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चंद्रबाबू नायडू : 28 साल की उम्र में पहली बार बने विधायक, अब चौथी बार बनेंगे आंध्र प्रदेश के सीएम, जानें उनके बारे में

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नई दिल्ली: तेलुगू देश पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू आज चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। नायडू मात्र 28 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने थे। 30 साल की उम्र वे मंत्री बने और 45 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बन गए थे। नायडू का जन्म 20 अप्रैल 1950 को आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के नरविरपल्ले में हुआ था।

1978 में जीता पहल चुनाव

चंद्रबाबू नायडू के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने कांग्रेस के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। उन्होंने 1978 में अपना पहला चुनाव जीता और विधायक बने थे। 1980 से 1982 के बीच उन्होंने आंध्र प्रदेश कैबिनेट में बतौर मंत्री काम करने का अवसर मिला। आंध्र प्रदेश में वे एक मजबूत कांग्रेस नेता को तौर पर उभर रहे थे।

कांग्रेस छोड़ टीडीपी में हुए शामिल

चंद्रबाबू नायडू ने 1981 में तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता एनटी रामाराव की बेटे नारा भुवनेश्वरी से शादी कर ली। इसी बीच एनटी रामराव ने 1982 में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की नींव रखी। एनटी रामाराव का कहना था कि वे आंध्र प्रदेश की राजनीत को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहते हैं। टीडीपी की स्थापना के साथ ही चंद्रबाबू नायडू ने भी पाला बदल लिया और अपने ससुर एनटी रामाराव की पार्टी में शामिल हो गए।

1995 में किया तख्तापलट

1989 और 1994 में वे टीडीपी के टिकट पर विधायक चुने गए। 1994 में उन्हें वित्त मंत्रालय की अहम जिम्मदारी भी मिली। अब तक चंद्रबाबू नायडू खुद को राजनीति में पूरी तरह स्थापित कर चुके थे। 1995 में उन्होंने अपने ससुर का ही तख्तपलट दिया और खुद आंध्र प्रदेश के सीएम बन गए। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि एनटीआर की दूसरी पत्नी लक्ष्मी पार्वती की पार्टी और सरकार में दखलंदाजी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया।

संयुक्त मोर्चा के संयोजक रहे

अगस्त 1995 में टीडीपी का अध्यक्ष बनने के बाद एक सिंतबर 1995 को उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। वे 1995 से 2004 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और राज्य में आर्थिक सुधार वाले सीएम के तौर पर उनकी पहचान बनी। 1996 से 2004 के बीच राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी अहम भूमिका रही। वे संयुक्त मोर्चा के संयोजक भी रहे।

10 साल तक विपक्ष के नेता रहे

1999 में केंद्र में बनी एनडीए की सरकार को चंद्रबाबू नायडू ने बाहर से समर्थन दिया था। चंद्रबाबू नायडू 10 साल तक विपक्ष के नेता भी रहे। 2019 के विधानसभा चुनाव में  टीडीपी 175 में से केवल 23 सीटें ही हासिल कर पाई थी। लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में 161 सीटें जीतकर भारी बहुमत के साथ वे विधानसभा में लौटे हैं।

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देश-विदेश

राहुल गांधी कल हाथरस का दौरा करेंगे, सत्संग में भगदड़ के शिकार पीड़ित परिजनों से मिलेंगे

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लखनऊः लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शुक्रवार को हाथरस का दौरा करेंगे। सत्संग की घटना घटने के बाद से किसी वरिष्ठ विपक्षी नेता का यह पहला हाथरस दौरा होगा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि राहुल गांधी भगदड़ के शिकार परिवार के सदस्यों से मुलाकात करेंगे।

पीड़ित परिजनों से करेंगे मुलाकात

जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी शुक्रवार सुबह सात बजे अलीगढ़ के पिलखना में हाथरस हादसे के शिकार पीड़ित परिजनों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह सुबह 8:15 बजे हाथरस के ग्रीन पार्क, विभव नगर में पीड़ित परिजनों से मुलाकात करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की थी।

कांग्रेस ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने बृहस्पतिवार को हाथरस की भगदड़ की घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। राय ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, “हाथरस की घटना उत्तर प्रदेश सरकार की विफलता है। कल मुख्यमंत्री ने हाथरस का दौरा किया और बाद में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी वहां गए। वे एक साथ नहीं गए, यह अंदरूनी कलह को दर्शाता है। उन्होंने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवार को एक करोड़ रुपये और घायलों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की कांग्रेस की मांग दोहराई।

