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आदिवासियों का विकास छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता

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छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय सरकार ने आदिवासी समुदाय की विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुददों को वरीयता दी है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में समग्र विकास का स्वप्न साकार हो रहा है। प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में जिस तरह स्वास्थ्य, सड़क, संचार और सुरक्षा नेटवर्क को मजबूती दी जा रही है, उसका सर्वाधिक लाभ आदिवासी वर्ग को मिल रहा है। इससे जहां आदिवासी समाज के जीवन स्तर में गुणवत्ता का संचार हो रहा है, वहीं सुशासन की इस बयार से प्रदेश में वामपंथी उग्रवाद की समस्या को परास्त करने में भी मदद मिल रही है। इन इलाको में केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पी.एम.जनमन योजना और राज्य सरकार की नियद नेल्ला नार योजना गेम चेंजर साबित हो रही है।

छत्तीसगढ़ की लगभग 3 करोड़ आबादी में एक तिहाई जनसंख्या आदिवासी समुदाय की है। इन समुदायों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए साय सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा पर विशेष फोकस किया गया है। इसके अलावा केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को उन तक पहुंचाने के लिए नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। आदिवासी समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं से नया वातावरण बन रहा है। साय सरकार ने पिछले 10 माह में इन सभी मुददों पर काम किया है। मुददा चाहे आदिवासी समुदाय के आवास, पेयजल, विद्युत या सड़क सहित सभी बुनियादी जरूरतों पर तेजी से काम किया जा रहा है।

राज्य शासन की नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना जनकल्याण का अभिनव उपक्रम साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित नए कैम्पों के आसपास के 5 किमी के दायरे में आने वाले 96 गांवों का चयन कर शासन के 17 विभागों की 53 योजनाओं और 28 सामुदायिक सुविधाओं के तहत आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज रहित ऋण मिलेगा। शेष जिलों के विद्यार्थियों को 1 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा। ब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा 4 लाख रूपए रखी गई है।

आदिवासी क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद को रोकने के लिए सुरक्षा और विकास को मूल मंत्र बनाया है, इसके सार्थक परिणाम दिख रहे हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं भी दी जा रही है। बीते 10 महीनों के दौरान मुठभेड़ों में 195 माओवादियों को ढेर किया गया। 34 फारवर्ड सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई। निकट भविष्य में दक्षिण बस्तर एवं माड़ में रि-डिप्लायमेंट द्वारा 30 नए कैम्पों की स्थापना प्रस्तावित है।

राज्य में गरीब परिवारों को शहीद वीर नारायण सिंह विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 20 लाख रूपए की राशि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य से समृद्धि की राह पर आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी क्षेत्रों के अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 68 लाख गरीब परिवारों को 05 साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय लिया है, इसके लिए बजट में 3400 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसका लाभ आदिवासी समुदाय को भी मिल रहा है।

केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किए गए पीएम जनमन योजना के तहत आदिवासी बसाहटों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तेजी काम हो रहा हैं। राज्य में विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति समूह के परिवारों के विकास हेतु 20 करोड़ का प्रावधान है। इन क्षेत्रों में 57 मोबाईल मेडिकल यूनिट के संचालन हेतु अनुपूरक में 2 करोड़ 72 लाख का प्रावधान है। पीव्हीटीजी के विद्युतीकरण हेतु 3 करोड़ 76 लाख का अतिरिक्त प्रावधान है।

छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय की बसाहट ज्यादातर वनांचल क्षेत्रों में है। इन क्षेत्रों में सड़क, नेटवर्क बढ़ाया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा भी भारत माला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर से विशाखापट्नम तक ईकोनॉमी कारिडोर बनाया जा रहा है। इसका सीधा फायदा भी आदिवासी इलाकों को मिलेगा। केन्द्र सरकार द्वारा नगर नार में देश का सबसे बड़ा इस्पात संयंत्र भी शुरू किया गया है, इससे बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिली है।

राज्य के आदिवासी क्षेत्रों और अयोध्या धाम तक सीधी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने रायगढ़-धरमजयगढ़-मैनपाट-अंबिकापुर-उत्तरप्रदेश सीमा तक कुल 282 किमी तक के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की है। यह मार्ग प्रदेश के चार जिलों से होकर गुजरता है एवं धार्मिक नगरी अयोध्या से छत्तीसगढ़ राज्य को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। इस मार्ग के लिए भारत सरकार से हरी झण्डी मिल गई है।

