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देश-विदेश

भोजपुरी स्टार पवन सिंह के खिलाफ BJP की बड़ी कार्रवाई, पार्टी से बाहर निकाला, बताई ये वजह

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नई दिल्ली: भोजपुरी स्टार पवन सिंह के खिलाफ BJP ने बड़ी कार्रवाई की है। बीजेपी ने पवन सिंह को पार्टी से निकाल दिया है। बता दें कि पवन सिंह एनडीए के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने इसी वजह से पवन सिंह को निष्कासित किया है।

बता दें कि पवन सिंह को पहले बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से लोकसभा का टिकट दिया था लेकिन पवन ने यहां से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद पवन सिंह ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।

बीजेपी ने क्या कहा?

बीजेपी ने पत्र जारी कर कहा, ‘लोकसभा चुनाव में आप एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं। आपका यह कार्य दल विरोधी है। जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है और पार्टी अनुशासन के विरुद्ध आपने यह कार्य किया है। अत: आपको दल विरोधी इस कार्य के लिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष के आदेशानुसार पार्टी से निष्कासित किया जाता है।’

किसके खिलाफ चुनाव लड़ रहे पवन सिंह?

दरअसल, काराकाट लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन एनडीए के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पवन सिंह ने काराकाट सीट से नामांकन दाखिल किया और कुशवाहा के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। काराकाट सीट उस समय चर्चा में आई, जब पवन सिंह की मां ने भी काराकाट से ही नामांकन दाखिल कर दिया। हालांकि बाद में उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पांच चरणों के लिए वोटिंग हो चुकी है और 2 चरण होना बाकी है। काराकाट सीट पर एक जून को मतदान होना है। पवन सिंह इस चुनाव में खूब मेहनत कर रहे हैं और धुंआदार प्रचार कर रहे हैं।

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खेल

T20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल मैच से पहले ICC का बड़ा ऐलान

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टी20 वर्ल्ड कप 2024 की दोनों फाइनलिस्ट टीमें मिल चुके हैं। इस बार टूर्नामेंट का फाइनल मैच भारत और साउथ अफ्रीका की टीमों के बीच खेला जाएगा। इन दोनों टीम के बीच 29 जून को खिताबी मुकाबला खेला जाना है। साउथ अफ्रीका की टीम पहली बार टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतने के लिए मैदान पर उतरेगी। वहीं, टीम इंडिया की नजर 11 साल से चले आ रहे आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने पर रहेगी। इस बड़े मुकाबले से पहले आईसीसी ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है।

फाइनल मैच से पहले ICC का बड़ा ऐलान

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच होने वाले टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल मैच के लिए ऑफिशियल्स का ऐलान हो गया है। फाइनल मैच में मैदानी अंपायर की भूमिका में न्यूजीलैंड के क्रिस गैफनी और इंग्लैंड के रिचर्ड इलिंगवर्थ होंगे। वहीं, इंग्लैंड के अंपायर रिचर्ड केटलबोरो का थर्ड अंपायर बनाया गया है। ऑस्ट्रेलिया के रोड टकर भी ऑफिशियल्स में शामिल हैं। वह चौथे अंपायर की भूमिका में होंगे।

रिचर्ड केटलबोरो से फिर होगा सामना 

बता दें, इंग्लैंड के अंपायर रिचर्ड केटलबोरो को टीम इंडिया के लिए सबसे अनलकी अंपायर माना जाता है। टीम इंडिया ने पिछले 10 साल में 2014 टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल, 2023 वर्ल्ड कप का फाइनल, 2021 और 2023 टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल और 2017 चैंपियनशिप ट्रॉफी का फाइनल मैच हारा है। इन सब मैचों के अंपायर्स में रिचर्ड केटलबोरो का नाम भी शामिल था। ऐसे में टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में उनकी एंट्री भारतीय फैंस को परेशान कर सकती है।

विजयरथ पर सवार भारत-साउथ अफ्रीका

भारत और साउथ अफ्रीका की टीमों को लिए टी20 वर्ल्ड कप 2024 अभी तक काफी शानदार रहा है। दोनों ही टीमें बिना कोई मैच हारे फाइनल में पहुंची हैं। ऐसे में फाइनल मैच में दोनों टीमों के बीच एक कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

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खेल

रोहित शर्मा की टीम इंडिया ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को चुनौती

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भारतीय क्रिकेट टीम तीसरी बार आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है। इससे पहले दो और बार भारत ने ऐसा किया है, जिसमें से एक बार भारतीय टीम जीती थी और एक बार उसे हार का सामना करना पड़ा है। इस बीच क्रिकेट की दुनिया में आज भी ऑस्ट्रेलिया को सबसे बड़ी और मजबूत टीम माना जाता है। लेकिन अब उसकी बादशाहत को भारतीय चुनौती देते हुए नजर आ रही है। अगर आईसीसी टूर्नामेंट की ही बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया के बाद टीम इंडिया ऐसी दूसरी टीम बनने जा रही है, जो सबसे ज्यादा बार आईसीसी का फाइनल खेलते हुए नजर आएगी।

साल 1983 में भारत ने कपिल देव की कप्तानी में पहली बार खेला था आईसीसी का फाइनल 

टीम इंडिया के क्रिकेट की दुनिया में छा जाने का सिलसिला साल 1983 में शुरू हुआ था। उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव हुआ करते थे। वेस्टइंडीज की बादशाहत को धता बताते हुए भारतीय टीम ने उस साल का ​वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था। इसके बाद आईसीसी टूर्नामेंट का फाइनल खेलने के लिए भारतीय टीम को एक बड़ा और लंबा इंतजार करना पड़ा। साल 2000 में एक बार फिर से टीम सौरव गांगुली ने आईसीसी का फाइनल खेला। इस बार चैंपियसं ट्रॉफी थी, हालांकि भारत को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद साल 2002 में एक बार फिर भारतीय टीम फिर से सौरव गांगुली की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला। इस बार भारत संयुक्त विजेता यानी ज्वाइंट विनर बना था। साल 2003 में भी भारतीय टीम वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी। इस बार भी भारत के कप्तान सौरव गांगुली थे। हालांकि ये मुकाबला भी भारतीय टीम हार गई।

