खबरे छत्तीसगढ़
महाराजा अग्रसेन सेवा सदन को जल्द ही अधिग्रहण मुक्त करने कलेक्टर सरगुजा द्वारा दिया गया आश्वासन
जिला चिकित्सालय परिसर स्थित “महाराजा अग्रसेन सेवा सदन” को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त करवाने के सम्बन्ध में अग्रसेन सेवा समिति एवं अग्रवाल समाज के प्रतिनिधिगण ने सरगुजा कलेक्टर से दिनांक 04.10.2021 को मुलाकात की एवं आवश्यक ज्ञापन-पत्र सौंपा |
प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान कलेक्टर ने सेवा सदन द्वारा की गयी सभी सेवाकार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की एवं समाज सेवा के लिए उनके समर्पण के लिए धन्यवाद भी किया | गौरतलब है कि कोविड काल आने पर समिति ने स्वयं ही पहल की और दिनांक 22.03.2020 (जनता कर्फ्यू) के दिन से ही सेवा सदन के भवन को कोविड बीमारी के आइसोलेशन सेंटर के रूप में उपयोग करने हेतु जिला अस्पताल प्रबंधन को सौंपा था | जिसे बाद में, जुलाई 2020 से 3 माह के लिए, लक्षणरहित कोविड मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन को कुछ शर्तों की लिखित सहमती के आधार पर पुनः दिया गया | उसके बाद अक्टूबर 2020 में सेवा सदन को कलेक्टर कार्यालय के द्वारा कोविड मरीजों के लिए चिकित्सकीय उपयोग हेतु अधिग्रहित कर लिया गया |
प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को सभी वस्तुस्थितियों से अवगत कराया और बताया कि सेवा सदन का उपयोग कभी भी कोविड मरीजों के इलाज के लिए नहीं किया गया एवं भवन के रख-रखाव में भी जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोताही बरती गयी, जिससे कि भवन की स्थिति दिन-ब-दिन जर्जर होती जा रही है | वर्तमान में भी सेवा सदन में केवल सामान्य भर्ती मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है, जिसके कारण सम्पूर्ण संभाग के ग्रामीण इलाको से आने वाले गरीब एवं जरुरतमंद मरीजों एवं उनके परिजनों को भोजन एवं आवास सुविधा के अभाव में अत्यंत ही नारकीय परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है | प्रतिनिधिमंडल में कलेक्टर को दिनांक 28.10.2021 को अधीक्षक द्वारा समिति के पदाधिकरियों से किये गए दुर्व्यवहार एवं शांतिपूर्ण धरने की भी जानकारी दी एवं उन्हें यह भी बताया कि अधीक्षक को दिए गए ज्ञापन के जवाब में उनके द्वारा स्वयं ही यह स्वीकार किया गया है कि सेवा सदन का उपयोग सामान्य मरीजों (नॉन-कोविड) के इलाज के लिए ही किया जाता रहा है |
वर्तमान के कोविड का प्रभाव कम हो चुका है | लगातार वैक्सीन कार्यक्रम से अधिक से अधिक लोग कोविड संक्रमण से सुरक्षित होते जा रहे है | भवन के रख-रखाव में अस्पताल प्रबंधन द्वारा लापरवाही बरती गयी एवं सेवा सदन को अधिग्रहण करने का उद्देश्य भी पूर्ण हो चुका है | इन सभी तथ्यों के ध्यान में रखते हुए, प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर महोदय से सेवा सदन को तत्काल मुक्त करने की अपील की | एवं जिस उद्देश्य के लिए अग्रवाल समाज द्वारा सेवा सदन की स्थापना की गयी है (गरीब मरीजों के परिजनों को धर्मार्थ भोजन, पानी एवं आवास की व्यवस्था) उसको पुनः चालू करने में सहयोग की अपील भी की गयी |
कलेक्टर ने तत्काल अधीक्षक, जिला अस्पताल से दूरभाष पर चर्चा की एवं उन्हें सेवा सदन में भर्ती किये गए मरीजों को जिला अस्पताल भवन में स्थानांतरित करने हेतु व्यवस्था करने को कहा |
प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को यह बताया कि उनके द्वारा कोरोना काल शुरू होने के बाद से आज तक लगातार सभी गरीब मरीजों एवं उनके परिजनों को भोजन, फ़िल्टर पानी एवं गर्म पानी के साथ-साथ सुबह शाम चाय-बिस्किट की निःशुल्क सेवा लगातार जारी है, जिसमे पुरे समाज का पूर्ण सहयोग मिल रहा है | प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर महोदय को उनके सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया |
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बाल विवाह रोकने जागरूकता व जनभागीदारी जरूरी : रेणुका सिंह
कोरिया : भरतपुर-सोनहत विधायक रेणुका सिंह ने कल कटगोड़ी ग्राम पंचायत में आयोजित जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ शासन-प्रशासन की ही नहीं है, हम सबकी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है, ऐसे में समाज प्रमुखों व जनप्रतिनिधि आप सब अपने परिवार, गांव व समाज में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाएं ताकि कम उम्र में होने वाले विवाह को रोका जा सके।
उन्होंने आम लोगों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह नहीं होने दे, कम उम्र की शादी एक सामाजिक बुराई एवं कानून अपराध है। इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किया जाए ताकि जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके।
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श्रमिक सम्मेलन: श्रमिक सशक्तिकरण की नई पहल..कोरिया जिले के 304 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत 27 लाख से अधिक की राशि प्रदान
