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गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के कोरिया वन क्षेत्र में मिला बाघ का शव, पीएम के लिये रायपुर की टीम आ रही है, किसने मारा ?जाँच का मामला, होगा खुलासा या होगी लीपापोती?
- एक हाथी की मौत पर राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन डीएफओ डॉक्टर प्रणय मिश्रा व प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी अतुल शुक्ला को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था
- क्या पूर्व की भांति कोरिया डीएफओ, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ हटाये जायेंगे
मनेन्द्रगढ़/एमसीबी : कोरिया वन मंडल व गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के सीमा स्थित रामगढ़ क्षेत्र अंतर्गत देवसील ग्राम पंचायत के मार्ग में खनकोपर नदी के तट में एक मृत बाघ का शव मिला है।
जानकारी के अनुसार जिस जगह पर बाघ का शव मिला है. वह इलाका वन परिक्षेत्र सोनहत के कोरिया वन मंडल अंतर्गत आता हैं। मामले को लेकर अभी शुरुआती जानकारी ही मिली है, स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इलाके में मौजूद बाघ की मौत कैसे हुई यह पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा वही कुछ वर्ष पूर्व एक बाघ को इसी इलाके में ग्रामीणों ने जहर देकर मार दिया था । जिसमें जहर खुरानी की आशंका भी जताई जा रही थी। जबकि जून 2022 में कोरिया जिले के गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रामगढ़ रेंज में सलगवांकला खुर्द में बाघ का शव मिला था। इस घटना के बाद, जिले से लेकर प्रदेश के अफसरों में हड़कंप मच गया था। वही गुरुघासीदास नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ में स्थित है। इसका प्रमुख हिस्सा 1,440 वर्ग किलोमीटर का है।
आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन हैं? कोरिया वन मंडल व राष्ट्रीय उद्यान अंतर्गत देवसील ग्राम पंचायत के बडगांव पुल के समीप वन परिक्षेत्र के बीट में एक बाघ का शव मिला है। बाध की मौत जहर खुरानी से होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन वन विभाग को पीएम रिपोर्ट आने का इतजार है। जिले के राष्ट्रीय उद्यान में दूसरे राज्य के बाघ के मौत के बाद अब जिले में बन रहे गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए है कि जंगलों में अन्य राज्यों के घूम रहे बाध कितने सुरक्षित है।
वहीं वन अमले का स्पेशल डॉग के पहुंचने से इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है। वन विभाग के अधिकारी बाघ की मृत्यु को लेकर सही समय में नहीं पहुंचे थे। लेकिन ग्रामीणों ने मामले को सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया। जिसके बाद दोपहर बाद तक अधिकारीयों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।
किसने मारा ?
जाँच का मामला गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के कोरिया वन क्षेत्र में मिला बाघ का शव पीएम के लिये रायपुर की टीम आ रही है
होगा खुलासा या होगी लीपापोती?
ऑरेंज क्षेत्र में हुई बाघ की मौत, अफसरों की लापरवाही का नतीजा, आज दोपहर तक होगा पोस्टमार्टम
कोरिया जिले में एक और बाघ की मौत अफसरों की लापरवाही से हो गयी है। बाघ के शव का पोस्टमार्टम के बाद ही उसके मौत की सही वजह सामने आ सकेगी, ग्रामीणों की माने तो बाघ की मौत दो तीन दिन पहले ही हो चुकी है, परन्तु वन विभाग के कोरिया वन मंडल और गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अफसरों को इसकी जानकारी तब हुई जब बाघ के शव से दुर्गंघ आने लगी। वही सरगुजा वन वृत के सीसीएफ मौके पर पहुंचे
जानकारी के अनुसार 8 नवंबर शुक्रवार को दिन के 12 बजे के आसपास सोशल मीडिया में बाघ की मौत की तस्वीरें वायरल हुई जिसके बाद कोरिया वन मंडल और गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अफसर अपने अमले के साथ ढाई बजे मौके पर पहुंचें, यहां पहुंचकर उन्होने बाघ के चारों ओर बेरिकेटिंग की और बाघ की मौत को लेकर रणनीति बनाते रहे, दोपहर 12 बजे मिली सूचना के उपरांत सरगुजा वन वृत के सीसीएफ अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की मदद से रात 8 बजे स्थल पर पहुंचें,
इधर बाघ की मौत को लेकर वन विभाग में हडकंप मचा हुआ है। वहीं अधिकारियों ने बताया कि बाघ के नाखून और मूंछें सही सलामत हैै, बाघ पूर्ण व्यस्क नर बाघ है, उसके पहले कोरिया वन मंडल और गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में आवाजाही का रिकार्ड नहीं है। जिससे साफ है कि कही ना कही विभाग बाघ के आने जाने विचरण के कार्य में लापरवाही बरत रहा है।
ऑरेंज एरिया में हुई मौत
आजादी के बाद वन क्षेत्र के सीमांकन से छूटे क्षेत्र को ऑरेंज एरिया कहा जाता है, जहां बाघ की मौत हुई है वह आरेंज एरिया है और यह कोरिया वन मंडल में ही आता है, बैकुंठपुर से 80 किमी दूर स्थित ग्राम कटवार के पास निकलने वाले नाले के पास बाघ का शव पाया गया है। मौत के स्थान से लगभग 1 किमी की दूरी पर गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान शुरू हो जाता है।