साल 2007 में जीता टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल 

साल 2007 में भारतीय टीम एक बार फिर से आईसीसी का फाइनल खेलने में कामयाब रही। तब भारत पहली बार टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी। ये पहला ही टी20 विश्व कप था। एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने इस ट्रॉफी पर भी कब्जा किया था। साल 2011 में फिर से भारतीय टीम वनडे विश्व कप के फाइनल में एंट्री करती है और इस बार भी धोनी की कप्तानी में भारत ने खिताब जीता था। साल 2013 में भी भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला और इसे जीतने में भी कामयाबी हासिल की। साल 2014 में भारत फिर टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची, लेकिन यहां उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। साल 2017 में भी भारतीय टीम चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में पहुंची थी।

भारत ने खेले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दो फाइनल 

इसके बाद आईसीसी ने पहली बार आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का आगाज किया गया। भारतीय टीम ने पहली बार इसके फाइनल में अपनी जगह बनाई, लेकिन फाइनल में उसे न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा। ये साल 2021 था। इसके दो साल बाद साल 2023 में एक बार फिर से भारत ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला। इस बार भी उसे हार का ही मुंह देखना पड़ा। साल 2023 के वनडे विश्व कप में भारतीय टीम फिर से फाइनल खेलती है, लेकिन हार का ही सामना करना पड़ता है। अब साल 2024 में टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेलने जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया और भारत इस वक्त बराबरी पर 

खास बात ये है कि भारतीय टीम ने अब ऑस्ट्रेलिया की बराबरी कर ली है। ऑस्ट्रेलिया ने भी अब तक आईसीसी के 13 ही फाइनल खेले हैं। इस बार भारत ने सुपर 8 में ही ऑस्ट्रेलिया को हराकर इस टूर्नामेंट से बाहर कर दिया है। खास बात ये है कि जहां एक ओर ऑस्ट्रेलिया ने ज्यादा खिताब जीते हैं, वहीं भारतीय टीम ने इस दौरान 5 आईसीसी के खिताब अपने नाम किए हैं। इसमें जब भारत ज्वाइंट विनर बना है, उसे भी शामिल किया गया है। अब भारतीय टीम के पास मौका है कि साउथ अफ्रीका को फाइनल में हराकर करीब दस साल से चला आ रहा आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म किया जाए।

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देश-विदेश

दरिया का सारा नशा उतरता चला गया, वो डुबाता रहा.. मैं उभरता चला गया, सुधांशु त्रिवेदी ने कुछ इस अंदाज में कांग्रेस को घेरा

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नई दिल्लीः राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच चर्चा जारी है। बीजेपी की तरफ से सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा की शुरुआत की। सुधांशु ने कहा कि एक ओर जहां पीएम मोदी की जमकर तारीफ की वहीं, कांग्रेस और नेहरू परिवार की जमकर आलोचना की। इस दौरान उन्होंने कई मौकों पर शायरी भी कही। बीजेपी सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाए हैं। वहीं, दूसरी ओर फेल होने वाले थर्ड डिवीजन पास होने पर खुश हैं। कांग्रेस 99 को ही अपनी मंजिल समझकर बैठ गई है।

सुधांशु त्रिवेदी ने कुछ इस अंदाज में कांग्रेस को घेरा

बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने शायरी पढ़ते हुए कहा कि ‘दरिया का सारा नशा उतरता चला गया, वो मुझको डुबाता रहा और मैं उभरता चला गया..ये 44, 52 और 99…अरे मंजिल समझकर बैठ गए जिस पर चंद लोग..मैं ऐसे कितने ही रास्तों से होकर गुजरता चला गया’। बीजेपी सांसद ने कहा कि तीनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 44, 52 और 99 सीटें जीती। तीनों को मिला दे तो भी इनके इतने सांसद नहीं हैं जितने कि हमारे (बीजेपी) के 240 सीटें आई हैं। कांग्रेस पिछले 40 सालों में भी 240 सीटें नहीं जीत पाई। इन लोगों ने कितनी भी कोशिश कर ली लेकिन पीएम मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से नहीं रोक पाए।

सुधांशु त्रिवेदी ने नेहरु-मोदी की तुलना पर कही ये बात

राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी ने नेहरु परिवार की आलोचना करते हुए कहा कि “हां पंडित जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी में अंतर हैं, नेहरू और पीएम मोदी की बराबरी नहीं हो सकती। पीएम मोदी सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री बने और कांग्रेस में सर्वसम्मति के बगैर नेहरू पीएम बने..”। पीएम मोदी सभी पार्टियों के लोगों को भारत रत्न और अन्य पुरस्कार दिया लेकिन नेहरू जी ने अपनी ही पार्टी के सरकार पटेल और बाबा साहेब आंबेडर को भारत रत्न नहीं दिया। वे खुद अपनी ही सरकार से पुरस्कार लेकर बैठ गए।

कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्याः बीजेपी सांसद

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं लेकिन उन्होंने अपनी सरकारों में लोकतंत्र का गला घोंट डाला। जब-जब ये लोग सत्ता में आए लोकतंत्र खतरे में आया। इनके समय में प्रेस को भी आजादी नहीं थी। कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर संविधान का गला घोटा।

 

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