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महादेव बेटिंग ऐप मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, दो लोगों को किया गिरफ्तार, कोर्ट ने 17 जनवरी तक हिरासत में भेजा

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रायपुर: ईडी ने महादेव ऑनलाइन ऐप के जरिये सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप मामले में जारी मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित जांच में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता के रहने वाले नितिन टिबरेवाल और रायपुर के अमित अग्रवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया और शुक्रवार को रायपुर की एक विशेष अदालत में पेश किया गया। उन्होंने बताया कि अदालत ने आरोपियों को 17 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।

सट्टेबाजी के पैसे से खरीदी गई अवैध संपत्ति 

गौरतलब है कि टिबरेवाल पर इस मामले के आरोपी विकास छपारिया का करीबी सहयोगी होने का आरोप है। ईडी सूत्रों ने कहा कि उस पर दुबई में कुछ बेहिसाबी संपत्तियां खरीदने और एक एफपीआई कंपनी में प्रमुख शेयरधारक होने का आरोप है, जिसमें छपारिया भी शेयरधारक है। एजेंसी को संदेह है कि ये संपत्तियां महादेव ऐप के मुनाफे से अर्जित आपराधिक आय का उपयोग कर खरीदी गई थी। सूत्रों ने बताया कि अमित अग्रवाल मामले में एक अन्य आरोपी अनिल कुमार अग्रवाल का एक रिश्तेदार है।

नेताओं और नौकरशाहों को दी गई रिश्वत

ऐसा आरोप है कि अमित अग्रवाल ने अनिल कुमार अग्रवाल से महादेव ऐप से मिला पैसा लिया और उसकी (अमित अग्रवाल) पत्नी ने मामले में एक अन्य आरोपी अनिल दम्मानी के साथ मिलकर कई संपत्तियां खरीदीं। छपारिया और अनिल अग्रवाल का दुबई स्थित एक फ्लैट और एक प्लॉट को पिछले वर्ष ईडी ने जब्त कर लिया था जिनकी कीमत 99.46 करोड़ रुपये थी। एजेंसी ने पहले बताया था कि ऐप के जरिए अर्जित किए गए कथित तौर पर अवैध धन का इस्तेमाल राज्य में नेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था। एजेंसी ने कई मशहूर हस्तियों और बॉलीवुड कलाकारों को ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के साथ उनके लेनदेन को लेकर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। इसने बताया था कि ऐप से कथित तौर पर अर्जित अवैध धन का इस्तेमाल राज्य में राजनेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था।

इस मामले में अब तक दो चार्जशीट दाखिल

ईडी ने अबतक इस मामले में दो आरोप पत्र दायर किए हैं जिसमें कथित तौर पर सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सहित अन्य लोगों को नामित किया गया था। दोनों को हाल में ईडी की पहल पर इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस के तहत दुबई में हिरासत में लिया गया था। एजेंसी उन्हें संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) से भारत लाने की कोशिश में लगी है। ईडी के पहले आरोप पत्र के अनुसार, चंद्राकर ने फरवरी 2023 में यूएई के रस-अल-खैमा में शादी की थी और इसके आयोजन में लगभग 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए गए।

यह मामला करीब 6,000 करोड़ रुपये का है

एजेंसी ने बताया कि यह मामला करीब 6,000 करोड़ रुपये का है। एजेंसी ने नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और असीम दास के बयान से ‘चौंकाने वाले आरोप’ लगे हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालांकि, ईडी ने साथ में यह भी कहा कि ये आरोप ‘जांच का विषय’ है। बघेल ने इन आरोपों को उनकी छवि खराब करने का प्रयास बताया था जबकि कांग्रेस ने इसे अपने (तत्कालीन)मुख्यमंत्री के खिलाफ केंद्र की बदले की राजनीति करार दिया था।

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महाराष्ट्र चुनाव से पहले BJP को झटका, इस बड़े नेता ने दिया इस्तीफा

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की लिस्ट बना रही हैं। इस बीच, महाराष्ट्र के तटीय सिंधुदुर्ग जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता राजन तेली ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जल्द ही राजन तेली के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UTB) में शामिल होने की योजना है।

नारायण राणे के बीजेपी में आने से हुए परेशानी

राजन तेली सावंतवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के लिए बीजेपी के प्रभारी थे। तेली ने दावा किया कि उन्होंने पिछले 10 सालों में बीजेपी के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे तथा उनके परिवार के पार्टी में शामिल होने के बाद से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

परिवारवाद पर भी बोले राजन तेली 

विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राणे के बेटे निलेश के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने की संभावनाओं संबंधी खबरों का हवाला देते हुए तेली ने कहा कि वह एक ही परिवार के सदस्यों को लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिए जाने के खिलाफ हैं।

