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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, ईडी ने IAS अनिल टुटेजा को बताया मास्टरमाइंड

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नई दिल्ली (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि आईएएस अनिल टुटेजा 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा सिंडिकेट के मास्टरमाइंड थे। ईडी ने इससे पहले दिन में 2 आरोपियों नितेश पुरोहित और पवन ढिल्लो उर्फ पवन बंसल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने एक विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि गिरफ्तार आरोपी नितेश पुरोहित ने कथित किंगपिन अनवर ढेबर के निर्देश पर आईएएस अनिल टुटेजा और पप्पू बंसल को 163 करोड़ रुपये दिए।

ईडी ने आरोप लगाया कि नकदी के रूप में अवैध धन का कलेक्शन जबरन वसूली नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि सिंडीकेट का मुखिया होने के नाते अनिल अपना हिस्सा रखने के बाद, चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक एक्जीक्यूटिव को फाइनल वसूल किए गए अवैध धन को दे रहे थे। जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ। ईडी के एक सूत्र के अनुसार, जांच से पता चला कि रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर सिंडिकेट के मुख्य कलेक्शन एजेंट और फ्रंट मैन थे और टुटेजा के आदेश के अनुसार सिंडिकेट चलाते थे।

ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के महत्वपूर्ण विभागों और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के उच्च-स्तरीय प्रबंधन के माध्यम से अवैध रिश्वत एकत्र करके बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहा था। यह कि यह सिंडिकेट राज्य सरकार के उच्च-स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राज्य सरकार के राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से बना था और चलाया जा रहा था। जांच एजेंसी ने आईएएस अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के आधार पर मामले में पीएमएलए जांच शुरू की गई।

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ACB ने कोयला और शराब घोटाले के आरोपियों से रायपुर जेल में की पूछताछ

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रायपुर  :  रायपुर सेंट्रल जेल में लंबे समय से बंद महादेव सट्टा, कोयला घोटाला और शराब घोटाले के आरोपियों से ACB की पूछताछ जारी है। इसके लिए रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने अनुमति दी है। टीम शुक्रवार सुबह से ही जेल में पूछताछ कर रही है। कोर्ट की ओर से 29 मार्च से 2 अप्रैल के बीच पूछताछ की अनुमति दी गई है। ED की स्पेशल कोर्ट में ACB की ओर से तीन आवेदन पेश किए गए थे। आवेदन में कहा गया था कि स्कैम मामले में आगे की जांच के लिए जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ करना जरूरी है। कोर्ट ने आवेदन को स्वीकार करते हुए जेल में ही पूछताछ की अनुमति प्रदान की है। केंद्रीय जेल में बंद शराब घोटाले मामले में अरविंद सिंह, महादेव सट्टेबाजी में असीम दास, भीम यादव व सतीश चंद्राकर और कोयला घोटाला मामले में समीर बिश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, शिवशंकर नाग और नायर से पूछताछ की जाएगी।

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दो दमदार महिला प्रत्याशी कोरबा लोकसभा क्षेत्र से

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सुरेश मिनोचा,मनेन्द्रगढ/एमसीबी  :  लोकसभा चुनाव अब शबाब पर है। छत्तीसगढ़ के सभी 11लोकसभा सीटों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। दोनों पार्टियों के हाईकमान भी इन भाजपा, कांग्रेस के प्रत्याशियों के साथ है। दिल्ली से राष्ट्रीय नेता सभी लोकसभा क्षेत्र में जाने के लिए अपना रोस्टर बना चुके हैं। कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा की दुर्ग जिले से महापौर, विधायक और सांसद रह चुकी सरोज पांडे मैदान में हैं तो वहीं उनकी प्रतिद्वंदी कांग्रेस की नेत्री विनम्र ज्योत्सना महंत उनके सामने है।वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में तो चरण दास महंत सक्ती विधानसभा से विधायक चुने गए थे और उन्हें विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया था।उसके बाद वर्ष 2019 में डॉ महंत की जगह उनकी धर्मपत्नी को टिकट दी गई थी। ज्योत्सना पहली बार ही चुनाव लड़ी और सांसद भी बन गई। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी ज्योति नंद दुबे को हराया था।

ज्योत्सना महंत में खास बात यह है कि उनकी राजनीतिक और सामाजिक प्रतिष्ठा अच्छी है।सादगी एवं संगठन में अच्छी पैठ है।वहीं भाजपा से सरोज पांडे भाजपा की स्वच्छ एवं तेजतर्रार नेत्री हैं ।राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि चूंकि सरोज पांडे दुर्ग से जाकर कोरबा से चुनाव लड़ रही हैं इसीलिए वहां के लोग इन्हें बाहरी प्रत्याशी मान रहे हैं। जबकि ज्योत्सना महंत को स्थानीय बताया जा रहा है। सरोज पांडे 2000 में पहली बार और ,2005 में दूसरी बार दुर्ग की महापौर बनी। ज्योत्सना महंत ने वर्ष 2019 में मोदी लहर के बावजूद कोरबा से जीत दर्ज कराई इससे संगठन में इनका राजनीतिक कद और बढ़ गया। सरोज पांडे 2008 में पहली बार वैशाली नगर से विधायक बनी।2009 के दुर्ग संसदीय सीट से सांसद बनी।2013 में वे भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनी। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ताम्र ध्वज साहू से हारी। इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव भी रही। सरोज पांडे राष्ट्रीय महासचिव के साथ 2018 में पहली बार निर्वाचित राज्यसभा सदस्य भी बनी। देखना यह दिलचस्प होगा कौन कितने अंतर से जीत हासिल कर,कोरबा लोकसभा सीट से सांसद बनकर इस क्षेत्र का लोकसभा के सभी क्षेत्रों का विकास कर सकता है।