पूर्व में हो चुकी है दो बाघ की मौत
वर्ष 2022 में इसी क्षेत्र में गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के सोनहत रेंज में एक बाघिन की मौत हुई थी, स्थान था ग्राम सलगवां कला, जिसके बाद 4 लोगों को भैस के मांस में जहर देकर बाघ को मारे जाने की बात सामने आई थी और चारों पर विभाग ने कार्यवाही की थी, इसके पूर्व 2018 में इसी क्षेत्र के ग्राम सुकतरा में एक बाघ की मौत सामने आई थी, अब इसी क्षेत्र में बाघ के मारे जाने की तीसरी बड़ी घटना सामने आई है।
बाघ की निगरानी में लापरवाही
गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में वर्ष 2019 में जब बाघ की आवाजाही की बात सामने आई तब बाघ के मल के सेम्पल से लेकर उसके पग मार्क को लेकर विभाग एलर्ट मोड पर रहता था, तब से बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ, अब भी पार्क क्षेत्र मे 7 से 8 बाघ विचरण कर रहे है। परन्तु अब ऐसा नहीं हो रहा है। कल जब विभाग के अधिकारी ने मैदानी अमले से बाघ के मूवमेंट को लेकर सवाल किया तो उसने कहा कि परसों की उसके मूवमेंट की जानकारी उसे थी, तब उसने मुनादी करने की बात कही, परन्तु जब उसके मल की जानकारी पर सवाल किया तो उसने चुप्पी साध ली। मतलब साफ है वर्तमान में पूरे सरगुजा वन वृत का हाल बेहाल है। अधिकारियों की सुस्ती और लापरवाही के कारण लगातार बाघों की मौत हो रही है।
कोई नहीं रहता मुख्यालय में
गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान हो या कोरिया वन मंडल इनके ज्यादातर अधिकारी अपने मुख्यालय में नहीं रहते, सिर्फ निर्माण कार्यो में जेसीबी लेकर जंगल में पहुंचा करते है। दूसरी ओर संजय गांधी नेशनल पार्क लगे होने के कारण बाघों की आवाजाही लगातार बढ़ती जा रही है। परन्तु ना तो इससे अधिकारियों को कोई लेना देना है और ना कर्मचारियों को, जिसके कारण बाघों के विचरण की जानकारी किसी को नही रहती है, यही कारण है कि जब बाघ के शव से दुर्गध आने लगी तब विभाग को बाघ के मारे जानकारी मिल सकी।
बाघ मौत अपडेट:
(खोजी कुत्ते) के साथ प्रकरण की जांच हेतु संरक्षण शाखा अरण्य भवन रायपुर प्रमुख सहायक वन संरक्षक संदीप सिंह और तीन चिकित्सीय दल पहुंचा गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान।
आज होगा पोस्टमार्टम
2 वर्ष पूर्व भी एक मृत बाघ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई सूत्र बताते हैं कि वह बाघिन थी व गर्भवती थी
वहीं कुछ वर्ष पूर्व बलरामपुर वन मंडल में केवल एक हाथी की मौत पर राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन डीएफओ डॉक्टर प्रणय मिश्रा व प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी अतुल शुक्ला को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था, अफसरों की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की उन्हें अपने श्रेत्रों की संपूर्ण जानकारी नहीं रहती है,वे सिर्फ कागजों में ही संपूर्ण क्षेत्रों की जानकारी रखते हैं, जमीनी हकीकत से कोसों दूर रहते हैं, जिसका परिणाम आज सबके सामने है अब देखना यह है की राज्य सरकार इन लापरवाह अफसरों पर क्या कार्यवाही करती है, क्या पूर्व की भांति कोरिया डीएफओ, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ हटाये जायेंगे या आगामी किसी और दुर्घटना का इंतजार किया जाएगा
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छत्तीसगढ़ में 5.37 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
- अब तक राज्य के लगभग 1.16 लाख से अधिक किसानों ने बेचा धान
- धान खरीदी के एवज में किसानों को 971.16 करोड़ रूपए का भुगतान
रायपुर, 21 नवम्बर 2024 : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 5.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।अधिकारियों ने बताया कि आज 21 नवम्बर को 26501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 30828 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 25840 टोकन जारी किए गए है।
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स्वास्थ्य विभाग ने थोक में किया डॉक्टरों का तबादला
रायपुर : छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों का बड़े पैमाने पर तबादला किया है। इस कदम के तहत 15 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञ डॉक्टरों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसके साथ ही तीन डॉक्टरों को संचालनालय, स्वास्थ्य सेवाएं में प्रभारी उप संचालक के पद पर नियुक्त किया गया है।
जिला चिकित्सालय गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. नागेश्वर राव, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोखोपारा में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्मृति देवांगन और जिला चिकित्सालय पण्डरी में पदस्थ सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार सिन्हा को को संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें में बतौर प्रभारी उप संचालक नियुक्त किया गया है।
