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दिल्ली चुनाव

*Delhi Election Results : दिल्ली चुनाव में केजरीवाल की जीत के 5 बड़े कारण*

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में नतीजों से साफ हो गया है कि अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे है। चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के एक नहीं कई कारण रहें।

1-केजरीवाल का करिश्माई चेहरा – दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत का सबसे बड़ा कारण चुनावी मैदान में केजरीवाल को चेहरे के मोर्चे पर वॉकओवर मिलना है। पूरे चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के करिश्माई चेहरे को मुद्दा बनाते हुए खूब भुनाया और भाजपा को खुली चुनौती दी। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा को चेहरे के मुद्दे पर खुला चैलेंज दिया और पूरे चुनाव में भाजपा इसका तोड़ नहीं ढूंढ सकी।

2- मुफ्त का चुनावी ट्रंप कार्ड – दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड केजरीवाल सरकार के पिछले 5 सालों में दिल्ली की जनता को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को मुफ्त में उपलब्ध कराना रहा। इसके साथ ही वोटिंग से ठीक पहले आप ने जो अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया उसमें भी दिल्ली की जनता से कई ऐसे लोकलुभावन वादे किए गए है जिसने लोगों को एक बार आम आदमी पार्टी की ओर मोड़ दिया।.

3- केजरीवाल की स्वच्छ छवि – दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की स्वच्छ छवि भी उसकी जीत का बड़ा कारण साबित हुई। आम आदमी पार्टी ने पूरे चुनावी कैंपेन में मुख्यमंत्री केजरीवाल की स्वच्छ छवि को लोगों के बीच खूब भुनाया और अब नतीजे बताते है कि जनता ने उस पर अपनी मोहर लगा दी।

4 – पीएम मोदी पर हमला नहीं करना – दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति में इस बात का ध्यान रखा कि उसका कोई भी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सियासी हमला नहीं कर सके। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर एक भी विवादित बयान नहीं दिया, जिसका फायदा आप को मिला है और भाजपा तमाम कोशिशों के बाद भी चुनाव को मोदी के चेहरे पर नहीं ला सकी।

5- विवादित बयानों और मुद्दों से केजरीवाल का दूर रहना – दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत का बड़ा कारण मुख्यमंत्री केजरीवाल का विवादित मुद्दों से दूर रहना रहा। दिल्ली चुनाव में सबसे चर्चित शाहीन बाग के मुद्दें पर मुख्यमंत्री केजरीवाल लगभग खमोश रहे। चुनाव में जहां भाजपा नेता विवादित बयान देते रहे लेकिन आम आदमी पार्टी की तरफ से एक भी विवादित बयान न आना उसकी चुनावी रणनीति को साफ बताता है।

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दिल्ली चुनाव

ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख रईसी की जीत

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दुबई। ईरान में शुक्रवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सैयद इब्राहिम रईसी नए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। सरकारी मीडिया ने बताया कि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी ने शनिवार को अपनी हार मान ली है।

न्यायपालिका प्रमुख रईसी को सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी का समर्थन प्राप्त था। वे निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह लेंगे। रूढ़िवादी नेता माने जाने वाले रईसी जनमत सर्वेक्षणों में भी आगे थे। सेंट्रल बैंक के पूर्व प्रमुख अब्दोलनासर हेम्मती ने परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही रईसी को बधाई दे दी है।

ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई के कट्टर समर्थक एवं कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहीम रईसी ने शनिवार को बड़े अंतर से जीत हासिल की। ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में देश के इतिहास में इस बार सबसे कम मतदान हुआ। प्रारंभिक परिणाम के अनुसार रईसी ने 1 करोड़ 78 लाख मत हासिल किए। चुनावी दौड़ में एकमात्र उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनासिर हेम्माती बहुत पीछ रहे गए।

बहरहाल, खामेनेई ने रईसी के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी को अयोग्य करार दे दिया था जिसके बाद न्यायपालिका प्रमुख ने यह बड़ी जीत हासिल की। रईसी की उम्मीदवारी के कारण ईरान में मतदाता मतदान के प्रति उदासीन नजर आए और पूर्व कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद सहित कई लोगों ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया।