न्यायिक जांच की मांग

अजय राय ने कहा कि हम यह भी चाहते हैं कि घटना की न्यायिक जांच हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से कराई जाए, न कि सेवानिवृत न्यायाधीश से। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। बता दें कि सत्संग में भगदड़ से 121 लोगों की जान चली गई थी। जबकि कई लोग घायल हो गए थे। कई लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

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खेल

टीम इंडिया को वानखेड़े में किया गया सम्मानित, BCCI ने दिए 125 करोड़ रुपए

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टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ट्रॉफी को अपने नाम करने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम आखिरकार स्वदेश वापस लौट आई। बारबाडोस के मैदान पर फाइनल मुकाबला जीतने के बाद टीम इंडिया वहां पर आए चक्रवाती तूफान की वजह से तुरंत रवाना नहीं हो सकी थी। टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी बारबाडोस से एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट से सीधे दिल्ली पहुंचने के बाद होटल के लिए रवाना हो गए थे, जिसके बाद टीम 11 बजे सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने पीएम आवास पहुंची थी। इसके बाद टीम इंडिया मुंबई पहुंची। जहां विक्ट्री परेड किया गया और अंत में खिलाड़ियों को वानखेड़े स्टेडियम में सम्मानित किया गया।

 

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देश-विदेश

इजराइल-हमास के बीच कब बंद होगी जंग? 9 महीनों में 38000 फिलीस्तीनियों की गई जान..

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इजराइल:-  इजराइल और हमास के बीच लगभग नौ महीने से चल रहे युद्ध में 38,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान गई है, जबकि 87,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. पिछले 24 घंटों में 58 लोगों की मौत हुई है. मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे बताए जा रहे हैं. दूसरी ओर, गाजा में चरणबद्ध युद्ध विराम के लिए अमेरिका समर्थित प्रस्ताव पर हमास की नवीनतम प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए इजराइल कैबिनेट में चर्चा हुई, लेकिन किसी प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई है. युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से राजनयिक प्रयास एक सप्ताह के अंतराल के बाद फिर से शुरू हो गए हैं. इस बीच, इजराइल और लेबनान के हिजबुल्लाह के बीच लड़ाई तेज हो गई है. आतंकवादी समूह ने कहा है कि उसने एक दिन पहले इजराइली हवाई हमले में एक वरिष्ठ कमांडर की हत्या का बदला लेने के लिए उत्तरी इजराइल में 200 से अधिक रॉकेट दागे और ड्रोन उड़ाए. इससे मध्य पूर्व में संभावित रूप से और भी अधिक विनाशकारी युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया है.

हिजबुल्लाह की एंट्री से क्या जंग होगी तेज

हिजबुल्लाह ने कहा है कि अगर हमास और इजराइल के बीच संघर्ष विराम होता है तो वह अपने हमले रोक देगा. संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक योजना के पीछे दुनिया का समर्थन जुटाया है, जिसके तहत स्थायी युद्धविराम और गाजा से इजराइली सेना की वापसी के बदले में आतंकवादी समूह द्वारा अभी भी बंधक बनाए गए सभी लोगों को रिहा किया जाएगा, लेकिन अब तक, ऐसा लगता है कि दोनों पक्षों ने इसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है.

युद्ध विराम के प्रस्ताव पर सहमति नहीं

हमास ने पिछले महीने प्रस्ताव में “संशोधन” का सुझाव दिया था, जिनमें से कुछ को अमेरिका ने अव्यवहारिक बताया था, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दी थी. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पुष्टि की है कि मूल प्रस्ताव इजराइल का था, लेकिन इस बात पर संदेह जताया है कि क्या इससे युद्ध समाप्त हो जाएगा. हमास ने पुष्टि की कि उसने मिस्र और कतर को एक और जवाब भेजा है, जो वार्ता में मध्यस्थता कर रहे हैं, लेकिन विवरण नहीं दिया.

38000 फिलीस्तीनियों की गई जान

एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि बाइडेन प्रशासन प्रतिक्रिया की जांच कर रहा है, इसे रचनात्मक कहते हुए लेकिन कहा कि और काम किए जाने की जरूरत है. एक इजराइली अधिकारी ने कहा कि नेतन्याहू वार्ता के आसपास के नवीनतम घटनाक्रमों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को कैबिनेट की बैठक बुलाएंगे. जैसे-जैसे संघर्ष विराम वार्ता नई गति पकड़ती दिख रही थी, हमास द्वारा संचालित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि युद्ध में मरने वालों की संख्या 38,000 से अधिक हो गई है.

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