथाओं में लिप्त है, जो स्पष्ट रूप से कानून/नीति या नियम में प्रतिबंधित है। इसके अलावा, अमेज़ॅन अपने कई सहयोगी/संबद्ध संस्थाओं जैसे “क्लाउडटेल“ और “एपेरियो“ के माध्यम से लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना और गहरी छूट के माध्यम से पूंजी डंपिंग के लिए एफडीआई का दुरुपयोग कर रहा है, ये दोनों ही अमेज़ॅन प्लेटफॉर्म पर पसंदीदा विक्रेता के रूप में भी काम करते हैं।
दोनों व्यापारी नेताओं में कहा की हाल ही में अनेक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया अमेज़ॅन ने कानूनी धन के दुरुपयोग पर एक आंतरिक जांच शुरू कर दी है जिसमें कहा गया की लीगल फ़ीस के ज़रिये सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि ऐमज़ान ने एक स्पष्टीकरण जारी कर इस बात को ख़ारिज किया लेकिन ऐमज़ान के अपने स्वयं के द्वारा विभिन्न विभागों में जमा किए गए दस्तावेज़ों के साथ ऐमज़ान का स्पष्टीकरण मेल ही नहीं खाता । उदाहरण के तौर पर केवल दो साल में कानूनी और व्यावसायिक शुल्क के लिए 5262 करोड़ रुपये का भुगतान दिखाता है जो कुल बिक्री का लगभग 8 प्रतिशत है। जबकि ऐमज़ान ने अपने स्पष्टीकरण में इस राशि को केवल 52 करोड़ बताया है। इतना बड़ा खर्च भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम (पीसीए) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) और देश के अन्य कानूनों के तहत तत्काल जांच को मानता है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि चूंकि उक्त कथित आरोप में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात कही गई है इसलिए यह मुद्दा देश की गरिमा से जुदा है और इसलिए संबंधित विभागों एवं एजेंसियों को इस गंभीर मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही है। जिसके चलते देश के व्यपारी यह समझने को मजबूर है कि एजेंसियों के लिए कुछ भी नहीं हुआ है या “सब चलता है“ रवैया और मानसिकता देश में प्रचलित है और यही कारण है कि कैट प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की है ।
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कांग्रेस के जनपद सदस्य, सरपंच और पार्षदों ने थामा भाजपा का दामन
बालोद : लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। प्रदेश में तीन चरणों में मतदान होने हैं। सभी पार्टियां 2024 चुनाव में जीत के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। वहीं, जैसै-जैसे मतदान के दिन दिन नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे दल-बदल का सिलसला और भी बढ़ता जा रहा है। इसी बीच खबर सामने आई है, कि कांकेर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले जिला बालोद के डौंडीलोहारा से लगभग 1500 लोगों ने भाजपा में प्रवेश किया है।
जानकारी मिली है, कि संजय बैस, जनपद सदस्य, डौंडी समेत कई और जनपद सदस्य, सरपंच, पार्षदों ने भाजपा प्रवेश किया है। बता दें कि आज से लोकसभा चुनाव को लेकर दूसरे चरण का नामांकन शुरू हो गया है, जिसकी आखिरी तिथि 4 अप्रैल है। बता दें कि कांग्रेस ने बीरेश ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं, बीजेपी ने भोजराज नाग को मैदान पर उतारा है।
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जीएसटी चोरी मामले में ऑटो से भारी मात्रा में राजश्री पान मसाला जब्त
महासमुंद : राज्य कर विभाग की टीम ने जिले में जीएसटी चोरी मामले में एक ऑटो से भारी मात्रा में राजश्री पान मसाला जब्त किया है। इस कार्रवाई में अधिकारियों ने 3 लाख 42 हजार का माल सीज किया है। यह पान मसाला पिथौरा के राधा रानी जनरल स्टोर के संचालक का बताया जा रहा है। जानकरी के मुताबिक परिवहन संबंधी वैधानिक दस्तावेज नहीं होने पर जीएसटी की टीम ने माल जब्त किया है।
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खराबी कांग्रेस पार्टी में है EVM में नहीं, मंत्री टंकराम वर्मा बोले
रायपुर : पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बैलेट पेपर से चुनाव लड़वाने की मांग पर मंत्री टंकराम वर्मा ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है. जब वे चुनाव जीते थे तब भी ईवीएम था. ईवीएम पर दोष देना उचित नहीं वे अपनी कमियों को समझें. इसके साथ ही नितीन नबीन को प्रभारी बनाए जाने पर कांग्रेस के बलि का बकरा बनाए जाने के बयान पर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि पहले ओम माथुर प्रभारी थे, उनके नेतृत्व में भाजपा को बहुमत मिला. बलि का बकरा बनाने वाली कोई बात ही नहीं है. नितिन नबीन को प्रमोट किया गया है. उनके नेतृत्व में हम 11 की 11 सीटे जीतेंगे.
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बैलेट पेपर से चुनाव लड़वाने की मांग पर मंत्री टंकराम वर्मा ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है. जमाना कहां से कहां पहुंच गया, देश दुनिया की खबरों को हम मोबाइल पर देख रहे हैं. खराबी ईवीएम में नहीं, उनकी पार्टी में है. 2018 में जब उनकी सरकार बनी तब भी तो ईवीएम ही था. दूसरे राज्यों में जब दूसरी पार्टी की सरकार बनती है तो वहां भी ईवीएम से ही चुनाव होते हैं. ईवीएम पर दोष देना उचित नहीं वे अपनी कमजोरी, अपनी कमियों को समझें.
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