ईरान के गृह मंत्रालय में चुनाव मुख्यालय के प्रमुख जमाल ओर्फ ने बताया कि प्रारंभिक परिणामों में पूर्व रेवॉल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने 33 लाख मत हासिल किए और हेम्माती को 24 लाख मत मिले। एक अन्य उम्मीदवार आमिरहुसैन गाजीजादा हाशमी को 10 लाख मत मिले। उदारवादी उम्मीदवार एवं ‘सेंट्रल बैंक’ के पूर्व प्रमुख हेम्माती और पूर्व रेवॉल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने रईसी को बधाई दी।

हेम्माती ने शनिवार तड़के इंस्टाग्राम के माध्यम से रईसी को बधाई दी और लिखा, मुझे आशा है कि आपका प्रशासन ईरान के इस्लामी गणराज्य को गर्व करने का कारण प्रदान करेगा, महान राष्ट्र ईरान के कल्याण के साथ जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार करेगा।

रेजाई ने मतदान में हिस्सा लेने के लिए खामेनेई और ईरानी लोगों की ट्वीट करके प्रशंसा की। रेजाई ने लिखा कि मेरे आदरणीय भाई आयतुल्ला डॉ. सैयद इब्राहीम रईसी का निर्णायक चयन देश की समस्याओं को हल करने के लिए एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार की स्थापना का वादा करता है। चुनाव में किसी उम्मीदवार का शुरुआत में ही हार स्वीकार कर लेना ईरान के चुनावों में कोई नई बात नहीं है।

यह इस बात का संकेत देता है कि सावधानी से नियंत्रित किए गए इस मतदान में रईसी ने जीत हासिल की है। कुछ लोगों ने इन चुनावों का बहिष्कार किया है। इस बार मतदान प्रतिशत 2017 के पिछले राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले काफी नीचे लग रहा है। रईसी की जीत की आधिकारिक घोषणा के बाद वे पहले ईरानी राष्ट्रपति होंगे जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है। उन पर यह प्रतिबंध 1988 में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक हत्या के लिए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने वाली ईरानी न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर लगाया गया था।

रईसी की जीत से ईरान सरकार पर कट्टरपंथियों की पकड़ और मजबूत होगी और यह ऐसे समय में होगा, जब पटरी से उतर चुके परमाणु करार को बचाने की कोशिश के तहत ईरान के साथ विश्व शक्तियों की वियेना में वार्ता जारी है। ईरान फिलहाल यूरेनियम का बड़े स्तर पर संवर्धन कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका और इसराइल के साथ उसका तनाव काफी बढ़ा हुआ है। माना जाता है कि इन दोनों देशों ने ईरानी परमाणु केंद्रों पर कई हमले किए और दशकों पहले उसके सैन्य परमाणु कार्यक्रम को बनाने वाले वैज्ञानिक की हत्या करवाई।

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कोरोना वायरस

देश को कोरोना का अपडेट देने वाले लव अग्रवाल खुद Corona संक्रमित

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नई दिल्‍ली। देश को रोजाना कोरोनावायरस (Coronavirus) का अपडेट देने वाले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Agarwal) खुद ही कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। कोरोना से संक्रमित होने की जानकारी लव अग्रवाल ने खुद ट्वीट करके दी।

लव अग्रवाल ने ट्‍वीट किया, ‘डियर ऑल, आप सभी को सूचित करता हूं कि मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं। दिशानिर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन में हूं। मैं अपने सभी दोस्तों एवं सहयोगियों से अनुरोध करता हूं कि वे स्वयं की देखभाल करें। स्वास्थ्य टीम की ओर से कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग किया जाएगा। जल्द मुलाकात होगी।’

उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव अग्रवाल ने गुरुवार को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के साथ बैठक की थी, जिसमें नीति आयोग के सीईओ भी मौजूद थे। पता चला है कि अग्रवाल को बिना लक्षण वाला कोरोना है और वे क्‍वारंटाइन में जाएंगे।

