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केन्द्र सरकार ने पद्म अवार्ड के लिए आमंत्रित किया ऑनलाइन नामांकन
सारंगढ़ बिलाईगढ़ : भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भारत के सर्वोच्च पद्म पुरस्कार (पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री) वर्ष 2024 के लिए भारतीय नागरिकों से ऑनलाइन नामांकन आमंत्रित किया है। यह नामांकन 1 मई 2023 से प्रारंभ हो चुका है। पुरस्कार के लिए निर्धारित पात्रता एवं मापदंड के अनुरूप योग्य-पात्र व्यक्तियों का नामांकन प्रस्ताव जिला कलेक्टर के अनुशंसा के बाद सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय को भेजी जाएगी। इसलिए योग्य व्यक्ति या संस्था जिसने उत्कृष्ट कार्य किया है, वे अपने नामांकन करने के बाद जिला कलेक्टर को अनुशंसा के लिए भेजें। जिला कलेक्टर से इन नामांकन पत्रों को सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय नवा रायपुर ने 30 अगस्त 2023 तक मंगाया है। सभी जिले के कोई भी योग्य व्यक्ति या संस्था नामांकन के बाद निर्धारित समय अवधि में कलेक्टर से नामांकन की प्रति में अनुशंसा करा सकते हैं।
गृह मंत्रालय से जारी पत्र के अनुसार पद्म पुरस्कार अर्थात् पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। 1954 में स्थापित इन पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इस पुरस्कार में उत्कृष्ट कार्य को मान्यता प्रदान की जाती है और इसे सभी क्षेत्रों-विषयों जैसे कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, लोक कार्य सिवित सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों-सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। कोई भी व्यक्ति, किसी जाति, व्यवसाय, हैसियत या लिंग के भेदभाव के बिना, इन पुरस्कारों के लिए पात्र है। इन पुरस्कारों के लिए सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्र सरकारों के साथ-साथ अनेक अन्य स्रोतों से भी नामांकन आमंत्रित करने की परंपरा है ताकि इन पर व्यापक विचार-विमर्श किया जा सके।
पद्म पुरस्कार के लिए नामांकन-सिफारिशें केवल ऑनलाइन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टलhttps://awards.gov.in/अवार्डस डॉट जीओव्ही डॉट इन पर स्वीकार की जाएगी, जिसे इसी उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किया गया है। नामांकन-सिफारिश में अनुशंसित व्यक्ति की उससे संबन्धित क्षेत्र-विषय में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए विवरणात्मक रूप में प्रशस्ति पत्र (अधिकतम 800 शब्द) सहित उपर्युक्त पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में उल्लिखित सभी प्रासंगिक जानकारी दी जानी चाहिए। किसी व्यक्ति की ऑनलाइन सिफारिश करते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी आवश्यक विवरण ठीक से भरे गए है। ऑनलाइन सिफारिश करने की क्रमवार प्रक्रियाhttps://awards.gov.in/पोर्टल अवार्डस डॉट जीओव्ही डॉट इन पर बताई गई है। इन पुरस्कारो से संबंधित विधान और नियमावली वेबसाइटhttps://www.padmaawards.gov.in/padma_home.aspxपद्मअवार्डस डॉट जीओव्ही डॉट इन पर भी उपलब्ध है।
कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि अतीत में देखा गया है कि बड़ी संख्या में व्यक्तियों के संबंध में नामांकन प्राप्त होते हैं, लेकिन असाधारण योगदान के बावजूद कई प्रतिभाशाली व्यक्तियों के नाम पर विचार नहीं किया जाता है। ज्यादातर ऐसे लोगों की मुख्य रूप से इस कारण से अनदेखे रहने की संभावना रहती है कि उन्हें अपने सार्वजनिक जीवन में प्रचार या प्रमुखता की आकांक्षा नहीं रहती है। इसलिए अनुरोध है कि ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने के पूरे प्रयास किए जाए जिनका उत्कृष्ट प्रदर्शन और उपलब्धियो सम्मान योग्य हैं और उनका उपयुक्त नामांकन किया जाए। यह उल्लेख करना आवश्यक है कि ऐसे योग्य व्यक्तियों के सम्मान से इन पुरस्कारों की प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में काम करने वाले व्यक्तियों सहित सरकारी सेवक पद्म पुरस्कार के लिए पात्र नहीं हैं। मरणोपरांत मामले में पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान नहीं किया जाता है। हालांकि, अत्यधिक योग्य और दुर्लभ मामलों में, सरकार मरणोपरांत पुरस्कार देने पर विचार कर सकती है।
पद्म पुरस्कार के लिए क्षेत्र कला – संगीत, चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी, सिनेमा, रंगमंच आदि शामिल हैं। सामाजिक कार्य – चैरिटेबल सस्ती स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक और धर्मार्थ सेवाएं, पर्यावरण, स्वच्छता आदि जैसी सामुदायिक परियोजनाओं में योगदान शामिल हैं। सार्वजनिक मामले- इसमें कानून, सार्वजनिक जीवन, राजनीति आदि। विज्ञान और इंजीनियरिंग – इसमें अंतरिक्ष इंजीनियरिंग, परमाणु विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान और इसके संबद्ध विषयों में अनुसंधान और विकास आदि शामिल हैं। व्यापार और उद्योग – बैंकिंग, आर्थिक गतिविधियों, प्रबंधन, व्यापार और व्यवसाय के क्षेत्र में विनिर्माण, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, वस्त्र, लेखा, वित्त, पर्यटन, आदि के क्षेत्रों में शामिल हैं। चिकित्सा – एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा, आदि में चिकित्सा अनुसंधान और विशिष्टता/विशेषज्ञता शामिल है। साहित्य और शिक्षा – साक्षरता और शिक्षा को बढ़ावा देना, शिक्षा सुधार, शिक्षण, पत्रकारिता, साहित्य और कविता, लेखक आदि शामिल हैं। सिविल सेवा – सरकारी सेवकों द्वारा प्रशासन आदि में विशिष्टता/उत्कृष्टता शामिल है खेल – इसमें खेलकूद, एथलेटिक्स, पर्वतारोहण, खेलों को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं। अन्य – इसमें अध्यात्म, योग, वन्य जीवन सुरक्षा और संरक्षण, पाक कला, कृषि, बुनियादी नवाचार, पुरातत्व, वास्तुकला आदि शामिल हो सकते हैं।
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जल जीवन मिशन के नए संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने दुर्ग और राजनांदगांव में मिशन के कार्यों का किया निरीक्षण
- दोनों जिलों में कार्यपालन अभियंताओं, सहायक अभियंताओं और उप अभियंताओं की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की
- अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में सभी कार्यों को पूर्ण करने के दिए निर्देश
रायपुर, 13 सितम्बर 2024 : जल जीवन मिशन के नए संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज दुर्ग और राजनांदगांव जिले का दौरा कर मिशन के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों जिलों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंताओं, सहायक अभियंताओं और उप अभियंताओं की बैठक लेकर प्रगतिरत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने लोगों को स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यों को अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को फील्ड का नियमित दौरा कर कार्यों के सतत निरीक्षण के साथ ही जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पेयजल की निर्बाध आपूर्ति के लिए ग्राम पंचायतों से समन्वय बनाने तथा उन्हें जरूरी मार्गदर्शन प्रदान करने को कहा।