कोरिया : विगत दिनों कोरबा में आयोजित श्रमिक सम्मेलन ने छत्तीसगढ़ में श्रमिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।कार्यक्रम में कोरिया जिले के श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास के तहत संचालित योजनाओं का लाभ सीधे हितग्राहियों तक पहुंचाया गया।जिले के 304 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 27 लाख 20 हजार 266 की राशि प्रदान की गई। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की गई, जिससे पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित हुआ।
श्रमिक हित में संचालित योजनाएं
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की गई।मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना का उद्देश्य बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। कार्यक्रम में 73 हितग्राहियों को 14 लाख 60 हजार की राशि वितरित की गई। यह योजना बेटियों की शिक्षा और भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास है। मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत मातृ स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए 4 लाभार्थियों को 80 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए तीन विद्यार्थियों को एक लाख 10 हजार रुपए की सहायता प्रदान की गई, वहीं निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक- कॉपी सहायता योजना के तहत इन श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए 191 बच्चों को दो लाख 74 हजार रुपये की राशि दी गई। मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के अंतर्गत श्रमिकों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए 26 श्रमिकों को 96 हजार 266 की सहायता राशि प्रदान की गई, वहीं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना निर्माण कार्य के दौरान दिवंगत या दिव्यांग श्रमिकों के परिवारों को 7 नॉमिनियों को 7 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान कर सहयोग किया गया।
श्रमिक कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
यह सम्मेलन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित योजनाएं श्रमिक वर्ग के समग्र विकास की दिशा में मजबूत कदम हैं।
पारदर्शिता और सशक्तिकरण का मॉडल
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता डीबीटी के माध्यम से राशि का सीधा हस्तांतरण है। इससे हितग्राही को त्वरित लाभ मिलता है। निश्चित ही प्रदेश की श्ऊर्जाधानीश् के रूप में प्रसिद्ध कोरबा में आयोजित यह श्रमिक सम्मेलन राज्य सरकार की श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता और उनके सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल श्रमिक वर्ग का मनोबल बढ़ाते हैं, बल्कि उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाने में सहायक होते हैं। श्रम मंत्री श्री लखन देवांगन व छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों से श्रमिक वर्ग को नई उम्मीदें मिली हैं और यह राज्य के समावेशी विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
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कोरिया में टीबी जागरूकता अभियान तेज,क्षय रोग मुक्त जिला बनाने मुहिम
कोरिया : कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार, जिले को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रशांत सिंह के मार्गदर्शन में विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जहां छात्रों और आमजन को टीबी के लक्षण, जांच और उपचार के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
मिली जानकारी अनुसार जिले में लगातार जांच अभियान चलाकर संभावित टीबी मरीजों की पहचान की जा रही है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और एसईसीएल अस्पताल चरचा में निशुल्क खखार जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में जिले में 168 टीबी मरीज उपचाराधीन हैं।
टीबी के लक्षण पहचानें और जांच कराएं
जिला क्षय अधिकारी डॉ. ए.के. सिंह ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक खांसी, शाम के समय बुखार, भूख न लगना, वजन घटना, छाती में दर्द और खखार में खून आने जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऐसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निशुल्क जांच करवाएं। टीबी मरीजों को बेहतर इलाज और पोषण के लिए राज्य सरकार ने विशेष योजनाएं शुरू की हैं।
प्रोत्साहन राशि सीधे खाते में
इसके अलावा पोषण सहायता के तहत इलाज की अवधि तक 500 रुपये प्रति माह सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। परिवहन सहायता राशि 750 रुपये अतिरिक्त सहायता डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। दवा खिलाने के लिए मितानिन को प्रोत्साहन राशि 1000 रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा निजी चिकित्सकों को प्रोत्साहन हेतु टीबी मरीज नोटिफाई करने पर 500 रुपये और परिणाम रिपोर्ट करने पर 500 रुपये दिए जा रहे हैं।
कलेक्टर ने की अपील
कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने आम जनता से अपील की है कि वे टीबी से जुड़े किसी भी लक्षण की जानकारी होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें और जागरूकता फैलाने में सहयोग करें। जिला प्रशासन के इस प्रयास का उद्देश्य है जिले को जल्द से जल्द क्षय रोग मुक्त बनाना और समाज में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना।
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