भारत में रिकवरी दर 71 प्रतिशत के पार : देशभर में पिछले 24 घंटे के दौरान 55573 कोरोनावायरस संक्रमित स्वस्थ हुए हैं, जिससे देश की राष्ट्रीय औसत कोरोना रिकवरी दर बढ़कर 71 प्रतिशत के पार हो गई है। इस तरह अब तक पूरे देश में 17,51,555 कोरोना संक्रमित रोगमुक्त हो चुके हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 13 अगस्त को कुल 55,573 कोरोना संक्रमित ठीक हुए, जिससे रिकवरी दर बढ़कर 71.17 प्रतिशत हो गई है। इस तरह अब तक पूरे देश में 17,51,555 कोरोना संक्रमित रोगमुक्त हो चुके हैं।

 

पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 64,553 नए मामले सामने आने से अब तक संक्रमण के शिकार हुए व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 24,61,190 हो गई है हालांकि 13 अगस्त को 55,573 संक्रमितों के रोगमुक्त होने और 1,007 मरीजों की मौत से संक्रमण के सक्रिय मामलों में 7,973 की ही बढ़ोतरी हुई है। देशभर में इस समय संक्रमण के 6,61,595 सक्रिय मामले हैं, जिनका उपचार होम आइसोलेशन और अस्पतालों में हो रहा है।

मृत्यु दर घटकर 1.95 प्रतिशत रह गई : देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 1,007 कोरोना संक्रमितों की मौत होने के बीच कोरोना मृत्यु दर घटकर दो प्रतिशत से कम 1.95 प्रतिशत रह गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 13 अगस्त को देशभर में 1,007 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई, जिससे अब तक इस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 48 हजार के पार 48,040 हो गई है।

पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक 413 कोरोना संक्रमितों ने महाराष्ट्र में दम तोड़ा। इसके अलावा तमिलनाडु में 119, कर्नाटक में 103,आंध्र प्रदेश में 82, पश्चिम बंगाल में 56, उत्तर प्रदेश में 50, पंजाब में 31, गुजरात में 18, मध्य प्रदेश में 17, दिल्ली में 14,झारखंड में 12, जम्मू कश्मीर में 11, बिहार में 10 कोरोना संक्रमित जिंदगी की जंग हार गए।

पिछले 24 घंटे के दौरान अंडमान निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, मणिपुर, ओडिशा, पुड्डुचेरी, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तराखंड में 10 से कम संख्या में कोरोना संक्रमितों की मौत हुई।

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दिल्ली चुनाव

छुट्टियों में शादी कराने की तैयारी कर रहा था परिवार, LAC पर शहीद हुए राजेश ओरंग

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सुरी। लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सेना से लोहा लेते हुए शहीद हुए राजेश ओरंग तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे और 2015 में सेना में शामिल हुए थे। राजेश का परिवार अगली छुट्टियों में उनकी शादी कराने की तैयारी कर रहा था इस बीच उनकी शहादत की खबर आ गई।

उनके शोक संतप्त पिता सुभाष ने बुधवार सुबह कहा, ‘मेरे बेटे ने देश की सेवा की और उसके लिए अपनी जान दे दी।’ राजेश की मां ममता अभी कुछ बोलने की हालत में नहीं है। मां-बाप आस लगाए हुए थे कि अगली छुट्टियों में जब बेटा घर आएगा तो उसकी शादी कराएंगे।

सुभाष ने बताया कि राजेश की दो छोटी बहनें हैं। वह 2015 में सेना में भर्ती हुआ था और बिहार रेजीमेंट से था।

सेना के अधिकारियों ने मंगलवार शाम को राजेश की मौत के बारे में सूचना दी।

राजेश की छोटी बहन शकुंतला ने कहा, ‘बचपन से ही मेरा भाई देश की सेवा करना चाहता था और वह सेना में शामिल होकर खुश था। वह कुछ महीनों पहले छुट्टी पर घर आया था और उसकी शादी की बातचीत चल रही थी।’

बीरभूम जिले के तहत आने वाले मोहम्मदबाजार पुलिस थाने के बेलगोरिया गांव में साधारण से किसान सुभाष ने गरीबी के बीच अपने बच्चों की परवरिश की।

राजेश उन 20 भारतीय सैन्यकर्मियों में से एक थे जो सोमवार रात को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान शहीद हो गए। यह 5 दशकों में चीन के साथ सबसे बड़ी सैन्य झड़प है जिससे क्षेत्र में पहले ही चल रहा सैन्य गतिरोध और बढ़ गया।

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