जल जीवन मिशन के संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज दुर्ग जिले में अंजोरा ढाबा मल्टी-विलेज योजना के अंतर्गत ग्राम अंजोरा में संचालित कार्यों का निरीक्षण किया। अंजोरा में रेट्रोफिटिंग योजना क्रियान्वित की गई है, जिसके तहत 356 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। उन्होंने घरेलू नल कनेक्शन के लिए निर्मित प्लेटफॉर्म का अवलोकन कर उसकी गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया। डॉ. भुरे ने जल आपूर्ति को लेकर ग्रामीणों से चर्चा भी की। गांववालों ने उन्हें बताया कि पेयजल योजना का संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है। जल कर के रूप में हर महीने प्रति परिवार 50 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है। जल जीवन मिशन के माध्यम से पाइपलाइन से घर तक नल का पानी पहुंच रहा है। इससे पेयजल और अन्य कार्यों के लिए रोज जल संचय करने में लगने वाले समय की बचत हो रही है। घर में नल लगने से महिलाओं को काफी सहुलियत हो रही है। डॉ. भुरे ने बरसात में पेयजल की गुणवत्ता बनाए रखने स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
मिशन संचालक डॉ. भुरे ने राजनांदगांव जिले के ग्राम सांकरा में भी रेट्रोफिटिंग योजना का निरीक्षण किया। यह पूर्व से संचालित धीरी समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत आता है। जल शुद्धिकरण संयंत्र के माध्यम से सांकरा के 652 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन द्वारा शुद्ध पेयजल प्रदान किया जा रहा है। योजना का संचालन एवं संधारण ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है। जल कर के रूप में ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक परिवार से हर माह 50 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है। मिशन संचालक द्वारा दोनों जिलों में कार्यों के निरीक्षण के दौरान कार्यपालन अभियंता सहित सभी मैदानी अधिकारी मौजूद थे।
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ईद-ए-मिलाद पर 16 सितंबर को सार्वजनिक-सामान्य अवकाश घोषित
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए 16 सितंबर 2024 (सोमवार) को ‘ईद-ए-मिलाद’ (मिलाद-उन-नबी) के अवसर पर राज्य में सार्वजनिक और सामान्य अवकाश घोषित किया है। 17 सितंबर 2024 को अनंत चतुर्दशी और विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पहले से निर्धारित ऐच्छिक अवकाश को यथावत रखा गया है। गौरतलब है कि पूर्व में ‘ईद-ए-मिलाद’ पर 17 सितम्बर को अवकाश घोषित किया गया था।
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पहली बार फील्ड में डिजीटल क्रॉप सर्वे हुआ प्रारंभ, राज्य में बलौदाबाजार तहसील का हुआ है चयन
- सर्वेयर द्वारा साफ्टवेयर में बोये गये फसल की जींस तथा एकल व मिश्रित फसल की स्थिति में बोये गये फसल या पड़त रकबा की अनुमानित प्रविष्टि की जाएगी
- खेतों में जाकर करेंगे सभी फसल का सर्वे