केन्द्र सरकार द्वारा आदिवासी समाज को प्राथमिकता जनजातीय परिवारों के सामाजिक आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया जा रहा है। इस योजना से देशभर के इसमें 63,000 गावों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे। छत्तीसगढ़ की जनसंख्या में लगभग 30 प्रतिशत अनुपात आदिवासी समाज को सीधा लाभ मिलेगा। इसी प्रकार कृषि बजट में वृद्धि खेती-किसानी से जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है। किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्म जारी की गई है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 10,000 जैव आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएगा, इसका लाभ भी राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों को मिलेगा।

आदिवासी बहुल इलाकों में तेन्दू के वृक्षों की बहुतायत है। तेन्दूपत्ता संग्रहण से बड़ी संख्या में समुदाय के लोगों को रोजगार मिलता है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहरण की दर 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपए कर दिया है। तेंदूपत्ता संग्रहण कार्यों से लगभग 12 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं। जल्द ही सरकार तेन्दूपत्ता संग्रहकों के लिए चरण पदुका वितरण योजना भी शुरू करने जा रही है।

राज्य सरकार द्वारा 36 कॉलेजों के भवन-छात्रावास निर्माण के लिए 131 करोड़ 52 लाख रूपए मंजूर किए गए है। इससे प्रदेश के 36 कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ होंगे तथा शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस स्वीकृति में आधिकांश आदिवासी बहुल क्षेत्रों के कॉलेजों को शामिल किया गया है। नई दिल्ली के ट्रायबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर अब 185 कर दी गई है।

नई दिल्ली में रहकर संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की तैयारी करने के इच्छुक अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अब इस हॉस्टल में तीन गुने से भी अधिक सीटें उपलब्ध होंगी। आईआईटी की तर्ज पर राज्य के जशपुर, बस्तर, कबीरधाम, रायपुर और रायगढ़ में प्रौद्योगिकी संस्थानों का निर्माण किया जाएगा। राज्य में छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन की स्थापना भी की जा रही है।

स्थानीय बोलियों में प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। यह नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आदिवासी समुदायों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। 18 स्थानीय भाषा-बोलियों में स्कूली बच्चों की पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, हल्बी, सादरी, गोंड़ी और कुडुख में कोर्स तैयार किया जा रहा है।

प्रदेश के 263 स्कूलों में पीएमश्री योजना शुरू की गई है, जिसके तहत इन स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना के तहत स्कूलों में स्थानीय भाषाओं के साथ-साथ रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे आधुनिक विषयों को भी पढ़ाया जाएगा। पीएमश्री स्कूल आदिवासी बहुल इलाकों में भी स्कूलों को अपग्रेड किया रहा है, इससे इन क्षेत्रों के बच्चों को भी आधुनिक, ज्ञानपरक और कौशल युक्त शिक्षा मिल रही है।

आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए बेेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा माओवादी प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के लिए 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में मेधावी विद्यार्थियों को अखिल भारतीय मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जा रही हैं। यकीनन, छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज से आने वाले मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास के नए आयाम गढ़ रहा है।

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छत्तीसगढ़ में 5.37 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

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  • अब तक राज्य के लगभग 1.16 लाख से अधिक किसानों ने बेचा धान
  • धान खरीदी के एवज में किसानों को 971.16 करोड़ रूपए का भुगतान

रायपुर, 21 नवम्बर 2024  : मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 5.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। धान  खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।  धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।अधिकारियों ने बताया कि आज 21 नवम्बर को 26501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 30828 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 25840 टोकन जारी किए गए है।

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स्वास्थ्य विभाग ने थोक में किया डॉक्टरों का तबादला

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों का बड़े पैमाने पर तबादला किया है। इस कदम के तहत 15 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञ डॉक्टरों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसके साथ ही तीन डॉक्टरों को संचालनालय, स्वास्थ्य सेवाएं में प्रभारी उप संचालक के पद पर नियुक्त किया गया है।

जिला चिकित्सालय गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. नागेश्वर राव, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोखोपारा में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्मृति देवांगन और जिला चिकित्सालय पण्डरी में पदस्थ सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार सिन्हा को को संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें में बतौर प्रभारी उप संचालक नियुक्त किया गया है।

वहीं जांचगीर चांपा में पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक मेडिसीन विशेषज्ञ डॉ. अनिल जगत को रायगढ़ जिला चिकित्सालय में बतौर चिकित्सा विशेषज्ञ, रायगढ़ में पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. उषा किरण भगत को जांजगीर-चांपा जिला चिकित्सालय में चिकित्सा विशेषज्ञ के तौर पर पदस्थ करने के साथ 15 डॉक्टरों का अलग-अलग अस्पतालों में तबादला किया गया है।

