देश-विदेश
मणिपुर में बोले अमित शाह, ’15 दिन में हो जाएगा हिंसा का राजनीतिक समाधान’
इंफाल: मणिपुर दौरे के अपने अंतिम दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस शांतिप्रिय राज्य में हिंसा होना बेहद हु दुखद है। उन्होंने कहा कि हम कुछ दिनों में राज्य में शांति ले आएंगे। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में इस हालात का राजनीतिक समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विगत 9 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाजी भरे फैसले के कारण यहां पर जातीय हिंसा और दो ग्रुप के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई थी। लेकिन हमारी सरकार इसका समाधान निकाल लेगी।
मणिपुर हो गया था हिंसा मुक्त- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था। मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की। पिछले 1 महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं। जिन नागरिकों की हमल की हिंसा में मृत्यु हुई है उनके परिजनों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी, मेरी तरफ से और भारत सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं।
मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद
अमित शाह ने कहा कि इस हिंसा में जिन भी लोगों की जान गई है उनके परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसमें से 5 लाख रुपए मणिपुर सरकार और 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता केंद्र सरकार की तरफ से दी जाएगी। यह राशि DBT के माध्यम से पीड़ितों को हस्तांतरित की जाएगी। इसके साथ ही घायलों की भी मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मणिपुर में किसी जरुरी वस्तु की कमी और दिक्कत ना हो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है।
गृह मंत्री ने कहा कि यहां के नागरिकों को हर तरह की मदद केंद्र और राज्य की सरकार मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां हिंसा को अंजाम देने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जिस किसी के पास हथियार हों, वे पुलिस के सामने सरेंडर कर दें। कल से पुलिस कॉम्बिंग करेगी, अगर इस दौरान किसी के पास हथियार बरामद होते हिं तो उसके सतह सख्ती से पेश आया जाएगा। उन्होंने कहा नागरिक किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान ना दें और अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
देश-विदेश
चीन और ईरान के बीच होने जा रही ऐसी डील, भारत की बढ़ सकती है टेंशन…
ईरान:- ईरान पर आरोप लगता आया है कि वे मध्यपूर्व में विद्रोह समूहों को ड्रोन और मिसाइल देता है. यहां तक कि यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने भी ईरान से उसके सस्ते ड्रोन खरीदे हैं. हाल ही में किए गए इजराइल पर हमले के बाद ईरान ने ये साबित कर दिया कि उसके ड्रोन 2 हजार किलोमीटर की दूरी से भी हमला करने में सक्षम हैं. जिसके बाद दुनिया की बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत ने भी ईरान के इन ड्रोन को अपनी सेना में शामिल करने का फैसला किया है. खबरों के मुताबिक, चीनी सेना ने ईरान को 15,000 आत्मघाती ड्रोन का ऑर्डर दिया है और इसके अलावा रूस भी ईरान से दोबारा बैलिस्टिक मिसाइलें खरीदने जा रहा है. चीन और रूस दुनिया की बड़ी ताकत हैं और इनकी सैन्य ताकत अमेरिका की सेना से भी कम नहीं है. ऐसे में इन देशों का ईरान से हथियार खरीदना बताता है कि ईरान ने अपनी सैन्य क्षमता किस हद तक बढ़ा ली है.
रूस ने खरीदे ईरानी ड्रोन
पिछले साल जून में व्हाइट हाउस ने कहा थी कि रूस ईरान के साथ अपने रक्षा सहयोग गहरा कर रहा है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने बताया था कि रूस ने ईरान से ड्रोन खरीदे हैं, जिनका इस्तेमाल वे यूक्रेन पर हमला करने के लिए कर रहा है. बता दें यूक्रेन-रूस युद्ध में ईरान के ड्रोन और अनक्रूड एरियल व्हीकल (UAV) का इस्तेमाल अच्छी तादाद में हुआ है. चीन का इतनी बड़ी तादाद में ड्रोन खरीदना भारत के लिए भी खतरा बन सकता है. क्योंकि भारत का चीन के साथ सीमा विवाद पिछले कुछ सालों में गहरा हुआ है.
