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अमेज़न के ई-कॉमर्स पोर्टल पर गाँजा बेचना बेहद चौंकाने वाली ख़बर
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि व्यापारियों और भारत के लोगों के लिए यह सबसे चौंकाने वाली मीडिया खबर है कि ऐमज़ान ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से 1 करोड़ रुपये से अधिक का गाँजा बेचा गया जिसके एवज़ में अमेज़ॅन को 66 प्रतिशत कमीशन मिला।
यह सनसनीखेज खुलासा किया है मध्य प्रदेश पुलिस ने ।कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार से तत्काल इस संगीन मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए यह भी मांग की है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को ऐमज़ान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इसने विक्रेता के रूप में काम किया, पैसा एकत्र किया, अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया, कमीशन अर्जित किया और आर्यन खान पर लगाये गए आरोपो से भी ज्यादा गम्भीर कृत्य अमेज़न ने किए जिसके लिए उस पर सख्त कार्यवाही होना जरूरी है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा कि किसी भी विक्रेता को पोर्टल पर पंजीकृत करने से पहले, अमेज़ॅन को विक्रेता की वास्तविकता के बारे में जानने के लिए केवाईसी करना आवश्यक है । इसके अलावा, अमेज़ॅन को गाँजा जैसी अवैध वस्तुओं की बिक्री की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। इसके अलावा, हम यह समझने के असमर्थ हैं कि एक तकनीकी दिग्गज कम्पनी अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का उपयोग अवैध वस्तुओं की बिक्री की पहचान करने के लिए क्यों नहीं करते हैं, जबकि वे इन तकनीकों का उपयोग छोटे एमएसएमई के उत्पादों की पहचान और इंडियन मैन्युफैक्चरर्स के उत्पादों बना कर स्वयं के निजी लेबल उत्पाद बनाने में करते है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने एनसीबी सहित सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस अवैधता के लिए अमेज़ॅन और उसके शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की माँग की है। यदि गाँजा को उनके पोर्टल के माध्यम से बेचा जा सकता है तो वो दिन दूर नही जब हथियारों की अवैध आपूर्ति या अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग में व्यापार भी उनके पोर्टल द्वारा संचालित होगा ।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत एक मध्यस्थ होने का दावा कर रहा था और इसलिए सुरक्षित बंदरगाह प्रावधानों का लाभ मांग रहा था। हालांकि, किसी भी विक्रेता को गाँजा जैसी प्रतिबंधित/अवैध वस्तु को बेचने की अनुमति देकर, भुगतान स्वीकार करना, डिलीवरी की सुविधा देना और सुनिश्चित करना और इसके परिणामस्वरूप बिक्री कमीशन के रूप में लाभ अर्जित करने को किसी भी तरीके से ई-कॉमर्स मध्यस्थ नहीं कहा जा सकता है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि कैट ने 2016 से अमेज़ॅन द्वारा नियमों और नीतियों के उल्लंघन के खिलाफ अपनी मजबूत आवाज उठाई है, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिससे उनके कानून का उल्लंघन करने वाली प्रथाओं को काफी हद तक बढ़ावा मिला है। यह एक स्वीकृत तथ्य है कि विदेशी निवेश वाली कंपनियां भारत को एक बनाना रिपब्लिक के रूप में मान रही हैं जहां वे किसी भी समय कानूनों और नीतियों को अपने पक्ष में तोड़ मोड़ कर इस्तेमाल कर सकती हैं।
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कांकेर जिले को मत्स्य पालन के लिए मिला बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट का राष्ट्रीय अवार्ड
रायपुर, 22 नवम्बर 2024 : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले को मत्स्य पालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिला है। आज 21 नवंबर को विश्व मात्स्यिकीय दिवस के अवसर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं जॉर्ज कुरियन ने छत्तीसगढ़ के मछली विभाग के संचालक नारायण सिंह नाग, सहायक संचालक मछली पालन कांकेर एस.एस. कंवर को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ राज्य को इससे पूर्व मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश के बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवार्ड मिल चुका है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांकेर को देश का बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए कांकेर सहित राज्य के सभी मत्स्य कृषकों एवं मछलीपालन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ लैंड लॉक प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का आत्मनिर्भर राज्य है। यह राज्य के मत्स्य कृषकों की मेहनत का परिणाम है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन के लिए 2.032 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र है, जिनमें से 96 प्रतिशत में किसी न किसी रूप में मत्स्य पालन हो रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 546 करोड़ मत्स्य बीज तथा 7.30 लाख टन मत्स्य उत्पादन हो रहा है। यहां से पड़ोसी राज्यों को भी मत्स्य बीज का निर्यात होता है। राज्य मत्स्य बीज उत्पादन में देश में 6वें तथा मत्स्य उत्पादन में देश में 8 वें स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य के मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पात्रतानुसार मत्स्य कृषकों को एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण भी दिया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी द साबरमती रिपोर्ट फिल्म
रायपुर, 22 नवंबर 2024 : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखने राजधानी के मैग्नेटो मॉल पहुंचे। इस फिल्म में 22 साल पहले गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन हादसे की कहानी की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म की डायरेक्टर एकता कपूर और फिल्म की नायिका रिद्धि डोगरा भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।मुख्यमंत्री साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह फिल्म इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि अतीत का अध्ययन ही हमें वर्तमान और भविष्य के बारे में बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म इतिहास के उस भयावह सत्य को उजागर करने का अत्यंत सराहनीय और प्रभावशाली प्रयास है जिसे निहित स्वार्थ के लिए छुपाने का प्रयास किया गया था। यह फिल्म तात्कालिक सिस्टम की उस सच्चाई को उजागर करती है, जो झूठे नरेटिव फैलाकर सत्य को दबाने का निंदित प्रयास करती थी। फिल्म दर्दनाक घटना को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री करने की घोषणा की है। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी उनके साथ फिल्म देखने पहुंचे थे।
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छत्तीसगढ़ में 5.37 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
- अब तक राज्य के लगभग 1.16 लाख से अधिक किसानों ने बेचा धान
- धान खरीदी के एवज में किसानों को 971.16 करोड़ रूपए का भुगतान
रायपुर, 21 नवम्बर 2024 : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 5.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।अधिकारियों ने बताया कि आज 21 नवम्बर को 26501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 30828 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 25840 टोकन जारी किए गए है।
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