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Coronavirus के ‘मेड इन इंडिया’ टीके पर वैज्ञानिकों ने दी बड़ी सलाह

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नई दिल्ली। भारतीय कोविड-19 टीका कार्यक्रम में अचानक रुचि बढ़ी है लेकिन अनेक वैज्ञानिकों ने शनिवार को कहा कि इसे उच्च प्राथमिकता देने और महीनों, यहां तक वर्षों तक चलने वाली प्रक्रिया में जल्दबाजी बरतने के बीच एक संतुलन बनाना अनिवार्य है एवं टीका विकसित होने में कई महीना यहां तक सालों लग सकते हैं। वैज्ञानिकों की यह सलाह आईसीएमआर द्वारा अगले महीने टीके के उत्पादन की शुरुआत करने की घोषणा के एक दिन बाद आई है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शुक्रवार को कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का पहला टीका 15 अगस्त तक बाजार में उतारने की घोषणा की जिसे लेकर उम्मीद के साथ आशंकाए भी हैं। इसी दिन गुजरात की कंपनी ज़ायडस कैडिला ने घोषणा की कि उसे भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से उसके संभावित टीके को इंसानों पर चिकित्सीय परीक्षण की अनुमति मिल गई है।

विषाणु रोग विशेषज्ञ और वेलकम न्यास/ डीबीटी इंडिया अलायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शाहिद जमील ने कहा कि अगर चीजें दोषमुक्त तरीके से की जा जाए तो टीके का परीक्षण खासतौर पर प्रतिरक्षाजनत्व और प्रभाव जांचने के लिए चार हफ्ते में यह संभव नहीं है। उल्लेखनीय है कि जमील का संगठन जैव चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराता है।

एंटीजन जैसे विकसित नये तत्व की इंसान और जानवर के शरीर में प्रतिरोधक प्रणाली को सक्रिय करने की क्षमता को प्रतिरक्षाजनत्व कहा जाता है।

विषाणु वैज्ञानिक उपासना राय ने कहा कि कोरोनो वायरस के खिलाफ टीका लांच की प्रक्रिया को गति देना या जल्द लांच करने का वादा करना प्रशंसा के योग्य है, लेकिन यह सवाल महत्वपूर्ण है कि क्या ‘हम बहुत ज्यादा जल्दबाजी कर रहे हैं’।

सीआईएसआर-आईआईसीबी कोलकाता में वरिष्ठ वैज्ञानिक रे ने पीटीआई से कहा कि हमें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता देना नितांत आवश्यक है। हालांकि अतिरिक्त दबाव जरूरी नहीं कि जनता के लिए सकारात्मक उत्पाद दे।

उल्लेखनीय है कि देश की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान निकाय आसीएमआर ने कहा कि 12 क्लिनिकल परीक्षण स्थलों पर देश में विकसित टीका कोवाक्सिन का परीक्षण होगा। इस संभावित टीके का विकास हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे ने मिलकर किया है।

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने 12 स्थानों के प्रधान अन्वेषकों को लिखे पत्र में कहा कि सभी क्लिनिकल परीक्षणों के पूरा होने के बाद 15 अगस्त तक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए टीका लांच करने का लक्ष्य रखा गया है।

पत्र के लहजे और जल्दबाजी के संकेत से कुछ वैज्ञानिक चिंतित हैं। उन्होंने पत्र में निर्धारित समयसीमा पर सवाल उठाया है और टीके के विकास प्रक्रिया को छोटा नहीं करने की सलाह दी।

विषाणु रोग विशेषज्ञ सत्यजीत रथ ने पीटीआई से कहा कि आईसीएमआर के पत्र का लहजा और सामग्री उत्पाद के विकास की प्रक्रिया और तकनीकी रूप से व्यावहरिकता के आधार पर अनुचित है।

उन्होंने कहा कि टीका का विकास बहुचरणीय प्रक्रिया है। पहले चरण में छोटे स्तर पर परीक्षण होता है जिसमें बहुत कम संख्या में प्रतिभागी होते एवं यह आकलन किया जाता है कि क्या टीका इंसानों के लिए सुरक्षित है या नहीं।

उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में सैकड़ों लोग हिस्सा लेते हैं और इस चरण में संभावित टीके के प्रभाव का आकलन किया जाता है। उन्होंने कहा कि अंतिम चरण में हजारों लोगों को शामिल किया जाता है और देखा जाता है कि निर्धारित समय में क्या टीका प्रभावी है या नहीं और यह कई महीनों तक चलता है।