इजराइल हमले में दिखाई ताकत
अमेरिका और रूस दुनिया भर में अपने हथियार बेचते आए हैं. दुनिया के किसी भी कोने में जंग हो, इन दोनों देशों का नाम जरूर आता है. जानकार मानते हैं युद्ध अपने हथियारों की गुणवत्ता दुनिया को दिखाने का अवसर प्रदान करता है. दुनिया के किसी भी क्षेत्र के युद्ध में अमेरिका, फ्रांस ,ब्रिटेन और रूस का कूदना भी इस बात का सबूत है. जंग में अगर किसी देश के हथियार अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उनकी मांग बढ़ जाती है. ईरान का इजराइल पर हमला करना उसको आर्म एक्सपोर्ट में मददगार साबित हो रहा है.
देश-विदेश
इस देश में गर्मी से हाल बेहाल, स्कूल हुए ऑनलाइन..
फिलीपींस:- मौसम की मार बेहद ही खतरनाक होती है। मौसम कब भीषण रूप ले ले, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इस समय कई देशों में भीषण गर्मी देखने को मिल रही है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। फिलीपींस (Philippines) भी इन देशों में से एक है। फिलीपींस में गर्मी ने लोगों के हाल बेहाल कर रखे हैं। लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है।
स्कूल हुए ऑनलाइन
फिलीपींस में भीषण गर्मी के चलते कई स्कूल ऑनलाइन हो गए हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार तक देशभर में 6,700 स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज़ शुरू करने का फैसला ले लिया है जिससे स्टूडेंट्स को गर्मी में स्कूल न आना पड़े।
3 महीने सबसे गर्म
फिलीपींस में मार्च, अप्रैल और मई तीन सबसे गर्म महीने रहते हैं। ऐसे में इन तीनों महीनों के दौरान फिलीपींस में लोगों का गर्मी से बुरा हाल हो जाता है।
लोगों का सांस लेना हो रहा है मुश्किल
फिलीपींस में गर्मी की वजह से कई लोगों का तो सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। लोग गर्मी से बचाव के लिए अलग-अलग उपाय कर रहे हैं।
देश-विदेश
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर लगाया PM के खिलाफ कार्रवाई ना करने का आरोप, अब कानूनी विकल्प की कही बात
गुवाहाटी: कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने चुनाव आयोग पर पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ “संपत्ति के पुनर्वितरण” संबंधी उनकी टिप्पणी को लेकर की गई शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहा है और ऐसे में पार्टी कानूनी उपाय तलाश रही है। श्रीनेत ने कहा कि चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर लोगों का पूरा विश्वास होना चाहिए और अगर भरोसा हिल गया है तो उन्हें उसे बहाल करने के लिए काम करना चाहिए।
‘शिकायत पर नहीं हो रही कार्रवाई’
उन्होंने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान में नफरती भाषण दिए। मेरे सहयोगियों ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से मुलाकात की और हमने उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं। क्योंकि वे हमारी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, हम कानूनी उपायों पर विचार कर रहे हैं।” कांग्रेस ने सोमवार को राजस्थान में एक चुनावी रैली में ‘संपत्ति के पुनर्वितरण’ वाली टिप्पणी के लिए मोदी के खिलाफ ‘उचित कार्रवाई’ की मांग करते हुए निर्वाचन आयोग का रुख किया और आरोप लगाया कि टिप्पणियां ‘विभाजनकारी’, ‘दुर्भावनापूर्ण’ थीं और एक विशेष धार्मिक समुदाय को लक्षित करती थीं।
‘उम्मीद है निष्पक्ष चुनाव होगा’
बता दें कि रविवार को, प्रधानमंत्री ने यह दावा करके एक राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था कि कांग्रेस के घोषणापत्र में सर्वेक्षण करने के बाद संपत्ति के “पुनर्वितरण” का वादा किया गया है। श्रीनेत ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होगा, लेकिन हमें इसके बहुत कम सबूत मिलते हैं।” उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ निर्वाचन आयोग की कार्रवाई के बारे में जितना कम कहा जाए, उतना बेहतर है। ईवीएम के उचित कामकाज पर श्रीनेत ने कहा कि “भले ही एक व्यक्ति कहे कि उसका वोट उसे नहीं मिला जिसे देने का उसका इरादा था, लोगों का विश्वास बहाल करना निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं का दायित्व है।” उन्होंने बताया कि विपक्षी दल 100 प्रतिशत वीवीपैट गणना के लिए दबाव डाल रहे हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग ने इसे स्वीकार नहीं किया है।
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