पहले भी शिवसेना में रह चुके हैं राजन तेली

राणे के छोटे बेटे नितेश सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली से विधायक हैं। उन्हें वहां से टिकट मिलने की संभावना है। हालांकि, खबरों के अनुसार निलेश को शिवसेना के पास मौजूद सीट से मैदान में उतारा जाएगा। महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीट में से 75 कोंकण क्षेत्र में हैं, जिनमें मुंबई की 36 सीट भी शामिल हैं। राजन तेली पहले अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे।

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बाल विवाह के कारण जीवनसाथी चुनने का विकल्प हो जाता है खत्म, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, जारी किए दिशानिर्देश

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देश में हो रहे बाल विवाह के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम को व्यक्तिगत कानूनों के जरिए बाधित नहीं किया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बच्चों से संबंधित विवाह और अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने की स्वतंत्र इच्छा का उल्लंघन है। इससे उनके पंसद का जीनसाथी चुनने का विकल्प खत्म हो जाता है।

कोर्ट ने जारी किए दिशानिर्देश

देश में बाल विवाह में वृद्धि का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बाल विवाह की रोकथाम पर कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने देश में बाल विवाह रोकथाम कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ये दिशानिर्देश जारी किए हैं।

बाल विवाह की रोकथाम और नाबालिगों की जाए सुरक्षा

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि बाल विवाह रोकथाम कानून को पर्सनल लॉ के जरिए बाधित नहीं किया जा सकता। कोर्ट के दिशानिर्देश में कहा गया कि इस तरह के विवाह नाबालिगों की जीवन चुनने की स्वतंत्र इच्छा का उल्लंघन हैं। प्राधिकारियों को बाल विवाह की रोकथाम और नाबालिगों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए तथा अपराधियों को अंतिम उपाय के रूप में दंडित करना चाहिए।

बाल विवाह रोकथाम कानून में हैं कुछ खामियां- कोर्ट

पीठ ने यह भी कहा कि बाल विवाह रोकथाम कानून में कुछ खामियां हैं। बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 बाल विवाह को रोकने और समाज से उनके उन्मूलन को सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया था। इस अधिनियम ने 1929 के बाल विवाह निरोधक अधिनियम का स्थान लिया।

अलग-अलग समुदाय के लिए बनाई जाए रणनीति

पीठ ने कहा, ‘ये रणनीति अलग-अलग समुदायों के लिए बनाई जानी चाहिए। कानून तभी सफल होगा जब बहु-क्षेत्रीय समन्वय होगा। कानून प्रवर्तन अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की आवश्यकता है। हम इस बात पर जोर देते हैं कि समुदाय संचालित दृष्टिकोण की आवश्यकता है।’

 

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जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, लिस्ट में देखें किसे कौनसा मंत्रालय मिला

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जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला की सरकार के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस संदर्भ में एक आदेश भी जारी किया है। सीएम उमर अब्दुल्ला ने उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी को लोक निर्माण विभाग (PWD), खनन, श्रम एवं रोजगार, कौशल विकास विभाग सौंपा है। सकीना मसूद इटू को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।

अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर बुधवार को शपथ ली थी। उनके साथ ही डिप्टी सीएम सुरेंद्र चौधरी समेत 5 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। आज उन सभी मंत्रियों के विभागों का ऐलान कर दिया गया है। आइए जानते हैं किस मंत्री को कौन सा विभाग दिया गया है।

मंत्रियों के विभागों का ऐलान

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीतीं 42 सीटें

जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 6 सीटें आई हैं। 90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42, बीजेपी को 29, कांग्रेस को 6, पीडीपी को 3, जेपीसी को 1, सीपीआईएस को 1, AAP को 1, जबकि 7 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है।

जम्मू-कश्मीर का नया मंत्रिमंडल-

  1. सकीना इटू- जम्मू-कश्मीर की डीएच पोरा से MLA, 4 बार मंत्री और 4 बार विधायक रहीं।
  2. सुरेंद्र चौधरी- डिप्टी सीएम, नौशेरा से नेशनल कांफ्रेंस के विधायक, J-K बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना को हराया। पिछले चुनाव में रविंद्र रैना से हारे थे।
  3. जावेद अहमद राणा- पुंछ जिले के मेंढर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक, BJP उम्मीदवार मुर्तज़ा अहमद खान को हराया।
  4. सतीश शर्मा- जम्मू के छम्ब सीट से निर्दलीय विधायक, चुनाव के बाद नेशनल कांफ्रेंस में शामिल
  5. जावेद डार- रफियाबाद सीट से विधायक, 9 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।

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