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देश-विदेश

विधानसभा चुनाव के लिए रेवड़ियां वितरण शुरू, कमलनाथ ने बिजली बिल को लेकर किया बड़ा ऐलान

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भोपाल: इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होना तय है। इस टक्कर के लिए दोनों पार्टियां कमर कास चुकी हैं। दोनों दल अपने-अपने किले की नाकाबंदी करने में जुटे हैं। जहां बीजेपी सरकारी योजनाओं के जरिए मतदाताओं को रिझाने में जुटी है तो कांग्रेस वादे करकर अपने पक्ष में माहौल बना रही है। दोनों पार्टियां जमकर वादे और ऐलान कर रहे हैं। इन्हीं सबके बीच कांग्रेस पार्टी ने एक मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री धार जिले के बदनावर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जमकर घेरा। उन्होंने लाडली बहना योजना सहित योजनाओं पर कहा कि शिवराज जी को 5 महीने पहले बहने याद आ रही है। कमलनाथ ने कहा कि निवेश तो तब आएगा जब विश्वास होगा। अब प्रदेश की पहचान भ्रष्टाचार है। प्रदेश की पहचान अब अत्याचार है तो प्रदेश में निवेश कहां से आएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने युवाओं और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।

कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह केवल घोषणा करते रहते हैं। वह अब मुख्यमंत्री नहीं केवल और केवल झूठ, भाषण और घोषणा की मशीन रह गए हैं। अब इन्हें हमारा भटकता हुआ नौजवान, हमारा दुखी किसान नहीं दिखता। अब इन्हें हमारी माता और बहनों की आवाज जिन्होंने इतने प्यार से अपने बच्चों को पाला पोसा है वह सुन नहीं सकते। अब शिवराज सिंह की आंखें और कान नहीं चलते केवल और केवल मुंह चलता है और मुंह चलाने और प्रदेश चलाने में बहुत अंतर है। इन्होंने प्रदेश का क्या हाल बना दिया है, यह सब हमारे सामने है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैं इस मंच से कह रहा हूं हमारी सरकार बनने पर 100 यूनिट तक की बिजली का बिल माफ किया जाएगा और 200 यूनिट तक की बिजली का बिल हाफ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर प्रदेश के बच्चों, युवाओं, महिलाओं, किसानों और बुजुर्गो के हित और विकास के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रदेश की जनता को जनता को गुमराह कर रही है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

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देश-विदेश

मणिपुर में बोले अमित शाह, ’15 दिन में हो जाएगा हिंसा का राजनीतिक समाधान’

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इंफाल: मणिपुर दौरे के अपने अंतिम दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस शांतिप्रिय राज्य में हिंसा होना बेहद हु दुखद है। उन्होंने कहा कि हम कुछ दिनों में राज्य में शांति ले आएंगे। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में इस हालात का राजनीतिक समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विगत 9 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाजी भरे फैसले के कारण यहां पर जातीय हिंसा और दो ग्रुप के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई थी। लेकिन हमारी सरकार इसका समाधान निकाल लेगी।

मणिपुर हो गया था हिंसा मुक्त- अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था। मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की। पिछले 1 महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं। जिन नागरिकों की हमल की हिंसा में मृत्यु हुई है उनके परिजनों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी, मेरी तरफ से और भारत सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं।

मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद

अमित शाह ने कहा कि इस हिंसा में जिन भी लोगों की जान गई है उनके परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसमें से 5 लाख रुपए मणिपुर सरकार और 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता केंद्र सरकार की तरफ से दी जाएगी। यह राशि DBT के माध्यम से पीड़ितों को हस्तांतरित की जाएगी। इसके साथ ही घायलों की भी मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मणिपुर में किसी जरुरी वस्तु की कमी और दिक्कत ना हो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है।

गृह मंत्री ने कहा कि यहां के नागरिकों को हर तरह की मदद केंद्र और राज्य की सरकार मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां हिंसा को अंजाम देने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जिस किसी के पास हथियार हों, वे पुलिस के सामने सरेंडर कर दें। कल से पुलिस कॉम्बिंग करेगी, अगर इस दौरान किसी के पास हथियार बरामद होते हिं तो उसके सतह सख्ती से पेश आया जाएगा। उन्होंने कहा नागरिक किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान ना दें और अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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देश-विदेश

बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही दिल्ली पुलिस? सूत्रों ने बताई सारी बात

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महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के विवाद के बीच लोगों के मन में यह सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर दिल्ली पुलिस भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? सूत्रों की मानें तो अभी तक दिल्ली पुलिस के पास इतने सबूत ही नहीं हैं कि वह बृजभूषण की तरफ गिरफ्तारी का हाथ बढ़ा सके। बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस के पास अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है, जिस कारण कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है।

दिल्ली पुलिस के सूत्र ने बताया कि पुलिस हर आरोपों कि गहनता से जांच कर रही है, चाहे कजाकिस्तान या रांची.. या जहां भी छेड़खानी के आरोप लगाए है, वहां जांच जारी है। जांच में अभी तक कोई फोटो, सीसीटीवी, विटनेस ऐसा नहीं मिला है। दिल्ली पुलिस बहुत जल्द अपनी जांच पूरी करेगी। सूत्र ने आगे जानकारी दी की जांच में ये तय हो जाएगा कि अगले 15 दिन में पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी या फिर एफआर यानी फाइनल रिपोर्ट। बता दें कि चार्जशीट का मतलब है कि केस में कुछ जान है, जांच की जरूरत है, फाइनल रिपोर्ट यानी एफआर का मतलब कि केस में कुछ नहीं मिला है। इस केस को बंद कवर दिया जाना चाहिए ये जांच के बाद तय हो जाएगा।

नाबालिग से जुड़े सवाल पर सूत्र ने कहा एक पहलवान नाबालिग है या नहीं, इसको लेकर जांच जारी है, इसमें जो भी डेवलपमेंट होगा पॉक्सो कोर्ट में बता दिया जाएगा। अगर जांच में आएगा कि डॉक्यूमेंट्स के साथ छेड़खानी की गई है या गलत उम्र बताई गई है तो फेडरेशन चाहे तो इसमें एक्शन लिया जा सकता है, अभी इसे लेकर डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई किए जा रहे है। सूत्र ने आगे कहा कि पॉक्सो केस में भी कुछ जजमेंट है, जो केस रजिस्टर्ड है उसकी सजा 7 साल तक है, 7 साल तक कि सजा वाले केस में अगर कुछ सबूत मिलते भी है तो जजमेंट है। गिरफ्तारी की तुरंत जरूरत नहीं है।

इसके अलावा अभी जंतर मंतर पर संसद के उद्घाटन के दिन धारा 144 का उल्लंघन करने पर एफआईआर हुई है उसमें फिलहाल दिल्ली पुलिस का अभी खिलाड़ियों का बयान दर्ज करने का कोई प्लान नहीं है।

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क्राइम

महाराष्ट्र में 3 सिख नाबालिग बच्चों को भीड़ ने जमकर पीटा, 1 की मौत

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महाराष्ट्र के परभणी जिले से मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। यहां के उखलाद गांव में भिड़ ने एक नाबालिग सिख बच्चे को चोर समझ कर मार डाला, जबकि दो सिख बच्चे को पुलिस ने बचा लिया। मॉब लिंचिंग की इस घटना में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, महाराष्ट्र का परभणी में 27 मई में बकरी चोर समझ कर लोगों ने 3 सिख बच्चों की पिटाई कर डाली, जिसमें एक सिख बच्चे की मौत हो गई है।

6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस ने इस मामले में कुल 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें मुख्य आरोपी ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच अकरम पटेल को भी गिरफ्तार किया है। मॉब लिंचिंग की इस घटना को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कड़ी निंदा की है।

14 साल के नाबालिग की मौत

हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि मिली जानकारी के मुताबिक, इस घटना में 14 साल के नाबालिग कृपाल सिंह नाम के सिख युवक की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य नाबालिग सिख युवक अवतार सिंह (16) और अरुण सिंह (15) गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

“पूरे सिख जगत में आक्रोश की लहर है”

उन्होंने कहा कि इस घटना से सिख मानस को गहरी ठेस पहुंची और पूरे सिख जगत में आक्रोश की लहर है। उन्होंने कहा कि यह जघन्य अपराध मानवता पर धब्बा है, जिसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को सभी दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें सख्त सजा दी जाए।

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