रे ने कहा कि टीके को विभिन्न चिकित्सकीय चरणों को पूरा करने में कम से कम 12 से 18 महीने का समय लगता है। उन्होंने कहा कि आज से 15 अगस्त में कंपनी के पास टीके के विकास के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के लिए मात्र एक महीने का समय है।

रे ने कहा कि कैसे इतनी छोटी से अवधि निर्धारित की जा सकती है? कहा से यह सबूत मिला कि इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए यह अवधि पर्याप्त है? संभावित टीके की सुरक्षा और प्रभाव का क्या जो किसी भी दवा के विकसित करने का मौलिक चरण है? क्या प्री-क्लिनिकल अध्ययन भी पूरा किया गया? बहुत जल्दबाजी करने से खतरा पैदा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण चरणों को छोड़ना या तो खतरनाक हो सकता है या उत्पाद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। रे ने कहा कि हमें मानकों और गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहिए। हमें सबसे पहले टीका लांच करने की जरूरत नहीं है बल्कि हमें मेड इन इंडिया टीका बनाने की जरूरत है जिसपर पूरी दुनिया भरोसा कर सके।

इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीसीजीआई वीजी सोमानी ने जायडस कैडिला हेल्थ केयर लिमिटेड द्वारा तैयार संभावित टीके को जानवरों पर सफल परीक्षण करने के बाद इंसानों पर पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी गुरुवार को दे दी।

दिल्ली स्थित राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान के रथ ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि स्थानीय स्तर पर विकसित संभावित टीके दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह ही प्रगति कर रहे हैं और यह सार्स-कोव-2 टीके में ही नहीं बल्कि डीएनए आधारित सार्स कोव-2 टीके के क्षेत्र में भी हो रहा है। मैं नतीजों की ओर देख रहा हूं।

अशोक विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र और जीव विज्ञान में प्रोफेसर गौतम आई मेनन ने कहा कि जायडस कैडिला के संभावित टीका जानवरों पर किए गए परीक्षण में सुरक्षित और प्रभावी रहा जिसके आधार पर अगले चरण में इंसानों पर परीक्षण करने की अनुमति दी गई है।

मेनन ने पीटीआई से कहा कि यह मानक प्रक्रिया है, यह मानव परीक्षण है और इसमें समय लगता है एवं परीक्षण की अनुमति मिलना महत्वपूर्ण हैं। एक अन्य घटनाक्रम में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने ट्रिब्यून अखबार को बताया कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीका इस साल के अंत तक बाजार में आ जाएगा।

उन्होंने कहा कि चाडओक्स1 एनकोव-19 को सामान्य विषाणु चाडओक्स1 से बनाया गया है जो समान्य तौर पर चिम्पैंजी में जुकाम के लिए जिम्मेदार एडनोवायरस का कमजोर संस्करण है। इसमें आनुवंशिकी बदलाव किए गए जिससे इनसानों में इसका प्रजनन नामुमिकन हैं।

रथ ने कहा कि मेरा मानना है कि चाडओक्स1 एक संभावित टीका ब्राजील में क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है और इस साल के अंत में भरोसेमंद नतीजे दे सकता है।

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देश-विदेश

सोने की कीमतों में आई गिरावट, चांदी भी टूटी, जानिए आज के लेटेस्ट दाम

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कमजोर वैश्विक रुख के चलते सोने-चांदी की कीमतों में आज गिरावट दर्ज की गई। यूएस फेड के रेट कट फैसले को लेकर अनिश्चितता के चलते कीमतों में यह गिरावट आई। मंगलवार को मुंबई में सोने का भाव गिरावट के साथ 71,692 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखाई दिया। वहीं, चांदी भी गिरावट के साथ 88,015 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी। दिल्ली में सोना 74,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर करीब स्थिर ट्रेड करता दिखा। उधर चांदी 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बनी हुई थी।

सोने चांदी का वायदा भाव

सोने का घरेलू वायदा भाव मंगलवार शाम गिरावट के साथ ट्रेड करता दिखा। एमसीएक्स एक्सचेंज पर 5 अगस्त 2024 की डिलीवरी वाला सोना 0.09 फीसदी या 63 रुपये की गिरावट के साथ 71,591 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखा। वहीं, इस समय 5 सितंबर 2024 की डिलीवरी वाली चांदी 0.64 फीसदी या 570 रुपये की तेजी के साथ 90,320 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखी।

वैश्विक स्तर पर सोना

मंगलवार शाम कॉमेक्स पर सोने की कीमत 0.06 फीसदी या 1.30 डॉलर की मामूली बढ़त के साथ 2340.20 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करती दिखी। वहीं, सोना हाजिर 0.24 फीसदी या 5.63 डॉलर की गिरावट के साथ 2,326.27 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखा।