(राजनांदगांव लोक सभा)

“असली विजेता कौन भूपेश बघेल या संतोष पांडेय”

अन्य कुछ और प्रमुख प्रत्याशियों की चर्चा करें तो राजनांदगांव लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मैदान में है, महादेव अप सट्टा एवं कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहे पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल को हाई कमान का निर्देश मिला या स्वेच्छा से वे लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं यह तो उनका दिल ही जानता है। लेकिन एक बात तो तय है मतदान में निष्पक्षता के लिए जाने,जाने वाली ईवीएम मशीन पर उंगली उठाते हुए बैलट पेपर से चुनाव कराने की उनकी बेतुकी दलील कहीं उनके भीतर के डर के रूप में तो सामने नहीं आ रही है ? राजनांदगांव से उनके प्रत्याशी होने से यह सीट हाई प्रोफाइल हो गई है ।भाजपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न भी बनता जा रहा है,यहां से उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में संतोष पांडे सामने है क्योंकि संतोष पांडे ब्राह्मण वर्ग से हैं इसलिए कांग्रेस राजनांदगांव में जाति समीकरण तेज करने में लगी हुई है।बघेल जी को पिछड़ा वर्ग का जबरदस्त फायदा मिल सकता है क्योंकि भूपेश बघेल पिछड़ा वर्ग का एक सशक्त एवं दमदार चेहरा है।भाजपा के संतोष पांडे के सामने निश्चित रूप से कड़ी चुनौती भी है। भूपेश बघेल 1993 में पहली बार पाटन से विधायक चुने गए थे। 1998 में दिग्विजय मंत्रीमंडल में राज्य मंत्री भी रहे। वर्ष 2008 में पाटन से वे विधानसभा चुनाव हार गए थे। 2009 में रायपुर से लोकसभा चुनाव भी हारे। वे 2013 से 2019 तक छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे। यह बात तो तय है 2018 से 2023 तक राज्य के सक्रिय मुख्यमंत्री रहने के कारण भूपेश बघेल का सभी जाति वर्ग एवं संगठन में मजबूत पकड़ है। प्रदेश के कुर्मी समुदाय के मान्य नेता भी हैं। पर इधर महादेव सट्टा एप, पीएससी भर्ती घोटाला आदि मामले के कारण उनकी साख पर आंच जरूर आई है। अब देखना यह होगा कि-” राजनांदगांव “लोकसभा सीट से परिणाम किसके पक्ष में आता है क्योंकि उनके भाजपा के प्रतिद्वंदी संतोष पांडे भी पिछला चुनाव रिकॉर्ड एक लाख से अधिक मतों से जीते थे। आगे देखें ऊंट किस करवट बैठता है।

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लोकसभा निर्वाचन 2024 : मतदान दलों के अधिकारी-कर्मचारियों को मतदान संबंधी मिला प्रशिक्षण

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अपर कलेक्टर पात्रे ने लिया प्रशिक्षण का जायजा

एस एच अज़हर अमन पथ दंतेवाड़ा  : लोकसभा निर्वाचन 2024 के तहत मतदान दलों को मतदान संबंधी प्रक्रिया संपादन के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी मीडियम स्कूल दंतेवाड़ा में मतदान दलों के अधिकारी-कर्मचारियों को गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस दौरान मास्टर्स ट्रेनर्स द्वारा ईवीएम मशीन के उपयोग तथा सीलिंग प्रक्रिया सहित विभिन्न प्रपत्रों के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया। वहीं ईवीएम से माकपोल एवं मतदान समाप्ति के पश्चात सीलिंग इत्यदि कार्यों के बारे में मास्टर्स ट्रेनर्स के द्वारा पाॅवर पाॅइन्ट प्रस्तुति के जरिये जानकारी दी गई।

इस दौरान अपर कलेक्टर राजेश पात्रे ने अधिकारी-कर्मचारियों के प्रशिक्षण का निरीक्षण कर मतदान संबंधी सभी प्रक्रियाओं के बारे में बारीकी से प्रशिक्षण लेने की समझाईश दी। इसके साथ ही अपनी समस्याओं का समाधान करने कहा। इस दिशा में उन्होंने मास्टर्स ट्रेनर्स को हरेक प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी देने के निर्देश दिए। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर कमल किशोर,डीईओ एस.के. अम्बस्ट सहित निर्वाचन दायित्वों से जुडे़ अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे

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