वहीं जांचगीर चांपा में पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ. अनिल जगत को रायगढ़ जिला चिकित्सालय में बतौर चिकित्सा विशेषज्ञ, रायगढ़ में पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. उषा किरण भगत को जांजगीर-चांपा जिला चिकित्सालय में चिकित्सा विशेषज्ञ के तौर पर पदस्थ करने के साथ 15 डॉक्टरों का अलग-अलग अस्पतालों में तबादला किया गया है।
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विधानसभा उपनिर्वाचन-2024 : रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को
रायपुर 21 नवंबर 2024 : रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को सेजबहार स्थित गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि विधानसभा क्षेत्र 51-रायपुर नगर दक्षिण के उपनिर्वाचन की मतगणना तिथि 23 नवंबर दिन शनिवार को नियत है। मतगणना तिथि को मतगणना कार्य गवर्मेंट इंजीनीयरिंग कॉलेज, सेजबहार, रायपुर (ब्लॉक-ई) में सम्पन्न किया जाएगा। निर्वाचन के लिए 2 सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इसके अतिरिक्त मतगणना के लिए 4 अतिरिक्त सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि मतगणना का कार्य मतगणना तिथि के दिन प्रातः 8 बजे से प्रारम्भ होगा, जिसमें प्रातः 8 बजे से पोस्टल बैलेट की गणना होगी। पोस्टल बैलेट की गणना प्रारम्भ होने के पश्चात् प्रातः 8.30 बजे से ईव्हीएम मशीनों के मतों की गणना प्रारम्भ होगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने बताया कि मतगणना हॉल में ईव्हीएम में पड़े मतों की गिनती के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं। यह गणना कुल 19 राउण्ड में पूरी होगी। पोस्टल बैलेट की गणना के लिए 1 अतिरिक्त टेबल की व्यवस्था की गई है। मतगणना हॉल के प्रत्येक टेबल में एक-एक काउटिंग सुपरवाईज़र, काउटिंग असिस्टेंट एवं माइक्रो आब्जर्वर होंगे, जो मतगणना का कार्य संपादित करेंगे। मतगणना हॉल में ही रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा मतगणना की जानकारी को संधारित करने के लिए डाटा कम्पाइलेशन एवं अपलोडिंग सेक्शन बनाया गया है। मतगणना हॉल में अभ्यर्थी या अभ्यर्थियों के मतगणना एजेन्ट्स भी उपस्थित रह सकेंगे, जो मतगणना हॉल में किए गए फेंस से बाहर लगी हुई कुर्सियों में बैठकर मतगणना कार्य का अवलोकन कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मतगणना हॉल में अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा। रिटर्निंग ऑफिसर अपने विवेक के अनुसार किसी भी व्यक्ति को मतगणना परिसर या मतगणना हॉल से बाहर जाने को कह सकते हैं और यह निर्देश बाध्यकारी होगा। मतगणना हॉल में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा दिया गया निर्देश सर्वमान्य होगा। विवाद की स्थिति निर्मित होने पर रिटर्निंग ऑफिसर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। मतगणना हॉल में इलेक्ट्रॉनिक आईटम्स जैसे- मोबाईल, आईपैड, लैपटॉप, स्मार्ट वाच, कैमरा, तम्बाकू, गुटखा आदि ले जाना प्रतिबंधित है।
मतगणना अभिकर्ता मतगणना हॉल में कोरा कागज , मतपत्र लेखा प्रारूप 17सी भाग-1 की प्रति, रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्रदाय किया गया ईव्हीएम/व्हीव्हीपैट की सूची, जो विधानसभा के विभिन्न मतदान केन्द्रों में प्रयोग में लाई गई है तथा पेन/पेंसिल को ले जा सकेंगे। मतगणना हॉल के भीतर मतगणना के परिणाम का योग करने के लिए प्रत्येक टेबल पर एनालॉग कैल्क्यूलेटर की व्यवस्था की गई है. जिसका उपयोग अभ्यर्थी या उनके मतगणना अभिकर्ता कर सकते हैं। मतगणना परिसर में त्रिस्तरीय सुरक्षा रहेगी। प्रत्येक स्तर में सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की गहन जाँच की जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सुरक्षाकर्मियों को अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। मतगणना कार्य की चक्रवार जानकारी भारत निर्वाचन आयोग के इनकोर काउटिंग एप्पलिकेशन में अपलोड किया जाएगा, जिसें आमजनhttps://results.eci.gov.in लिंक के माध्यम से देख सकते हैं।
निर्वाचन परिणाम की घोषणा से 7 दिवस के भीतर अधिकतम मत प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी के बाद क्रम संख्या 2 एवं 3 पर आने वाले अभ्यर्थी द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की अधिकतम 5 प्रतिशत ईव्हीएम (बीयू, सीयू एवं वीवीपेट) की बर्न्ट मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जाँच एवं सत्यापन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है, जिसके लिए प्रति ईव्हीएम सेट 40,000 रूपये (18 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) का शुल्क देय होगा।
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