चांदी का वैश्विक भाव

मंगलवार शाम कॉमेक्स पर चांदी का वैश्विक भाव 1.66 फीसदी या 0.49 डॉलर की बढ़त के साथ 30.11 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखा। वहीं, चांदी हाजिर 0.45 फीसदी या 0.13 डॉलर की बढ़त के साथ 29.58 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करती दिखी।

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देश-विदेश

हाथरस में भगदड़ के बाद ऐसा है मंजर, अस्पतालों के बाहर बिखरी पड़ी लाशें, हर तरफ मची चीख-पुकार

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हाथरसः यूपी के हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फ़ुलरई गांव में भगवान भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई। हादसे में करीब 100 लोगों की आशंका है। हाथरस के डीएम ने 50-60 लोगों के मरने की पुष्टि की है। भगदड़ के बाद हाथरस और एटा के अस्पतालों में लाशें बिखरी हुई देखी जा रही हैं। अस्पतालों के बाहर चीख पुकार मची है। सूत्रों के मुताबिक सत्संग में करीब 40 हज़ार लोग थे।

ऑटो से शव पहुंचाए गए अस्पताल

हाथरस में भगदड़ के बाद जो वीडियो सामने आए हैं वो इतने भयानक हैं जिसे हम दिखा नहीं सकते। इसलिए वीडियो को ब्लर किया गया है। वीडियो में चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई दिख रही है। सत्संग और अस्पतालों में शवों के ढेर देखे जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शवों को ऑटो और अन्य वाहनों से अस्पताल तक पहुंचाया गया।

अस्पतालों के बाहर बिलाप करते दिख रहे लोग

भगदड़ के बाद अस्पतालों के बाहर घायल और मृतकों के परिजन बिलाप कर रहे हैं। एक बुजुर्ग महिला ने रोते हुए कहा कि वह लुट गईं। उनका पूरा परिवार खत्म हो गया। सत्संग में आए हुए लोगों के परिजन अपनों को ढूंढने के लिए अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं। अपनों के शवों को देखकर परिजनों की पीड़ा देखकर आपको भी रोना आ जाएगा। एटा पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रोते बिलखते परिजन कुछ कह सकने की स्थिति में भी नहीं है। उनके दुख और दर्द की सीमा का कोई पारावार नहीं है।

मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे

बता दें कि हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गयी, जिसमें कम से कम 60 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हैं। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ में कम से कम 100 लोगों के मरने की आशंका है जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

सीएम ने 24 घंटे में मांगी जांच रिपोर्ट

आगरा के अपर पुलिस महानिदेशक और अलीगढ़ के आयुक्त के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी ने अगले 24 घंटों में जांच रिपोर्ट मांगी है। युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य हो रहा है।

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देश-विदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने CBI को नोटिस जारी कर किया तलब, CM केजरीवाल ने गिरफ्तारी को दी थी चुनौती

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया और जवाब तलब किया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। बता दें कि सीएम केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि 6 महीने पहले समन किया गया था और 23 जून को गिरफ्तार कर लिया, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल कोई आतंकवादी नहीं हैं और ना ही देश से भागने का रिस्क है। केजरीवाल पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे।

सात दिन में दाखिल करें जवाब

इसके अलावा सीएम केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि 2022 में दर्ज मामले पर 2024 में पूछताछ की गई। दरअसल, सीएम केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। साथ ही अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की रिमांड को भी दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को 7 दिनों मे जवाब दाखिल करने को कहा है। उसके बाद दो दिनों में केजरीवाल की तरफ से सीबीआई के जवाब पर अपना जवाब दाखिल करना होगा। इसके बाद 17 जुलाई को हाईकोर्ट सुनवाई करेगा।

सीबीआई ने तिहाड़ जेल से किया गिरफ्तार

हाई कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल के वकील दो दिन के भीतर यदि कोई प्रत्युत्तर हो तो दाखिल कर सकते हैं। अदालत ने दलीलें सुनने के लिए मामले को 17 जुलाई को सूचीबद्ध किया है। गिरफ्तारी के अलावा, आप के राष्ट्रीय संयोजक ने अधीनस्थ अदालत के 26 जून और 29 जून के आदेशों को भी चुनौती दी है, जिसके तहत उन्हें क्रमश: तीन दिन की सीबीआई हिरासत और 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। केजरीवाल को सीबीआई ने तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह ईडी द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में न्यायिक हिरासत में थे।

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