 

 

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विधानसभा उपनिर्वाचन-2024 : रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को

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रायपुर 21 नवंबर 2024  : रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को सेजबहार स्थित गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि विधानसभा क्षेत्र 51-रायपुर नगर दक्षिण के उपनिर्वाचन की मतगणना तिथि 23 नवंबर दिन शनिवार को नियत है। मतगणना तिथि को मतगणना कार्य गवर्मेंट इंजीनीयरिंग कॉलेज, सेजबहार, रायपुर (ब्लॉक-ई) में सम्पन्न किया जाएगा। निर्वाचन के लिए 2 सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इसके अतिरिक्त मतगणना के लिए 4 अतिरिक्त सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि मतगणना का कार्य मतगणना तिथि के दिन प्रातः 8 बजे से प्रारम्भ होगा,  जिसमें प्रातः 8 बजे से पोस्टल बैलेट की गणना होगी। पोस्टल बैलेट की गणना प्रारम्भ होने के पश्चात् प्रातः 8.30 बजे से ईव्हीएम मशीनों के मतों की गणना प्रारम्भ होगी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने बताया कि मतगणना हॉल में ईव्हीएम में पड़े मतों की गिनती के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं। यह गणना कुल 19 राउण्ड में पूरी होगी। पोस्टल बैलेट की गणना के लिए 1 अतिरिक्त टेबल की व्यवस्था की गई है। मतगणना हॉल के प्रत्येक टेबल में एक-एक काउटिंग सुपरवाईज़र, काउटिंग असिस्टेंट एवं माइक्रो आब्जर्वर होंगे, जो मतगणना का कार्य संपादित करेंगे। मतगणना हॉल में ही रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा मतगणना की जानकारी को संधारित करने के लिए डाटा कम्पाइलेशन एवं अपलोडिंग सेक्शन बनाया गया है। मतगणना हॉल में अभ्यर्थी या अभ्यर्थियों के मतगणना एजेन्ट्स भी उपस्थित रह सकेंगे, जो मतगणना हॉल में किए गए फेंस से बाहर लगी हुई कुर्सियों में बैठकर मतगणना कार्य का अवलोकन कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि मतगणना हॉल में अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा। रिटर्निंग ऑफिसर अपने विवेक के अनुसार किसी भी व्यक्ति को मतगणना परिसर या मतगणना हॉल से बाहर जाने को कह सकते हैं और यह निर्देश बाध्यकारी होगा। मतगणना हॉल में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा दिया गया निर्देश सर्वमान्य होगा। विवाद की स्थिति निर्मित होने पर रिटर्निंग ऑफिसर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। मतगणना हॉल में इलेक्ट्रॉनिक आईटम्स जैसे- मोबाईल, आईपैड, लैपटॉप, स्मार्ट वाच, कैमरा, तम्बाकू, गुटखा आदि ले जाना प्रतिबंधित है।

मतगणना अभिकर्ता मतगणना हॉल में कोरा कागज , मतपत्र लेखा प्रारूप 17सी भाग-1 की प्रति, रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्रदाय किया गया ईव्हीएम/व्हीव्हीपैट की सूची, जो विधानसभा के विभिन्न मतदान केन्द्रों में प्रयोग में लाई गई है तथा पेन/पेंसिल को ले जा सकेंगे। मतगणना हॉल के भीतर मतगणना के परिणाम का योग करने के लिए प्रत्येक टेबल पर एनालॉग कैल्क्यूलेटर की व्यवस्था की गई है. जिसका उपयोग अभ्यर्थी या उनके मतगणना अभिकर्ता कर सकते हैं। मतगणना परिसर में त्रिस्तरीय सुरक्षा रहेगी। प्रत्येक स्तर में सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की गहन जाँच की जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सुरक्षाकर्मियों को अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। मतगणना कार्य की चक्रवार जानकारी भारत निर्वाचन आयोग के इनकोर काउटिंग एप्पलिकेशन में अपलोड किया जाएगा, जिसें आमजनhttps://results.eci.gov.in  लिंक के माध्यम से देख सकते हैं।

निर्वाचन परिणाम की घोषणा से 7 दिवस के भीतर अधिकतम मत प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी के बाद क्रम संख्या 2 एवं 3 पर आने वाले अभ्यर्थी द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की अधिकतम 5 प्रतिशत ईव्हीएम (बीयू, सीयू एवं वीवीपेट) की बर्न्ट मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जाँच एवं सत्यापन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है, जिसके लिए प्रति ईव्हीएम सेट 40,000 रूपये (18 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) का शुल्क देय होगा।

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