रायपुर, 13 सितम्बर 2024 : बलौदाबाजार भाटापारा जिले के बलौदाबाज़ार तहसील में डिजीटल क्रॉप सर्वे प्रारंभ कर दिया गया है। जिसके तहत पटवारी सहित अन्य राजस्व अधिकारी खेतों में जाकर सर्वे का कार्य पूर्ण करेंगे। इसके पूर्व जनपद पंचायत सभाकक्ष बलौदाबाजार में फील्ड में गिरदावरी अंतर्गत डिजिटल रूप से फसल का सर्वे करने वाले निजी सर्वेयर का प्रशिक्षण आयोजित किया जा चुका है। जिसमे बताया गया कि डिजिटल क्रॉप सर्वे में निजी सर्वेयर की भूमिका जियो फ्रेंस के रूप में होगी, जो डिजिटल रूप से फसल का सर्वे सभी खेतों में जाकर करेंगे। निजी सर्वेयर को प्रतिदिन 30 से 50 खसरों का टास्क दिया जायेगा। जिसे सर्वेयर खेत में जाकर लॉगिन करेंगे।
उनसे तहसीलदार पूछेंगे क्या आप अवलेबल हैं और हां में जवाब आएगा। वैसे ही एप में प्लॉट की स्थिति, खसरा नंबर, एरिया ऑनर का नाम अपने आप फीड हो जायेगा। जो क्रॉप लगी है उसका तीन फोटो लॉन्गिट्यूट लैटिट्यूट के साथ अपलोड करना है। इस प्रकार एक नंबर का कार्य पूर्ण होगा। जिसमें पटवारी की भूमिका पर्यवेक्षक और राजस्व निरीक्षक की भूमिका सत्यापनकर्ता तथा तहसीलदार व नायब तहसीलदार की भूमिका जांचकर्ता अधिकारी के रूप में की गई है।
सर्वेक्षकों द्वारा संपादित सभी खसरे आरआई के पास नहीं आयेंगे। सर्वेक्षकों द्वारा सर्वे किये गए खसरे पटवारी के पास आयेंगे। पटवारी या अनुमोदन करेगा या रिसेंड करेगा। पटवारी द्वारा दो बार रिजेक्ट होने की स्थिति में आरआई के आईडी में आयेगा। ऐसे खसरों की संख्या बहुत कम होगी, जहां मौके में जाकर आवश्यकतानुसार सत्यापन किया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण में बताया गया है कि फील्ड में क्या बोया गया है फसल की जींस का नाम, मिश्रित फसल की स्थिति में सभी फसलों का अनुमानित रकबा, सिंचित- असिंचित फसल, एकवर्षीय या बहुवर्षीय, सीजनल फसल की जानकारी आदि भरी जायेगी। सर्वेयर द्वारा साफ्टवेयर में बोये गये जींस व एकल व मिश्रित फसल की स्थिति में बोये गये फसल या पड़त रकबा की अनुमानित प्रविष्टि करेगा।
जब तक साफ्टवेयर में जियोरिफ्रेंस्ड रकबा के अनुसार सर्वे किए गए रकबा का योग एक समान नहीं आयेगा, तब तक डेटा सेव नहीं होगा। सर्वेयर किसी भी खसरा नंबर की भूमि के मेड़ में खड़े होकर फोटो कैप्चर नहीं करेगा। यदि ऐसा वे करते हैं तो आसपास के खसरा नंबर के लैटलांग मिस्डमैच होगा। इसलिए सर्वेयर प्रत्येक खसरा नंबर की भूमि के अंदर कम से कम मेड़ से 10 मीटर की दूरी पर जाकर प्रयोग संपादित करेगा। यदि पिक्चर में गेहूं फसल दिख रहा पर सर्वेक्षक ने धान प्रविष्ट किया हो अथवा प्लाट खाली है और फोटो गन्ना का अपलोड किया है, तो वही डेटा को पटवारी रिसेंड करेगा। सर्वेक्षक सुधार कर फिर से पटवारी को भेजेगा। यदि पटवारी पुन: रिजेक्ट करता है तब आरआई के आईडी में आयेगा। पटवारी द्वारा परंपरागत ढंग से की जाने वाली गिरदावरी से यह फिलहाल अलग है। धान खरीदी पटवारी द्वारा की गई गिरदावरी के आधार पर की जाएगी।
डिजिटल क्राप सर्वे उन्हीं ग्रामों में की जायेगी, जहां जियोरिफ्रेंसिंग का सेकेंड लेवल कार्य का संपादन हो गया है। सभी ग्रामों के खसरा नंबरों में नहीं की जाएगी। यह शासन की बहुआयामी योजना है। सकारात्मक ढंग से इस कार्य का संपादन करना है। साफ्टवेयर बहुत ही आसान बनाया गया है। किसी भी वर्जन के एंड्रॉयड मोबाईल में प्रयोग किया जा सकता है, जिसमें ये सपोर्ट करें। इसके लिए जिले में पटवारी,आरआई को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। गौरतलब है की राज्य में डिजीटल क्रॉप सर्वे हेतु बलौदाबाजार तहसील का चयन किया गया है।
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